Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ बनाया
01-11-2019, 02:19 PM,
#28
RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �...
ड्राइंग रूम में ये सब करना मुझे आरामदायक नहीं लग रहा था, तो मैंने दोनों से कहा-“हमको बेड पर चलना चाहिए। यहाँ मज़ा नहीं आएगा। मुझे लगता है की मम्मी के बेड पर चला जाए। उसी बेड पर जहाँ मम्मी को पहली बार पापा ने चोदकर गर्भवती किया था, उसी बेड पर बेटा भी अपनी प्यारी माँ की चुदाई का महूरत करना चाहता है। क्यों किया विचार है मंजू?” 

मम्मी के चेहरे पर एक खास मुश्कान उभर आई। आज मम्मी का चेहरा ऐसे चमक रहा था जैसे कोई नई नवेली दुल्हन अपनी पहली चुदाई की प्रतीक्षा कर रही हो। हम तीनों पूरी तरह से नंगे होकर माँ के बेडरूम की तरफ बढ़ गये। जब मम्मी आगे-आगे चल रही थी तो मुझे उसकी गाण्ड बहुत उतेजक लग रही थी। मंजू मेरी माँ के चूतड़ बहुत सेक्सी थे। 

मैंने अपने आपसे वादा किया-“एक दिन मंजू के मखमली नितंबों के बीच से उसकी गाण्ड ज़रूर चोदूंगा…” 

“तुम दोनों बिस्तर पर चलो, मैं एक लास्ट पेग बनाकर लाता हूँ…” मैंने कहा और पेग बनाने लगा। शराब के नशे को वासना ने दोगुना बढ़ा दिया था। मैंने तीन बड़े पेग बनाए और माँ के रूम में जा घुसा। मैंने मम्मी को लिटा लिया और उसकी जांघों को पूरी खोलते हुए उसकी चूत को प्यार से सूँघा। मम्मी की चुदासी चूत रो रही थी खुशी के मारे। फिर मैंने अपना सुपाड़ा मंजू की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा। 

मम्मी-“उिफ्र्फ दीपू… क्यों तरसा रहे हो, जालिम? डाल दो ना…” 

पूजा दीदी मेरी पीठ से सटकर मुझसे लिपटने लगी, और कहा-“भाई, पेल डालो अपनी मंजू को। फिर मेरी बारी आएगी अपने प्यारे भाई के लण्ड से चुदवाने की। दीपू, मंजू की चूत मस्ती से भरी पड़ी है। मसल डालो इसको, अपनी माँ की प्यासी चूत को। जो काम पापा ने किया था आज उनका बेटा भी कर डाले। गाड़ दो इस रांड़ की चूत में अपना डंडा। भैया माँ के बाद फिर मुझे कल रात वाली जन्नत दिखा देना। मैं महसूस कर रही हूँ की आज तेरा लण्ड कल से भी अधिक उतावला हो रहा है। और मेरा राजा भैया का लण्ड उतावला हो भी क्यों ना? आज बहन के साथ-साथ माँ भी मेरे भाई की हमबिस्तर हो रही है। शाबाश भाई, चोदना शुरू करो, तब तक मैं माँ से अपनी चूत चुसवाती हूँ। मेरी चूत भी जल रही है…” फिर पूजा दीदी ने मेरा लण्ड पकड़कर माँ की चूत के अंदर धकेल दिया। 

मेरी माँ की चूत से इतना पानी बह रहा था की लण्ड आसानी से चूत की गहराई में उतर गया। माँ की टाँगों ने मेरी कमर को कस लिया और वो अपनी गाण्ड उछालने लगी। 

पूजा दीदी ने अपनी टाँगों को फैलाकर अपनी चूत माँ के मुँह पर रख दी और मम्मी ने अपनी ज़ुबान उसकी चूत में घुसा दी। पूजा अब मम्मी की ज़ुबान पर चूत हिलाने लगी। पूजा की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी। माँ और दीदी दोनों कामुक सिसकारियाँ भर रही थीं। 

मैंने मम्मी की चूची को जोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली। लण्ड फच- फच चूत के अंदर-बाहर होने लगा। जब मैंने माँ के निप्पल्स चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गई और पागलों की तरह नीचे से अपनी गाण्ड उठाकर चुदवाने लगी। 

मम्मी ने अपना मुँह मेरी बहन की चूत से अलग करते हुए कहा-“वाह बेटा वाह… चोद मुझे। चोद अपनी माँ की चूत… चोद मेरी चूत। अपनी माँ की चूत से पैदा होकर आज उसको चोद, मादरचोद आज तू अपनी बहन के साथ अपनी माँ को भी गर्भवती बना दे। तू अपनी माँ को जो आनंद दे रहा है, उसका कोई मुकाबला नहीं। दीपू, ओह्ह मादरचोद पूजा, तेरा भाई वाकई है बहुत दमदार है। तुझे और मुझे ये हमेशा खुश रखेगा। हम दोनों को खुश रखेगा। खूब चोदेगा हम दोनों को…” 

पूजा दीदी अब उठकर आई और मेरे अंडकोष से खेलने लगी और मम्मी की गाण्ड में उंगली करने लगी। लगता था की अब मेरी बहना चुदाई में अधिक दिलचस्पी लेने लगी थी। ज्यों ही पूजा की उंगली माँ की गाण्ड में गई तो माँ का जिश्म ऐंठने लगा, उसकी गाण्ड तूफ़ानी गति से ऊपर उठने लगी। मम्मी अब झड़ने वाली थी। मैंने भी चुदाई और तेज कर दी। 

लेकिन मुझसे पहले माँ झड़ गई-“आह्ह… बेटा, मैं गई… दीपू तेरी मंजू, तेरी रांड़ झड़ी… तेरी माँ झड़ रही है। आआअह्ह…” मंजू की चूत का रस उसकी जांघों से होता हुआ बिस्तर पर गिरने लगा। कोई दो मिनट छटपटाने के बाद मम्मी शांत हो गई। 

लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था। मैंने अपना भीगा हुआ लण्ड मंजू की चूत से निकाला और माँ की बगल में ही पूजा दीदी को लिटा दिया। दीदी मेरे लण्ड को भूखी नज़रों से देख रही थी। वो आगे झुकी और मेरे लण्ड को चूसने लगी, चाटने लगी। पूजा दीदी की आँखें उत्तेजना कारण बंद थीं, और वो किसी रांड़ की तरह अपने भाई का लण्ड चूस रही थी। मुझे खुशी थी की वो पूजा, जिसको अपने पति का लण्ड गंदा लगता था, आज अपने भाई के लण्ड को किस तरह प्यार से चूम रही थी। 

मैंने दीदी को बालों से खींचकर घोड़ी बनाया और लण्ड घुसेड़ दिया एक ही झटके में, 

पुजा-“उम्म्म… उिफ्र्फ… इन्न्नम… उम् म्म्म… उिफ्र्फ… आआह्ह… भैया धीरे… माँ मर गई मैं…” पूजा बिलबिलाने लगी।

मैं अब दीदी को बेरहमी से चोदने लगा, कहा-“पूजा, कैसा लग रहा है? मेरा लण्ड तेरी चूत में घुस चुका है। बहुत टाइट है तेरी चूत। मुझे बहुत मज़ा दे रही है ये…” 

उधर माँ हम दोनों को देखकर मुश्कुरा रही थी और मुश्कुराती भी क्यों ना… आख़िर घर का मर्द घर की औरत को चोदकर आनंदित कर रहा था। मैं पूजा दीदी को जोरदार तरीके से चोद रहा था, जिससे दीदी जोर-जोर से कराह रही थी। 

दीदी की चीखें सुनकर मम्मी भी दीदी को छेड़ते हुए बोली-“अब पता चला साली को की इतना बड़ा लौड़ा कोई ऐसे ठोंके तो कितना दर्द होता है? जब ये मेरी चूत में ठोंक रहा रहा था, तो तब साली कैसे मुश्कुरा रही थी। अब देखती हूँ की तू कैसे मुश्कुराती है, जब मेरा ये राजा बेटा अपना ये मस्त लौड़ा तेरी चूत में ठोंक रहा है…
” 
मेरा हाथ कई बार पूजा दीदी की चूची मसल देता और कई बार उसके चूतड़ पर छपत मार देता, जिससे मेरी दीदी की कामुकता और तेज हो जाती। दीदी आगे की तरफ झुकी हुई थी और मैं उसको घोड़ी बनाकर चोद रहा था। घोड़ी बनाकर चोदने का मज़ा ही कुछ और होता है। कमरे के अंदर सेक्स की खुश्बू फैली हुई थी। मुझे दीदी के नंगे जिश्म की तस्वीर और भी कामुक बना रही थी। धक्के तूफ़ानी हो चुके थे और दीदी अपने चूतड़ पीछे धकेल कर मेरे मज़े को दोगुना कर रही थी। 

पुजा चीख रही थी-“दीपू मेरे भाई, मेरे सॉफन तेरी बहन जा रही है। मेरी चूत पानी छोड़ रही है। आआह्ह… मैं झड़ रही हूँ। जोर से चोदो भाई… मैं मर गई… चोदो भैयाआ…” 

मेरा लण्ड भी छूट रहा था। मैं अपना रस दीदी की चूत के अंदर छोड़ने वाला था। मैंने पूजा को कस के पकड़ रखा था और ताबड़तोड़ चोद रहा था-“ऊऊऊह्ह… उऊह्ह… उम् म्म्म… आआऽऽ उम्म्म…” मेरा लण्ड अपना फव्वारा छोड़ने लगा। मैं कुत्ते की तरह हाँफ रहा था। 

पूजा दीदी का भी हाल बुरा हो रहा था। मैं दीदी की चूत में लण्ड डालकर पड़ा रहा फिर हम सब इतना थक गये थे की मम्मी पूजा और मैं सब सो गये। 

अगले दिन जब मैं उठा तो दीदी और माँ दोनों कमरे में नहीं थी। सवेरे के 8:00 बज रहे थे। मैं उठकर बाथरूम में गया। नहा धोकर जब बाहर निकला तो देखा की माँ पूजा कर रही थी और दीदी उसके साथ बैठी हुई थी। जब मैं वहाँ पहुँचा तो पहले दीदी ने और फिर माँ ने झुक कर मेरे पैरों को स्पर्श किया। 

जब मैंने उनको ऐसा करने से रोका तो वो शर्माकर बोली-“दीपू, तुम आज से हमारे पति हो और हम तेरी पत्नियाँ। दुनियाँ हमारे रिश्ते को कुछ भी समझे, लेकिन तुम हमारे स्वामी हो…” 

मैंने मम्मी को और पूजा दीदी को उठाया और अपने गले से लगाकर कहा-“नहीं, मैं तुम्हारा स्वामी नहीं बल्कि तुम दोनों मेरे दिल की रानियाँ हो…” और फिर उन दोनों को अपने गले से लगा लिया। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �... - by sexstories - 01-11-2019, 02:19 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,638,556 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 560,277 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,292,168 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 976,530 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,731,153 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,145,809 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,064,515 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,446,749 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,157,086 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,067 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)