Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:53 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
खैर मैं वहाँ से घर वापिस आया….कपड़ों का बॅग तो वैसे ही पॅक पड़ा था….. और फिर मेने अपनी बुक्स एक बॅग में डाली और अब्बू की बाइक जो घर पर ही थी… बाइक लेकर में नजीबा की मामी के गाओं की तरफ चल पड़ा….पिछले चन्द महीनो से मेरी जिंदगी बहुत बदल चुकी थी……जब में नजीबा की मामी के घर पहुँचा तो, शाम हो चुकी थी…..मैं गेट के सामने पहुँचा कर बाइक का हॉर्न मारा तो, थोड़ी देर बाद नजीबा की मामी नीलम ने गेट खोला….और मेने बाइक अंदर कर दी… मैं बाइक से नीचे उतर और स्टॅंड पर लगा कर जैसे ही मुड़ा तो मेरी टक्कर एक दम से मामी नीलम से हो गयी…..ये सब एकदम से हुआ था….जैसे ही हम दोनो एक दूसरे से टकराए तो, नीलम के बड़े-2 मम्मे जो उसकी कमीज़ और ब्रा में कसे हुए थे मेरी चैस्ट में कुछ पलों के लिए दब गये…..

एक पल के लिए तो मेरी साँस ही रुक गयी…हम दोनो की नज़रें मिली तो, नीलम ने हंसते हुए कहा….”आइ आम सॉरी बेटा…..” और फिर मुस्कुराने लगी….”जी कोई बात नही… मेने ध्यान नही दिया…वैसी नजीबा अब कैसी है…?”

नीलम: ठीक है…अंदर लेती है….शूकर है कि तुम आ गये….वरना मैं तो सोच रही थी कि, अब अकेली इसे कहाँ लेकर जाउ….मैं बहुत परेशान हो गयी थी…

मैं: आप घबराए नही….जब तक मम्मू नही आ जाते….मैं यही रहूँगा…..वैसे आप ने अब्बू या नजीबा की अम्मी को खबर दी क्या….?

नीलम: नही….मेने बहुत कहा….पर नजीबा ने मना कर दिया….कह रही थी कि, अम्मी बहुत दिनो बाद गयी है…उसके चाचा की शादी है….इसलिए नही बताया,….

मैं: और आपके हज़्बेंड वो नही जाएगे शादी में….

नीलम: जाएँगे…..वही से शादी वाले दिन चले जाएँगे… तुम अंदर चलो में तुम्हारे लिए चाइ बनाती हूँ…..

मैं: जी…..

उसके बाद में नजीबा वाले रूम में चला गया….नजीबा बेड पर लेटी हुई थी… वो मुझे देख कर बेड पर बैठ गयी… में उसके पास जाकर बेड के किनारे पर बैठ गया….जैसे ही मेने उसकी आँखो में देखा तो, उसकी आँखो में नमी थी… मेरा दिल उसी वक़्त पिघल गया….मेने आगे बढ़ कर उसकी आँखो से आँसू सॉफ किए.. और उसे गले से लगा लिया…”रो क्यों रही हो….में तुम्हारे पास हूँ ना….?” 

नजीबा: आप मुझे छोड़ कर क्यों गये थे…..एक बार भी कॉल करके मुझसे बात करने का दिल नही किया….

मैं: दिल तो बहुत करता था….क्या करता….मजबूरी थी…कि कही तुम्हारी मामी हमारे बारे में कुछ ग़लत नही सोच ले…

मेने नजीबा को अपने से अलग किया….”अब तो खुश हो जाओ….अब मैं तुम्हारे पास यहाँ एक वीक तक रहने वाला हूँ….” नजीबा मेरी बात सुन कर मुस्कुराने लगी… “आप के एग्ज़ॅम कब से शुरू है…”

मैं: तीन बाद…..

तभी मुझे ख़याल आया कि, नजीबा के भी इंटर्नल एग्ज़ॅम शुरू होने वाले होंगे… “और तुम्हारे….?” मेने नजीबा की तरफ देखते हुए पूछा….” वो तो कल ही ख़तम हुए थे….”

मैं: ठीक है तो तुमने सही वक़्त पर अपनी टाँग तुड़वाई है हाहाहा….

नजीबा मेरे बात सुन कर बनावटी गुस्सा करते हुए मेरी चैस्ट पर मुक्के मारने लगी….तभी बाहर से कदमो की आवाज़ सुन कर हम दोनो थोड़ा फँसला बना कर बैठ गये….नीलम चाइ लेकर आई….और फिर हम वही चाइ पीने लगे….नीलम बेड के सामने कुर्सी पर बैठी चाइ पी रही थी….और मैं नजीबा के पास ही बेड पर नीचे पैर लटका कर बैठा था….

नीलम: समीर तुम्हारे एग्ज़ॅम कब से शुरू होने है…

मैं: जी तीन दिन बाद…..

नीलम: ठीक है….चाइ पीने के बाद तुम मेरे साथ ऊपेर चलना…. ऊपेर हैदर का रूम है….(हैदर नीलम का बेटा था….जो दुबई में जॉब कर रहा था….) वहाँ स्टडी टेबल भी है और बेड भी….तुम वहाँ आराम से अपनी स्टडी कर सकते हो…. दिन को तो यहा गाओं की औरतें आती रहती है…तुम ठीक से पढ़ नही सकोगे….

मैं: जी जैसे आप ठीक समझे…..

नीलम: क्यों ठीक है ना नजीबा….

नजीबा: जी मामी…..

नीलम: और सूनाओ पढ़ाई कैसी चल रही है….?

मैं: जी ठीक चल रही है….

नीलम: अब देखो नहा….तुम्हारे एग्ज़ॅम है….और हमारी वजह से से तुम्हारी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है….

मैं: ये आप कैसी बात कर रही है…इस वक़्त अगर में आपकी मदद नही करूँगा… तो कोई बाहर वाला तो नही करेगा नही…..आप ये बात अपने जेहन से निकाल दें कि आप की वजह से मेरी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है….

मेने चाइ ख़तम करके चाइ का खाली कप नीलम की तरफ बढ़ा दिया….नीलम उठी और खाली कप्स को ट्रे में रखते हुए बोली…”आओ में तुम्हे रूम दिखा देती हूँ…” और फिर वो बाहर चली गयी….मेने नजीबा के गाल पर प्यार से हाथ फेरा और ढैएरए से कहा….”में अपना समान रूम में रख कर आता हूँ….” तो नजीबा ने भी मुस्कुराते हुए हां में सर हिला दिया….में रूम से बाहर निकला….मेरे बॅग्स बाहर बरामदे में ही पड़े हुए थे….नीलम किचिन में थी…. नीलम का घर दो मंज़िला था….नीचे वाले पोर्षन में पीछे की तरफ दो रूम्स फिर बरामदा और फिर कीचीं और फिर गेट के एक तरफ दो रूम्स और गेट के दूसरी तरफ बाथरूम और टाय्लेट था…ऊपेर भी सेम ऐसा ही पोर्षन बना हुआ था….
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