RE: bahan ki chudai भाई बहन की करतूतें
“ओह चंदर,” मैंने मम्मी को कहते हुए सुना, “बहुत मजा आ रहा है,” मम्मी गहरी गहरी साँसे भरते हुेए बोले जा रही थीं, “तुम तो बहुत मस्त चोदते हो मेरी जान, चंदर ऐसे ही चोदते रहो, मेरी तो तुम जान निकाल देते हो, दो बार तो मैं झड़ ही चुकी हूँ, और एक बार फिर से झड़ने वाली हूँ!” मम्मी मस्ती में कराहते हुए बोले जा रही थीं, “इस बार लगता है, बहुत अच्छी तरह से झड़ने वाली हूँ।”
मैंने प्रीती की तरफ देखा, वो मेरे पास अंधेरे में, दरवाजे के बाहर खड़े होकर, उस झिर्री में से मम्मी के रूम में हो रहे जो कारनामे देख रही थी, उसको देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गयीं थीं। प्रीती ने मेरी तरफ कनखियों से देखा, उसका मुँह खुला का खुला रह गया था, लेकिन वो बिना कुछ बोले फिर से मम्मी को उनके रूम में बैड पर, डॉगी स्टाईल में चुदते हुए देखने लगी। चालीस की उम्र पार करने के बाद भी चंदर मामा में गजब का स्टेमिना था, और जिस तरह से वो मम्मी की एक अलग ही स्टाईल में ताबड़तोड़ चुदाई कर रहे थे, उसको देखकर लग रहा था कि कोई भी औरत एक बार चुदने के बाद चंदर मामा के लण्ड की दिवानी हो जाती। मम्मी को चोदते हुए चंदर मामा किसी पॉर्न स्टार की तरह बोले, “शकुंतला! दो-दो बच्चे जनने के बाद भी, क्या मस्त टाईट चूत है तेरी! क्या मस्त पनिया रही है तेरी चूत! बहुत मन कर रहा था ना तेरा चुदने का, शनिवार तक का भी इन्तजार नहीं हुआ, रात में ही बुला लिया मुझे अपनी चूत की आग ठण्डी करने को।”
“चूत तो पनियाएगी ही मेरी, पिछले दो हफ्तों से प्यासी थी बेचारी, कहाँ चले जाते हो,” मम्मी ने एक गहरी लम्बी साँस लेकर अपना सिर ऊपर उठाते हुए कहा, “तुम्हारे लण्ड की दिवानी हो गयी है मेरी चूत, तुम बहुत मस्त चोदते हो चंदर!”
चंदर मामा अपने लण्ड को मम्मी की चूत में बिंदास जोरों से, विधीपूर्वक तरीके से पेले जा रहे थे, वो मम्मी को किसी चोदने की मशीन के माफिक चोद रहे थे। मानो चंदर मामा का शरीर मम्मी की चूत को चुदाई का आनंद देने की कोई मशीन हो, जो परफैक्शन के साथ हर झटके के साथ मम्मी की चूत की गहराई में घुसता जा रहा था। चंदर मामा के लण्ड ने मम्मी की चूत को पूरी तरह भर रखा था, और मम्मी की चूत का एक मिलीमीटर हिस्सा भी ऐसा नहीं था, जो चंदर मामा के लण्ड से अछूता हो। “तुम होने वाले हो क्या चंदर?” मम्मी ने उत्सुकता से अपना सिर उठाते हुए पूछा। “प्लीज अभी मत होना, ऐसे ही कुछ देर और चोदते रहो, बहुत मजा आ रहा है,” मम्मी ने एक गहरी लम्बी साँस लेते हुए बोला, “तुम्हारा लण्ड इस समय मेरी चूत के बिल्कुल सही स्पॉट पर हिट कर रहा है।”
“ठीक है, कुछ देर और रोक लेता हूँ,” चंदर मामा ने कहा, “लेकिन ज्यादा देर नहीं रोक पाऊँगा, तुम मेरे लण्ड को इतना ज्यादा हार्ड कर देती हो ना कि बस___”
“मुझे तो मजा ही हार्ड में आता है,” मम्मी ने हाँफते हुए कहा, “तुम तो त्रप्त कर देते हो मुझे, चंदर।” ये बात सुनकर मुझे प्रीती के हाथ का पिछला हिस्सा मेरे पेट पर टच करता हुआ मेहसूस हुआ, मानो वो कह रही हो, सुना तुमने?
चंदर मामा का लण्ड मम्मी की चूत में अपना काम बखूबी किये जा रहा था, और कहीं ना कहीं, कुछ हद तक मैं भी ये देख कर एक्साइटेड हो रहा था कि हमारी, यानि मेरी और प्रीती की मम्मी जिसने पापा की डैथ के बाद अकेले दम पर मुझे और प्रीती को पाल पोसकर बड़ा किया था, जिसने हमको माँ और बाप दोनों का प्यार दिया था, हमारी जरूरतें पूरी करने के लिये दिन रात मेहनत की थी, हाउसिंग लोन की किश्तें भरीं थीं, और वो सब काम किये थे जो हर एक माँ करती है, वो उस समय चरमोत्कर्ष में खोई हुई थी, अपनी चूत के पनियाने की बातें कर रही थी, वो लण्ड जो उसकी चूत में पेला जा रहा था, उसके हार्ड होने की बात कर रही थी। चंदर मामा जब अपनी गाँड़ को हिला हिला कर पीछे से मेरी माँ की चूत में अपना लण्ड पेलकर कामक्रीड़ा का मजा ले रहे थे, तो ये देखकर मेरा गला सूखने लगा, और मेरे लण्ड में कुछ कुछ हरकत होने लगी।
एक पल को मैं सोचने लगा कि मम्मी ने जब मेरा गर्भधारण किया होगा, तो क्या मम्मी इतने ही मजे ले लेकर चुदी होगी, और मुझे मन ही मन विश्वास होने लगा कि हाँ मम्मी ने मुझे इस दुनिया में लाने के लिये इसी तरह मजे लेकर चुदाई करवाई होगी। शायद मुझे और प्रीती को वहाँ से चले जाना चाहिये था, चंदर मामा जो भी मम्मी के साथ कर रहे थे वो करते हुए जी भर के चोदने देना चाहिये था, लेकिन हम दोनों जो कुछ हो रहा था उस को देखकर जड़वत हो गये थे, और हम दोनों उसी तरह वहाँ अंधेरे में छुपकर खड़े होकर, अपनी मम्मी की चूत को चंदर मामा के मोटे लम्बे लण्ड से चुदते हुए देख रहे थे।
“तुम बहुत खूबसूरत हो शकुंतला,” मैंने चंदर मामा को हाँफकर कहते हुए सुना, “बहनचोद, बहुत ज्यादा सैक्सी हो! मामा ने लण्ड के झटके मारते हुए कहा, और फिर मम्मी ने कहा, “मजा आता है ना चंदर अपनी बहन को चोदने में? मेरे इस बदन पर अब सिर्फ तुम्हारा अधिकार है, तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो।” मम्मी ने फिर अपना सिर बैड पर टिका लिया, और अपनी कमर को थोड़ा ऊपर उठाते हुए, अपनी चूत का एंगल थोड़ा चेन्ज किया, और फिर पीछे कि तरफ धक्के मारते हुए चंदर मामा के लण्ड के ऊपर अपनी चूत की थाप मारने लगीं। “मैं बस झड़ने ही वाली हूँ, चंदर!” मम्मी ने अपना सिर उठाते हुए तेज आवाज में कहा, और अपनी गाँड़ को ऊपर उछालते हुए बोली, “हाँ, बस,” थोड़ा रुकते हुए हाँफते हुए, “हो गयी!!”
मम्मी की कमर को फिर से खुदबखुद ऊपर उठ गय़ी, और उन्होने अपनी मुट्ठी में सामने की बैडशीट को कस कर जकड़ लिया, और फिर सिर उठाकर जोर से चीखने लगीं, “हे भगवान, बहुत मजा आ रहा है चंदर!!” मम्मी का बदन तीन बार जोरों से अकड़ा, और इससे पहले कि उनका बदन रिलेक्स होता, हर बार उनके गले से दबी हुई गुर्राने की निकल गयी। चंदर मामा पीछे से अपने लण्ड को पेलेते हुए, अपने होंठो को दाँतों से दबा रहे थे, और अपनी गाँड़ को आगे पीछे करते हुए दनादन मम्मी की चूत मे अपने लण्ड से ताबड़तोड़ वार कर रहे थे, और जैसे ही मामा ने अपने लण्ड से वीर्य के बीज मम्मी की आमंत्रित कर रही चूत में ऊँडेलने शुरु किये, उनकी कमर के झटके अनियंत्रित और बेकाबू होने लगे।
जब चंदर मामा ने अपने के लण्ड के झटके जब मम्मी की चूत में लगाना बंद किया तो जब उनका लण्ड मम्मी की चुत में घुसाये रखे हुए ही बोले, “शकुन्तला, मैं तो अच्छी तरह से झड़ गया, अब थोड़ी देर शांति से लेटता हूँ, तुम्हारी चूत ने तो मेरे लण्ड में से सारा पानी निचोड़ लिया।” जब चंदर मामा ने मम्मी की चूत में से अपने सिंकुड़ कर मुर्झाते हुए लण्ड को बाहर निकाला तो मम्मी ने कहा, “हाँ, तुम्हारा ही बहुत मन कर रहा था ना, तुम ही फोन पर कह रहे थे कि मेरी चूत की याद में तुम्हारा औजार बेचैन हो रहा था।” अपनी टाँगें फैलाये हुए मम्मी करवट लेकर बैड पर सीधी कमर के बल लेट गयीं, और अपनी बाँहें फैला कर चंदर मामा को अपने ऊपर आने के लिये इशारा किया। जीवन में पहली बार एक क्षण को मुझे मम्मी की चूत की एक झलक देखने को मिली, मम्मी की चूत के अंदरूनी होंठ फूले हुए थे और पानी से तरबतर होकर चमक रहे थे, और जब मामा ने अपना लण्ड मम्मी की चूत से निकाला था तो उनके लण्ड से लीक हुए वीर्य का सफेद पानी मम्मी की झाँटों पर बिछा हुआ था। चंदर मामा अपने शरीर का वजन अपनी कोन्ही पर लेकर, मम्मी के ऊपर लेटे हुए थे, दोनों एक-दुसरे को बेतहाशा चूम रहे थे, आलिंगनबद्ध होकर थूक में थूक मिलाकर एक दूसरे की जीभ को चाटते हुए, मम्मी एक पल को रूकीं और अपनी टाँगों से मामा को अपने अंदर जकड़ लिया।
फिर जब उन्होने एक दूसरे को चूमना बंद किया तो मम्मी ने चारों तरफ देखा, और फिर चंदर मामा से मुस्कुरा कर बोलीं, “चलो, अब जल्दी से कपड़े पहनकर सो जाते हैं, कहीं बच्चे जाग ना जायें,” और फिर मामा के लण्ड को अपनी मुट्ठी में भरते हुए आगे बोलीं, “पर सचमुच तुम्हारा ये बहुत अच्छा है, बहुत मजा आता है।” मुझे लगा प्रीती मेरी शर्ट पकड़ कर नुझे खींच रही थी, और हम दोनों तुरंत वहाँ मम्मी के रूम के दरवाजे से खिसक लिये, और प्रीती का रूम जो कि मम्मी के रूम के बिल्कुल बगल में था, वहां चुपचाप रूम के दरवाजे के पीछे छुपकर खड़े हो गये।
वहाँ खड़े होकर, मम्मी के रूम में जो कुछ हो रहा था उसकी हल्की हल्की आवाजें सुनाई दे रहीं थीं, मम्मी के रूम से अटैच्ड बाथरूम में से नल से पानी गिरने की आवाज सुनाई दे रही थी, और फिर कुछ मिनटों के बाद मम्मी और चंदर मामा रूम से बाहर निकल कर किचन की तरफ जाते हुए दिखाई दिये, और फिर पिछले दरवाजे से आँगन में निकल गये। दोनों ने अपने पूरे कपड़े पहन रखे थे, लेकिन मम्मी के बाल अभी भी खुले हुए थे। मैं और प्रीती दोनों प्रीती के रूम कि खिड़की जो आँगन की तरफ खुलती थी, उसमें से झांककर मम्मी और मामा को खुले आसमान के तले आँगन में एक दूसरे का हाथ थामे हुए कुर्सियों पर बैठे हुए देख रहे थे, दोनों किसी ऐसे मिडल एज जोड़े की तरह लग रहे थे जिसने अभी कुछ देर पहले कुछ ही मीटर दूर मम्मी के रूम में हवस और वासना का नंगा नाच खेलकर, बेतहाशा चुदाई करते हुए एक दूसरे की जिस्म की आग को ठंडा किया था।
जिस तरह कुछ देर पहले उन दोनों की चुदाई देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, उसी तरह जब मेरे मन में ये विचार आया कि मम्मी की चूत अभी भी चंदर मामा के वीर्य से भरी हुई होगी, और अभी भी चंदर मामा का लण्ड और टट्टे अभी भी मम्मी की चूत के रस से सने हुए होंगे, तो ये सोचकर ना जाने क्यों मेरे बदन में उत्तेजना की एक लहर सी दौड़ गयी।
|