Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 01:59 PM,
#97
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
दरअसल जब वो पानी की टंकी में उतरी थी….तब वो नंगे पैर थी…सर्दी के मौसम में उसके पैर सुन्न पड़ गये थे…में उसके पास जाकर बैठ गया और उसका एक पैर पकड़ कर उसके पैर के तलवे को हाथ से रगड़ने लगा….”अह्ह्ह्ह ये आप क्या कर रहे है….हम बहुत छोटे लोग है शाह जी….ऐसा जुलम मत करिए…में ये भार कैसे उतार पाउन्गि….” रानी ने अपना पैर पीछे की तरफ खेंचते हुए कहा…लेकिन मेने उसके पैर को थामें रखा….”पैदाइश से कोई छोटा बड़ा नही होता…. इंसान की फितरत ईमानदारी फर्मदारी उसे छोटा बड़ा बनाती है…और तुम इतनी मेंहनत करती हो.. तो तुम छोटी कैसे हो सकती हो…” मेने उसके पैर की मसाज करते हुए कहा… मुझे लग रहा था कि मेरी बातो का असर उस पर हो रहा है…

रानी: आप दिल के बहुत अच्छे है…वरना हम जैसे छोटे लोगो के पास तो कोई बैठना भी पसंद नही करता….

मैं: तुम्हारा दिल भी बहुत अच्छा है….मेरी तरह….

रानी मेरी हर बात पर मुस्करा रही थी….उसके साँवले गालो पर सुर्खी आने लगी थी….रानी मुझसे नज़रे नही मिला पा रही थी…मेरे लंड ने शलवार के साथ -2 कमीज़ को भी आगे से उठा रखा था….रानी को भी इस बात का पता था.. वो तिरछी नजरो से मेरी ऊपेर उठाई हुई कमीज़ को देख रही थी….”एक बात कहूँ…” मेने धड़कते दिल के साथ कहा तो, रानी ने सवालिया नज़रो से मेरी तरफ देखा…और धीरे से बोली….”जी…”

मैं: रानी तुम बहुत खूबसूरत हो….ज़ेशन बड़ा खुसकिस्मत है….जो उसे तुम जैसे अप्सरा जैसी बीवी मिली…

रानी मेरी बात सुन कर पहले तो शरमाई पर फिर मूह बनाते हुए बोली…. “आप मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो नही….?”

मेने हंसते हुए रानी को देखा…और बोला..”कसम से में झूट नही बोलता…”

रानी मेरे बात सुन कर फिर से शरमाई….फिर कुछ सोच कर बोली….”शाह जी मुझ पर लाइन मार रहे हो….हहा हहा…” में रानी की बात सुन कर हँसने लगा…और बोला…”में तो सच बोल रहा था…अगर तुम्हे ऐसा लगता है कि मैं तुम पर लाइन मार रहा हूँ…तो ठीक है में कुछ नही बोलता अब….” मेने रानी का पैर छोड़ा साइड में होकर बैठ गया….मैं सामने वाली बाउड्री की तरफ देख रहा था….थोड़ी देर हम दोनो चुप रहे..

रानी: शाह जी लगता है आप बुरा मान गये हो….

मैं: में क्यों बुरा मानुगा….

रानी: नाराज़ हो गये…..

मैं: नही…नाराज़ तो अपनो से हुआ जाता है…तुम हो कॉन मेरी जो में तुमसे नाराज़ हो जाउ….

फिर कुछ देर के लिए खोमाशी छा गयी…मेने अपने दोनो हाथ पीछे करके नीचे गद्दे पर रखे हुए थी….तभी रानी ने अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रखते हुए कहा…”आप तो बड़ी जल्दी हार मान गये….” मेने रानी की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी….उसके आँखो में वासना सॉफ नज़र आ रही थी…. “किस बात के लिए हार मान ली मेने…” मेने रानी की तरफ देखते हुए पूछा….तो वो थोड़ा सा मुस्कराई और सर झुकाते हुए बोली….”आप मुझ पर लाइन मार रहे थे…मानो चाहे नही मानो…और आप जल्दी हार भी मान गये…और मूह फूला कर बैठे हो..”

मेने रानी की बात का कोई जवाब नही दिया….और वैसे ही बैठा रहा….”एक बात कहूँ…” रानी ने सरगोशी से भरी आवाज़ में कहा…

.”हां बोलो….” मेने उसकी तरफ देखे बिना ही कहा….

”इंसान को अपनी मंज़िल पाने के लिए कॉसिश करते रहना चाहिए…कभी नही कभी इंसान अपनी मंज़िल हासिल कर ही लेता है…” मेने चोन्कते हुए रानी की तरफ देखा तो, वो शर्मा कर मुस्करा रही थी….मेने रानी का हाथ पकड़ा और जैसे ही उसे अपनी तरफ खेंचा…वो मुझसे आ टकराई….मेने एक हाथ उसके पीछे से ले जाते हुए उसके कंधे को पकड़ा….और दूसरे हाथ से उसके फेस को पकड़ कर ऊपेर किया…और उसकी आँखो में झाँकते हुए बोला….”मेने जिंदगी में हारना नही सीखा….और ना ही नही सुनने की आदत है मुझे…”

रानी के मूह से सिसकी निकल गयी….उसकी आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी… “आप चाहते क्या है….” रानी की साँसे मजीद तेज हो गयी थी…”तुम्हारी लेनी है.. बोल दोगि कि नही….” मेने रानी के फेस से हाथ हटा कर नीचे लेजा कर उसके राइट माममे को जैसे ही पकड़ कर दबाया…तो रानी मस्ती में दोहरी हो गयी…उसकी आँखे बंद हो गयी…..और वो उखड़ी हुई आवाज़ में बोली….”मेरी क्या मज़ाल में आप को मना करूँ…” रानी की साँसे मजीद तेज चल रही थी…मेने रानी को धीरे-2 नीचे गद्दे पर लेटा दिया….

और खुद उसके ऊपेर लेटते हुए मेने उसके दोनो मम्मो को पकड़ कर उसके होंठो पर अपने होंठो रख दिए…रानी मस्ती में मचल उठी…उसने अपने बाजुओ को मेरे कंधो के ऊपेर से सर के पीछे ले जाते हुए मेरे सर को कस्के पकड़ लिया…और अपने होंठो को खोल कर ढीला छोड़ दिया…में पागलो की तरह उसके होंठो को दबा-2 कर चूसने लगा और साथ ही उसके कसे हुए मम्मो को कमीज़ और ब्रा के ऊपेर से दबाते हुए खेंचने लगा…मेरा लंड जो कि फुल हार्ड हो चुका था….

मेरा हाथ उस के गाल से सरकता हुआ चेस्ट पर आ गया...और कुछ देर बाद मेने नीचे से उस की कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर कमीज़ को ऊपेर कर दिया...

रानी अब मेरा साथ पूरी तरह दे रही थी…मेने कमीज़ ऊपेर उठा कर ब्रा से मम्मे बाहर निकाल लिए...रानी ने शरमा कर अपने मम्मो को हाथों से छुपा लिया...मेने उस के होंठों को किस करते हुए उस के हाथों को मम्मो से अलग करने लगा...रानी ने ऐक 2बार मुझे रोका फिर उस ने अपने हाथ साइड पर कर लिए...थोड़ी देर बाद मेरे होंठ रानी के होंठों से हट कर उसके मम्मो पर आ गये थे...
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