Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन
02-20-2019, 05:40 PM,
#10
RE: Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन
ok friends i will try to cont.... this stori


मेरे चेहरे पर सवाल थे, और भाभी मेरा चेहरा पढ़ चुकी थी और भाभी बोली:

"मानु अब भी मुझसे नाराज हो?"

उनके मुंह से ये सवाल सुन मैं भावुक हो उठा और टूट पड़ा| मेरी आँखों में आँसूं छलक आये और भाभी ने मुझे अपने सीने से चिपका लिया| उनके शरीर की उस गर्मी ने मुझे पिघला दिया और मेरे आँसूं भाभी का ब्लाउज कन्धों पर से भिगोने लगे| मैं फुट-फुट के रोने लगा और मेरी आवाज सुन भाभी भी अपने आपको रोक नहीं पाईं और वो भी सुबक उठीं और उनके आँसूं मुझे मेरी टी-शर्ट पे महसूस होने लगे|

ऐसा लगा जैसे आज बरसो बाद मेरा एक हिस्सा जो कहीं घूम हो गया था उसने आज मुझे पूरा कर दिया| भाभी ने मुझे अपने से अलग किआ और अपने हाथ से मेरे आँसूं पोछे और मैं अपने हाथ से उनके आँसूं पोछने लगा|नेहा जो अब बड़ी हो चुकी थी अपनी सवालियां नज़रों से हमें देख रही थी|भाभी ने उसे अपने पास बुलाया और अपनी सफाई दी:

"बेटा चाचा मुझे और तेरे पापा को बड़ा प्यार करते हैं, इसलिए इतने साल बाद मिलें हैं ना तो चाचा को रोना आगया|"

ये सुन नेहा ने मेरे गाल पर एक पापी दी और मेरे गाल पकड़ कर छोटे बच्चे की तरह हिलाने लगी| उसकी इस बचकानी हरकत पे मुझे हंसी आ गई| नेहा वापस टी.वी देखने में मशगूल हो गई| मुझे हँसता देख भाभी बोल पड़ी:

"सच मानु तुम्हारी इस मुस्कान के लिए मैं तो तरस गई थी|"

मैं: भाभी मुझे आपसे कुछ बात करनी है|

भाभी: पहले ये बताओ की क्या तुम अब मुझसे प्यार नहीं करते?

मैं: क्यों?

भाभी: तुम तो मुझे भौजी कहते थे ना?

मैं: हाँ...पर मैं भूल गया था|

भाभी: समझी, कोई गर्लफ्रेंड है क्या?

मैं: नहीं!

भाभी: तो मुझे भूल गए?

मैं: नहीं ... भाभी पहले आप मेरे साथ छत पे चलो मुझे आपसे कुछ बात करनी है|

भाभी: फिर भाभी? जाओ मैं नहीं आती|
(उन्होंने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा|)

मैं: (अपनी आवाज में कड़ा पन लेट हुए) भाभी मुझे आपसे बहुत जर्रुरी बात करनी है|
ये कहते हुए मैंने उनका हाथ दबोच लिया और उन्हें पलंग पर से खींच दरवाजे की ओर जाने लगा| भाभी मेरे इस बर्ताव से हैरान थी और मेरे पीछे-पीछे चल दी|

मैंने माँ से कहा:

"माँ मैं भाभी को छत दिखा के लाता हूँ|"

उस समय हमारे पड़ोस वाली भाभी से बात कर रहीं थी और माँ ने सहमति देते हुए इशारा किया| मैंने अब भी भाभी का हाथ पकड़ा हुआ था और ये हमारी पड़ोस वाली भाभी बड़ी गोर से देख रही थी| भाभी और मैं सीढ़ी चढ़ते हुए छत पर पहुँचे|

मैंने छत पर आके भाभी का हाथ छोड़ा, और एक लम्बी साँस ली| भाभी की ओर गुस्से भरी नज़रों से देखते हुए अपना सवाल दागा:

"भाभी आपने पूछा था की मैंने आपको भौजी क्यों नहीं कहा?... पता नहीं आपको याद भी है की नहीं पर आपने उस दिन मेरे साथ ऐसा क्यों किया??? क्यों आप मुझे छोड़के इतने दिनों तक अपने मायके रुकीं रही??? आपको मेरा जरा भी ख्याल नहीं आया?

मेरी आँखें फिर से भर आईं थी और मैं उनका जवाब सुनने को तड़प रहा था|भाभी की आँखों में आंसूं छलक आय और उन्होंने रट हुए मेरे सवालों का जवाब दिया:

"मानु तुम मुझे गलत समझ रहे हो, मैंने कभी भी तुम्हें अपने दिल की बात नहीं बताई| ...... मैं तुम से प्यार करती हूँ|"

ये सुन के मैं सन्न रह गया! मुझे अपने कानों पे विश्वास नहीं हुआ| मैं चौंकते हुए भाभी की ओर देख रहा था| भाभी अपनी बात पूरी करने लगी.....

"उस दिन जब तुम ओर मैं खेलते-खेलते इतना नजदीक आ गए थे ...मैं तुम्हें अपनी दिल की बात उसी दिन कह देती पर....तुम्हारा भाई आगया| हमें उतना नजदीक शायद नहीं आना चाहिए था| तुम्हें अंदाजा भी नहीं है की मुझपे क्या बीती उस रात! मैं सारी रात नहीं सोई ओर बस हमारे रिश्ते के बारे में सोचती रही| मुझे मजबूरन अगले दिन अपने मायके जाना पड़ा ओर यकीन मनो मैंने तुमसे मिलने की जी तोड़ कोशिश की पर तुम्हें तो पता ही है की गावों में पूजा-पाठ, रस्मों में कितना समय निकल जाता है| मैं वहां से क्या कह के आती ??? की मुझे अपने देवर के पास जाना है! लोग क्या कहते??? ओर मुझे अपनी कोई फ़िक्र नहीं, फ़िक्र है तो बस तुम्हारी|

तुम मेरे देवर हो पर नजाने क्यों मैंने तुम्हें कभी अपना देवर नहीं माना... अब तुम्हीं बताओ इस रिश्ते को मैं क्या नाम दूँ ???

भाभी का जवाब सुनके मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ, और मैं भाभी के सामने घुटनों पे बैठ गया:

"भौजी मुझे माफ़ कर दो मैंने आपको गलत समझा| मुझे उस समय ये ये नहीं जानता था की दुनियादारी भी एक चीज है, ओर सच मानो तो मैं खुद आपके और मेरे रिश्ते को केवल एक दोस्ती का रिश्ता ही मानता था| ... मुझे नहीं पता था की आप मुझसे सच्चा प्यार करते हो|" मेरी बात सुन भाभी को एक अजीब सा डर लगा जो उनके चेहरे से साफ़ झलक रहा था|

भाभी: मानु क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करते?.. मेरा मतलब सच्चा प्यार.....

मैं: भौजी मैंने कभी ऐसा.... नहीं सोचा.... मैं तो केवल आपको अपना दोस्त समझता था|

भाभी: मुझे माफ़ कर दो मानु .... मैं हमारे इस रूठना-मानाने वाले खेल को गलत समझ बैठी...

इतना कहते हुए छत के दूसरी ओर चली गईं| मुझे न जाने क्यों अपने ऊपर गुस्सा आने लगा| मैं सोच रह था की काम से काम झूठ ही बोल देता तो भाभी का दिल तो नहीं टूटता| मैं भाभी की ओर भागा ओर उन्हें समझने लगा:

"भौजी मुझे माफ़ कर दो, मेरी उम्र उस समय बहुत काम थी मैं प्यार क्या होता है ये तक नहीं जानता था| मैं आपसे प्यार करता था.. वाही प्यार जो दो दोस्तों में होता है| अब मैं बड़ा हो गया हूँ ओर जानता हूँ की प्यार क्या होता है| प्लीज भौजी आप रोना बंद कर दो ... मैं आपको रोते हुए नहीं देख सकता|"

ये कहते हुए मैंने उन्हें अपनी ओर घुमा लिया ओर उनके दोनों कन्धों पे हाथ रख उनकी आँखों में देखने लगा| उनकी आँखें आँसुंओं से भरी हुई थी और लाल हो गई थीं| दोस्तों मैं आपको नहीं बता सकता मुझपे क्या बीती|

भौजी ने अपने आंसूं पोछते हुए फिर मुझसे वही सवाल पूछा:

"मानु क्या तुम अब मुझसे प्यार करते हो?"

मैं: हाँ!!!

मुझे कुछ सुझा ही नहीं नज़रों के सामने उनका प्यार चेहरा था ओर पता नहीं कैसे मैंने उन्हें हाँ में जवाब दे दिया| मेरा जवाब सुनते ही भाभी ने मुझे कास के गले लगा ले लिया, उनके इस आलिंगन में अजीब सी कशिश थी| ऐसा लगा जैसे उन्होंने अपने आप को मुझे सौंप दिया हो ....

भाभी अब भी मेरी छाती में सर छुपाये सुबक रहीं थी ओर अब मुझे ये डर सताने लगा की कहीं कोई अपनी छत से हमें इस तरह देख लेगा तो क्या होगा, या फिर हमें ढूंढती हुई माँ ऊपर आ गई तो???
अचानक से मुझ में इतनी समझ कैसे आ गई? आखिर क्यों मुझे अचानक से दुनियादारी में दिलचस्पी हो गई? भाभी ने अपना मुख मेरी छाती से अलग किया और मेरी ओर देख रही थी, उनके होंठ काँप रहे थे| मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए उनके कोमल होठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिए| आज पहली बार हम दोनों भावुक हो ले एक दूसरे को किस्स कर रहे थे|भाभी को तो जैसे किसी की फ़िक्र ही नहीं थी और कुछ क्षण के लिए मैं भी सब कुछ भूल चूका था| हम दोनों की आँखें बंद थी और समय जैसे थम सा गया ... मैं बस भाभी के पुष्पों से कोमल होठों को अपने होठों में दबा के चूस रहा था| भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थी.... वो बीच-बीच में मेरे होठों को अपने होठों में भींच लेती| उनके दोनों हाथ मेरी पीठ पर चल रहे थे!

मैं बहुत उत्तेजित हो चूका था ... और दूसरी ओर भाभी का भी यही हाल था|तभी माँ की आवाज आई:

"मानु जल्दी से नीचे आ, तेरे पिताजी आ गए हैं|"

भाभी ओर मैं जल्दी से अलग हो गए.... भाभी अपनी प्यासी नज़रों से मुझे देख रही थी| मैंने उन्हें नीचे चलने को कहा:

"भौजी चिंता मत करो कुछ जुगाड़ करता हूँ|"

हम दोनों नीचे आ गए| भाभी ने पिताजी की पैर छुए ओर बातों का सील सिला चालु हो गया| मैं किताब लेकर भाभी के पास पलंग पे बैठ गया| कमरा ठंडा होने की वजह से मैंने कम्बल ले लिया और भाभी के पाँव भी ढक दिए| अब बारी थी पिताजी को व्यस्त करने की वार्ना आज मेरी प्यारी भौजी प्यासी रह जाती... मैं उठा और बहार भाग गया| जब मैं वापस आया तो पिताजी से बोला:

"पिताजी रोशनलाल अंकल आपको बहार बुला रहे हैं..."

पिताजी मेरी बात सुन बहार चले गए... माँ रसोई में व्यस्त थी ... मौका अच्छा था पर मुझे डर था की पिताजी मेरे झूठ अवश्य पकड़ लेंगे| तभी पिताजी अंदर आये और बोले:

"बहार तो कोई नहीं है?"

मैं: शायद चले गए होंगे|

पिताजी: अच्छा बहु मैं चलता हूँ शायद रोशनलाल पैसे देने आया होगा|

अब बचे सिर्फ मैं ओर बहभी... नेहा तो टी.वी. देखने में व्यस्त थी| दोनों एक ही कम्बल में....मैंने भाभी से कहा:

"भौजी आज भी बचपन जैसे ही सुला दो|"

... और ये कहते हुए मैंने उनके बाएं स्तन को पकड़ा| ये पहली बार था की मैंने भाभी के उरोजों को स्पर्श किया हो| भाभी की सिसकारी निकल गई.....

स्स्स्स ..मम्म

भाभी: मानु रुको मैंने अंदर ब्रा पहनी है ओर ब्लाउज का हुक तुमसे नहीं खुलेगा| उन्होंने अपने ब्लाउज के नीचे के दो हुक खोले ओर अपना बायां स्तन मेरे सामने झलका दिया... उनके 38 साइज के उरोजों में से एक मेरे सामने था| मैंने अपने कांपते हुए हाथों से उनके बांय उरोज को अपने हाथ में लिया ओर एक बार हलके से मसल दिया.... भाभी की सिसकारी एक और बार फुट पड़ी:

“सिस्स्स् .. अह्ह्हह्ह !!!”

अब मेरे मन मचल उठा और मैंने भाभी के स्तन को अपने मुख में भर लिया और उनके निप्पल को अपनी जीभ से छेड़ने लगा| भाभी के मुख पे हाव-भाव बदलने लगे और वो मस्त होने लगीं| मेरे दिमाग अभी भी सचेत था इसलिए मैंने सोचा की "सम्भोग के पूर्व आपसी लैंगिक उत्तेजना एवं आनंददायक कार्य" अर्थात "Foreplay" में समय गवाना उचित नहीं होगा| मैं तो बस अब भाभी को भोगना चाहता था इसीलिए मैंने उनके स्तन को चूसना बंद कर दिया|

भाभी: बस मानु...??? मन भर गया???

मैं: नहीं भाभी!...

ये कहते हुए मैंने कम्बल के नीचे उन्हें अपने पैंट के ऊपर बने उभार को छुआ दिया| भाभी ने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में दबोच लिया मेरे मुंह से विस्मयी सिसकारी निकली:

"स्स्स..."

मेरी नज़र नेहा पर पड़ी मुझे डर था की कहीं वो हमें ये सब करते देख न लें| नेहा अब भी टी.वी देख रही थी मैंने उसे व्यस्त करने की सोची, मैं पलंग से उठा और अलमारी खोल के अपने पुराने खिलोने जो मुझे अति प्रिय थे उन्हें मैं किसी से भी नहीं बांटता था वो निकाल के मैंने नेहा को दे दिया अब वो जमीन पे बिछी चटाई पर बैठ ख़ुशी-ख़ुशी खेलने लगी और साथ-साथ टी.वी में कार्टून भी देख रही थी| जमीन पे बैठे होने के कारन वो ऊपर पालन पर होने वाली हरकतें नहीं देख सकती थी और इसी बात का मैं फायदा उठाना चाहता था| मैंने पालन पर वापस अपना स्थान ग्रहण किया और कम्बल दुबारा ओढ़ लिया| फिर मैंने अपनी पैंट की चैन खोल दी और अपना लंड बहार निकाल कर भाभी का हाथ उसे छुआ दिया| भाभी ने झट से मेरे लंड को अपने हाथों से दबोच लिया और उसे धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी| भाभी की कोशिश थी की वो मेरे लंड की चमड़ी को पूरा नीचे हींचना चाहती थी पर मुझे इसमें दर्द होने लगा था| दरअसल मेरे लंड की चमड़ी कभी पूरा नीचे नहीं होती थी| अर्थात मेरे लंड का सुपर कभी भी खुल के बहार नहीं आया था| जब मैंने अपने मित्रों से ये बात बताई थी तो उन्होंने कहा था की यार समय के साथ ये अपने आप खुलता जाएगा| इसलिए मैंने भाभी को कहा:

"भौजी प्लीज आराम से हिलाओ मेरे लंड पूरा नहीं खुलता|"
Reply


Messages In This Thread
RE: Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन - by sexstories - 02-20-2019, 05:40 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,439 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,576 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,205 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,624 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,480 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,585 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,361 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,011,909 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,014,917 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,261 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)