RE: Indian Sex Story बदसूरत
दोनों छत की तरफ देखते हुए सो रहे थे...एकदूसरे से थोड़ी दुरी पे थे मगर एक ही ब्लैंकेट के अंदर थे।
अविनाश:- सुहानी ये सोहन की तरफ थोडा ध्यान देनेनकी जरुरत है...
सुहानी:- क्यू क्या हुआ??
अविनाश:- अरे देखा नहीं तुमने पढाई में ध्यान नहीं है उसका...तुम कितना पढती थी...
सुहानी:- हा देखते है रिजल्ट आएगा तब पता चल ही जाएगा...
अविनाश:- तुम भी तो सेम कॉलेज में थी...जा के एक बार मिल के आना पड़ेगा...तुम भी साथ चलना।
सुहानी:- ओके पापा...
अविनाश:- पता तो चले की पढाई करता भी है या सिर्फ लडकियो के पीछे पीछे घूमता है...
सुहानी:- क्या आप भी...फिकर मत क8जिए वो आप पे नही गया है...मम्मी ने बताया था मुझे की आपकी कितनी सारी लडकिया फ्रेंड थी...शादी के बाद भी मिलने आती थी आपसे...सुहानी ने हस्ते हुए कहा।
अविनाश:- ह्म्म्म तुम्हारी मम्मी तो बस...ऐसा कुछ नहीं था...तुम्हारी मम्मी के होते हुए किसी और लड़की को क्यू देखु...
सुहानी:- हा वो भी है...मम्मी है ही इतनी खूबसूरत...
अविनाश:- तुम्हे पता है तुम्हारी और नीता की फिगर बिलकुल सेम थी जब मैंने उसे पहली बार देखा था...और वैसेही थी अभी कुछ सालो पहले तक...
सुहानी:- हा मैंने देखा है...मुझे याद है...बस फिगर हिब्समे है...सुहानी ने उदास होते हुए कहा....अविनाश समझ गया की वो उदास हो रही है...
अविनाश:- अरे फिर तुम उस बात को लेके बैठ गयी....
अविनाश पलटा और अंदर ही उसके हाथ पे हाथ रख दिया...
अविनाश:- मैंने कहा ना..तुम्हें इस बातबसे दुखी होने की जरुरत नहीं...सुहानी का हाथ उसे पेट पे था...उसके ऊपर अविनाश ने अपना हाथ रख दिया था...
सुहानी:- सॉरी पापा...लेकिन फिर भी ये तो सच्चाई है...
अविनाश :- कोई सच्चाई नही...तूम तो मेरी प्यारी बेटि हो...अविनाश ने उसके सर पे हाथ रखा और एक दो बार सहलाया और उसके माथे को चूम लिया और वही हाथ उसके गर्दन के निचे ले गया...और फिर वो खुद निचे तैय पे सर रख के छत की तरफ मुह करके सो गया और और थोडा सुहानी की और खिसक गया। उसका हाथ सुहानी के कंधे पे था...उसने थोडा उसे अपनी और खिंचा...सुहानी समझ गयी की वो क्या चाहता है...वो पलटी और उसने अपना एक हाथ अविनाश के पेट परख दिया और अपना सर उसककी छाती पे रख दिया।सुहानी:- थैंक्स पापा...आप बहोत अच्छे हो।
अविनाश सुहानी को अपने इतने नजदीक पा के खुश हो रहा था। उसका हाथ उसकी पीठ पे था और वो उसे सहला रहा था...
अविनाश:- ह्म्म्म चलो इसी बहाने मेरी एक और हसरत आज पूरी हो गयी...तुम्हे इस तरह अपनी बहो में लेके सोने की...बचपन में तो सिर्फ मम्मी के पास सोती थी तुम ऐसे।
सुहानी:- चलिए..आप का हाथ दर्द करने लग जाएगा...सुहानी ने उठाने की कोशिस की...
अविनाश ने उसे रोकते हुए कहा " कुछ नही होगा..थोड़ी देर ऐसेही रहो"
सुहानी चुप्पचाप लेटी रही। अविनाश ने थोडा हलचल की और एडजस्ट करने के बहाने से सुहानी को अपने आप से चिपक लिया...सुहानी ने पैर मोड़ रखे थे लेकिन अब उसकी चुचिया अविनाश के के छाती के साइड पे दब रही थी। ठण्ड का मौसम और साथ में गरम जवान जिस्म अविनाश का लंड खड़ा होने लगा...सुहानी भी गरम होने लगी थी। दोनों ने आँखे बन्द कर राखी थी।
अविनाश:- सुहानी ...उसने धीरे से आवाज दी।
सुहानी:- ऊऊऊ सुहानी ने भी धीरे सिर्फ आवाज की।
अविनाश:- सो गयी क्या?
सुहानी:- नही...
अविनाश:- क्या सोच रही हो??
सुहानी:- कुछ नही..
अविनाश:- तो फिर कुछ सोचो..
सुहानी:- क्या सोचु??
अविनाश:- ह्म्म्म सोचो की अगर मेरी जगह तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड होता तो??
सुहानी:- ओह्ह पापा..आप फिर शुरू हो गए...मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है...और मुझे सोचना भी नही है...वो सब गंदे होते है।
अविनाश:- क्यू क्या हुआ??
सुहानी:-वो सब गन्दी गन्दी बाते करते है...
अविनाश:- अच्छा??क्या गन्दी बाते?? हमारे टाइम तो बीएस हाथ पकड़के घंटो बैठे रहते थे...अब क्या होता है?? और तुम्हे किसने बताया??
सुहानी:- फ्रेंड्स ने...और कोण बताएगा?
अविनाश:- बताओ तो क्या बाते करते है...
सुहानी:- पापा प्लीज़ ना...आपको कैसे बोलू??
अविनाश:- अरे मैं भी फ्रेंड हु ना..
सुहानी:- हो...लेकिन नहीं बता सकती...
अविनाश:- क्या वो किस करते है??
सुहानी:- पापा प्लीज़...
अविनाश:- अरे तो किस तो नार्मल है...बताया न उस दिन...
सुहानी:- और भी बहोत कुछ करते है...
अविनाश:- जैसे की??
सुहानी:- मुझे नही बताना...आप सो जाइए मुझे भी सोने दीजिये...
अविनाश:-बताओ तो...क्या करते है?? सेक्स?
सुहानी:- छी...पापा आप भी ना...सुहानी ने एक हल्का सा थाप्प्पड़ उसके पेट पे मारा।
अविनाश:- क्या छी?? बताओगी नहीं तो कैसे पता चलेगा..
सुहानी:- हा...
अविनाश:- ओह्ह्ह ह्म्म्म*
सुहानी:- लेकिन ये गलत है..
अविनाश:- हा गलत तो है...पर..
सुहानी:- पर क्या?? शादी से पहले ये सब करना...
अविनाश:- हा...पर...बहक जाते है कई बार जवान लोग...
सुहानी:- मैं तो नहीं बहकी...सुहानी के मुह से निकल गया।
अविनाश:- तुम?? मतलब??
सुहानी:- वो..मैं..वो मैं ये कह रही थी की मैं नहीं बहकुंगी...
अविनाश:- अच्छा?? अछि बात है...लेकिन ये ऐसे डिसाइड नही कर सकते...कोई तुम्हे किस करे..तुम्हे छुए..तो तुम भी बहक सकती हो...ये नेचुरल है।
सुहानी:- नही बहकुंगी...
अविनाश:- ट्राय करके देखु क्या?
सुहानी:- पापाआआआ क्याआआआ?? कुछ भी...
अविनाश:- मजाक कर रहा था...वैसे बहाने में एक्सपर्ट हु मैं...
सुहानी:- पता है...
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