bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-01-2019, 05:58 PM,
#69
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना अभी सोच ही रही थी कि वीरेंदर से किस तरह बात करनी है उसका मोबाइल बज उठा "ज़रा-ज़रा टच मी......". वेटिंग हॉल मे सो रहे सभी लोग अब तक उठ गये थे और आशना को घूर्ने लगे. आशना ने सबकी नज़रें जब अपने उपर देखी तो वो शरमा गई और फोन ऑन करके उठ कर बाहर की तरफ आ गई. 

आशना: हेलो. 

त्रिवेणी:मेरी जान, मेरे जानेमन ने कहा है कि .................. हॉस्पिटल मे जाकर आधे घंटे मे अपना आइ-कार्ड कलेक्ट कर लो. 

आशना: ओह,थॅंक्स त्रिवेणी तू नही जानती तूने मेरे लिए क्या किया है. 

त्रिवेणी: थॅंक्स तो विजय का बोलना चाहिए, लेकिन तू टेन्षन मत ले मैं उस से मिल कर तेरी तरफ से अपने तरीके से थॅंक्स बोल दूँगी, बाइ टेक केयर और जल्दी मिलके बताना कि आख़िर यह चक्कर क्या है मेडम. 

आशना: बाइ. 

आशना ने प्रिया को फोन लगाया तो पीछे से उसे प्रिया की आवाज़ आई "तुमने पुकारा और हम चले आए, साथ मैं चाइ भी ले आए रे"आशना ने पीछे मूड कर देखा तो प्रिया को देखकर दौड़ कर उसे गले लगा लिया और बोली: सब ठीक हो गया प्रिया, बस अब तुझे मेरा थोड़ा साथ देना होगा ताकि हम सब ठीक कर सकें. 

प्रिया: तो चलो फिर चाइ पीते हैं और बैठ कर बात भी कर लेते हैं.दोनो कॅंटीन मे चली गई, प्रिया ने कॅंटीन से दो स्टफ्ड कुलछा लिए और दोनो चाइ के साथ साथ कुलछा खाने लगी. 

आशना: प्रिया मेरे कारण तुझे भी इतनी टेन्षन हो गई है.

प्रिया: वो तो है यार, लेकिन क्या करूँ मजबूरी है. 

आशना ने हैरानी से उसे देखा. 

प्रिया: लगी ना मिर्ची. चल अब ज़्यादा नाटक मत कर, एमोशनल होने की ज़रूरत नहीं है, बोल क्या फेवर चाहिए तुझे मुझसे. 

आशना: तू बहुत चालाक है प्रिया, एक दम से पहचान जाती है कि सामने वाला इंसान क्या चाहता है. 

प्रिया: तभी तो, अगर मुझे तूने कल सुबह ही मोनू की बात बता दी होती तो शायद आज हम यहाँ नहीं होते. 

आशना: जो होना था वो हो गया, अब सोचना यह है कि हम इस मुश्किल से कैसे निकले. 

प्रिया: मुश्किल???? 

आशना: तू चल मेरे साथ मे बताती हूँ. आशना ने बाहर आकर स्कूटी स्टार्ट की और प्रिया को पीछे बैठने का इशारा किया. 

प्रिया: कहाँ जा रहे हैं हम? 

आशना: पीछे बैठ सब बताती हूँ, अच्छा यह बता कि ................... हॉस्पिटल किस रोड पर है और यहाँ से कॉन सा रोड पाकडूं. 

प्रिया: क्यूँ क्या इस क्लिनिक के डॉक्टर.स पर तुम्हे विश्वास नहीं है क्या? 

आशना: अब कुछ मत पूछना और चुप चाप बैठी रह, बस मुझे रास्ता बताती जा. 
प्रिया , आशना को रास्ता बताती गई और दोनो कोई 40 मिनिट मे उस हॉस्पिटल के पास मेडिकल कॉलेज पहुँच गये थे. सुबह के 7:30 बजे कॉलेज के कारण बाहर कोई ज़्यादा चहल पहल नहीं थी, बस सफाई करम्चारी अपने अपने काम मे लगे हुए थे. आशना ने रिसेप्षन काउंटर पर जाकर प्रिन्सिपल ऑफीस के बारे मे पूछा तो रिसेप्षन काउंटर पर बैठी एक अधेड़ उम्र की औरत ने पहले तो दोनो को घूर कर देखा और फिर बोली: प्रिन्सिपल सर अभी आए नहीं हैं, 10:00 बजे आना. यह कह कर वो औरत दोबारा आँखे बंद करके अपनी कुर्सी पर सुसताने लगी. 

आशना: जी देखिए, मुझे देल्ही से ................. हॉस्पिटल से डॉक्टर. विजय शर्मा ने भेजा है. 

इतना सुनते ही वो औरत एकदम खड़ी हो गई और हड़बड़ाते हुए बोली: आर.. आर..अरे आ.आ.आप ने पहले क...क्यूँ नहीं बताया. आइए आइए बैठिए ना. 

प्रिया उस औरत के बदलते तेवर देख कर एक दम हैरान थी.

आशना: नहीं मुझे प्रिन्सिपल साहब से मिलना है. 

औरत: प्रिन्सिपल साहब ने आपके लिए कुछ रखा है, यह लीजिए. 

आशना ने उसके हाथ से एन्वेलप लिया और उसे खोल कर उसमे से आइ-कार्ड निकाल लिया, जिसपर लिखा था "आशना शर्मा, डी/ओ लेट श्री. मनोहर शर्मा, आर/ओ जानकी विहार न्यू देल्ही, सें-5थ, वॅलिड फ्रॉम औग 2012 टू एप्रिल 2013. आशना ने अपने वॉलेट से अपनी स्नॅप निकाल कर उसपर चिपकाई और उस औरत को कहा कि इस पर स्टंप लगा दो. 
औरत ने उन्हे बैठने के लिए बोला और खुद सीडीयाँ चढ़कर उपर चली गई. प्रिया हैरानी से आशना को देख रही थी. प्रिया उस से काफ़ी कुछ पूछना चाहती थी मगर इस वक्त उसने चुप रहना ही ठीक समझा. कोई 5 मिनिट के बाद वो औरत आई और आशना के हाथ मे आइ-कार्ड देते हुए बोली: यह लीजिए. 

आशना: थॅंक्स और उठ कर जाते हुए बोली: प्रिन्सिपल सर को मेरा थॅंक्स बोलना. 

बाहर आते ही आशना ने अपने मोबाइल पर त्रिवेणी का नंबर. डाइयल किया और त्रिवेणी के फोन उठाते ही आशना बोली " अपने विजय को मेरी तरफ से ज़ोर से थॅंक्स कहना, और मैं जल्द ही तुझसे मिलने दिल्ली मे आउन्गि, बाइ थॅंक यू सो मच". 

फोन रखते ही उसके कानो मे प्रिया की आवाज़ पड़ी, "यह सब क्या हो रहा है आशना"? 

आशना: बताती हूँ, चल स्कूटी तू चला. प्रिया ने स्कूटी स्टार्ट की और आशना उस के पीछे बैठ गई. मेडिकल कॉलेज से बाहर निकलते ही प्रिया ने बोला: अब बोलेगी भी या मुझे और परेशान करेगी. 

आशना: बताती हूँ, सुन. 

आशना:तूने परसो रात को मुजसे पूछा था ना कि मैं वीरेंदर को पहले से कैसे जानती हूँ. 

प्रिया: हां और तूने बताया था कि वो तेरी फ्रेंड का भाई है. 

आशना: नहीं वो झूठ था, वीरेंदर मेरी किसी फ्रेंड का नहीं बल्कि मेरा ही चचेरा भाई है. उसके अलावा जो कुछ भी तुझे बताया था वो सब सच है. 

प्रिया ने एकदम स्कूटी की ब्रेक्स दबाई और चिल्लाई "क्या"? तू होश मे तो है, तू क्या बोल रही है तुझे पता भी है. तेरा भाई अंजाने मे तुझसे प्यार करने लगा है और तूने उसे सच बताया भी नहीं. कैसी लड़की है तू अपने भाई को ही अपने प्यार मे फसा लिया. आशना मुस्कुराती रही और प्रिया की बातें सुनती रही. 

आशना: जो बोलना है बोलती रह, लेकिन प्लीज़ स्कूटी चलाती रह, वीरेंदर के होश आने से पहले हमे हॉस्पिटल पहुँचना है. 

प्रिया ने स्कूटी स्टार्ट की और कुछ देर खामोश रहने के बाद बोली: तो इसका मतलब तू भी वीरेंदर से...... लेकिन तुझे तो पता था ना कि वो तेरा भाई है. आशना चुप रही. 

प्रिया: पागल मत बन आशना , जो रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है उसपर कलंक लगाते हुए तूने ज़रा भी नही सोचा. 

आशना:बहुत सोच समझ कर यह फ़ैसला लिया है प्रिया, शायद तू नहीं समझेगी. बस एक बार अपने आप को मेरी जगह रख कर सोच. 

प्रिया: मेरे लिए ऐसा सोचना भी पाप है. हालाँकि मेरा कोई भाई नहीं है मगर फिर भी ऐसा सोचना भी इतना अजीब लगता है लेकिन तू तो........ 

प्रिया: चलो मान लेती हूँ कि तू उसके सामने उसकी बेहन बनकर जाना नहीं चाहती थी, लेकिन उसके घर मे जाकर उसकी सेवा करने की क्या ज़रूरत थी? वहीं कहीं आस-पास रहकर भी तो उसकी खबर ले सकती थी. 

आशना: हां, मगर उस वक्त मुझे यही सब से सही लगा और डॉक्टर. बीना ने भी मुझे यही सलाह दी. 

प्रिया: शी बिच, तुम नहीं जानती तुमने उसकी बातों मे आकर क्या कर लिया है. वीरेंदर तुम्हारे प्यार मे इतना पागल हो गया है कि वो तुम्हारे पीछे यहाँ तक आ पहुँचा और जब उसे पता लगेगा कि जिस लड़की को उसने प्यार किया वो उसकी ही बेहन है. एक धोखा तो वो पहले ही बर्दाश्त कर चुका है, इस बार वो शायद बर्दाश्त ना कर पाए. 

आशना: वीरेंदर को मेरी सच्चाई पता लग चुकी है, उसे मोनू ने मेरे बारे मे सब बता दिया था. 

प्रिया: क्या?????? तो इसका मतलब उसकी इस वक्त जो हालत है इसी सच की वजह से है. 

आशना: हां. 

प्रिया: चलो अच्छा है कि उसे सब कुछ टाइम रहता पता चल गया, लेकिन तूने यह अच्छा नहीं किया. 
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