RE: Indian Sex Story बदसूरत
थोड़ी देर बाद जब अविनाश नार्मल हुआ तो वो उठा और बाथरूम चला गया...सुहानी ने आँखे खोली और अपने कपडे ठीक किये और एक कपडा लेके अविनाश का वीर्य साफ़ कर दिया और जब उसे लगा की अविनाश वापस आने वाला है तो झट से सो गयी।
अविनाश ने देखा की सुहानी ब्लैंकेट ओढ़ के सो गयी है...
अविनाश:- मन में...अह्ह्ह्ह आज तो मजा गया....सच में कितनी सेक्सी है सुहानी....स्सस्सस्स सिर्फ सूरत थोड़ी अच्छी रहती तो इसे देख के ही पानी निकल जाता...
अविनाश अभी भी सुहानी की बद्सुरती को अपने मन से पूरी तरह निकाल नही पाया था...लेकिन वो आज जो हुआ उससे बहोत खुश था। वो आगे बढ़ा और बिस्तर पर बैठ गया...उसने सुहानी की तरफ देखा....वो सो रही थी....वो उसके पास गया...और झुक के उसके गाल को किस किया....
अविनाश:- सुहानी...सुहानी...अब तो उठ जाओ...इतना सबकुछ हो गया अब क्या शरमाना....
सुहानी कुछ नही बोली...
अविनाश:- प्लीज़ एक बार मेरी तरफ देखो...सुहानी...सुहानी...
अविनाश ने फिर आवाज दी...और उसे सीधा करने की कोशिस की...
सुहानी को। बहोत शरम आ। रही थी। वो सीधे तो हो गयी लेकिन अपनी आँखे नही खोली...अविनाश ने देखा सुहानी शरमा के हल्का हल्का मुस्कुरा रही थी। उसकी आँखे बंद थी।
अविनाश:- (उसके पास गया और फॉर से गालो पे। किस किया)...सुहानी बोलो ना कुछ... मजा आया???
सुहानी फिर से अपना चेहरा दूसरी और कर दिया...
अविनाश:- सुहानी सच में तुम बहोत सेक्सी हो...तुम्हारी ये चुचिया उफ्फ्फ्फ्फ़ तुम्हारे मांसल नितम्ब....स्सस्सस्स और तुम्हारी गीली चिकनी.....
अविनाश चुप हो गया...वो सुहानी के चहरे के हावभाव पढ़ने लगा....सुहानी अविनाश के मुह से अपने अंगो की तारीफ़ सुन कर उत्तेजित होने लगी थी...उसकी सांस तेज हो रही थी। अवविनाश झुके हुए था...वो धीमी धीमी आवाज में उससे बाते। करने लगा।
अविनाश:- सुहानी मुझे पता है ये सब गलत है....लेकिन मुझसे रहा नही गया....जब से तुम्हे वो ब्रा पॅंटी में देखा तबसे मैं पागल सा गया...और फिर एक बाद एक ऐसी चीजे हुई जिससे मैं अपने। वश में नही रहा....और जब मुझे लगने लगा की तुम्हे भी पसंद आ रहा है तो मैं और भी बेकाबू हो गया....और ये सब कर बैठा....मैं मानता हु सुहानी की आज मैंने बहोत बड़ा पाप किया है...लेकिन सुहानी मैं ये पाप और करना चाहता हु मैं तुम्हे.... ....ओह्ह्ह्ह सुहानी मैं तुम्हे कैसे बताऊ...प्लीज़ आँखे खोलो...एक बार मुझसे बात करो...सुहानी प्लीज़ प्लीज़...
सुहानी अविनाश की बाते सुन रही थी...उसे बहोत ख़ुशी हो रही थी....अविनाश उसको पाने के लिए पागल हो चूका था....
अविनाश:- ओह्ह्ह्ह सुहानी जब भी मैं आँखे बंद करता था तब मेरी आँखों के सामने बस तुम्हारा जिस्म घूमता था....तुम्हे छूना...तुम्हारे चुचियो को दबाना उफ्फ्फ्फ्फ़ सुहानी अह्ह्ह्ह तुम नही जानती मैंने तुम्हारे बारे में क्या क्या नही सोचा....
सुहानी:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् क्या पापा??
आखिर सुहानी ने जवाब दिया...उसकी आवाज सुन के अविनाश बहोत खुश हुआ...लेकिन सुहानी ने अपनी आँखे नहीं खोली...
अविनाश:-ओह्ह्ह सुहानी सब बताऊंगा लेकिन आँखे तो खोलो...
सुहानी:- नाहीईई...मुझे शर्म आती है...सुहानी ने अपना चेहरा अपने हाथो से छुपाते हुए कहा....
अविनाश ने उसके। हाथो को पकड़ा और अपना चेहरा आगे ले गया...उसने धीरे से उसके हाथो पे किस किया और उसके हाथो को चहरे से हटाया...सुहानी जोर जोर से सांसे ले रही थी...
अविनाश:- सुहानी आँखे खोलो...अविनाश बिलकुल उसके चहरे के पास जाक्के धीरे से बोला...
सुहानी को उसकी साँसे अपने चहरे पे महसूस हो रही थी।
सुहानी ने धीरे से अपनी आँखे खोली....वो अविनाश को देखने लगी....अविनाश उसकी आँखों में देख रहा था...वो उसकी आँखों में देखते हुए थोडा और झुका...वो उसे होटो पे किस करना चाहता था...लेकिन सुहानी ने अपना चेहरा फिर से दूसरी तैअफ कर दिया...अविनाश के होठ उसके गालो को छु गए...,
सुहानी:-स्स्स्स पापाआआआ ....नहीई अह्ह्ह्ह
अविनाश:-इधर देखो सुहानी....मैं चाहता हु की मैं जब तुम्हे बताऊ तब तुम मेरी आँखों में देखो स्स्स्स्स्
सुहानी :- नहीईई मुझे बहोत शर्म आ रही है...
अविनाश:- इसीलिए तो कह रहा हु....की अपनी आँखे खोलो...और मुझे देखो...शर्म अपने आप कम हो जायेगी।
सुहानी ने अपनी आँखे खोली वो एकदूसरे को देखने लगे....
अविनाश:-(अपने होठ उसके होठो के नजदीक लेके गया) मैं तुम्हे किस करना चाहता हु
सुहानी:-पापाSSSSSSSSSSSSS......सुहानी अपने होठ थोडा आगे किये.....
अविनाश:- सुहानी......
सुहानी:-पापा......
दोनों के होठ बिच में सिर्फ एक बाल जितना ही अंतर था......और फिर अविनाश ने अपने तपते होठ सुहानी के कांपते होठो पे रैह दिए...इस बार दोनों की आँखे बंद हो गयी। कुछ पल दोनों ऐसेही रहे....फिर अविनाश ने धीरे से अपने होठ खोले और सुहानी के निचे के होठ को धीरे से चूसा....जैसे ही सुहानी को अविनाश ककए होठो का गीलापन महसूस हुआ उसके होठ अपने आप थोडा खुल गए....अविनाश ने स7हानि के होठो को और थोडा अपने होठो में लिया और धीरे धीरे चूसने लगा......वो कभी निचे का होठ चूसता तो कभी ऊपर का.... थोड़ी देर वो ऐसेही सुहानी को किस करता रहा....फिर वो थोडा उठा और अपनी। आँखे खोली....सुहानी ने भी अपनी आँखे खोली....वो एकदूसरे को देख रहे थे....*
सुहानी:- पापा sssssssss
सुहानी ने जैसे ही ये कहने के लिए मुह खोल अविनाश ने फिर से उसे किस करना शुरू कर दिया....और इस बार सुहानी भी उसका साथ दे रही थी....सुहानी ने अपने हाथ उसके गले में डाल दिए और वो अविनाश को किस करने लगी....अविनाश धीरे धीरे उसका निचला होठ चूस रहा था और सुहानी उसका ऊपर का....दोनों धीरे धीरे बड़े मादकता से एक दूसरे को किस कर रहे थे....अविनाश ने किस करते हुए ब्लैंकेट को सुहानी के ऊपर से हटा दिया....और खुद उसके ऊपर चला गया....सुहानी उसका इरादा समझ गयी थी...उसने धीरे से अपने पैर अलग किये और घुटनो से मोड़ लिया....अविनाश लेटे लेटे और सुहानी को किस करते हुए अपना लंड सुहानी के चूत पे ले गया धीरे धीरे रगड़ने लगा....सुहानी उसके लंड का स्पर्श पाते ही मदहोश हो उठी....वो भी अपनी कमर ऊपर उठा के अपनी चूत जादा से जादा अविनाश के लंड पे रगड़ने लगी....इस दौरान अविनाश ने अपनी जुबान सुहानी के मुह में डाल दी थी....सुहानी उसे चूस रही थी.... पाच मिनट तक वो एक दूसरे को ऐसेही किस करते रहे....जब दोनों की सांस उखड़ने लगी तब दोनों ने एक दूसरे अलग हुए....
सुहानी:- पापा...प्लीज़ हटिये ना ऊपर से....
अविनाश उसके ऊपर से हट गया और बाजु में लेट गया....दोनों जोर जोर से सांसे ले रहे थे....जब अविनाश नार्मल हुआ वो पलट के सुहानी के चेहरे को अपनी और किया....सुहानी उसकी आँखों में देख रही थी....
अविनाश:- अब शर्म दूर हुई??
सुहानी:-शर्मा के...नही...
अविनाश:-ह्म्म्म्म ओह्ह्ह्ह सुहानी स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह
सुहानी:-क्या हुआ??
अविनाश:- कुछ नही....
सुहानी:-पापा....बताईये ना...
अविनाश:-क्या???
सुहानी:- यही ककी आप मेरे बारे में क्या सोचते थे....
अविनाश:- यही जो अभी किया...
सुहानी:- क्या पापा??
अविनाश:- किस....
सुहानी:- और....
अविनाश:-और?? तुम्हे जानना है?? शरमाओगी तो नही फिर से??
सुहानी:- नही...
अविनाश:- पक्का??
सुहानी:- हा....
*अविनाश:- ओह्ह्ह सुहानी....जब से तुम्हे उन कपड़ो में देखा था तबसे ....तुम्हे एक बार फिर से वैसेही देखना चाहता था....मैं तुम्हारे जिस्म का दीवाना हो गया था....मैं सोचता था की काश मैं तुम्हारे नंगे जिस्म को एक बार छु सकु .....चूम सकु....
सुहानी:-स्सस्सस पापा....
सुहानी सबकुछ उसकी आँखों में देखते हुए सबकुछ सुन रही थी....
अविनाश:-मैं सोचता था की तुम्हारी ये गोल गोल बड़ी सी चुचियो कको ऐसे दबाउ...अविनाश सुहानी की आँखों में देखते हुए उसकी एक चूची के ऊपर हाथ रखा और धीरे से दबाया......और अपना चेहरा सुहानी चेहरे के पास ले गया।
सुहानी:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म्म ....सुहानी के मुह से सिसकारी निकल गयी...सुहानी ने उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया
अविनाश:-पहले धीरे धीरे सहलाऊँ एक एक करके और फिर इन्हें थोडा जोर से स्स्स्स्स्स्स्स
सुहानी:-अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस पापा धीरे उम्म्म्म्म्म्म्म
अविनाश:-स्सस्सस्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुचिया है अह्ह्ह्ह्ह किसी हेरोइन की भी नही होगी ऐसी अह्ह्ह्ह्ह
अविनाश धीरे से उसे किस करने लगा और साथ में चुचिया दबाने लगा....उसने अपना हाथ टॉप के अंदर डाला और चुचियो को थोडा जोर से भींचने लगा...सुहानी को दर्द का अहसास हो रहा था....
सुहानी। ने किस तोडा...
सुहानी:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् दर्द होता है उम्म्म्म्म धीरे कीजिये न.....
अविनाश:-सॉरी...वो कण्ट्रोल नही होता...स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह टॉप निकालो न...
सुहानी:- नहीं...मुझे शर्म आती है...
अविनाश:- जी भर के देखना चाहता हु इन्हें अह्ह्ह्ह
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