bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
02-02-2019, 12:34 AM,
RE: bahan sex kahani भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बिहारी कमरे में आकर एलसीडी ऑन करके बेड पर लेट गया और चॅनेल बदल बदल कर अपना टाइम पास करने लगा. बिहारी यह सोच रहा था कि धीरे धीरे रागिनी के मन में भी यह बात घर कर गई है कि वो उसकी प्यास नहीं बुझा सकता. बिहारी ने ठान लिया कि रागिनी को इसी तरह तड़पने देगा ताकि कुछ ही दिनो में वो एक भूखी कुतिया की तरह कहीं भी किसी से भी चुदने को तैयार हो जाए. रागिनी भी अपने ख़यालो मे खोई हुई यह सोच रही थी कि विराट की उम्र थोड़ी ज़्यादा है तो उसे ही धीरज से काम लेना होगा. उसने मन मे ठान लिया कि आज के बाद विराट को ज़्यादा परेशान नहीं करेगी. जब भी विराट का मन होगा वो तभी आगे कदम बढ़ाएगी. वो नहीं चाहती थी कि विराट अपनी उम्र की वजह से सेक्स की नाकामी की हीन भावना में अपना दिल छोटा करे. 

करीब आधे घंटे बाद चिकन पकोड़ा, मटन, चपातियाँ, पपद, सलाद और पीनिट्स लेकर रागिनी ने बिहारी के कमरे की टेबल पर सज़ा दिया. 

बिहारी: वाह, तुमने तो कमाल ही कर दिया, आज तो सच में पार्टी हो गई. 

रागिनी: आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ. 

बिहारी ने अपनी कमीज़ उतारी और बेड पर आराम से टेक लगा कर बैठ गया. बिहारी की बालों से भरी चौड़ी छाती देख कर रागिनी के मन में भी उथल पुथल मचने लगी. 

बिहारी: तुम भी चेंज करके आराम से बेड पर आ अजाओ. 

रागिनी: आप आराम से बैठिए मैं खाने के बाद बर्तन सॉफ करके ही चेंज करूँगी. 

बिहारी: क्या बात है??? मूड नहीं है क्या???

रागिनी: आपका मूड है तो मेरा क्यूँ नही होगा बस काम ख़तम करके फिर सारी रात तो आपके साथ ही रहना है. 

बिहारी: यह भी ठीक रहेगा. चलो फ्रिड्ज से अपने लिए बियर निकाल लाओ. 

रागिनी: आप नहीं पिएँगे??? 

बिहारी: मैं बियर नहीं पीता.

रागिनी: तो फिर मैं भी नहीं पियूंगी. 

बिहारी: मैं विस्की लूँगा, क्या तुम भी पियोगी????. 

रागिनी: आप विस्की भी पीते हैं???

बिहारी: तो तुम्हे क्या लगा कि मुझे सिर्फ़ चूत पीना ही आता है. रागिनी का चेहरा शरम से लाल हो गया. 

रागिनी उठी और फ्रिड्ज से एक बियर निकाल कर ले आई. बिहारी ने बियर का कॅन खोला और एक लंबा घूँट भरा. उसने इशारे से रागिनी को अपने पास बुलाया. रागिनी उसके पास आकर बेड पर बैठ गई तो बिहारी ने उसे पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिए. इस अचानक हमले से रागिनी हैरान रह गई और उसका मुँह खुल गया. बिहारी ने अपने मुँह से बियर उसके मुँह में डाल दी और उसके होंठ कस के चूस लिए. एक हूंक के साथ बियर का घूँट रागिनी के गले से नीचे उतर गया. रागिनी ने बिहारी की छाती पर प्यार से हाथ रख दिया और अपना हाथ धीरे धीरे चलाने लगी. बिहारी ने अपने होंठ रागिनी के होंठों से अलग किए और रागिनी की तरफ देख कर कहा: जाओ सामने अलमारी में विस्की की बॉटल रखी है उसे ले आओ. रागिनी की आँखें नशीली हो गई थी बिहारी के चूमने से. वो उठी और अलमारी में रखी बॉटल ढूँडने लगी. 

जब तक रागिनी बॉटल ढूँढ कर लाती बिहारी ने एक टॅबलेट (जो कि बीना ने उसे दी थी प्रेग्नेन्सी रोकने के लिए) रागिनी के कॅन में डाल दी और अच्छे से मिक्स कर दी. रागिनी बॉटल लेकर आई तो बिहारी ने उसे उसके लिए पेग बनाने के लिए कहा. रागिनी को पेग बनाना नहीं आता था. बिहारी ने उसे पेग बनाना सिखाया और बिहारी ने उसे बियर का कॅन पकड़ते हुए कहा "चियर".

रागिनी: आप पीजिए, मैं नहीं पी पाउन्गी, बहुत कड़वी है. 

बिहारी: मेरी खातिर भी नहीं पीओगी???

इतना सुनते ही रागिनी ने कॅन होंठों से लगाया और एक लंबा घूँट भर लिया. रागिनी ने बुरा सा मुँह बनाया तो बिहारी हंसा और बोला: थोड़ी देर ही कड़वी लगेगी, एक बार जब नशा हो जाएगा तो इस से मीठी चीज़ तुम्हे कोई लगेगी ही नहीं और तुम और माँगोगी. दोनो ने पीने के साथ खाना शुरू किया. बिहारी ने एक पेग ख़तम करके दूसरा पेग बनाया. आधी बियर पीते पीते रागिनी को भी नशा होने लगा था. उसे महसूस होने लगा कि उसका शरीर काफ़ी हल्का हो गया है. दिन भर से जो उसका जिस्म सेक्स की आग मे तड़प रहा था अब वो तड़प एक दम कहीं गायब हो गई थी. उसे ऐसा प्रतीत हो रहा था के वो हवा मे उड़ रही है. 

बिहारी: पियो ना, रुक क्यूँ गई. 

रागिनी ने अपने आगे पड़े कॅन को देखा और उसे उठाने के लिए जैसे ही था आगे बढ़ाया उसका हाथ कॅन की साइड से निकल गया. बिहारी समझ गया के रागिनी को नशा हो चुका है. 

बिहारी: क्या हुआ, इतने मे ही बस हो गई. अरे राजपूत की लड़की हो लेकिन आधी बियर मे ही बस हो गई. 

रागिनी ने ताव मे आकर कॅन पकड़ा और होंठों से लगा लिया. रागिनी ने बाकी की बियर एक ही बार मे पी ली और सटक से कॅन टेबल पर रख दिया. 

बिहारी: यह हुई ना बात. एक ही बार में इतनी बियर पीने के बाद रागिनी के पेट मे जलन होने लगी. अब जल्दी से कुछ खा लो सब ठीक हो जाएगा. रागिनी ने धीरे धीरे खाना शुरू किया.

बिहारी: चिकन पकोड़ा यहीं रहने दो, बाकी का समान उठा कर किचन मे छोड़ आओ और जल्दी से किचन सॉफ करके आ जाओ. 

रागिनी जैसे ही उठी उसे लगा कि उसे चक्कर आ जाएगा. बड़ी मुश्किल से उसने सारे बर्तन उठाए और किचन तक पहुँची.बिहारी, रागिनी की हालत देख कर खुश हो रहा था. एक बार उसने बीना को भी ऐसे ही पिलाकर छोड़ा था और उसी दिन उसने पहली बार बीना की गान्ड मारी थी. लेकिन उस दिन वो इतने नशे मे था कि उसे होश ही नहीं रहा कि उसने बीना को कितनी तकलीफ़ पहुँचाई थी. बिहारी ने तीसरा पेग लगाया और प्लेट उठाकर किचन की तरफ आ गया. रागिनी नशे मे मस्त होकर बर्तन सॉफ कर रही थी. 

बिहारी ने उसकी गान्ड पर हाथ रखा तो रागिनी के मुँह से निकला: ऊचह. 

बिहारी: क्या गान्ड पाई है तूने, अगर तू मेरी बीवी ना होती तो तेरा रेप कर देता. 

रागिनी(लड़खड़ाती आवाज़ मे): अब रेप करने की ज़रूरत नहीं है आपको, आप चलिए मे अभी आती हूँ. 

बिहारी कमरे मे जाकर बेड पेर बैठ गया. आँखें मूंद कर वो आने वाले हसीन पल का इंतज़ार करने लगा. तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और रागिनी अंदर आई. 

बिहारी: बड़ी जल्दी आ गई, लगता है बियर ने आग और बढ़ा दी है. 

रागिनी: आग तो बहुत बढ़ गई है लेकिन सेक्स से ज़्यादा टाय्लेट की ओर हँसती और लड़खड़ाती हुई बाथरूम मे घुस गई. अपने पेट को सॉफ और हल्का करने के बाद जब रागिनी बाहर आई तो देखा बिहारी आँखें बंद करके बेड पर लेटा हुआ है. रागिनी ने धीरे से वो ड्रेस निकाली जो उसने आशना के बाथरूम से उठाई थी और किचन में आ गई. रागिनी ने झट से किचन सॉफ किया और आशना की ड्रेस पहन ली. वो ड्रेस उसे ऐसे फिट हो गई जैसे उसी के लिए बनी हो. 

फिर रागिनी अपने प्लान के मुताबिक घर से बाहर आ गई और दरवाज़ा बंद करके बेल बजाई. थोड़ी देर के बाद जब उसे कोई जवाब नहीं मिला तो उसने लगातार काफ़ी बार बेल बजाई.


थोड़ी देर बाद उसे बिहारी की आवाज़ आई: रागिनी, रागिनी कहाँ हो तुम ,देखो तो दरवाज़े पर कॉन है. रागिनी ने फिर से लगातार बेल बजाई तो बिहारी झल्ला कर बोला: अरे खोलता हूँ. कॉन है इस वक्त????? 

रागिनी ने फिर से बेल बजाई और दरवाज़े की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई. बिहारी ने दरवाज़ा खोला(वो अभी भी उपेर से नंगा ही था) और सामने खड़ी रागिनी की पीठ देख कर उसे आशना समझ लिया और बोला: आशना तुम!!!!!!!!!.


रागिनी ने झट से अपना चेहरा बिहारी की तरफ पलटा और बोली: यह आशना कॉन है विराट.???

बिहारी(एक दम आँखें बड़ी करते हुए): तुम???? लेकिन यह कपड़े तो आशना के .............

बिहारी का सारा नशा उतर गया और बोला: यह क्या मज़ाक है रागिनी. 

रागिनी: यही तो मैं आप से पूछ रही हूँ विराट, यह क्या मज़ाक है और यह आशना कॉन है?????

बिहारी एक दम रागिनी के मन की बात ताड़ गया और बोला: आशना, वीरेंदर की रखैल है लेकिन तुम ने उस कुतिया के कपड़े क्यूँ पहन रखे है????. 

बिहारी की बात सुनकर रागिनी की जान मे जान आई और बोली: मुझे माफ़ कर दो विराट मैं तो कुछ और ही समझी थी. 

बिहारी: रागिनी, तुमने मुझ पर शक किया???

रागिनी, बिहारी के सीने से चिपक गई और बोली मुझे माफ़ कर दो विराट, मैं आपका दिल दुखाना नहीं चाहती थी. 

बिहारी ने उसके सर पर हाथ फेरा और बोला: पगली मुझ से पूछ लेती मैं तुम्हे सब सच बता देता. रागिनी से उसकी तरफ देखा तो बिहारी बोला: आशना वीरेंदर की नयी रखैल है और उसके साथ उपेर ही रहती है. इस वक्त भी वो दोनो बॅंगलॉर में गुलशर्रे उड़ाने गये हैं.रागिनी ने बिहारी को और कस के पकड़ लिया. 

रागिनी: आइ लव यू विराट, मुझे पता था कि तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते. 

बिहारी: चलो छोड़ो यह सब और अंदर चलो. 

रागिनी और बिहारी अंदर आगये और कमरे की रोशनी मे जब बिहारी की नज़र रागिनी के जिस्म पर पड़ी तो वो भी सोचने लगा कि रागिनी और आशना का जिस्म तो बिल्कुल एक जैसा है. जिस तरह यह ड्रेस आशना पर फिट थी ठीक उसी तरह यह ड्रेस रागिनी पर भी फिट है. 

रागिनी: क्या देख रहे हैं आप??

बिहारी: सोच रहा हूँ कि भगवान ने मेरी सुन ली. 

रागिनी(मुस्कुराते हुए) वो कैसे???

बिहारी: जब आशना को पहली बार देखा था तो मुझे वीरेंदर से काफ़ी ईर्ष्या हुई थी. लेकिन अब तुम्हे पाकर ऐसा लगता है कि भगवान ने मेरी कमी पूरी कर दी. 

रागिनी: अच्छा जी, तो आपको भी वो पसंद आ गयी थी. 

बिहारी: देखो मैं भी इंसान हूँ और अगर कोई लड़की पसंद आ भी गई तो इसमे बुरा क्या है. मैने तो सिर्फ़ उसके बारे मे सोचा था कुछ किया थोड़े ही. 

रागिनी: और अगर वो आपको मोका देती तो??

बिहारी: सच पूछो तो मुझे उस से नफ़रत है और इसी नफ़रत की वजह से शायद मैं उसके साथ कुछ भी कर देता जो मैने सोचा था. 

रागिनी: नफ़रत????

बिहारी: हां नफ़रत, वो साली मुझ पर मालकिन की तरह रोब झाड़ती है. वीरेंदर की तरह वो भी मुझ से नौकरों जैसा सलूक करती है और मुझे "बिहारी काका" के नाम से बुलाती है. 

रागिनी: "बिहारी काका"???

विराट: हां, बिहारी काका हमारे घर का एक पुराना नौकर था, उसके जाने के बाद वीरेंदर मुझ से नौकरों की तरह बर्ताव करने लगा तो कभी कभी वो भी मुझे इसी नाम से बुलाने लगा और अब मुझे भी इस नाम की आदत हो गई है. वीरेंदर के बुलाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है आख़िर वो मेरा भाई है लेकिन वो साली रांड़ भी मुझे इस नाम से बुलाती है यह जानते हुए भी कि मैं वीरेंदर का बड़ा भाई हूँ. 
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