Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 03:02 PM,
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
बात ये भी थी की कातिल ने उसकी लाश को वही पर क्यों गाड़ा वो पूरा इलाका ही सुनसान है कही भी ये काम कर सकता था इसका मतलब ये था कंवर की मौत उसी जमीन पर हुई थी , और अगर ऐसा था तो इस बात की भी पूरी सम्भावना थी की उसको खजाने की जानकारी थी पर ये सिर्फ अनुमान भी हो सकता था पर तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया जिस से की बात बन सकती थी दांव तो मैं खेल ही चूका था बस एक चाल और चलने थी बस अब इंतजार था तो कल का ही अगले दिन मैं हमेशा की तरह लेट ही उठा था नीनू किसी काम से शहर गयी थी माधुरी भी उसके साथ ही थी मैं और पिस्ता ही थे 



मैंने उसे पूरी बात बता दी ही थी बस देखना था की खजाने की बात से रतिया काका का रिएक्शन क्या होता है दिन गुजरने लगा पर ना मंजू आई ना रतिया काका का फ़ोन या फिर वो खुद जबकि इस बात से फरक तो पडता था उनको शाम होने को आई इधर मुझे चैन पड़े ना खजाना मिलना कोई छोटी बात तो थी नहीं हालाँकि झूठ था पर सामने वाले को थोड़ी ना पता था अब हुई रात , करीब नो बजे रतिया काका आये मैंने सोचा चलो आया तो सही 



काका- बेटा तुमसे कुछ बात करनी थी 



मैं- कहो काका 



वो- थोडा अकेले में 



हम चलते हुए थोडा आगे को आ गए 



काका- वो मंजू कह रही थी की तुमने वो बाकि का खोया हुआ सोना ढूंढ लिया है 





मैं- हाँ काका किस्मत थी मिल गया 



काका की आँखे चमक उठी बोले- बेटा मैं उसी सिलसिले में बात करने आया हु देखो इतना सोना घर में रखना सेफ नहीं है तुम ऐसा करो उसे मेरे पास रख दो जब जरुरत हो ले लेना , 



मैं- काका वो सेफ है आप चिंता ना करे


वो- देव, तुम समझ नहीं रहे हो बेटे उसकी हिफाजत जरुरी है मैं नहीं चाहता की जिसके लिए इतना इंतजार किया वो चीज़ फिर से चोरी हो जाये और फिर उसमे 



मैं- उसमे क्या ,, 



वो- कुछ ,,,,,कुछ नहीं बेटे 



मैं- आप शायद ये कहना चाहते थे की उसमे आपका भी हिस्सा है 



काका चुप रहे 



मै- काका मैंने कंवर भाई सा से बात करी थी वो तो कह रहे थे की काका अपना हिस्सा पहले ही ले चुके थे अब जो बचा है उसपे बस मेरा और भाई साहब का हक़ है काका 



काका- कंवर से बात हुई तुम्हारी कब 



मैं- कल रात को 



वो- पर ऐसा कैसे ह.........




मैं- क्या काका 



पर वो बात टाल गया था शतिर जो था फिर बोला- अच्छा बेटा कंवर ने ऐसा कहा तो ठीक ही है पर मैं तो इसलिए बोल रहा था की हिफाजत रहेगी सोने की बाकि तुम समझदार हो 



मैं- काका आप बेफिक्र रहे मैं अपने सामान को खूब संभाल सकता हु 



काका- बेटा मैं तो कह ही सकता था बाकि तुम्हारी मर्ज़ी है चलो चलता हु 



काका कंवर की बात सुनकर चौंका तो था पर फिर संभल गया था कुछ शो नहीं किया था बल्कि फिर उसने अपने आधे हिस्से की बात भी नहीं दोहराई थी
पर मैं इतना अवश्य जानता था की कुछ तो खुराफात जरुर करेगा ये और मैं ये भी जानता था की कंवर की मौत का इसका भी पता है जरुर और अब ये ही हमे बताएगा लालच इन्सान से सब करवा देता है मैंने उसी टाइम एक प्लान बनाया और घर में जितना भी कैश और सोना था इकठ्ठा किया बस जरुरत का ही रखा अब हमारी बारी थी खेल खेलने की मैंने नीनू को वो सारा पैसा और सोना उसके घर रखने को कहा क्योंकि वो सेफ जगह थी अगले दिन मैं काका के घर गया और बोला की – घर का थोडा ध्यान रखना काका माल पड़ा है हमे एक काम से जरुरी जाना है आने में थोडा समय लग जायेगा 


प्लान बहुत ही चुतिया टाइप का था पर लालच हमे बस ये देखना था की काका की असली औकात क्या है हालाँकि इसमें कोई भी समझदारी नहीं थी कोई भी समझ सकता था की ये एक ट्रैप है पर लालच खजाने का लालच और जब लालच की पट्टी इंसान की आँखों में पड़ी हो तो कुछ भी होसकता है अब अगर उसको लालच है तो घर खाली पड़ा है कोई तो आएगा ही आएगा बस इंतजार था सही मौके का जब हम उसको रंगे हाथ पकड सके 


आज अमावस की रात ही दूर दूर तक अगर कुछ था तो बस फैला हुआ अँधेरा घर पूरी तरह से अँधेरे में डूबा हुआ था एक बल्ब भी नहीं जल रहा था इंतजार करते करते बारह से ऊपर को हो गया पर कोई नहीं आया था मैं नीनू और पिस्ता पूरी तरह से मुस्तैद थे पर अब निराशा होने लगी थी और तभी जैसी की मैंने पायल की झंकार सूनी कोई तेज कदमो से घर की तरफ आ रहा था हम चोकन्ने हुए जल्दी ही पता चल गया वो कोई औरत थी दबे पाँव वो घर में दाखिल हुई 


मैं उसे पूरा मौका देना चाहता था तलाशी का पर ख्याल जब बदला जब मैंने एक् साये को और अन्दर घुसते देखा एक औरत एक मर्द अब मामला रोचक हुआ रतिया काका के साथ औरत कौन मामला पेचीदा और कमाल की बात की बत्ती नहीं जलाई उन्होंने ना कोई टोर्च ही हम भी दबे पाँव ख़ामोशी से अंदर हुए , पर वो आदमी था वो ऐसा लग रहा था की घर के चप्पे चप्पे से वाकिफ था अब अँधेरा इतना गहरा था की कुछ समझ नहीं आ रहा था और फिर हमारे कानो में कुछ आवाज आई 

औरत- तुम ना सब्र नहीं होता तुमसे कभी मरवाओगे मुझे बोली वो फुसफुसाते हुए 

आदमी- चल अब ज्यादा बात मत कर और आजा बहुत दिन हुए तेरा दीदार नहीं किया 

अब ये साले कौन है अबे अफवाह उड़ाई थी खजाने की यहाँ तो चोदम चोदी का कार्यकर्म हो रहा था पिस्ता ने धीरे से पुछा की लाइट जला दू मैंने मना किया दरअसल मैं जानना चाहता था की इस कार्यवाही के बाद ये लोग कुछ बात चित भी करे है या नहीं 

करीब आधे घंटे के इंतज़ार के बाद वो औरत बोली- देखो इस तरह से मत बुलाया करो जब हम बिना रोकटोक के मिल सकते है तो ऐसे चोरी क्यों 

आदमी- बस ऐसे ही कभी कभी चोरी भी करनी चाहिए चलो इसी बहाने घर भी आना हुआ 

घर मतलब , मतलब ये चाचा था पर ये औरत कौन थी पहले इनकी बाते सुनना जरुरी थी 

औरत- देखो, देव को वो बाकि का सोना मिल गया है पिताजी चाहते थे की वो आधा हिस्सा उनको दे दे पर देव ने मना कर दिया 
ओह! पिताजी, मतलब ये मंजू थी पर इसका चाचा के साथ क्या लेना देना 

चाचा- क्या बात कर रही हो , देव ने कैसे पता लगा लिया , पर चलो अच्छा ही है उसके काम आ जायेगा वैसे भी बहुत दुःख झेला है उसने अब वो भी आराम से जिए 

औरत- तुम्हे नहीं लगता की उस सोने में अपना भी हिस्सा होना चाहिए देव थोडा कम ले लेगा तो कोई आफत नहीं आ जानी 

चाचा- और हम ना ले तो भी कोई आफत नहीं आनी देखो देव हमारा वारिस है खून है हमारा पहले ही सब बिखर चूका है मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूँगा बल्कि जो उसका फैसला है वो ही मेरा है मुझे बस मेरे बच्चे की सलामती की फ़िक्र है और तुमसे भी कहता हु की ऐसा कुछ मत करना जिससे उसको तकलीफ हो बेशक वो मुझे अपना नहीं मानता पर शायद इसी बहाने मेरे गुनाहों का प्रयाश्चित भी हो जाए अपने बच्चे की हिफाजत के लिए मैं हथियार उठाने से भी नहीं चुकूँगा 

वो- मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी आखिर कब तक मैं उस घर में घुटन भरी जिन्दगी जिउंगी 

चाचा- मौज में तो हो तुम फिर या लालच क्यों करती हो 

वो- तुम्हे क्या लगता है देव न कैसे ढूँढा होगा उस खजाने को बल्कि मैं तो ये मानती हु की आपके बड़े भाई ने ही उसको वहा से निकाल के कही छुपाया होगा मतलब आपने पिताजी को चुतिया बना दिया 

चाचा- देखो, मुझे सच में कुछ नहीं पता और तुम्हे क्या लगता है रतिया ने उस जगह की खूब तलाशी नहीं ली होगी वो घाग है पूरा मेरी चिंता यही है की कही सोने के लिए देव और उसके बीच कोई टेंशन ना हो जाये 

और तभी मैंने लाइट जला दी पर जो मैंने देखा मेरे होश ही उड़ गए वो मंजू नहीं ममता थी दोनों नंगे सकपका गए जल्दी से कपडे लपेटे अपने बदन पर 

मैं- ममता तुम चाचा के साथ और चाचा बेटी की उम्र की है तुम्हारी खैर आपसे तो उम्मीद करनी ही बेकार है पर ये चल क्या रहा है बताओ जरा 

चाचा- देव, बस ये एक घिनोना दलदल है जिसमे हम धंसे हुए है इसके आलावा कुछ नहीं जहा रिश्ते नाते कुछ नहीं बचे बस कुछ है तो भूख जिस्मो के भूख जोकुछ तुमने देखा वो बस उसी भूख की कहानी है 

मैं- तो ममता रानी , देखो मेरा ना दिमाग घुमा हुआ है इस से पहले की मैं शुरू करू तोते की तरह शुरू हो जाओ और सो भी चल रहा है जो भी प्लानिंग फटाफट बता दो सालो चुतिया समझ के रखा है 

ममता-जेठ जी मुझे कुछ नहीं पता मैं तो वो ही कर रही थी जो पिताजी ने कहा था 

मैं- पिताजी की तो गांड तोड़ दूंगा मैं पर तेरी पहले टूटेगी 

इस से पहले की मेरी बात ख़तम होती नीनू ने उसको बालो से पकड़ा और पटक मारा फर्श पर ममता दर्द से कराही और नीनु ने दो चार लात जमा दी 

नीनू- देख, अब बकना शुरू कर वरना मैं तो फिर भी दया कर दूंगी पर पिस्ता को तो जानती होगी उसना होगा उसके बारे में वो फिर नहीं रुकेगी 

ममता-जेठानी जी, मुझे पिताजी ने कहा था जेठ जी को अपने जाल में फंसाने के लिए ताकि सही समय पर वो खजाने का बाकि हिस्सा हडप सके कायदे से तो पिताजी का आधा हिस्सा था पर जेठ जी ने मना कर दिया तो हमारा यही प्लान था पर चाचा से भी सम्बन्ध है इसने यहाँ बुलाया था और हम पकडे गए 

पिस्ता- चुतिया मत बना साली कुतिया सब बोल शुरू से आखिरी तक ये तो हमे भी पता है की काका सोना लेना चाहता है और क्या कह रही थी तू की देव का कुछ करना होगा साली ये खड़ा तेरे सामने दिखा क्या करके दिखाएगी
ममता- मुझे तो पिताजी ने बस इतना ही कहा था की तू किसी तरह से देव को फंसा ले और उससे खजाने की बात उगलवा ले बस मेरा इतना ही है बाकि चाचा और पिताजी एक नंबर के रंडी बाज़ है पिताजी ने मुझे चाचा के आगे परोसा और इसने मामी को पिताजी के आगे बस तब से ऐसा ही चला रहा है 



नीनू- देव्, मैं तो तुम्हे ही समझती थी बाकि पूरा कुनबा ही रंगीला है 



ममता रही थी झीख रही थी पर पिसता उसका अच्छे से इलाज कर रही थी 



मैं- चाचा कंवर की मौत के बारे में आप क्या जानते है 




वो- मौत, कंवर की पर वो तो दुबई है ना 



मैं- मेरा दिमाग और ख़राब मत करो किसी को भी नहीं पता चलेगा दो लोग कहा गायब हो गए आपको नहीं पता कंवर को मरे करीब तीन साढ़े तीन साल हुए 



वो- मेरे बच्चे मुझे तुम्हारी कसम मुझ को कुछ नहीं पता इस मामले में 



मैं- तो हरिया काका का तो पता होगा या उसका भी नहीं है 



चाचा अब चुप


मैं- मुझे सच जानना है हर कीमत पर की कैसे क्या हुआ और टाइम नहीं है मेरे पास 



चाचा- उसको रतिया ने मारा , 
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला - by sexstories - 12-29-2018, 03:02 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,683 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,214 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,917 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,933 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,085 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,125 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,945,432 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,765 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,887 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,298,564 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 21 Guest(s)