Incest Kahani उस प्यार की तलाश में
02-28-2019, 12:07 PM,
#35
RE: Incest Kahani उस प्यार की तलाश में
जैसे ही विशाल के लबो मेरी नंगी पीठ को छुआ मेरे मूह से के आआआआआअ..........हह की सिसकारी फुट पड़ी..........मेरी आँखें एक बार दुबारा लज़्जत से बंद हो गयी .....मेरा पूरा जिस्म थर थर कांप रहा था.......मेरी साँसें बहुत ज़ोरों से चलने लगी थी.........मेरे जिस्म पर मानो हज़ारों चीटियाँ काट रही हो ऐसा मुझे महसूस होने लगा था......पर जो भी था ये एहसास मेरे लिए बहुत ख़ास था जिसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती थी.......

उधेर विशाल ने अपने हाथ की मिड्ल फिंगर मेरी नंगी पीठ पर हौले से रख दी और वो अपनी उंगलियों को वहाँ बहुत आहिस्ता से इधेर उधेर घुमाने लगा.......मैं लज़्जत से एक बार फिर से ज़ोरों से सिसक पड़ी......मेरी आँखे अब सुर्ख लाल हो चुकी थी........विशाल का इस तरह से मेरे पीठ पर हाथ फेरना मुझे मानो पल पल पागल बनाता जा रहा था.......फिर वो अपने होंठो को बहुत आहिस्ता से मेरी पीठ पर रखकर वहाँ भी अपना होंठ बहुत धीरे धीरे फेरने लगा......

अदिति-आआआआआअ............म्म्म्म.मममममममममम...........हह.........व...ई....स...ह.....आ....एल............मुझे.........प्यार..........करो...........आआआआआ.हह....

विशाल बिना मेरी ओर देखे मेरे पीठ पर ऐसे ही अपना जीभ फेरता रहा और वही दूसरी तरफ अपनी उंगलियों का कमाल भी दिखाता रहा.......अब मेरे निपल्स धीरे धीरे हार्ड होने लगे थे वही मेरी चूत भी अब गीली होने लगी थी........मुझे इस वक़्त कोई होश नहीं था.....बस मैं इस सुखद एहसास को अपने अंदर समेटना चाहती थी.......विशाल के इस तरह उंगलियाँ फेरने से मुझे गुदगुदी भी हो रही थी..........वही मेरे जिस्म के रोयें भी पूरी तरह से खड़े हो चुके थे.......मैं फिर अपना चेहरा आगे बढ़ाकर विशाल के नज़दीक ले गयी और उसके लबों पर अपने होंठ हौले से रख दिए.........

इस बार विशाल मेरे होंठो को अपने मूह में लेकर उसे हौले हौले से चूसने लगा..........अब वो अपने दाँतों के बीच मेरे नीचले होंठ को धीरे धीरे काट रहा था......और साथ ही साथ चूस रहा था......और उधेर दूसरी तरफ अभी भी उसकी उंगलियाँ मेरी पीठ पर धीरे धीरे सरक रही थी.........मैं अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी........मैने अपना जिस्म बिल्कुल ढीला छोड़ दिया.......अब विशाल जैसा चाहे मेरे जिस्म के साथ खेले मुझे अब इसी कोई ऐतराज़ नहीं था.......

करीब 15 मिनिट तक विशाल मेरे इन रसीले होंठो का रस पीता रहा और अपनी उंगलियों का जादू मुझपर बिखेरता रहा........मेरे मूह से निकता थूक धीरे धीरे उसके मूह में घुल रहा था वही उसके मूह का थूक मेरे मूह में आ रहा था.......मुझे आज ये सब कुछ बुरा नहीं लग रहा था......विशाल अपने दाँतों के बीच मेरी जीभ को दबाता और उसे चूस्ता जिससे मैं और मदहोश सी हो जाती........अब विशाल का एक हाथ मेरे कंधे पर आ चुका था.......

विशाल मेरी ब्रा के स्ट्रॅप्स के उपर अपनी उंगलियों को धीरे धीरे फेर रहा था........मुझे आज पहली बार ये एहसास हुआ था कि सेक्स वो नशा है जिसमें इंसान एक पल में अपना सब कुछ भूल जाता है......उस वक़्त कुछ वैसा मेरा भी हाल था........कुछ देर तक विशाल अपनी उंगलियों को मेरी ब्रा पर फेरने के बाद उसने मेरे कंधों पर लगा ब्रा का स्ट्रॅप्स धीरे से सरकाते हुए उसे नीचे की तरफ ले जाने लगा.......एक बार फिर से मेरी दिल की धड़कने बढ़ चुकी थी.......मेरी साँसें फिर से बेकाबू हो चली थी.......

एक तरफ मेरा शरम से बुरा हाल था वही मैं चाहती थी कि आज विशाल मेरा ये सुंदर यौवन देखे........अभी भी मेरे अंदर झिझक बाकी थी.....जैसे ही विशाल ने मेरे कंधो पर लगी ब्रा की स्ट्रॅप्स को नीचे किया मैं फ़ौरन उसके लबों को फिर से चूसने लगी........फिर उसने अपना हाथ मेरे दूसरे कंधे पर रखा और वहाँ भी मेरे ब्रा का स्ट्रॅप्स को धीरे धीरे सरकाते हुए नीचे की ओर ले जाने लगा.........

हम दोनो इस वक़्त सब कुछ भूल चुके थे......मुझे ये भी होश नहीं था कि मम्मी पापा भी आने वाले है......अगर उन्होने हमे इस हाल में देख लिया तो........मैं अधनंगी हालत में इस वक़्त विशाल की बाहों में लेटी हुई थी.......तभी अचानक मेरी निगाह घड़ी पर गयी और जब मैने घड़ी में टाइम देखा तो उस वक़्त रात के 8.30 बज रहे थे.......मुझे तो एक पल ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे जिस्म से पूरा खून निचोड़ लिया हो........मैं विशाल के हाथों पर अपना हाथ रख दिए जिससे विशाल वही रुक गया और मुझे बड़े गौर से देखने लगा..

विशाल- क्या हुआ अदिति......मुझसे कोई खता हुई क्या??????

अदिति- नहीं विशाल.....मम्मी पापा अब आने वाले होंगे........देखो इस वक़्त रात के 8.30 बज रहें है......वो कभी भी आ सकते है....अगर उन्होने हमे इस हाल में देख लिया तो तूफान खड़ा हो जाएगा........प्लीज़ मैं ये सब अभी नहीं कर सकती.........मगर जब भी मौका मिलेगा मैं तुम्हें अपनी जवानी का रस ज़रूर पिलाउन्गि ये मेरा तुमसे वादा है.......अब जाओ जल्दी बाहर.......विशाल फिर मुझे बड़े प्यार से मेरे होंठो पर किस किया और फिर मेरे कमरे से फ़ौरन बाहर निकल गया......
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RE: Incest Kahani उस प्यार की तलाश में - by sexstories - 02-28-2019, 12:07 PM

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