RE: Indian Sex Story बदसूरत
सुहानी:- मन में उफ्फ्फ ये क्या बोल रहे है उम्म्म्म मेरी चूत तो फड़फड़ाने लगी है स्सस्सस्सस और उनका लंड भी कबसे खड़ा है और ऐसे मसल रहे है मेरे सामने अह्ह्ह्ह्ह
वो आगे कुछ बोल पाती...तभी सुहानी का फ़ोन बजने लगा। वो अंदर गयी और फ़ोन पे बात करने लगी। इधर चाचाजी अब बेसबरे हुए जा रहे थे। उन्होंने और एक पेग लिया और एक ही झटके में पि गए। इधर सुहानी अपने मम्मी से बात कर रही थी और इधर चाचाजी ने एक और पेग खत्म किया। लाघबघ 10 मिनट हो चुके थे। चाचाजी पर अब शराब काफी हावी हो चुकी थी। इतनी देर बाद सुहानी वापस नहीं आयी ये देखने के लिए चाचाजी भी रूम में चले गए। सुहानी ने देखा की चाचाजी रूम में आ रहे है तो उसने मम्मी से कहा की वो अब फ़ोन रख रही है। चाचाजी अब अपने होशो हवास में नहीं थे। *सुहानी ये देख के समझ गयी की चाचाजी कको शराब कुछ जादा ही चढ़ गयी है।
सुहानी:- अंकल मुझे लगता है आपको अब अपने रूम में जाना चाहिए।
चाचाजी:- नशे में...ओह्ह क्यू??
सुहानी:- आपको जादा हो गयी है। चलिए मैं आपको रूम तक छोड़ आती हु।
सुहानी:- अच्छा?? ऐसा क्या ख़ास करते हो आप??
चाचाजी:- वो तो जब तुम्हारी। मालिश करूँगा तब पता चल ही जाएगा...
सुहानी:- फिर भी कुछ तो ख़ास होगा...
चाचाजी:- मेरे पास स्पेशल क्रीम है...उसे लगा के मालिश करो तो उससे मजा भी आता है और बड़े भी होते है।
सुहानी को ये समझा नहीं।
सुहानी:- तो मुझे दे दीजिये...मैं खुद कर लुंगी।
चाचाजी:- वो ऐसे नहीं दे सकता...उसके लिए पहले बहोत कुछ करना पड़ता है...
सुहानी:- अभी नही है क्या आपके पास...खत्म हो गयी??
चाचाजी:- बहोत है...और वो कभी खत्म नही होती...बहोत भरी हुई है बोतल...
चाचाजी अपना लंड दबाते हुए बोले...फिर एकदम से सुहानी को क्लिक हुआ की वो किस क्रीम की बात कर रहे है।
सुहानी को समीर का झड़ना याद आ गया।
सुहानी:-तो निकालिये ना बोतल से...सुहानी बहोत ही मादक तरीके से बोली...अब उसका मुड़ भी शरारती हो चूका था।
चाचाजी:- बोतल बहोत दिनों से बंद है...जाम हो चुकी है...क्रीम निकलने के लिए...उसे हिलाना पड़ेगा...या हो सकता है चूसना भी पड़े...
सुहानी चूसना सुनके एकदम चौक पड़ी।
सुहानी:- मन में उफ्फ्फ ये क्या बोल रहे है उम्म्म्म मेरी चूत तो फड़फड़ाने लगी है स्सस्सस्सस और उनका लंड भी कबसे खड़ा है और ऐसे मसल रहे है मेरे सामने अह्ह्ह्ह्ह
वो आगे कुछ बोल पाती...तभी सुहानी का फ़ोन बजने लगा। वो अंदर गयी और फ़ोन पे बात करने लगी। इधर चाचाजी अब बेसबरे हुए जा रहे थे। उन्होंने और एक पेग लिया और एक ही झटके में पि गए। इधर सुहानी अपने मम्मी से बात कर रही थी और इधर चाचाजी ने एक और पेग खत्म किया। लाघबघ 10 मिनट हो चुके थे। चाचाजी पर अब शराब काफी हावी हो चुकी थी। इतनी देर बाद सुहानी वापस नहीं आयी ये देखने के लिए चाचाजी भी रूम में चले गए। सुहानी ने देखा की चाचाजी रूम में आ रहे है तो उसने मम्मी से कहा की वो अब फ़ोन रख रही है। चाचाजी अब अपने होशो हवास में नहीं थे। *सुहानी ये देख के समझ गयी की चाचाजी कको शराब कुछ जादा ही चढ़ गयी है।
सुहानी:- अंकल मुझे लगता है आपको अब अपने रूम में जाना चाहिए।
चाचाजी:- नशे में...ओह्ह क्यू??
सुहानी:- आपको जादा हो गयी है। चलिए मैं आपको रूम तक छोड़ आती हु।
ले जाइए यहासे...और वो उनकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी...उसे लगा की उसके ऐसे ग़ुस्से से बोलने के बाद चाचाजी चले जायेंगे लेकिन चाचाजी चलते हुए उसके पास आये और उसकी कमर में अपना हाथ डाल के पिछेसे सुहानी को अपनी तरफ खीच लिया अपना लंड उसकी गांड पे दबाते हुए उसके गले को किस ककरन लगे। सुहानी ने उनके हाथ पकड़ लिए और छुटने की कोशिस करने लगी। पर चाचाजी उसके गले को चूम रहे थे अपनी जुबान से चाट रहे थे उससे सुहानी के तन बदन में आग लगने लगी। उसका विरोध कम होने लगा। उतने में चाचाजी ने अपने हाथ ऊपर सरकाते हुए उसकी चुचियो पे रख दिया और उसे मसलने लगे।
चाचाजी:- अह्ह्ह्ह सु..सुहानी उम्म्म कितनी बड़ी और सख्त चुचिया है तुम्हारी उम्म्म्म
सुहानी को अपनी चुचियो चाचाजी के हाथो का स्पर्श बहोत अच्छा लग रहा था वो उनके हाथो पे अपना हाथ बस रख के आँखे बंद करके मजा लिए जा रही थी अपनी गांड को अपने आप ही चाचाजी के लंड पे धीरे धीरे राउंड राउंड घुमाने लगी।
दीजिये अह्ह्ह्ह स्स्स्स मत...उह्ह्ह्ह धीरे मस्लिये उम्म्म्म
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