RE: Kamukta kahani हरामी साहूकार
अगले दिन पिंकी और निशि जब स्कूल में अपना लंच कर रही थी तो उन्होने दूर से आती हुई नाज़िया को देखा
उसकी चाल को देखकर ही समझ में आ रहा था की ये अब लंड ले चुकी है...
अपने दोनो कूल्हे दोनो तरफ निकाल कर मटकती हुई वो उन्ही की तरफ आई और अपना लंच बॉक्स खोलकर वही बैठ गयी..
दोनो को पता था की वो लाला के लंड से चुद चुकी है, पर फिर भी वो उसी के मुँह से सुनना चाहती थी..
निशि : "बड़ी गांड मटका कर चल रही है री नाज़िया...लगता है लाला के लंड ने तेरी टांगे फेला दी है अच्छे से...''
अपनी बात कहकर वो पिंकी की तरफ देखते हुए हँसने लगी...
पिंकी ने भी उसका साथ दिया..
जिसे देखकर नाज़िया बोली : "हाँ हाँ हंस लो...इसमे कौनसी मज़ाक वाली बात है, मुझे तो इसमे मज़ा ही आया था, इसलिए मुझे इस बात का बुरा नही लग रहा...बुरा तो मुझे तुम्हारे लिए लग रहा है क्योंकि लाला पर तो तुम दोनो की पहले से नज़र थी और उसका लंड खाने को मुझे पहले मिला... हा हा''
उसकी बात सुनकर दोनो चुप हो गयी...
उनकी हँसी का जवाब अच्छे से दिया था नाज़िया ने..
और बात तो सही ही कह रही थी वो..
उनसे पहले ये कल की आई लौंडिया कैसे उनसे चुद गयी.
उसकी चुदाई की बाते जानने के लिए वो दोनो उत्सुक थी...
इसलिए पिंकी अपनी ज़ुबान में थोड़ी मिठास लाते हुए बोली : "अरे , हम तो मज़ाक कर रहे थे पगली...वैसे भी तूने तो ले ही लिया है लाला के लंड को, इसमे हमारा भी तो फायदा है ना...''
नाज़िया रोटी खाते-2 रुक गयी और बोली : "फायदा ...? तुम्हारा कैसा फायदा है इसमें ..''
इस बार निशि ने मुस्कुराते हुए इस बात का जवाब दिया : "वो ये की तू हमे आज बताएगी की लाला के लंड को लेने में कैसा फील हुआ, मतलब कुछ तकलीफ़ हुई या आसानी से चला गया वो अंदर...''
ये बाते वो बोल तो रही थी पर ऐसा कहते हुए उसकी चूत में जो चिकनाई का निर्माण हो रहा था उसकी फीलिंग वही दोनो जानती थी...
हालाँकि एक बार फिर से लाला के लंड की चुदाई याद करके नाज़िया भी नीचे से भीग चुकी थी, पर उपर से दिखाकर वो उन्हे ये नही जताना चाहती थी की वो भी ये सुनकर उत्तेजित हो रही है..
वो बोली : "क्या तुम्हे लगता है की लाला का लंड इतनी आसानी से अंदर जाने वालों में से है.....पता है मेरे हाथ से कोहनी तक लंबा लंड था उसका, जब उसने मेरे अंदर डाला...हाय अल्लाह , उस पल को याद करके ही मेरे रोंगटे खड़े हो रहे है...साले ने बेरहमी से पेल दिया था पूरा अंदर, खून भी निकला था.....पर ससुरे को रहम ना आया, पूरा लंड पेलकर ही माना वो हरामी लाला...और वो भी मेरी माँ के सामने..''
ये सुनते ही उन दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा...
लाला ने ये बात तो उन्हे बताई ही नही की शबाना के सामने ही लाला ने उसकी बेटी पेल डाली थी...
साला सच में हरामी है..
और शायद ऐसा ही कुछ वो पिंकी के साथ भी करेगा क्योंकि उसकी माँ सीमा को तो वो पहले ही चोद चुका था उसके सामने...
लाला की इस प्लानिंग के बारे में जानकार दोनो के जिस्म अंदर से धधक रहे थे...
पिंकी तो जानती थी की उसकी माँ की तरफ से अब कोई रोकटोक नही होगी,
वो तो पहले से ही लाला के लंड की मुरीद बन चुकी है...
अब तो अगली बार लाला उसे ही चोदेगा और वो भी उसकी माँ सीमा के सामने..
वहीं दूसरी तरफ निशि की हालत भी खराब हो रही थी...
नाज़िया चुद चुकी थी और पिंकी भी चुदने को तैयार थी
ऐसे में उसका नंबर कब आएगा ये उसे भी नही पता था..
पर एक बात वो अच्छे से जानती थी की लाला को तो बस चूत चाहिए,
पहले किसकी मिलती है इस बात से उसे कोई फ़र्क नही पड़ता इसलिए उसके दिमाग़ में पिंकी से पहले चुदने के प्लान बनने शुरू हो गये..
और अपनी प्लानिंग के बीच वो नाज़िया की बाते भी सुन रही थी जो चुदाई के वक़्त उसके बहुत काम आने वाली थी..
नाज़िया : "अंदर जाने में ही तकलीफ़ हुई बस, उसके बाद तो ऐसा लग रहा था की वो मोटा लंड भी कम है, अंदर के मज़े देने में ...कसम से यार, ऐसा लग रहा था जैसे इस मज़े से बढ़कर कुछ और है ही नही दुनिया में , ऐसा नशा सा चढ़ रहा था पूरे जिस्म पर जैसे किसी ने जादू सा कर दिया हो...लाला का लंड मेरी बन्नो के अंदर जा रहा था और वो मेरे मुम्मो को चूस रहा था, काट रहा था...चाट रहा था...''
पिंकी की आँखे लाल सुर्ख हो गयी ये सुनते -2 और वो हड़बड़ा कर बोली : "ब....बस...कर ....साली..... अपनी बातें सुना कर मेरी सलवार गीली करवा दी....अब क्लास में कैसे बैठूँगी...''
उसकी बात तो सही थी...
सलवार तो तीनो की गीली हो चुकी थी...
ऐसे में क्लास को बंक करना ही सही लगा उन्हे और वो तीनो चुपके से स्कूल के पीछे वाली टूटी हुई दीवार से निकल कर बाहर आ गयी...
और वहां से वो तीनो सीधा नाज़िया के घर गये जहाँ उसकी अम्मी शबाना घर का काम निपटाने में लगी थी...
उन तीनो को एक साथ देखकर वो बोली : "अर्रे, तुम तीनो स्कूल से भाग आई क्या...''
जिसके जवाब में तीनो एक साथ घूम गयी और अपना भीगा हुआ पिछवाड़ा उन्हे दिखा दिया, जिसे देखते ही वो समझ गयी की वो गीलापन किस चीज़ का है...
उन्होने तीनो को अंदर जाकर सॉफ करने को कहा और फिर से अपना काम करने लगी.
तीनो अल्हड़ चूते खिलखिलाती हुई सी अंदर की तरफ भाग गयी..
शबाना जानती थी की तीनो मे काफ़ी अच्छी दोस्ती है और शायद नाज़िया ने अपनी चुदाई की बाते सुनाकर ही उनका ये हाल किया है...
ये आजकल की लड़किया भी ना कुछ भी अपने पेट में नही रख सकती..
पर फिर उसने सोचा की इतने बड़े लंड को लेना कोई आसान काम थोड़े ही है...
उसका ज़िक्र अपने दोस्तो से करना तो बनता ही है..
शबाना ने उन्हे अंदर भेज तो दिया था पर वो जानती थी की वो आपस में मिलकर ज़रूर कोई गड़बड़ करेंगी...
उसके मन में उत्सुकतता सी बन गयी और अपना काम निपटाने के बाद वो दबे पाँव अंदर वाले कमरे की तरफ चल दी जहाँ वो तीनो गयी थी.
अपने कमरे में जाते ही नाज़िया ने तो बड़ी ही बेबाकी से अपनी सलवार निकाल कर एक कोने में उछाल दी...
नीचे जो कच्छी पहनी हुई थी वो भी भीग चुकी थी...
उसे भी जब उसने उतारा तो उसकी तराशि हुई चूत जो इस वक़्त एकदम लाल सुर्ख होकर दमक रही थी सबके सामने आ गयी...नंगी होकर वो बड़ी ही सैक्सी दिख रही थी
पिंकी और निशि ने भी एक दूसरे को देखा और अपनी-2 सलवारे निकाल दी...
उन दोनो ने उसे टेबल फैन के सामने फेला दिया ताकि वो उनके जाने से पहले सूख भी जाए..
और अंदर उन्होने नाज़िया की तरह कच्छी तो पहनी नही हुई थी इसलिए उन दोनो की भी चूत एकदम नंगी होकर नाज़िया के सामने उजागर हो गयी.
भले ही लंड से चुद चुकी थी नाज़िया, पर अपने सामने एक बार फिर से उन दोनो की चूत देखकर उसके मुँह में फिर से पानी आ गया और उसने अपने होंठो पर जीभ फेराते हुए पिंकी की आँखो में देखा, वहां भी उसे वही प्यास दिखी जो इस वक़्त उसकी नज़रों में थी...
निशि तो पहले से ही तैयार थी, इसलिए उसने उनकी आँखो का इशारा समझते हुए अपनी स्कूल की कमीज़ भी निकाल फेंकी..
अगले एक मिनट मे पिंकी और नाज़िया ने भी वही किया और अब तीनो उस कमरे मे नंगी होकर खड़ी थी..
लाला के लंड के बारे में बाते कर-करके तीनो इतनी उत्तेजित हो चुकी थी की उन्होने एक पल भी नही लगाया और आपस में गले मिलते हुए, गुत्थम गुत्था करके तीनो एक दूसरे पर टूट पड़ी...
निशि ने नाज़िया की भीगी चूत पर हमला किया तो पिंकी ने उसके स्तनो पर...
नाज़िया ने भी अपनी उंगली पिंकी की चूत में डालकर उसे हिला डाला,
पूरे कमरे में तीनो की सिसकारियां गूँज रही थी,
नाज़िया ने खुद को अपने बिस्तर पर गिरा दिया और पिंकी को अपने चेहरे पर आने का न्योता दिया, जिसे उसने खुशी -2 स्वीकार कर लिया.
अपने चेहरे पर बिठाकर उसने पिंकी की मिठाई की दुकान से सारी मिठाइयाँ निकालकर खानी शुरू कर दी...
हर बार जब वो अपनी जीभ उसकी चूत में घुसाकर अंदर से माल निकालती तो उसे अलग ही किस्म का स्वाद मिलता...
उसकी देखा देखी निशि ने भी अपनी जीभ से नाज़िया की चूत को टटोलकर उसमें से मलाई चाटनी शुरू कर दी..
लाला के लंड से चुदने के बाद उसमे थोड़ा खुलापन आ चुका था जिसकी वजह से उसकी जीभ आसानी से अंदर बाहर हो रही थी,
लाला के लंड से चुदी चूत को चाटने में निशि को एक अलग ही उत्तेजना का एहसास हो रहा था.
वो ये काम कर ही रहे थे की अपने सारे कपड़े निकालकर शबाना भी अंदर आ गयी...
अपनी अम्मी के आने का एहसास मिलते ही नाज़िया ने जब उनकी तरफ देखा तो उन्हे नंगा देखते ही वो समझ गयी की उनके मन का लालच ही उन्हें अंदर खींच लाया है ...
पिछली बार भी जब उसने लाला के चले जाने के बाद अपनी अम्मी की चूत चाटी थी और अपनी भी चटवाई थी तो उसमे काफ़ी मज़ा मिला था , उसी मज़े को पिंकी और निशि की चूत के साथ लेने के लिए ही वो वहां आई थी इस वक़्त...
इसलिए उसने मुस्कुराते हुए उन्हे अपनी तरफ बुलाया..
शबाना आंटी को एकदम से कमरे में आया देखकर पहले तो पिंकी और निशि डर सी गयी पर उनके चेहरे पर आई हुई हवस को देखकर वो दोनो भी समझ गयी की ये उनकी बेटी के साथ पहली बार नही है..
और जब वो बेटी के साथ मज़े ले सकती है तो उन्हे बीच में मज़े लेने में क्या प्राब्लम हो सकती है...
इसलिए वो भी निश्चिंत होकर शबाना आंटी के साथ मज़े लेने लगे..
हालाँकि इन सबमे से किसी ने भी आज तक लेस्बियन सैक्स या उससे जुड़ी किसी भी बात के बारे में नही सुना था पर इस वक़्त जो काम ये सब मिलकर कर रही थी उससे तो एक अच्छी ख़ासी ब्लू फिल्म बनाई जा सकती थी...
खैर, ब्लू फिल्म तो बन ही रही थी वहां पर,
और शबाना के आने के बाद तो इस फिल्म में चार चाँद से लग गये थे,
क्योंकि उसने जब बेड पर आकर उन कुँवारी चुतों को चाटना शुरू किया तो तीनो किसी बकरी के मेमनों की तरह मिमियाती हुई चिल्लाने लगी क्योंकि अपने अनुभव का उपयोग करके शबाना उनके कच्चे जिस्मो के उन अंगो से खेल रही थी जिससे वो खुद आज तक अंजान थे...
तीनो एक दूसरे के पीछे लाइन बनाकर बकरी बन गए और एक दूसरे की चूत चाटने लगे
कमरे में चूत से निकले पानी की महक फेली हुई थी....
सभी ने जी भरकर एक दूसरे की चूत को चूसा भी और तब तक चाटा भी जब तक उसमे से निकले पानी को उन्होने सूखा नही दिया...
आज की इस छूट चुसाई ने उन सबके दिलो में कभी ना बुझने वाली प्यास को और भी बड़ा दिया था....
जो अब लाला के लंड से ही बुझने वाली थी..
सभी के दिमाग़ में लाला के लंड की ही तस्वीर घूम रही थी...
पर इन सबमे से अगली बार लाला के लंड से चुदने का सौभाग्य किसे मिलेगा ये उनमें से कोई भी नही जानता था...
या शायद जानता था.....
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