Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि के जलवे
01-17-2019, 01:49 PM,
#28
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क...
मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करूँ , कैसे इस सिचुयेशन से बाहर निकलूं ? लेकिन चाचू ने मुझे और भी ज़्यादा ह्युमिलियेटिंग बातों और सिचुयेशन में घसीट लिया.

चाचू – तो रश्मि मैंने साबित कर दिया ना की ये पैंटी तेरी नहीं हो सकती. मुझे लगता है की ये जरूर तेरी मम्मी की होगी.

मेरी पैंटी की तरफ इशारा करते हुए चाचू बोले. मैं अभी भी मासूमियत से अपनी बात रख रही थी.

“नहीं नहीं ये मम्मी की नहीं है. मम्मी तो …..”

मेरी ज़ुबान से मेरी मम्मी का राज चाचू के सामने खुल ही गया था की मैं चुप हो गयी. मेरी मम्मी तो अक्सर पैंटी पहनती ही नहीं थी सिर्फ पीरियड्स के दिनों को छोड़कर. लेकिन ये बात मैं चाचू से कैसे बोल सकती थी ? मैंने जल्दी से बात बदलनी चाही.

“चाचू एक काम करते हैं. चलिए मैं आपको अपनी अलमारी दिखाती हूँ , अगर उसमें इसी साइज की और भी पैंटी मिल जाएँ तब तो आपको यकीन हो जाएगा ना ?”

चाचू – ये ठीक रहेगा चल.

मैंने मन ही मन भगवान का शुक्रिया अदा किया की ठीक समय पर मैंने अपनी जबान को लगाम लगाई और मम्मी का राज खुलने से बच गया पर मुझे क्या पता था की कुछ ही देर में मुझे बहुत से राज खोलने पड़ेंगे. चाचू और मैं मम्मी के कमरे में आ गये. चाचू मेरे मम्मी पापा के बेडरूम में शायद ही कभी आते थे. 

मैंने चाचू के सामने कपड़ों की अलमारी खोली. इसमें सिर्फ औरतों के कपड़े थे. मेरी मम्मी , नेहा दीदी और मेरे. उसमें तीन खाने थे. सबसे ऊपर के खाने में मम्मी के कपड़े थे, बीच वाले खाने में मेरे और सबसे नीचे वाले खाने में नेहा दीदी के कपड़े थे. मैंने अपने वाले खाने में कपड़े उल्टे पुल्टे और एक पैंटी निकालकर चाचू को दिखाई.

“ये देखिए चाचू, सेम साइज की है की नहीं ?”

चाचू ने पैंटी को पकड़ा और दोनों हाथों से फैलाकर देखने लगे. ऐसा लग रहा था की पैंटी फैलाकर वो देखना चाह रहे हैं की वो पैंटी मेरे नितंबों को कितना ढकती है. उनके खुलेआम ऐसा करने से मुझे बड़ी शरम आई. तभी उनकी नजर एक पैंटी पर पड़ी जो सबसे नीचे वाले खाने में थोड़ी बाहर को निकली थी.

चाचू – ये किसकी है ? भाभी की ?

“नहीं चाचू. ये तो नेहा दीदी की है.”

मैंने मासूमियत से जवाब दिया. चाचू ने उस पैंटी को भी निकाल लिया और दोनों पैंटी को कंपेयर करने लगे. नेहा दीदी की पैंटी भी मेरी पैंटी से थोड़ी छोटी थी. इसकी वजह ये थी की मेरी पैंटी मम्मी ख़रीदती थी और वो बड़ी पैंटी लाती थी जिससे स्कर्ट के अंदर मेरे नितंबों का अधिकतर हिस्सा ढका रहे. लेकिन नेहा दीदी अपनी पैंटी खुद ही ख़रीदती थी. 

कई बार मैंने देखा था की नेहा दीदी की पैंटी उसके बड़े नितंबों को ढकती कम है और दिखाती ज़्यादा है. जब मैंने उससे पूछा,”दीदी इस पैंटी में तो तुम्हारा आधा पिछवाड़ा भी नहीं ढक रहा”. तो नेहा दीदी ने जवाब दिया, “जब तू बड़ी हो जाएगी ना तब समझेगी ऐसी पैंटी पहनने का मज़ा.”

चाचू – रश्मि ये देख. ये पैंटी भी तेरी वाली से छोटी है.

“चाचू इसमें मैं क्या कर सकती हूँ. मम्मी मेरे लिए इसी टाइप की ख़रीदती है.”

चाचू – अरे तो ऐसा बोल ना. इसीलिए मुझे समझ में नहीं आ रहा था.

भगवान का शुक्र है. चाचू को समझ में तो आया. 

चाचू अभी भी नेहा दीदी की पैंटी को गौर से देख रहे थे.

चाचू – रश्मि एक बात बता. तू बोली की भाभी तेरे लिए ख़रीदती है. तो नेहा के लिए भी ख़रीदती है क्या ?

“नहीं चाचू. दीदी अपनी इनर खुद ख़रीदती है. एक दिन तो मम्मी और दीदी की इस बारे में लड़ाई भी हुई थी. मम्मी को तो इस टाइप की अंडरगार्मेंट्स बिल्कुल नापसंद है.”

चाचू – देख रश्मि, मैं तो भाभी को इतने सालों से देख रहा हूँ. वो बड़ी कन्सर्वेटिव किस्म की औरत है.

अब मैं अपने को रोक ना सकी और मासूमियत से मम्मी के निजी राज खोल दिए. उस उमर में मैं नासमझ थी और नहीं समझ पाई की चाचू बातों में फँसाकर मुझसे अंदरूनी राज उगलवा रहे हैं और उनका मज़ा ले रहे हैं.

“चाचू आप नहीं जानते , मम्मी सिर्फ मेरे और दीदी के बारे में ही कन्सर्वेटिव है.”

चाचू – नहीं नहीं , ये मैं नहीं मान सकता. भाभी जिस स्टाइल से साड़ी पहनकर बाहर जाती है. घर में जिस किस्म की नाइटी पहनती है…..

मैंने अलमारी के सबसे ऊपरी खाने से कपड़ों के नीचे दबी हुई एक नाइटी निकाली और चाचू की बात काट दी.

“ये देखिए चाचू. ये क्या कन्सर्वेटिव ड्रेस है ?”

वो गुलाबी रंग की नाइटी थी और साधारण कद की औरत के लिए बहुत ही छोटी थी.

चाचू – वाउ.

“मम्मी ये कभी कभार सोने के वक़्त पहनती है.”

चाचू – ये तो कोई फिल्मी ड्रेस से कम नहीं.

“हाँ चाचू.”

चाचू अब मम्मी की नाइटी को बड़े गौर से देख रहे थे, ख़ासकर कमर से नीचे के हिस्से को. और फैलाकर उसकी चौड़ाई देख रहे थे.

चाचू – इसकी जो लंबाई है और भाभी की जो हाइट है, ये पहनने के बाद भाभी तो आधी नंगी रहेगी. तूने तो देखा होगा तेरी मम्मी को ये पहने हुए, मैं क्या ग़लत बोल रहा हूँ रश्मि ?

चाचू की बात सुनकर मैं शरमा गयी और सिर्फ सर हिलाकर हामी भर दी. मैंने ज़्यादा बार मम्मी को इस नाइटी में नहीं देखा था.

चाचू – लेकिन इस नाइटी के साथ तो भाभी की कन्सर्वेटिव पैंटी नहीं जमेगी. इसके साथ तो तेरी चाची जैसी पहनती है, वो वाली पैंटी चाहिए.

वो कुछ पल के लिए चुप रहे फिर मुस्कुराते हुए गोला दाग दिया.

चाचू – क्या रे रश्मि, भाभी इस नाइटी के नीचे पैंटी पहनती भी है या नहीं ?

“आप बड़े बेशरम हो. क्या सब पूछ रहे हो चाचू.”

लेकिन मुझे याद था की एक बार मम्मी को जब मैंने ये वाली नाइटी पहने हुए देखा था तो उन्होंने इसके अंदर कुछ भी नहीं पहना था. रात को मम्मी बेड में लेटी हुई थी और पापा उस समय नहा रहे थे. मुझे मम्मी की चूत भी साफ दिख गयी थी. मुझे देखकर मम्मी ने जल्दी से अपने पैरों में चादर डाल ली थी.

चाचू नाइटी को ऐसे देख रहे थे जैसे मम्मी को उसे पहने हुए कल्पना कर रहे हों. मुझे उनकी लुंगी में उभार दिखने लगा था. वो ऐसा लग रहा था जैसे उनकी लुंगी में कोई छोटा सा पोल खड़ा हो. उसको देखते ही मैं असहज महसूस करने लगी. पर जल्दी ही चाचू की रिक्वेस्ट ने मेरी असहजता की सभी सीमाओं को लाँघ दिया.

चाचू – रश्मि तू थोड़ी हेल्प करेगी ? मैं एक चीज देखना चाहता हूँ.

“क्या चीज चाचू ?”

मैंने मासूमियत से पूछा. चाचू मेरी आँखों में बड़े अजीब तरीके से देख रहे थे. उन्होंने मम्मी की सेक्सी नाइटी अपने हाथों में पकड़ी हुई थी.

चाचू – रश्मि मैं तेरी चाची के लिए एक ऐसी नाइटड्रेस खरीदना चाहता हूँ. 

“तो खरीद लीजिए ना, किसने रोका है ? लेकिन आप क्या चीज देखने की बात कर रहे हो ?”

चाचू – देख रश्मि, भाभी को तो मैं देख नहीं सकता इस ड्रेस में. लेकिन खरीदने से पहले किसी को तो देख लूँ इस ड्रेस में. तू क्यू ना एक बार पहन इसको ? कम से कम मुझे आइडिया तो हो जाएगा.

“क्या…...???”

चाचू – रश्मि इसमें सोचने वाली तो कोई बात है नहीं. तेरी मम्मी जब पहन सकती है, तो तू क्यू नहीं ? और आज तो घर में कोई नहीं है.

मैं ऐसा तो नहीं कहूँगी की मेरी कभी इच्छा नहीं हुई उस ड्रेस को पहनने की. पर मुझे कभी उसको पहनने का मौका ही नहीं मिला. पर ये तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी की उसको किसी मर्द के सामने पहनूं. लेकिन अब मैं चाचू को सीधे सीधे मना भी तो नहीं कर सकती थी.

“पर चाचू….”

अब चाचू की टोन भी रिक्वेस्ट से हुकुम देने की हो गयी.

चाचू – रश्मि अभी तो तू मेरे सामने सिर्फ टॉवेल में खड़ी थी. तो इसे पहनने में शरम कैसी ?

“लेकिन चाचू….”

चाचू – बकवास बंद. ये स्कर्ट और टॉप उतार और ये ड्रेस पहन ले.

अब मुझे चाचू का हुकुम मानना ही पड़ा. मैंने चाचू से नाइटी ली और अपने कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया. उन दिनों मेरी लंबाई तेज़ी से बढ़ रही थी और मैं मम्मी से भी थोड़ी लंबी हो गयी थी. आज मैंने और दिनों की अपेक्षा कुछ छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी पर ये नाइटी तो और भी छोटी थी. मुझे लगा इस ड्रेस में तो मैं बहुत एक्सपोज हो जाऊँगी.

मैंने अपने सर के ऊपर से टॉप उतार दिया और फिर स्कर्ट को फर्श पे गिरा दिया. मैंने दोनों को हुक पर टाँग दिया. अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. मेरी कसी हुई चूचियाँ सफेद ब्रा में गर्व से तनी हुई थीं. मेरी पैंटी मेरे नितंबों का ज़्यादातर हिस्सा ढके हुए थी. मैंने वो नाइटी अपने बदन के आगे लगा कर देखी तो मुझे लगा की ये तो मेरे नितंबों तक ही पहुँचेगी. मैंने कभी भी इतनी छोटी ड्रेस नहीं पहनी थी. मेरी छोटी से छोटी स्कर्ट भी मेरी आधी जांघों तक आती थी. स्वाभाविक शरम से मेरा हाथ अपनेआप मेरे नितंबों पर पहुँच गया और मैंने पैंटी के कपड़े को खींचकर अपने नितंबों पर फैलाने की कोशिश की ताकि मेरे मांसल नितंब ज़्यादा से ज़्यादा ढक जाए, पर पैंटी जितनी हो सकती थी उतनी फैली हुई थी और अब उससे ज़्यादा बिल्कुल नहीं खिंच रही थी.

चाचू – रश्मि सो गयी क्या ? एक सिंपल सी ड्रेस पहनने में तू कितना टाइम लेगी ?

“चाचू जरा सब्र तो कीजिए.”

मैंने मम्मी की नाइटी अपने सर से नीचे को डाल ली. खुशकिस्मती से ड्रेस मेरी चूचियों को ठीक से ढक रही थी लेकिन कंधों पर बड़ा कट था. इससे मेरी सफेद ब्रा के स्ट्रैप दोनों कंधों पर खुले में दिख रहे थे. ये बहुत भद्दा लग रहा था पर उस नाइटी के कंधे ऐसी ही थे. नाइटी की लंबाई कम होने से वो सिर्फ मेरे गोल नितंबों को ही ढक पा रही थी. 

उस नाइटी का बीच वाला हिस्सा बहुत झीना था. इस बात पर पहले मेरा ध्यान नहीं गया था. पर पहनने के बाद मैंने देखा , इस पतली नाइटी में तो मेरी नाभि और पेट का कुछ हिस्सा दिख रहा है. मैं सोचने लगी,” मम्मी ऐसी ड्रेस कैसे पहन लेती है ? इस उमर में भी वो इतनी बेशरम कैसे बन जाती है ?”

मैंने अपने को शीशे में देखा और मुझे बहुत लज्जा आई , मेरा मुँह शरम से लाल हो गया. मैं ऐसी बनके चाचू के पास जाऊँ या नहीं ? मैं दुविधा में पड़ गयी.

खट …खट …..चाचू दरवाज़ा खटखटाने लगे.

चाचू – रश्मि जल्दी आ.

अब मेरे पास कोई चारा नहीं था सिवाय इसके की मैं दरवाज़ा खोलूं और उस बदन दिखाऊ नाइटी में चाचू के सामने आऊं.
Reply


Messages In This Thread
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क... - by sexstories - 01-17-2019, 01:49 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,450,396 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,670 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,211,681 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,050 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,623,831 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,056,321 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,910,377 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,922,161 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,979,502 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,150 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)