RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी:- जी अंकल...सुहानी कक ध्यान सिर्फ उनकी उंगलियो पे था...वो क्या बोल रहे है कुछ समझ नही आ रहा था। उसके पसीने छूटने लगे। डर के मारे जब उसने निचे देखा तो उसका ध्यान चाचा के लंड पे गया...उन्होंने ककुर्ता पैजामा पहन रखा था इसके बावजूद उनके लंड का उभार दिखाई दे रहा था। सुहानी समझ गयी की चाचा जान बुज कर ये हरकत कर रहा है। लेकिन कल तक ठीक से हाय हेल्लो नहीं करने वाला इंसान आज उससे इतनी नजदीकियां क्यू बढ़ा रहा है ये सोच के सुहानी के दिल को एक अजीब सा सुकून मिल रहा था।
चाचा:- कहा खो गयी?? मैं कुछ पूछा तुमसे??
सुहानी:- अ..क..क्या अंकल??
चाचा:- अरे मैं पूछ रहा था तुम कब शादी करने वाली हो??
सुहानी:- मुझसे कोण शादी करेगा अंकल...सुहानी के इस बात में दर्द था जो वो कभी ककिसीसे कह। नहीं पति थी।
चाचा:ह ऐसा क्यू सोचती हो?? तुम खूबसूरत ना सही पर ...
सुहानी:- पर क्या अंकल...
चाचा:- पर..तुम अछि लगती हो..
सुहानी:- ये क्या बात हुई...खूबसूरत नहीं पर अच्छी...
चाचा:- अरे मेरा मतलब है की...बाकि चीजे बहोत अच्छी है...ऐसी तो मैंने आजतक नहीं देखि...वो सुहानी की चुचियो की तरफ देखते हुए कहने लगे....सुहानी ने देखा की चाचा उसकी चुचियो को देख के ये बात बोल रहे थे।
सुहानी की धड़कन तेज होने लगी थी। चाचा उसके चहरे के बदलते हावभाव पढ़ रहा था। उसका छूना सुहानी अच्छा लग रहा है ये बात उसने जान ली....उसने धीरे से अपना हाथ ऊपर ककए और बढ़ाया...सुहानी ये देख की चाचा उसकी गांड पे हाथ रखना चाहता है वो झट से दूर हो गयी। चाचा को झटका सा लगा...वो मन में...
चाचा:- ओह्ह्ह थोडा जल्दबाजी कर दी...आराम से लेना पड़ेगा ...पर वाकई क्या माल है ...साला आजतक कैसे छूट गयी ये मेरी नजर से...
चाचा:- क्या हुआ सुहानी??
सुहानी:- क..कु..कुछ नहीं अंकल...तभी पूनम की मम्मी ने सबको आरती के लिए बुला लिया...पूजा खत्म होने के बाद सब ने मिल के खाना खाया...फिर सब बैठ के बाते करते रहे...इस दौरान चाचा सुहानी के तरफ कुछ जादा ही ध्यान दे रहा था। सुहानी इस बात से डर भी रही थी और खुश भी थी।
रात को सब अपने अपने कमरे जाने लगे...सुहानी हमेशा पूनम के कमरे में रहती थी लेकिन आज वो गेस्ट रूम में रहने वाली थी। पूनम और विनीत ने कहा की वो पूनम के साथ रह ले विनीत गेस्ट रूम में रह लेगा...लेकिन सुहानी ने मना कर दिया।
सुहानी रूम में आयी और चेंज करके बाहर बालकनी में गयी...बाहर का नजारा देलहने लगी...तभी उसने देखा की बाजु में चाचाजी बालकनी में खड़े हो के स्मोकिंग कर रहे थे। दोनों की नजरे मिली तो दोनों ने स्माइल किया...सुहानी को शाम को बक्की चीजे याद आयी तो वो शर्मा गयी...अंकल उसकी और बढे...उन्हें अपनी और आता देख सुहानी भी आगे बढ़ी....दोनों बालकनी के बिच थोडा अंतर था।
चाचा:- ह्म्म्म तो आज गेस्ट रूम में हो तुम
सुहानी:- हा...
चाचा:- हा अब पूनम अपने पति के साथ रहेगी और मजे करेगी...
ये सुन के सुहानी शर्मा गयी...
सुहानि:- आंटी सो गयी??
चाचा:- हा...इतने दिनों से भाग दौड़ चल रही थी...आज आराम से दो पेग लगाये और सो गयी....
सुहानी:- ओह्ह...
चाचा:- मेरा अब तीसरा चल रहा है...तुम्हारे लिए बनाऊ??
सुहानी:- नहीं...मैं नहीं पीती....
चाचा:- अरे हा क्या?? पर पूनम तो पीती है कभी कभी...
सुहानी:- हा...पार्टी होती है तो थोडा पि लेती है...
चाचा:- तो तुम क्यू नहीं पीती??
सुहानी:- बस ऐसेही....
चाचा:- तो आज मेरे साथ एक छोटा सा पेग पिलो...
सुहानी:- नहीं अंकल...
चाचा:- अरे एक से कुछ नहीं होता....और हो भी जाय तो मैं हु ना सँभालने के लिए...
चाचाजी सुहानी के टाइट टॉप में उसके बूब्स को देखते हुए कहा....सुहानी कोसमझ गया की उसकी नजर कहा है....
सुहानी:- नहीं मुझे नहीं पीना....
चाचा:- अरे कुछ नहीं होता...मुझे भी कंपनी मिल जायेगी....तुम्हारी चाची तो सो गयी टुन्न हो के...रुको मैं उधर आता हु...ऐसा बोल।के वो अंदर गए और शराब की बोतल और बाकि आइस लेके वापस आये और बिच की स्लाइडिंग खोल के उसमे से सुहानी वाले रूम के बालकनी में। *आ गए...वहा दो चेयर और छोटा टेबल था उसपे बैठ गए....
सुहानी:- अंकल आप लीजिये मैं नहीं पियूंगी....
चाचा:- बस छोटा ...मेरे साथ बैठो...
ऐसा बोल के चाचा ने कोटा बोल के बड़ा सा पेग बना दिया...और सुहानी को थामा दिया।
सुहानी थोडा सा पिया...
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