Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
02-06-2019, 05:17 PM,
#39
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम
रश्मि- ओह्ह.. भाई.. ऐसी बातें ना करो.. मुझे शर्म आ रही है.. पहले ऐसे ही प्यार कर लो.. बाद में देख लेना मेरे जिस्म को.. जितना चाहो चूम लेना..
जय- नहीं रश्मि.. तुम अभी कच्ची कली हो.. मैं इसी रूप में तुमको देखना चाहता हूँ.. उसके बाद तुम्हें इतना प्यार करूँगा कि तुम एक खिला हुआ गुलाब बन जाओगी।
रश्मि- ठीक है भाई.. जैसा आप चाहते हो.. वैसा ही होगा.. जला दो लाइट.. कर लो अपना अरमान पूरा..
जय ने एक पल की भी देर नहीं की और लाइट चालू कर दी और रश्मि को उस सेक्सी नाइटी में देख कर उसकी वासना और भड़क गई।
जय- ओह्ह.. रश्मि तुम सच में सेक्स की देवी हो.. इस ड्रेस में तुम क़ातिल हसीना लग रही हो।
रश्मि- भाई यह रूप किस काम का जो आपको तड़पा रहा है.. आ जाओ.. मिटा लो अपनी प्यास.. मेरे इस जलते हुए जिस्म से..
जय- नहीं रश्मि.. तुम अगर मेरी गर्ल फ्रेण्ड होती.. तो शायद अब तक मैं तुम्हें जन्नत की सैर करा देता.. मगर तुम मेरी सग़ी बहन हो और दुनिया में शायद ही किसी भाई को तुम जैसी सेक्सी बहन को ऐसे देखने का मौका मिलता होगा। पहले मैं तुम्हारे इस यौवन को जी भर के देख तो लूँ.. सच में जब से तुमने मेरे सामने उस दुकानदार को अपना साइज़ बताया था.. तब से मेरी नज़र बार-बार तुम्हारे इन रसीले मम्मों पर ही अटक जाती है। आज इन्हें खुली आँखों से देखना चाहता हूँ।
रश्मि- ओह्ह..ससस्स भाई.. देर किस बात की है.. आ जाओ ना.. पी जाओ इनका सारा रस आह..
जय ने रश्मि का हाथ पकड़ कर उसको बेड से नीचे उतार लिया और उसे इधर-उधर चलने को कहा।
रश्मि गाण्ड को मटकाती हुई कमरे में चलने लगी.. जैसे कोई मॉडल हो।
जय- उफ़फ्फ़.. ये क़ातिल अदाएं कहीं मेरी जान ना ले लें.. तेरी ये ठुमकती गाण्ड तो बहुत ही लचीली है.. कैसे ठुमक रही है.. जैसे मेरे लौड़े को बुला रही है कि आ जाओ.. घुस जाओ.. उफ़.. रश्मि आज तुम्हारा ये रूप देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा है.. आ जाओ मेरी बाँहों में समा जाओ..
रश्मि शर्माती हुई जय से लिपट गई और जय उसकी गर्दन को चूमने लगा उसके कान को हल्के से दाँतों से काटने लगा।
रश्मि- उफ़फ्फ़.. कककक.. भाई प्लीज़ मत तड़पाओ ना.. आह.. ये प्यार बाद में कर लेना.. पहले अपनी बहन की प्यास तो बुझा दो।
जय उससे अलग हुआ और उसने रश्मि की नाइटी निकाल कर एक तरफ़ फेंक दी और उसका नंगा जिस्म देख कर वो पागल सा हो गया। रश्मि के निप्पल उत्तेजना से एकदम कड़क हो गए थे उसकी चूत रिसने लगी थी।
रश्मि- उफ़फ्फ़ भाई.. मुझे तो आपने नंगा कर दिया.. आप अपना बरमूडा कब निकालोगे.. आह.. मुझे आपका लंड देखना है.. इसस्स.. आह.. प्लीज़..
जय को थोड़ी हैरानी हो रही थी कि रश्मि कितनी आसानी से लंड का नाम ले रही थी.. जैसे बहुत पक्की चुदक्कड़ हो। उसको एक बार तो शक भी हुआ कि कहीं रश्मि पहले किसी से चुदवाई हुई तो नहीं.. जो इतनी बिंदास बोल रही है। मगर उसको क्या पता ये सब गोली का कमाल है।
जय- अरे तुमने अन्दर कुछ भी नहीं पहना.. ये क्या सितम कर दिया.. मैं तुम्हारे एक-एक कपड़े को अपने हाथों से निकालना चाहता था।
रश्मि- वो सब फिर कभी कर लेना.. प्लीज़ अब बातें बन्द करो.. मुझे मत तड़पाओ.. मेरे सब्र का बाँध टूट रहा है भाई..
इतना कहकर रश्मि नीचे बैठ गई और एक झटके से जय का बरमूडा खींच कर निकाल दिया, जय का 7″ का लौड़ा झटके से आज़ाद हो गया.. जो रश्मि के मुँह के एकदम करीब था।
रश्मि- ओह्ह.. वाउ भाई मेरी कब से तमन्ना थी.. आपके लौड़े को देखने की.. इसे टच करके ही मुझे कितना मज़ा आया था.. आज चूसके तो पता नहीं कितना मज़ा आएगा।
रश्मि की बात जय की समझ के बाहर थी कि उसने इसे कब टच किया था.. मगर ये वक़्त सवाल जबाव का नहीं.. मज़े लेने का था।
जय- चूस ले मेरी बहना जान.. अब तुम्हारे सामने खड़ा है.. मज़े लेकर चूस और देख कैसा है तेरे भाई का लौड़ा और उसका रस..
रश्मि ने जल्दी से सुपारे को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी.. जैसे पता नहीं वो लंड के रस को पीने के लिए कितने सालों से प्यासी हो।
जय- उफ़फ्फ़ आह.. मज़ा आ गया आह.. ऐसे ही चूस आह..
रश्मि पागलों की तरह अपने भाई के लौड़े को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, हाथ से उसकी गोटियों को सहलाने लगी।
जय- आह..इसस्स.. बस कर जान.. पानी निकाल कर दम लेगी क्या.. आह.. आह..।
रश्मि ने लौड़ा मुँह से निकाला और सेक्सी स्माइल देते हुए कहा- आह.. भाई.. मैं जानती हूँ आप बहुत गर्म हो गए हो.. आपका लंड किसी भी पल पानी फेंक देगा.. ऐसे में मेरी प्यास अधूरी रह जाएगी। इसलिए पहले इसे मेरे मुँह में ठंडा करूँगी उसके बाद दोबारा तैयार करके अपनी आग बुझाऊँगी।
जय- आह.. ऐसी बात है.. तो चूस आह.. मेरी जान.. मज़ा आ रहा है.. चूस ले.. ज़ोर से.. आह.. पूरा ले आह्ह..
रश्मि फुल स्पीड से लौड़े को मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी।
अब जय के लौड़े की नसें फूलने लगी थीं.. वो झड़ने के करीब था.. तो उसने रश्मि के सर को कसके पकड़ लिया और स्पीड से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।
रश्मि का दम घुटने लगा.. उसकी आँखें लाल हो गईं.. आँखों में आँसू आ गए। तभी जय के लौड़े से पिचकारी उसके मुँह में गिरी.. उसने जय को ज़ोर से धक्का दिया और लौड़ा मुँह से निकल गया, मगर तब तक जय का रस पूरा उसके मुँह में आ गया था।

रश्मि तेज़ी से उठी और बाथरूम की ओर भागी.. जल्दी से सारा लंड रस थूका और पानी से मुँह साफ किया।
जय- अरे क्या हुआ रश्मि.. तुम ठीक तो हो ना?
रश्मि थोड़ी गुस्से में बाथरूम से बाहर निकली.. उसकी आँखें लाल थीं।
रश्मि- उफ़.. क्या भाई.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. सांस ही नहीं ले पा रही थी.. और आप दनादन मेरे मुँह को चोदे जा रहे थे।
जय- ओह्ह.. सॉरी यार.. जोश में पता ही नहीं लगा.. वैसे तुम्हारा मुँह ही किसी टाइट चूत से कम नहीं था। अब मुँह ऐसा है.. तो तेरी चूत क्या कमाल की होगी.. उफ़फ्फ़ आज तो मैं सारी रात तेरे साथ मज़ा करूँगा।
रश्मि- मज़े के लिए ही तो मैं तड़प रही हूँ.. अब जल्दी से मेरी चूत की आग मिटा दो भाई।
जय- तू बिस्तर पर लेट जा.. देख कैसे मैं तेरे जिस्म को चाट कर मज़ा देता हूँ। पहले दरवाजा बन्द तो कर दूँ कहीं कोई आ गया.. तो गड़बड़ हो जाएगी..
रश्मि- ओह्ह.. शिट.. हम कब से मस्ती कर रहे हैं अगर कोई आ जाता तो.. जल्दी बन्द करो भाई.. और प्लीज़ जल्दी कुछ करो.. मेरी आग बढ़ती ही जा रही है।
रश्मि बिस्तर पर सीधी लेट गई और जय दरवाजा बन्द करके उसके ऊपर कुत्ते की तरह टूट पड़ा, उसकी मदमस्त चूचियां दबाने लगा.. निप्पलों को चूसने लगा।
रश्मि- सस्स भाई.. आह.. अब मैं आपकी ही हूँ.. ये सब बाद में कर लेना.. आह.. पहले मेरी चूत को चाटो.. आह.. बहुत दर्द हो रहा है.. तड़प रही है ये.. आह.. उईईइ आह.. प्लीज़ भाई..
रश्मि की बेकरारी देख कर जय उसकी टाँगों के दरमियान लेट गया और जब उसकी नज़रें रश्मि की बन्द चूत पर गई उसकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। अब तक उसके मन में शक था कि कहीं रश्मि पहले से चुदी हुई तो नहीं है.. मगर अब उसको यकीन हो गया कि इसकी तो फाँकें बहुत टाइट चिपकी हुई हैं। बस इसी ख़ुशी में वो चूत को होंठों में दबा कर चूसने लगा।
रश्मि तड़फती और सिसकती रही और जय मज़े से उसकी चूत को चाट-चाट कर मज़ा लेता रहा। अपनी जीभ की नोक से वो रश्मि की चूत के छोटे से सुराख को चोदने लगा।
रश्मि- आह..कककक.. भाई.. आह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़फ्फ़ नहीं आआई.. ज़ोर से चाटो.. आह.. भाई उफ़फ्फ़.. मैं गई.. आह.. न्न्न..नहीं आह.. भाई आईईईई..इ
रश्मि का बाँध टूट गया, वो कमर हिला-हिला कर झड़ने लगी और जय ऐसे चूत रस को चाटने लगा कि एक बूँद भी नीचे ना गिर जाए।
दो मिनट तक जय अच्छे से चूत को चाट कर साफ करता रहा।
अब रश्मि शान्त हो कर लेट गई थी।
जय अब उसके बगल में आकर लेट गया और दोनों एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।
जय- मज़ा आ गया रश्मि, सच्ची तेरा रस तो बहुत टेस्टी था।
रश्मि- सच्ची.. मुझे तो आपके रस से उल्टी सी आई.. तभी तो भाग कर गई थी थूकने.. वैसे भाई आपने मज़ा बहुत दिया.. कैसे चूसते हो आप.. मज़ा आ गया मुझे तो.. उफ़.. मुझे तो अब जाकर सुकून मिला है।
जय- तू इतनी सेक्सी होगी.. मैंने सपने में भी नहीं सोचा था.. तेरे ये मम्मे कैसे नुकीले हैं और कितने कड़क भी हैं.. आज तो इनको खा ही जाऊँगा मैं..
रश्मि- भाई सच बताऊँ.. कल रात को आपके लंड को टच किया.. तो बस एक करंट सा लगा था.. मैंने तभी सोच लिया था.. कि अब तो कुछ भी हो जाए.. इसको देखना ही है.. इसका मज़ा लेना ही है और देखो आज ये मेरी मुठ्ठी में है.. ओह्ह.. क्या लुत्फ़ आ रहा है..
जय का हाथ रश्मि के मम्मों को सहलाने में बिज़ी था.. तो वहीं रश्मि उसके लंड को हाथ से दबा कर मज़ा ले रही थी।
जय- क्या कल रात को तुमने ‘मेरा’ पकड़ा था.. मगर मुझे तो पता भी नहीं चला।
रश्मि ने रात की सारी बात उसको बताई और सुबह उसका रस देख कर वो वहाँ से गई।
यह जान कर जय थोड़ा शरमिंदा हुआ.. मगर रश्मि की रात की हरकत के बाद वो तो होना ही था। यह सोच कर वो नॉर्मल हो गया।
जय- चुसाई में तो मज़ा आ गया.. अब आगे भी करना है या बस?
रश्मि- जब इतना सब हो ही गया.. तो चुदाई तक करते हैं ना.. और वैसे भी इस चुसाई से ना आप संतुष्ट हुए.. ना ही मैं.. तो क्यों ना आज आप मेरी सील तोड़ कर मुझे लड़की से औरत बना दो.. और चुदने का लाइसेन्स दे दो हा हा हा..
जय- बहुत बदमाश हो गई है तू.. ऐसे मानेगी नहीं.. मगर क्या तुझे पता है.. सील ऐसे ही नहीं टूटेगी.. बहुत दर्द होगा तू सह पाएगी?
रश्मि- आज नहीं तो कल.. मेरी चूत की चुदाई तो होगी ही.. तो अब इस खेल का पूरा मज़ा लेकर ही रहूँगी.. दर्द चाहे कितना भी हो जाए.. आप बस आज मेरी सील तोड़ ही दो।
जय- यार एक बात तो बता.. तू पहले तो ऐसी नहीं थी.. अब ऐसा क्या हो गया.. जो इतनी बिंदास हो गई?
रश्मि- पता नहीं भाई.. ये सब कल रात ही मेरे दिमाग़ में आया और मैंने आपके लंड को पकड़ा और बस आज आपके सामने हूँ… मगर जो भी हुआ अच्छा हुआ। किसी और से करने से अच्छा है कि आप ही मुझे मज़े दो ताकि घर की बात घर में रहे।
जय- अच्छा ये बात है.. इसका मतलब तुम मुझे बहनचोद बना कर ही दम लोगी? तो ठीक है आज तुम्हें छोड़ कर ऐसा मज़ा दूँगा कि बस तुम रोज मेरे पास आ जाओगी..
रश्मि- अच्छा.. ये बात है.. तो ठीक है आ जाओ.. दिखा दो अपनी पॉवर..
जय- बस थोड़ा सा वेट करो.. मैं बाथरूम जाकर आता हूँ.. उसके बाद अपना चुदाई का प्रोग्राम शुरू करेंगे ताकि बीच में कोई रुकावट ना आए..
रश्मि- ओके भाई.. जैसा आप चाहो जाओ और जल्दी आ जाना..
जय बाथरूम चला गया और रश्मि वहीं लेटी हुई आने वाले पल को सोच कर मुस्कुराने लगी।
Reply


Messages In This Thread
RE: Nangi Sex Kahani अय्याशी का अंजाम - by sexstories - 02-06-2019, 05:17 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,574,161 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,677 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,264,309 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,960 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,695,309 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,115,985 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,012,138 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,261,378 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,103,734 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,913 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)