RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
"अगर संभव होता तो.....तो...आज तेरी मम्मी तुझसे वहाँ चुद भी चुकी होती ...... अगर संभव होता तो........ मुझे परवाह नही होती अगर वो मुझे अपने बेटे के लौड़े से चुदवाते देख लेते ......... मगर हाए .......ऐसा हो नही सकता ... यह समाज ... और इसकी मान्यताएँ ......... देख मैं अपने बेटे से खुल कर चुदवा भी नही सकती" सलोनी लौड़े को खींचती है | राहुल के हाथ मुम्मों को कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से मसल रहे थे |
"उफफफफ्फ़.... जितने ज़ोर से तू मेरे दूधु मसलता रहता है मुझे लगता है अपने बाप के आने तक इनका साइज़ डबल कर देगा" सलोनी की बात पर राहुल हंस पड़ता है | सलोनी उसके चेहरे को अपने हाथों में थाम अपने मुम्मों पर झुकाती है |
"मेरे दूधु चूस बेटा ....... अपनी मम्मी के दूधु चूस" राहुल तुरन्त अकड़े लंबे निप्पल को मुँह में भर लेता है और चुसने लगता है | सलोनी उसके बालों में उंगलियाँ घूमाती उसका सर एक मुम्मे से दूसरे पर रख रही थी, राहुल एक मुम्मा चूस्ता तो दूसरा मसलने लगता |
"ऐसे ही तू मेरा घंटो तक दूध पिया करता था ............ जब तक तुझे नींद नही आ जाती थी तू मेरे मुम्मे नही छोड़ता था ..... मुझे तब भी कितना सुकून देता था ........ आज भी बिल्कुल वैसा ही एहसास होता है ........ लगता है जैसे तू अभी भी मेरा वही छोटा सा नन्हा मुन्ना राहुल ही है" राहुल मुम्मे की घुंडी को अपने दांतों में काटता है |
"आउच ........ बदमाश........ आज भी तेरी आदतें नही बदली ............ बिल्कुल ऐसे ही मेरे निप्पलों को काटा करता था तू" राहुल के मुम्मे चूसने से सलोनी को मात्रत्व का अपार सुख हासिल हो रहा था | राहुल आज फिर से उसका वही दूध पिता बच्चा बन गया था जो बरसों पहले था | तभी आँख के कोने से सलोनी को बर्तन में दूध की झाग तेज़ी से उपर की और आती दिखाई देती है | वो झट से राहुल का मुँह अपने मुम्मे से हटाती है और गैस बंद कर देती है | दूध एकदम बर्तन के उपरी किनारों को छू कर वापस बैठने लगता है | सलोनी दूध में कड़छी चलाती है तो राहुल स्लैब से उतरकर सलोनी के पाँव के पास बैठ जाता है | वो घुटनो के बल होता है और अपनी मम्मी की रस टपकती चूत के उपर सीधा अपने होंठ जोड़ देता है | वो कबसे सलोनी की चूत का रस पीने के लिए तरस रहा था |
"राहुल्ल्ल्ल्ल......... उउउफफफफफफ्फ़ ....... मत कर ना ......... आआहह........ बेटा......." सलोनी राहुल की जिव्हा को अपनी चूत में घुसती महसुस करती है तो उसका जिस्म झटके खाने लगता है | राहुल सलोनी के नितंबो को थाम अपना मुँह उसकी चूत पर दबा देता है और उसके रस की बूँद बूँद चाटने चूसने लगता है | सलोनी राहुल के सर को अपनी चूत पर दबाती है | राहुल जितनी अंदर तक संभव था चूत में जीभ अंदर बाहर करता अपनी मम्मी की चूत को चोदता है |
"उउउन्न्नन्ग्घह ............ आआहह ...... राआहहुउल्ल्ल्ल्ल ......बस कर.....बस कर..............उउफ़फ्फ़ सहा नही जाता........हाए मर जायूंगी मेरे लाल" सलोनी कराहने लगती है | राहुल चूत चोदना छोड़ सलोनी के भांगकुर को अपने होंठो में दबा लेता है और उस पर अपनी जिव्हा रगड़ता है | राहुल के इस वार को सलोनी झेल नही पाती वो कांपने लगती है |
"राहुल बेटा ...... बस कर ...... बस कर ........ हहाअययइईई ......... बस कर..." इस बार राहुल सलोनी की बात मान कर उठ जाता है और उसके उठते ही सलोनी नीचे बैठ जाती है, मुँह (फटने की हालत तक) खोल कर वो बेटे का लौड़ा मुँह में डाल लेती है | राहुल भी कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित था |
उधर सलोनी लंड को मुँह में डाल कर चुस्ती है तो राहुल अपना लौड़ा आगे पीछे करता उसका मुँह चोदने लग जाता है | सलोनी के लिए मुश्किल था मगर वो किसी तरह सुपाड़े पर जिव्हा घूमाती उसके लौड़े को अपने मुख की गर्माहट दे रही थी | राहुल का लौड़ा तेज़ी से सलोनी का मुँह चोदने लग जाता है | अचानक सलोनी राहुल की जाँघो पर हाथ रखकर उसके लंड को मुँह से निकाल देती है और खड़ी हो जाती है |
"मुझे मालूम है तू चोदने के लिए तडप रहा है ......... आजा मेरे लाल ...... इधर आ......" सलोनी राहुल को अपने बदन से सटा लेती है | दोनो एक छोटा सा मगर भीगा हुआ चुंबन करते हैं | सलोनी अपनी दाहिनी टांग उठाकर राहुल की जाँघ से लिपटा देती है और राहुल का हाथ पकड़ उस पर रख देती है | राहुल उसकी टांग को एक हाथ से संभाल लेता है | सलोनी बेटे के गले में एक बाँह डाल कर पंजो के बल उपर उठती है और दूसरे हाथ से उसका लौड़ा थाम लेती है |
"आजा मेरे लाल....देख तेरी मम्मी तेरा लंड अपनी चूत में ले रही है ......... बहुत तरसाया है ना मैने तुझे मेरे लाल ....अब नही तरसायूंगी ......... अपनी लुल्ली अपनी मम्मी की चूत में डाल दे और चोद दे अपनी मम्मी को......... चोद ले अपनी मम्मी को दिल भर कर... चोद ले मेरे लाल" सलोनी राहुल के लंड को अपनी चूत के मुहाने पर फिट कर देती है |
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