RE: Indian Sex Story बदसूरत
एक दूसरे की बाहो में लेटे लेटे वो कब सो गए उन्हें पता ही नहीं चला।
सुबह जब सुहानी की नींद खुली तो उसने देखा 7 बज चुके थे। वो और सोहन एक दूसरे से चिपक के नंगे ही सोये हुए थे। सुहानी उठी ....उसने सोहन को देखा वो अब भी गहरी नींद में था...सुहानी खुद को ऐसे देख के अजीब सा लग रहा था।*
वो सीधा बाथरूम में घुस गयी...उसे ठीक से चलना नहीं हो रहा था...उसकी चूत अंदर से पूरी तरह छिल सी गयी थी...सुहानी जल्दी जल्दी सब काम निपटाये और ऑफिस के लिए निकल गयी...उसने सोहन कको नहीं जगाया...पता नहीं क्यू लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी सोहन को उठाने की....
रास्ते में मेडिकल से पैन किलर और इमरजेंसी पिल ले ली क्यू की सोहन ने अपना वीर्य उसके चूत में डाल दिया था।
सुहानी ऑफिस पहुंची और अपने काम में लग गयी....दोपहर तक सुहानी को अच्छा लगने लगा था...लेकिन उसके दिमाग से रात की घटना नहीं जा रही थी...सुहानी सोच रही थी की उसने क्या कर दिया...क्यू की उसका इरादा सोहन से चुदवाने का नहीं था...लेकिन उसे अच्छा भी लग रहा था...पहली बार चुदवाने का मजा ही कुछ और होता है...सुहानी की आँखों के सामने सिर्फ वाही आ रहा था की कैसे सोहन उसे चोद रहा है...उसकी चूत गीली होने लगी थी...
सुहानी:- उम्म्म्म कितना मजा आया रत को...लेकिन सब गलत है...मैंने ऐसा नहीं सोचा था...मैं तो सोहन को सबक सिखाना चाहती थी फिर कैसे मुझे खुद पर काबू नहीं रहा...लेकिन सोहन को मना कर देती तो उसे कोई फरक नहीं पड़ता...कैसे वो खुद ही जाने लगा था...और तो और जब उसने मेरी चूत में लंड डाला था और मुझे दर्द हो रहा था तब भी वो रुकने के लिए तैयार था...उसे मेरी कितनी चिंता हो रही थी...उसके चहरे से साफ़ पता चल रहा था...पता नहीं क्यू पर मुझे ऐसा लग रहा है जैसे वो जो भी मेरे साथ बिहेव करता था वो सिर्फ इसलिए क्यू की पापा मेरे साथ वैसा बिहेव करते थे...आखिर बच्चे अपने माँ बाप से ही तो सीखते है...और जब से मम्मी पापा नहीं है यहाँ तब से उसके बेहवियर में कितना फरक आ गया है...नही...नही....मैं सिर्फ ये इसलिए सोच रही हु क्यू की शायद मेरा मन उससे और चुदवाना चाहता है...नही अब ऐसा नही होगा...इस खेल का अंत आज रात को जरूर कर दूंगी...
सुहानी आज पहली बार सोहन के पॉइंट ऑफ़ व्यू से भी सोच रही थी...चाहे उसके लिए रीज़न कुछ भी हो...
सुहानी:- मुझे यकीं है सोहन सोच रहा होगा की अब हर रात वो मेरे साथ चुदाई कर पायेगा...वो मेरा दीवाना हो गया होगा..बस अब यहीं वक़्त है उसे सबक सिखाने का...जैसे पापा को अहसास दिलाया वैसेही सोहन को भी दिलाउंगी।
सुहानी ने तय कर लिया था ।
लेकिन सोहन इधर अपने ही खयालो में खोया हुआ था...वो आज कॉलेज नहीं गया था...उसे लगा था की शायद सुहानी भी ऑफिस नही जायेगी लेकिन जब उसकी आँख खुली तो उसने देखा सुहानी जा चुकी थी।
वो। बहोत खुश था...उसे भी रात की बात याद आते ही उसका। लंड खड़ा होने लगा था...
सोहन:- उफ्फ्फ्फ़ कितना मजा आया रात को...लेकिन साला नींद लग गयी...नहीं तो एक। बार और चोद लेता दीदी को....सच में यार दीदी है बड़ी सेक्सी....लेकिन पता नहीं दीदी क्या सोच रही होगी...कल तो उत्तेजना के चलते चुदवा लिया लें क्या आज फिर से चोदने देंगी...देखते है ...लेकिन आज पहल मैं नहीं करूँगा...
सोहन फ्रेश हुआ और खाना खाने के बाद कॉलेज चला गया...
सुहानी ऑफिस के बाद घर आयी...उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था...उसने देखा सोहन की बाइक घर पर नहीं थी...वो अंदर आयी और फ्रेश होकर काम में लग गयी...सोहन को पता था सुहानी किस टाइम घर आएगी...वो जानबुज के थोडा लेट घर आया...
सोहन जैसे ही घर आया उसने देखा सुहानी किचन में काम कर रही थी...वो सिधा अपनी रूम में चला गया...उसे भी थोड़ी झिझक महसूस हो रही थी सुहानी के सामने जाने की....सुहानी को आश्चर्य हुआ की सोहन ने उससे बात भी नहीं की...उसे समझ आ गया की सोहन शायद डर रहा है...उसने अपना काम निपटाया और खाना टेबल पे रख के सोहन को आवाज दी।
सोहन बाहर आया...वो सुहानी से नजरे नहीं मिला पा रहा था...हाल तो सुहानी का। भी वैसाही थ...दोनों चुप्प थे कोई कुछ नहीं बोल रहा था...खाना खत्म करके दोनों हॉल में बैठ गए...अब भी दोनों चुप थे...सोहन अपनी किताबे लेके पढाई करने का नाटक कर। रहा था...सुहानी अपने लैपटॉप पे अपना। काम कर रही थी।
वो। एकदूसरे को चोरी चोरी देख रहे थे...और कभी दोनों की नजरे मिल जाती तो झट से नजर हटा लेते...
सोहन सोच रहा था की अगर सुहानी चाहेगी तो ही वो आगे कुछबकरेगा नही तो वो ये। सब यही खत्म कर देगा...और सुहानी चाह रही थी की सोहन उसके पास आये और वो उसे झिड़कार दे और उसकी इंसल्ट करे...लेकिन काफी देर तक कुछ भी नही हुआ...दोनों चुप चाप बैठे रहे...
लेकिन कुछ देर बाद सोहन ने देखा की रात के 10 बज चुके है...और सुहानी थोड़ी देर में सोने चली जायेगी...वो बेचैन होने लगा...उसे लगने लगा की अगर अब कोई कुछ नही बोलेगा तो ये रात ऐसेही ना बित जाए...आखिर उसने हिम्मत करके पढाई का बहाना बनाया और सुहानी के पास गया...
सोहन:-दीदी...ये समझ नहीं आ रहा...थोड़ा समझा दो ना...
सुहानी देखने लगी...सोहन उसे देखने लगा...उसने देखा सुहानी के चेहरे पे ग़ुस्से जैसे कोई भाव नही थे...और ना ही वो बेचैन थी...उसे समझ नहीं आया की सुहानी के मन में क्या चल रहा है...
सोहन:- दीदी...आप चुप क्यू हो आज? आप मुझसे गुस्सा ही क्या??
सुहानी ने उसकी और देखा...
सुहानी:- पता नहीं...
सोहन:- दीदी आप अगर कल रात के वजह से गुस्सा हो तो प्लीज़ माफ़ कर दो मुझे...पता नहीं मुझे क्या हो गया था...बेकार की जिद्द करने लगा और फिर एक बाद एक बाते होती गयी...
सुहानी को अजीब लगा क्यू की जिस सोहन को वो जानती थी वो एक अरोगंट लड़का था...लेकिन आज वो उससे माफ़ी मांग रहा था जबकि उसकी गलती नहीं थी...सुहानी का मन जनता था की सोहन को उस सिचुएशन तक सुहानी लेके गयी थी...
सोहन:- दीदी...प्लीज़ कुछ बोलिये...बड़ा अजीब लग रहा है...
सुहानी:- क्या अजीब??
सोहन:- ये आप बात नहीं कर रहे हो...
सुहानी:- तू भी तो चुप है...
सोहन:- मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की कैसे बात करू...हमारे बिच इतना सबकुछ हो गया...और..
सुहानी:-इसमे सिर्फ तुम्हारी गलती नहीं है...सुहानी के मुह से ये बात न चाहते हुए भी निकल गयी।
सोहन:- नही दीदी..मेरी ही गलती है....अब दुबारा नहीं करूँगा ऐसी गलती...सोहन को लगने लगा की अब उनके बिच कुछ नही होने वाला...सुहानी ये सुन के थोडा हड़बड़ा गयी...उसे उसका प्लान फेल होते नजर आने लगा।
सुहानी:- सच कहा तुमने गलती है...लेकिन सिर्फ कल रात नहीं उसके पहले भी...
सोहन:- उसके पहले...मतलब??
सुहानी:- ओह्ह्ह मतलब पूछ रहा है...जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं...
सोहन:- दीदी नहीं समझ आ रहा प्लीज़ बताओ मुझे...
सुहानी अब अपना आपा खोने लगी थी...
सुहानी:- कल रात तुझे मैं बहोत सेक्सी लग रही थी...कितने प्यार से पेश आ रहा था तू...और उसके पहले तो मैं तुझे फूटे आँख नहीं सुहाती थी...नफ़रत करता था ना तू मुझसे...और जब वही लड़की नंगी हो के तुम्हारे सामने खड़ी थी तब उसको देख के तुम्हारा लंड खड़ा हो गया...उसको चोदने के लिए बेकरार हो गए...
सोहन:- दीदी क्या बात कर रहे हो...ऐसा कुछ नहीं है..
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