Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
02-04-2019, 12:41 PM,
#25
RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच
म्र्स डी"सूज़ा समझ जाती है ..उसकी आँखों में परेशानी , उस के चेहरे पर सवाल का जवाब सून ने से पहले ही जान लेने का अस्चर्य और हैरत सॉफ झलक रहे थे ...


" हां सॅम बेटा ....तुम ठीक समझ रहे हो .बिल्कुल ठीक ...जिस तरेह तुम अपनी मा में अपनी मा और एक प्रेमिका का रूप देखते हो ना ..तेरी मा भी अपने बाप में अपने प्रेमी का भी रूप देखती थी...जैसे तुम्हारे दिल में साना के लिए अथाह..असीम और बे-इंतहा प्यार है ना.. साना के दिल में भी वैसा ही था .... हरदयाल उसका बाप था और तेरा भी ..तभी तो उसे खोने के सदमे से उसे दोहरा मार लगा बेटे ..जिस से वो अब तक सम्भल नही पाई..... "


समीर म्र्स. डी'सूज़ा की बातों से सकते में था ..उसे समझ नही आ रहा था क्या करे ...और खुद अपने और मोम के रिश्तों के बारे भी म्र्स. डी' सूज़ा के मुँह से ऐसी बातें सून उसे अस्चर्य हुआ ..आखीर उन्होने ऐसा कैसे समझ लिया....


" ह्म्‍म्म अब मुझे कुछ कुछ समझ में आया मोम क्यूँ मेरे साथ ऐसा बर्ताव करती हैं ..उन्होने अपने बाप और प्रेमी ..दोनो को एक साथ खो दिया ..सच है कितना बड़ा धक्का लगा होगा उन्हें ..पर सौज़ी मोम अब मेरे और मोम के बीच भी वोही संबंध है ..मैं भी उन्हें वैसे ही प्यार करता हूँ ..आप कैसे कह सकती हैं.? मैने तो आज तक ऐसा कुछ भी नही किया ..? "

इस बात पर म्र्स. डी' सूज़ा जोरों से हंस पड़ती है...." बेटा मैने तुम्हें और तुम्हारी मा दोनों को अपनी गोद में पाला है..मैं तुम दोनों की रग रग से वाक़िफ़ हूँ..मैं तुम दोनों को इतनी अच्छी तरेह जानती हूँ, जितना तुम भी अपने आप को नही जानते .. तुम्हारे रोम रोम में तुम्हारी मा बस्ती है...तुम्हारी तड़प और तुम्हारी ललक मैं देखती हूँ हर रोज़..मैं क्या समझती नही ? तुम दोनों आख़िर एक ही बाप की संतान हो..जब उसके जीन्स में अपने ही खून से जिस्मानी रिश्ता रखने की भूख थी ..फिर अगर तुम्हारे में भी है तो क्या बूरा है ....डरो मत आगे बढ़ो , पर हॅव पेशियेन्स ..उसे समय दो ....देखना वो किस तरेह तेरी बाहों में होगी...."


" हां सौज़ी मोम ....मैं बहोत तड़प्ता हूँ मोम के लिए ..बहोत ...मेरा दिल उन्हें अपने प्यार से शराबोर कर देने को बेताब है ....इतना प्यार कि वो समेट ना पायें ..जितना खोया है उन्होने मैं उस से भी ज़्यादा प्यार करूँगा सौज़ी मोम ...उस से भी ज़्यादा ..बस सिर्फ़ एक बार ..सिर्फ़ एक बार मेरी ओर प्यार से नज़रें तो मिलाए ना मोम ....सिर्फ़ एक बार ..." सॅम की आवाज़ में तड़प , कसक , दर्द और मोम के लिए अटूट प्यार भरा था ..


तभी उपर मोम के बेड रूम का दरवाज़ा खुलता है ..दोनों उपर की ओर देखते हैं ...सामने सीढ़ियों से उतरती हुई साना नीचे डाइनिंग हॉल की ओर बड़े नपे तुले कदमों से आती जा रही थी...उसकी नज़र सॅम की ओर थी..उसे एक टक देखे जा रही थी ......सॅम की नज़रें भी मोम की नज़रों से टकरा रही थी....वो भी एक टक उन्हें देखे जा रहा था..


साना ने अपने ऑफीस का ड्रेस उतार दिया था ..जिसे पहने वो सो गयी थी ..और अब उसके बदन पर एक ढीला सा टॉप था और उतना ही लूज़ और पतला पाजामा ...ब्रा और पैंटी साना ने पहनी नही थी ....


उनके ढीले कपड़ों के अंदर उनके कसे बदन की झलक , उनकी गदराई जांघों की थिरकन , उनके सीने की गोलाईयो का उछलना और मचलना ...सम आँखें फाड़ अपनी मोम का अपनी जिंदगी में पहली बार एक बिल्कुल ही अलग रूप देख रहा था ....हैरान था वो .और सब से बड़ी हैररानी थी मोम की नज़रें ..आज उनकी नज़रों में सॅम के लिए नफ़रत , गुस्सा या खीज़ का नामो-निशान नही था ....आज उनकी नज़रों में उसके लिए प्यार , ममता , स्नेह और दर्द भरा था ....


सॅम अपनी आँखें मलता है ....कहीं वो सपना तो नही देख रहा ..? पर जब मोम उसके बगल आ कर बैठ गयीं , अपना हाथ सॅम के सर पर रखा ..उनके बदन की खुशबू का झोंका उसे अपनी साँसों के साथ अंदर जाता महसूस हुआ ..उनकी हथेली का गर्म और नरम स्पर्श अपने सर पे महसूस हुआ ..वो चौंक गया ..यह सपना नही हक़ीक़त थी ....जो सपने से भी ज़्यादा हसीन और खूबसूरत थी ...जिस सपने का उसे इतने सालों से इंतेज़ार था ..

सॅम अपने सपने से जागता है ...मोम की तरेफ निहारता है ...साना उसके सर पर हाथ फेरती है , और उस से पूछती है .." सॅम बेटा ..कॉलेज से कब आया तू..."


उनकी आवाज़ में प्यार , दुलार और ममता लबालाब भरी थी ...


सॅम इतना प्यार , दुलार और स्नेह अपनी मोम का जिसके लिए वो तड़प रहा था , उसकी भीख माँगता फीर रहा था आज तक ..आज जब उसे अचानक मिला ..वो अपने आप को रोक नही सका , और फिर वो बीलख बीलख कर रो पड़ा , एक छोटे से बच्चे की तरेह फूट पड़ा सॅम ..


साना उसका सर अपने सीने से चीपका लेती है , उसके माथे को चूमती है , उसके गालों को बेतहाशा चूमती जाती है ..उस से लिपट जाती है और खुद भी फूट फूट के रो पड़ती है ..


मा बेटा एक दूसरे की बाहों में रोते जा रहे थे ,साना अपनी आंसूओं से इतने दिनों से अपने अंदर जमी नफ़रत , गुस्सा और दूरियों की मोटी परत को धोती जा रही थी ...


म्र्स. डी' सूज़ा चूप चाप खड़ी खड़ी मा - बेटे का यह अनहोनी सा लगता मिलाप , प्यार और एक दूसरे के लिए तड़प देखती जा रही थी ,,उसकी आँखों से भी लगातार आंसूओं की धार छूट रही थी ...


वो उन्दोनो को अकेले छोड़ किचन की ओर दबे पावं चल पड़ती है ...


दोनों मा -बेटे अभी भी एक दूसरे से चीपके सिसक रहे थे ...रो रहे थे ..इतने दिनों की दूरियाँ एक पल में मिटा देने को... बरसों के अंतराल को मिटाने की..जाने कितनी सारी अनकही बातों को अपनी आँसुओ से उसी एक पल में एक दूसरे को सब कुछ जताने की , बताने की पूरजोर कोशिश में जुटे थे...
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RE: Chodan Kahani हवस का नंगा नाच - by sexstories - 02-04-2019, 12:41 PM

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