RE: Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी
इसी बीच कामिनी ने अपनी टांगे उपर कर ली, उसने इस वक़्त सिर्फ़ नेट वाला टॉप और लंबी सी स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसके अंदर कुछ भी नही था...उसने अपना टॉप नीचे करके अपने कड़क बूब्स बाहर निकाल लिए और अपनी टांगे उठा कर उसने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दी और उसे मसलने लगी..
इस बीच कुणाल ने इंद्राणी की पेंटी पूरी उतार दी और फिर ढेर सारा तेल उसके नंगे बदन पर डालकर वो उसे मसलने लगा..
कुणाल जैसे ताकतवर हाथ उसने आज तक महसूस नही किए थे, उसके हाथो की ताक़त से वो उसके लंड की अकड़ का अंदाज़ा लगाने लगी...
कुणाल ने धार बनाकर उसकी गांड में जब तेल डाला तो इंद्राणी ने सिसकारी मारते हुए अपनी चूतड़ हवा में उठा दी... मतलब सॉफ था की वो अंदर से उत्तेजित हो चुकी थी, कुलबुला रही थी वो कुछ करवाने के लिए..
कुणाल ने उसकी उभरी हुई गांड में अपनी मोटी-2उंगलियाँ उतार दी...
3 उंगलियाँ सीधा उसकी चूत में घुसती चली गयी और अंगूठा उसने उसकी गांड के छेद में डाल दिया..
वो कराह उठी...
उसकी मोटी उंगलियाँ मिलकर और अंगूठा अकेला ही , उसके पति के लंड से मोटे जो थे...
''आआआआआआआआआआआहह ....... उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... मररर गयी.....''
कामिनी बोली : "शाबाश कुणाल, ऐसे ही अंदर तक वाली मसाज करो मेडम की.... मेडम खुश हुई तो शायद तुम्हारी भी मसाज कर दे ...''
उसका इशारा कुणाल के लंड चूसने से था.
इंद्राणी से अपने लंड को चुसवाने की बात सुनकर वो दुगनी लगन से उसकी चूत और गांड को अपने हाथ की उंगलियो से चोदने लगा...
कुछ ही देर मे वो झड़ गयी....
सुबह से उसके जिस्म में जो सैक्सुअल टेन्षन बन रही थी वो सिर्फ़ एक मिनट में ही निकल गयी...
पर वो भी जानती थी की ऐसी टेंशन तो अभी कई बार निकलेगी उसके बदन से..
कुणाल ने उसे पलट कर सीधा कर दिया और पहली बार उसने उसके सैक्सी बूब्स को देखा...
वो काफ़ी बड़े थे...
करीब 38 साइज़ था उनका...
पर एकदम कड़क और उपर की तरफ मुँह था उनका...
कही से भी ढलक नही रहे थे वो...
लेटे होने के बावजूद वो काफ़ी मोटे लग रहे थे...
कुणाल ने जब तेल उसके शरीर पर डालना चाहा तो कामिनी एक बार फिर से बोली
''कुणाल, यहाँ भी हाथो का इस्तेमाल करे बिना मसाज करो ना... इंद्राणी को अच्छा लगेगा...''
बिना हाथ के मसाज तो सिर्फ़ होंठों और जीभ से ही हो सकती है....
कुणाल के साथ-2 इंद्राणी भी सुलग उठी ये सुनकर...
कुणाल ने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा नीचे किया और अपनी मर्दो वाली आदत के अनुसार सीधा उसने अपना मुँह उसके निप्पल्स पर लगा दिया...
इंद्राणी ने जोरदार चीख मारते हुए अपना सीना हवा मे उठा लिया और उसके सिर को पकड़ कर अपने अंदर खींच लिया...
''आआआआआआआआआआययययययययययीीईईईईईई ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... फकककककककक''
शायद हर औरत की तरह उसके बूब्स ही उसका वीक पॉइंट थे...
कुणाल ने उसके निप्पल्स को जी भरकर चुभलाया और फिर दूसरे का भी उसने वही हाल किया.
फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उसके जिस्म की मसाज करता हुआ वो नीचे आने लगा और अंत में आकर जब उसने अपने खुरदुरे होंठ उसकी चिकनी चूत पर लगाए तो उसने किलकिलाते हुए उसका सिर ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबा लिया, जैसे चूत वाले होंठों के ज़रिए उसे अंदर निगल जाएगी...
कुणाल भी उसकी खट्टी-मीठी चूत को चूस्कर काफ़ी उत्तेजित हो गया और उसने अपनी पेंट और कच्छा एक ही झटके में उतार फेंका...
और चुदाई के लिए उसने कामिनी मेडम की परमिशन लेना भी सही नहीं समझा...
मौका ही ऐसा था की उससे सब्र नही हो रहा था अब...
कुणाल ने उसकी दोनो जांघे पकड़ कर टेबल के किनारे कर ली और अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया...
''आआआआआआआआआआअहह ओह फकककककककककककककक..... मॅर गयी...''
इतना मोटा लंड जब अंदर जाता है तो ऐसी ही आवाज निकलती है...
इंद्राणी का भी यही हाल था...
उसने आज से पहले इतना मोटा और जंगली लंड अपनी चूत में नही लिया था...
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