Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि के जलवे
01-17-2019, 01:57 PM,
#45
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क...
मैं फिर से कमरे के अंदर गयी और कुमार (गुप्ताजी) को खड़े होने में मदद की. इस बार उसने सहारे के लिए मुझे अपनी बीवी की तरह कंधे में हाथ रखकर पकड़ लिया और दूसरे हाथ में उसने छड़ी का सहारा लिया हुआ था.

कुमार – इस तरफ , रश्मि.

उसने अपनी छड़ी से इशारा करके मुझे रास्ता बताया. अब हम पूजा घर से बाहर आकर सीढ़ियों के पास पहुँच गये. गुप्ताजी ने पीछे मुड़कर देखा शायद ये जानने के लिए की कोई आ तो नहीं रहा. सीढ़ियों से नीचे उतरते समय मैंने भी पीछे मुड़कर देखा पर कोई नहीं था. मैंने सोचा किसी को ना पाकर अब ये बुड्ढा मेरे साथ कुछ ना कुछ हरकत करेगा. मैं उससे अपेक्षा कर रही थी की शायद वो मेरी चूचियाँ पकड़ लेगा या मेरे नितंबों को मसल देगा या मुझे अपने आलिंगन में कस लेगा. इस विकलांग आदमी से मैं इससे ज़्यादा और क्या उम्मीद कर सकती थी. लेकिन गुप्ताजी ने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया . मुझे बड़ी फ्रस्ट्रेशन हुई पर वो सीधा बाथरूम की तरफ चला जा रहा था. और फिर हम बाथरूम में पहुँच गये.

मैं करूँ तो क्या करूँ ? मैं उस बुड्ढे को मन ही मन कोस रही थी. पूजा घर में तो बहुत छेड़छाड़ कर रहा था पर अब अकेले में वो वास्तव में विकलांग लग रहा था. उसने मुझे गरम कर दिया था और अब मैं किसी मर्द के आलिंगन में समा जाने को बेकरार हो रखी थी. और ये बुड्ढा अपना पैर घिसटते हुए सीधे बाथरूम की तरफ चला जा रहा था.

मैंने चिड़चिड़ी आवाज़ में उससे कहा, “आप यहीं रूको. मैं फ्रेश होकर आती हूँ.”

कुमार : लेकिन रश्मि मैं अकेला खड़ा नहीं रह सकता. मैं गिर जाऊँगा.

“तो क्या करूँ फिर ?”

मैं झल्लाते हुए बोली . मुझे मालूम नहीं था की ये आदमी चाहता क्या है.

कुमार : हम दोनों को साथ ही बाथरूम जाना होगा.

“क्या ???”

मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा. ये बुड्ढा सोच क्या रहा है ? ठीक है, मैंने थोड़ी देर उसकी छेड़छाड़ सहन कर ली , लेकिन वो तो गुरुजी ने उसको मेरे ऊपर लिटा दिया था तो मैं कर ही क्या सकती थी. पर इसका मतलब ये नहीं की ये मुझसे कुछ भी कह देगा और मैं मान लूँगी.

“क्या मतलब ?”

कुमार – रश्मि प्लीज़ नाराज़ मत हो. तुम मेरी हालत देख ही रही हो. प्लीज़ मुझे बाथरूम में पकड़े रहना.

“हाँ ठीक है. मैंने तो सोचा…..”

कुमार कुछ और नहीं बोला और धीरे धीरे बाथरूम के अंदर जाने लगा. मैं भी उसके साथ थी. बाथरूम के अंदर आकर कुमार ने दीवार में बने हुक में अपनी छड़ी लटका दी. मैं बाथरूम का दरवाज़ा बंद करने लगी तब तक उसने अपने पैजामे का नाड़ा खोलकर अंडरवियर नीचे किया और अपना अधखड़ा लंड बाहर निकाल लिया. लंड देखकर मैं अपने ऊपर काबू नहीं रख पाई और जल्दी से उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया , लेकिन ऐसे दिखाया जैसे मैं पेशाब करने में उसकी मदद के लिए ऐसा कर रही हूँ. उसने बाएं हाथ से दीवार का सहारा लिया हुआ था और दायां हाथ मेरे कंधे पर रखा हुआ था. मेरे हाथ में पकड़ने और हिलाने से उसके अधखड़े लंड में जान आने लगी.

उसका दायां हाथ धीरे धीरे मेरे कंधे से खिसककर मेरी पीठ मे गया फिर कांख के नीचे से होता हुआ मेरी दायीं चूची को छूने लगा. उसने मेरा पल्लू थोड़ा सा खिसका दिया ताकि वो मेरे ब्लाउज में कसी हुई चूचियों और उनके बीच की गहरी खाई को देख सके. मैं अब दोनों हाथों से उसका लंड हिलाने लगी थी और मुझे हैरानी हुई की इस उमर में भी कुछ पलों में ही उसका लंड कड़क होकर एकदम तन गया था. मैं समझती थी की उमर बढ़ने के साथ मर्दों का लंड खड़ा होने में ज़्यादा समय लेता है लेकिन इस बुड्ढे का तो कुछ ही सेकेंड्स में पूरी तरह से खड़ा हो गया था. उसका साइज़ मेरे पति के लंड के बराबर ही था, मैंने जल्दी से उसके सुपाड़े से खाल को पीछे खिसका दिया. 

मैं थोड़ा झुकी हुई थी और गुप्ताजी के खड़े लंड को आगे पीछे हिला कर सहला रही थी. शायद उसकी उमर को देखते हुए उसके लिए ये बहुत ज़्यादा हो गया था और अब वो बहुत कामोत्तेजित हो गया. पहले तो वो गहरी साँसें ले रहा था और मेरी दायीं चूची को ज़ोर से दबा रहा था. लेकिन अब उसने अचानक दीवार से अपना बायां हाथ हटा लिया और मेरी चूची से भी दायां हाथ हटा लिया और दोनों हाथों से मेरा चेहरा पकड़कर अपने चेहरे की तरफ खींचा. स्वाभाविक रूप से दोनों हाथ से सहारा हटते ही उसका संतुलन बिगड़ गया और वो मेरे बदन पर झुक गया , मैं भी अचानक से उसका वजन नहीं ले पाई , जैसे तैसे मैंने उसको सम्हाला. सम्हलते ही उसने ज़बरदस्ती मुझे चूमना शुरू कर दिया. उसकी दाढ़ी मुझे अपनी नाक, होठों , गालों और ठुड्डी में हर जगह चुभने लगी और इससे एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी. मुझे कभी किसी दाढ़ीवाले आदमी ने नहीं चूमा था तो मुझे पता नहीं था की कैसा फील होता है.

मैंने उसकी लार से गीले होठों से अपने होंठ छुड़ाने की कोशिश की. मैंने ख्याल किया की वैसे तो गुप्ताजी विकलांग था लेकिन उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी. मैंने होंठ हटाने की कोशिश की तो वो और ज़ोर से मुझे चूमने लगा और मेरे मुँह के अंदर अपनी जीभ डाल दी और मुझे बालों से पकड़ लिया ताकि मैं अपना सर ना हिला सकूँ. मैं अब भी उसका लंड अपने हाथों में पकड़े हुए थी. लेकिन फिर उसने जो किया उससे मुझे उसका लंड छोड़ना पड़ गया. अचानक उसने एक हाथ मेरे सर से हटा लिया और मेरी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठाने लगा.

मेरे कुछ समझने तक तो उसने मेरी साड़ी और पेटीकोट मेरी कमर तक उठा दी और मेरी पैंटी दिखने लगी. मैंने तुरंत उसका लंड छोड़ दिया और अपनी इज़्ज़त बचाने का प्रयास करने लगी. मैंने साड़ी और पेटीकोट को अपने नितंबों से नीचे खींचने की कोशिश की पर वो ज़बरदस्ती उनको ऊपर को खींच रहा था. अब उसने मेरे बाल छोड़ दिए और दोनों हाथों से मेरे कपड़े ऊपर करके मेरी गांड को नंगी करने पर तुल गया . उसके हाथों की ताकत देखकर मेरा विरोध कमज़ोर पड़ गया. 

वो अब भी मुझे चूम रहा था और मेरे होठों को चबा रहा था और मुझे नीचे से नंगी करके अब उसने मुझे अपने आलिंगन में कस के पकड़ लिया. मैं उसकी बाँहों में थी और छोटी सी पैंटी में मेरी गांड साफ दिख रही थी. एक पल के लिए उसने मेरे होंठ अलग किए . मैं बेतहाशा हाँफ रही थी . मेरे मुँह से बस यही निकल पाया…..

“प्लीज़ मत करो …..”

उसने मेरी विनती अनसुनी कर दी. अब उसने मेरी पैंटी के एलास्टिक में हाथ डाला और उसे नीचे करने लगा. मैं समझ गयी थी की ये बुड्ढा मुझे पूरी नंगी करने पर आमादा है. मैं कामोत्तेजित ज़रूर थी पर मैंने होश नहीं खोए थे और एक अंजाने आदमी, वो भी बुड्ढा, उसके सामने नंगी होने का मेरा कोई इरादा नहीं था. मैंने सोचा इस हरामी बुड्ढे से पीछा छुड़ाने का एक ही तरीका है की मैं इसका पानी निकाल दूँ. तो मैंने उसके तने हुए लंड को सहलाना और मूठ मारना शुरू कर दिया.

मैं उसके लंड को हिला हिला कर मूठ मारती रही और उसका लंड फनफनाने लगा की अब पानी छोड़ ही देगा. पर तब तक गुप्ताजी ने अपनी इच्छा पूरी कर ही ली. उसने मेरी पैंटी को मेरे नितंबों से नीचे खिसकाकर जांघों तक कर दिया और मेरे बड़े नितंबों को मसलने लगा. उसने मेरी साड़ी और पेटीकोट को कमर में खोस दिया था और अब पैंटी नीचे करके मेरे मुलायम नितंबों को निचोड़ रहा था. ये तो स्वाभाविक ही था की अब वो मेरी चूत में अपना लंड घुसाने को उत्सुक था लेकिन मेरी मेहनत आख़िर रंग लाई और मेरे फुसलाने से ठीक समय पर उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. मेरे हाथ उसके वीर्य से सन गये . गुप्ताजी बहुत खिन्न लग रहा था की वो अपने को झड़ने से रोक नहीं पाया. 

बाथरूम के फर्श पर उसका सफेद वीर्य गिर गया था. मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके हाथ में छड़ी पकड़ा दी. अब मैं उसकी पकड़ से आज़ाद थी. देखने से ही लग रहा था की उसका मूड ऑफ हो गया है , स्वाभाविक था क्यूंकि झड़ जाने से उसकी इच्छा अधूरी रह गयी थी. मैंने जल्दी से अपनी पैंटी जांघों से ऊपर करने की कोशिश की लेकिन उस कम्बख़्त ने जल्दबाज़ी में ऐसे नीचे को खींची थी की अब वो गोल मोल हो गयी थी. अब मुझे पैंटी उतारनी पड़ी क्यूंकि मेरी साड़ी और पेटीकोट मेरी कमर तक उठे हुए थे और एक मर्द के सामने मैं अपनी जांघों तक उतरी हुई पैंटी के घुमाव ठीक करने तक नंगी थोड़ी खड़ी रहती. मैंने अपनी साड़ी कमर से निकाली और नीचे कर दी और फिर पैंटी उतार कर हुक में लटका दी. मैं अपने कपड़े ठीकठाक करने लगी. 

गुप्ताजी दीवार के सहारे खड़े खड़े मुझे ही देख रहा था. झड़ने के बाद उसका लंड सिकुड़कर छोटा हो गया था. मैंने उसका पैजामा ऊपर किया और नाड़ा बाँध दिया. ऐसा लग रहा था की झड़ने के बाद भी उसकी गर्मी अभी पूरी शांत नहीं हुई है क्यूंकी जब मैं उसके पैजामे का नाड़ा बाँध रही थी तो उसने मेरी दोनों चूचियों को पकड़ लिया और सहलाने लगा. मैंने उसकी इस हरकत पर कुछ नहीं कहा पर मुझे मालूम था की ये कितना अश्लील लग रहा होगा की एक जवान औरत एक बुड्ढे का नाड़ा बाँध रही है और वो ब्लाउज के बाहर से उसकी चूचियाँ पकड़कर दबा रहा है.

उसका काम हो गया था अब मुझे भी पेशाब लगी थी. 

“थोड़ी देर ऐसे ही खड़े रह सकोगे ?”

गुप्ताजी ने सर हिला दिया. मैं बगल के टॉयलेट में गयी और साड़ी उठाकर बैठ गयी. पेशाब निकलने से आती हुई सीटी जैसी आवाज़ गुप्ताजी को साफ सुनाई दे रही होगी क्यूंकी वो पास में ही खड़ा था. मुझे देर तक पेशाब आई और बेशर्मी से सीटी जैसी आवाज़ निकालते हुए मैं करती रही और वो हरामी बुड्ढा सब कुछ साफ सुन रहा होगा. पेशाब निकल जाने के बाद मुझे ऐसी राहत मिली की पूछो मत. मैं उठी और अपनी साड़ी नीचे की और गुप्ताजी के पास आ गयी. मैंने पैंटी उतार दी थी तो मुझे महसूस हुआ की पेशाब की कुछ बूँदे मेरी अंदरूनी जांघों में बह गयी हैं. मैंने अपने दाएं हाथ से जांघों पर साड़ी दबा दी ताकि पेटीकोट से गीलापन सूख जाए.

मैं गुप्ताजी के साथ बाथरूम से बाहर आने लगी तभी मुझे ध्यान आया की मेरी पैंटी तो हुक पे टंगी हुई है. मैंने जल्दी से पैंटी उठा ली लेकिन वो ठरकी बुड्ढा कमेंट करने से बाज़ नहीं आया.

कुमार – इसको कहाँ रखोगी ? ऐसे हाथ में पकड़कर गुरुजी के पास कैसे जाओगी ?

ये तो मुझे भी मालूम था की हाथ में पकड़कर तो गुरुजी के पास जाऊँगी नहीं. फिर भी इस बुड्ढे का ऐसा बोलना ज़रूरी था. कमीना कहीं का.

कुमार – अगर बुरा ना मानो तो मैं रख लेता हूँ. मैं इसे अभी अपने कुर्ते की जेब में रख लूँगा.

मैंने सोचा था की पैंटी छुपाने के लिए और तो कोई जगह है नहीं , मैं ब्लाउज में ही रख लूँगी लेकिन उससे मुझे परेशानी होती.

“लेकिन….”

कुमार – यज्ञ के बाद तुम मुझसे ले लेना. मैं सबकी नज़र बचाकर तुम्हें वापस दे दूँगा.

मैंने ज़्यादा नहीं सोचा और उसे अपनी गीली पैंटी दे दी. गुप्ताजी ने अपने कुर्ते की जेब में पैंटी डाल ली. अब हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गये , गुप्ताजी अपनी छड़ी और मेरे कंधे के सहारे चल रहा था.
Reply


Messages In This Thread
RE: Porn Story गुरुजी के आश्रम में रश्मि क... - by sexstories - 01-17-2019, 01:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,413,389 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,645 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,196,845 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 904,618 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,604,842 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,038,922 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,881,854 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,825,397 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,944,354 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,862 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)