RE: Desi Sex Kahani एक नंबर के ठरकी
उन दिनों जैसा मज़ा तो नीरू को शादी के बाद असली चुदाई में भी नही मिला था...
और आज उसने जब से इस तरह के खेल दोबारा देखे तो उसके जहन में वो सब फिर से ताज़ा हो गया....
उसे अपनी सहेली पिंकी की वो पिंक कलर की चूत एक बार फिर से याद आ गयी....
शशांक ने जब उसका और काजल का नाम लिया तो उसकी चूत पूरी तरह से झनझना उठी....
अब तक जो एक पतिव्रता होने का नाटक वो करती आ रही थी, उसका तो उसे ख़याल ही नही रहा जब काजल ने आगे बड़कर उसके हाथ को पकड़ा और अपनी गर्म साँसे उसके कान में छोड़ते हुए कहा : "चलो ना नीरू भाभी.... मज़ा आएगा...''
उसे एक पल के लिए ऐसा लगा मानो उसकी पिंकी वापिस लौट आई है
और वो जिस मज़े की बात कर रही थी,ऐसे मज़े तो उसने बचपन में लेकर छोड़ दिए थे....
उन दिनों भी वो अपनी सहेली की चूत को चूसते हुए ज़ोर-2 से आवाज़ें निकाला करती थी.... उसकी चूत पर काट लिया करती थी... उसके स्तनों पर लाल निशान बनाया करती थी.... शशांक ने आज ये सब करने का अवसर देकर उसके अंदर की सोई हुई शेरनी को एक बार फिर से जगा दिया था.... वो बिना किसी विरोध के काजल के साथ आगे चल दी...
शशांक के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी.....आख़िरकार नीरू भी उनके इस खेल में कूद ही पड़ी थी....
काजल तो पहले से ही नंगी थी..... उसने अपना हाथ उपर करके नीरू की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया... और घुमा कर उसकी साड़ी निकाल दी... फिर उसने उसका ब्लाउज़ और पेटीकोट भी खोल दिया...और अंत में उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी...
उसके बाद जो नग्न शरीर सबके सामने आया, उसकी चमक और दमक देखकर सभी की आँखे चुंधिया गयी....
जिस जिस्म को आज तक सिर्फ़ उसके पति ने देखा था (और शादी से पहले उसकी सहेली पिंकी ने), वो आज सबके सामने नंगा था....
नीरू अपने कपड़े उतरवाते हुए ज़रा भी नही शरमाई....
उसे अपने स्कूल टाइम का वो वक़्त याद आ गया जब उसकी सहेली भी इसी तरह उसके कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया करती थी.... वो सब सोचकर उसकी चूत में अजीब सी गंध बाहर निकलने लगी....
आज से पहले उस गंध को कपूर साहब ने जब भी सूँघा था वो समझ जाते थे की उसपर कितनी चुदासी चढ़ी है.... अब तो वो काजल का क्या हाल करेगी ये उपर वाला ही जानता था.
वो नीचे लेटने लगी तो शशांक ने उन्हे रोक दिया और कहा : "एक काम करो,अंदर चलते है.... बेडरूम में ... वहां आराम से लेटकर हो सकता है...''
उसने ये बात इसलिए भी कही थी की उसे अच्छी तरह से पता था की इसके बाद सिर्फ़ और सिर्फ़ चुदाई ही होनी है...
और चुदाई के लिए बेडरूम से अच्छी जगह कोई और हो ही नही सकती.... और वैसे भी,उसका बेडरूम काफ़ी बड़ा था.... किंग साइज़ बेड था उसके रूम में ... जिसपर आसानी से 3-4 जोड़ियाँ चुदाई कर सकती थी....
सभी ने उसकी बात मान ली और उठकर बेडरूम की तरफ चल दिए...
अंदर जाते हुए शशांक और सुमन के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी...आज उनका सपना साकार होने जा रहा था... जिस काम के लिए वो पिछले 2 सालो से लगे हुए थे वो आज होने वाला था...या ये कहलो की लगभग हो ही चुका था.... आज के बाद एक दूसरे की बिबीयों और पतियों के बीच जो चुदाई का खेल शुरू होने वाला था,वो आने वाले कई सालों तक चलने वाला था.
सभी बेडरूम में आ गये....सुमन ने आज अपने बेडरूम को काफ़ी अच्छे तरीके से सजाया हुआ था....हल्की रोशनी थी रूम में ...अंदर आते ही सबा एक बार फिर से बेड पर लेट गयी....और उसकी बगल में नीरू भी....और उन दोनो की जांघों के बीच आकर लेट गयी सुमन और काजल...
और लेटने के साथ ही नीरू ने किसी का वेट नही किया और सीधा अपनी जीभ उसने काजल की चूत पर लगा दी..
ऐसा लगा जैसे कड़ाही में तड़का लग गया है ... ऐसी सनसनाती हुई सी आवाज़ निकली काजल के मुँह से जैसे वो मर ही जाएगी...
''आआआआआआआआआयययययययीीई ....... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआहह ओह नीरू भाभी ....................... थोड़ा धीरे........आआआआआआआआआआआहह''
पर अब नीरू कहाँ मानने वाली थी...
उसके सामने पनीर के टुकड़े जैसी फूली हुई चूत थी,जिसे वो अपने पैने दांतो से कुतर -2 कर खाने लगी.... उसका रस पीने लगी .......
सुमन ने भी अपना काम शुरू कर दिया और सीधा सबा की नर्म और मुलायम चूत पर टूट पड़ी और सबा भी ठीक उसी तरीके से चीखने चिल्लाने लगी जैसे काजल कर रही थी.... आख़िर चूत पर होने वाली गुदगुदी को बर्दाश्त करना आसान काम नहीं होता..
देखने वालों की हालत भी खराब थी, एक ही बेड पर चार सैक्स की देवियां नंगी होकर एक दूसरे को चूस रही थी
सबा और काजल काफी देर से अपनी चूत के बाँध को कंट्रोल किए हुए थी....इसलिए उन्हे झड़ने में ज़्यादा टाइम नही लगा....वो दोनो भरभराकर एक साथ झड़ने लगी .... सुमन और नीरू ने अपनी बिल्ली जैसी जीभ से उनकी चूत से निकल रहा दूध सॉफ करके चाटना शुरू कर दिया....ऐसा करते हुए दोनो की गांड इधर उधर हवा में थिरक रही थी....जैसे उन्हे किसी के लंड का इंतजार हो...
कपूर साहब की नज़रें अभी तक सुमन की उभरी हुई गांड पर थी..... हालाँकि उसके बिल्कुल करीब ही उनकी बीबी नीरू भी अपनी गांड उचकाए वही सब कर रही थी पर उसपर उनका ध्यान नही था...
और जिसका ध्यान था वो था राहुल.
राहुल जो पहले तो नीरू की जवानी को देखकर हक्का बक्का रह गया था, ठीक वैसे ही नीरू के नंगे जिस्म को देखकर उससे सब्र नही हो रहा था....
लंड मसलता हुआ वो थोड़ा आगे की तरफ आ गया और ठीक बेड के किनारे पर पहुँच गया जहाँ नीरू उकड़ू होकर काजल की चूत चूस रही थी...और एक हाथ से अपना लंड रगड़ते हुए उसने नीरू की फेली हुई गांड पर हाथ रख दिया...
जो वो तब से रखना चाहता था जब से उसने उसकी फेली हुई गांड देखी थी.
नीरू एकदम से सहम सी गयी.....उसने तुरंत अपना चेहरा काजल की चूत से निकाला और पीछे मुड़कर देखा....सामने राहुल खड़ा था.... अपना लंड हाथ में लेकर...
और उसके ठीक पीछे उसके पति कपूर साहब भी थे, वो भी लगभग नंगे ही थे, और वो भी अपना लंड रगड़ रहे थे...पर उनकी नज़रें सुमन पर थी....
नीरू समझ गयी की अब और नाटक करना बेकार है,वरना ऐसे और मज़े से वो हाथ धो बैठेगी..
उसने मुस्कुराते हुए राहुल की तरफ देखा और उसकी तरफ घूम कर उसके गले से लिपट गयी...और अगले ही पल राहुल ने उसके चेहरे को आगे करके उसे जोरों से स्मूच करना शुरू कर दिया.
राहुल के मुँह में काजल की चूत का स्वाद आया....जिसका पानी नीरू के चेहरे और होंठों पर लगा हुआ था.... एक ही औरत में दूसरा फ्लेवर मिलता देखकर राहुल और भी ज़्यादा उत्तेजित हो उठा और उसने वो सारा का सारा माल उसके होंठों और चेहरे से चाट-चाटकार सॉफ कर डाला...
कपूर साहब भी आगे बड़े और उन्होने अपना वो हिनहिनाता हुआ लंड सुमन की गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया... तब तक सुमन भी सबा की कटोरी का सारा मक्खन सॉफ कर चुकी थी.... अपनी गांड पर एक लंड की दस्तक मिलते देखकर सुमन ने कपूर को देखा और मुस्कुरा दी.... और मुस्कुराते हुए ही उसने अपने पति शशांक की तरफ देखा...
वो मौका आ चूका था जिसका सबको बेसब्री से इन्तजार था , बस शशांक की फॉर्मल हाँ का इन्तजार था
पर उससे पहले शशांक शायद कुछ बोलना चाहता था...
वो अपनी सीट से उठा और बोला : "दोस्तों..... आपने जिस अंदाज से दीवाली का जुआ खेला है वो सच में सराहनिय है.... और उस जुए के बीच ये जो खेल हम सभी ने खेलना शुरू किया है,आशा करता हूँ की उसे भी आप उतना ही एंजाय कर रहे है जितना आपने जुए को किया था.... और आप सभी को आपसी सहमति से एक दूसरे का साथ देते देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है... और मुझे आशा है की हम आज के बाद एक दूसरे के पार्ट्नर्स को आपस में शेयर करना शुरू कर देंगे...जिससे किसी को कोई आपत्ति नही होगी.... ऐसा करके हम अपनी सैक्स लाइफ को और रोमांचक बना रहे है... जिसे आप सब एंजाय करोगे... ये मेरा दावा है , और मेरा आपसे ये वादा है की जो भी इस चार दीवारी के बीच होगा, वो सब हमारे बीच ही रहेगा... और आपसे भी मैं यही आशा रखता हूँ , ताकि हम इसी तरह आगे भी,बिना रोक-टोक के, ऐसे और भी गेट टुगेदर करते रहे ... सो एंजाय एवेरिवन .... इट्स ओपन फॉर ऑल''
उसके इस भाषण ने रही सही झिझक भी ख़त्म कर दी.... और सभी ने एक बार फिर से तालियाँ बजाकर उसका साथ देने की पुष्टि की....
और कुछ ही देर में उस हमाम में सभी नंगे थे.....
अब सभी ने अपनी-2 पसंद की जोड़ी बनानी शुरू कर दी...
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