Kamukta kahani हरामी साहूकार
03-19-2019, 12:30 PM,
RE: Kamukta kahani हरामी साहूकार
लाला ने उसकी फूली हुई चूत के होंठो को पकड़ कर अपने उंगलियों से दबाया, जिसके परिणामस्वरूप उसमे से ढेर सारा शहद निकलकर नीचे गिर गया..



शायद अंदर काफ़ी रस भरा पड़ा था...
लाला ने उसकी चूत पर मुँह रखकर उस बह रहे रस को एक ही बार में पी लिया

''आआआआआआआआआहह लालाआआआआआआआआआअ...... उम्म्म्ममममममममममम....... चूस मुझे......ज़ोर से चूऊऊऊओस...लालाआआआssssssss ''

पर लाला जानता था की थोड़ी बहुत चिकनाई तो लंड को अंदर धकेलने के लिए भी चाहिए....

इसलिए वो बोला : "चूसने के लिए तो अब पूरी जिंदगी पड़ी है मेरी रानी....अब तो तू ये कह की चोद लाला ....

चुदने के नाम से ही वो एक बार फिर से सिहर उठी....
पर वही करवाने के लिए तो वो वहाँ आई थी...
इसलिए वो बड़े ही प्यार से बोली : "हाँ लाला....चोद दे मुझे....आज मुझे जवानी का वो मज़ा दे डाल जिसे पाने के बाद दुनिया के सारे मज़े फीके लगते स्स्स्सस्स्स् ....''

उसके शब्द पूरे होने से पहले ही लाला ने अपनी गर्म मिसाइल उसकी चूत पर रख दी...
पिंकी को ऐसा लगा जैसे ठंडे बदन से गर्म लोहा छू गया हो....
अंदर जाकर तो वो उसका बुरा हाल कर देगा...

लाला भी समझदार था, वो उसकी चूत पर लंड रगड़कर ये देख रहा था की काम ऐसे ही चल जाएगा या तेल लगाने की ज़रूरत पड़ेगी....
भले ही रास में डूबी थी पर चूत काफी टाइट थी, इसलिए उसने तेल लगाना ही उचित समझा....

उसने निशि को इशारा करके तेल की शीशी उठाकर लाने को कहा...
वो तो कब से शायद कुछ करने के लिए उतावली सी हुई बैठी थी,
लाला का इशारा पाते ही वो झट्ट से तेल उठा कर लाला के सामने पहुँच गयी और उसके कहने से पहले ही अपने हाथ पर तेल उडेल कर वो उन तेल से सने एक हाथ से लाला का लंड और दूसरे हाथ से पिंकी की चूत रगड़ने लगी...

''आआआआआआआआआअहह शाबाश निशि ....मेरी ज़ाआाआआआनन्न....''

पिंकी बस यही बोल पाई, क्योंकि तब तक लाला ने एक बार फिर से अपना तेल से सना लंड उसकी चूत पर टीका दिया था...

और वो संभल पाती, इससे पहले ही लाला ने एक करारा झटका मारकर रामलाल को उसके मिशन पर रवाना कर दिया...

तेल से लिपटा, चिकनी दीवारों से रग़ाद ख़ाता हुआ रामलाल एक ही बार में उसकी झिल्ली से जा टकराया और लाला के एक और झटके ने उस झिल्ली के दरवाजे को भी तहस नहस करते हुए उसके कौमार्य को हर लिया...



''आआआआआआआआआआआआआआहह लालाआआआआआआआआआ......... ओह............ मररर्र्र्र्र्ररर गयी......................''

लाला को तो ऐसे शब्द सुनने की आदत सी थी,
आज तक जब भी उसका लंड किसी भी चूत में गया था , किसी ने भी मररर गयी से नीचे कुछ बोला ही नही था...
लाला का मोटा लंड था ही ऐसा, मोटे कचालू की तरह वो उसकी चूत में घुसकर उसे ककड़ी की तरह चीरता चला गया और एक ही ठोकर में उसने उसकी बच्चेदानी तक को जाकर छू लिया...

अब पिंकी का हाल ऐसा था जैसे कोई खूँटा फँस गया हो उसकी टाँगो के बीच....
बेचारी की टांगे हवा में अटकी रह गयी,
लाला का भारी भरकम शरीर उसके उपर पड़ा था, लंड पूरा अंदर था,
वो चीख भी मारती तो उसका दर्द उसे अपनी चूत तक महसूस होता..
इसलिए उसकी बाकी की चीख हलक में ही अटकी रह गयी...
उसे तो लग रहा था की लाला ने अपना लंड ज़रा भी हिलाया तो वो सच में मर जाएगी...

और लाला को पता था की ऐसे मौके पर अगर वो रुका तो सारा खेल बिगड़ जाएगा...
इसलिए उसके चिल्लाने के बावजूद उसने अपने लंड को पीछे किया और फिर से एक करारा धक्का मारकर उसे अंदर घुसेड दिया...

और इस बार तो उसकी चीख के साथ-2 उसकी रुलाई भी फूट गयी



''ओह भेंन चोद लाला.........ये क्या कर रहा है......मररर जाउंगी मैं ......अहह....निकाल इसे....मुझे नही चुदवाना......नही लेने ये मज़े......अहह''

पर उसकी बातो को अनसुना करते हुए वो अपने काम में लगा रहा ....
और धीरे-2 उसने अपनी स्पीड तेज करनी शुरू कर दी...
अब वो बिना किसी रुकावट के धक्के लगा रहा था...
पिंकी भी सुबकते -2 चुप हो चुकी थी,
कारण था उसकी चूत में लाला के लंड से मिल रहा एक अजीब सा मज़ा....
शायद इसी मज़े को चुदाई कहते है....
ये मज़ा तो उस मज़े से भी ज़्यादा था जो उसकी सहेली चूत चूस्कर उसे अक्सर दिया करती थी....
जीभ के बदले लंड जा चुका था अब अंदर, और उसका फ़र्क सॉफ दिखाई दे रहा था...

और लाला के धक्को को महसूस करके, अपनी कमर मटकाते हुए पहली बार पिंकी के मुँह से दर्द भरी आहह के बदले एक आनंद से भरी सिसकारी निकली...

''उम्म्म्मममममममममममम...सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ लाला.......क्या लॅंड है रे तेरा......अहह....बहुत मज़ा मिल रहा है.......''


लाला ने भी हाँफते हुए कहा : ''देखा....मैं ना कहता था.....चुदवा ले....चुदवा ले.....तूने ही देर कर दी मेरे नीचे आने मे....वरना ये मज़ा कब से ले रही होती....''

पिंकी : "अहह लाला......वो सारी ग़लतिया मेरी थी....अब वैसा नही होगा....अहह....अब तो रोज चुदुँगी तेरे इस मोटे लंड से..... उम्म्म्ममममममम.....स्कूल जाने से पहले भी......और आने के बाद भी.....''



लाला ने मन में सोचा, सुबह शाम चुदवाएगी तो गाँव की दूसरी औरतें चूत में गन्ना लेकर अपनी अग्नि शांत करेगी क्या...
उन्हे भी तो मज़ा देना है...

पर लाला ने इस वक़्त कुछ नही बोला....
ये चुदाई का नशा होता ही ऐसा है...
एक बार मिले तो रोज लेने का मन करता है...
तभी पिंकी 2 बार चुदाई के बारे में सोच रही थी...

निशि के मन में भी यही उथल पुथल चल रही थी.....
क्योंकि पिंकी को चोदने के बाद वो भी लाला से चुदने के लिए तैयार थी....
जैसा उन दोनो ने सोच रखा था, एक दूसरे के पार्ट्नर्स को चेंज करके भी मज़े लेंगी...

पर इस वक़्त तो वो खुद ही उन दोनो की चुदाई देखकर अपनी बुर को रगड़ने में लगी थी....
अपनी टी शर्ट को उपर करके, कच्छी को साइड में करके वो अपनी मुनिया को बुरी तरह से रगड़ रही थी...



और दूसरी तरफ़ लाला के लंड का पानी बस निकलने ही वाला था....
जबकि पिंकी तो शायद 2 बार झड़ भी चुकी थी
पर उस झड़ने का उसे एहसास ही नही हो पाया, क्योंकि वो तब दर्द में थी....
असली मज़ा तो अब आना शुरू हुआ था, इसलिए असली झड़ना भी अब महसूस होने वाला था उसे....

जो जल्द ही होने भी लगा...

एक अजीब सा सेंसेशन होने लगा उसे अंदर की दीवारों पर...
जैसे नंगी चूत में करंट दौड़ रहा हो...
और जल्द ही उस करंट ने बिजली का रूप ले लिया और लाला के लंड ने भी चंडाल रूप ले लिया था...
वो जोरों से धक्के मारते हुए अपने लंड का पानी उसकी कुँवारी चूत में अर्पित करने लगा...

''आआआआआआआआआआआअहह.......मेरी ज़ाआाआआआआअंन्न........ उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.... मजाआाआआआअ आआआआआआआआअ गय्ाआआआआआआअ....... बहुत दिनों बाद ऐसी करारी चूत मारने को मिली है.....''

और ये बात सच भी थी....
पिंकी जैसी चूत शायद ही पूरे गाँव में कोई और होगी...
और आज लाला ने उसी चूत को दबाकर पेला था...
ऐसे में उसे अपने आप पर और अपने रामलाल पर गर्व तो होना ही था...

पिंकी भी लाला का अमृत अपनी चूत में महसूस करके बेहोशी के कगार पर पहुँच गयी....
उसकी चूत से भी ढेर सारा पानी निकलकर लाला के लंड से निकले सफेद वीर्य में मिला और एक साथ वो बहकर उसकी चूत से बाहर आने लगा...



भले ही आज पिंकी को काफ़ी दर्द का सामना करना पड़ा था,
उसका शरीर टूट सा चुका था पर जो मज़ा उसे चुदाई करवाकर मिला था, उसमे वो इस दर्द को भूल ही चुकी थी, और उसे पता भी था की ये दर्द तो सिर्फ पहली बार ही होता है, अब तो सिर्फ मजा ही मजा मिलेगा , इसलिए वो उस दर्द को भुलाकर सिर्फ़ मज़े में डूबी हुई, नंगी ही लाला से लिपटी उस जंगल में पड़ी हुई थी...

लाला भी एक तरफ लुढ़क कर अपनी साँसे काबू में लाने लगा....
अभी तो पार्टी शुरू हुई थी...
अभी तो एक राउंड और लगाना था...
और इसके लिए निशि को मदद के लिए बुलाने की आवश्यकता थी...

जंगल में सही मायनो में मंगल हो रहा था आज..
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta kahani हरामी साहूकार - by sexstories - 03-19-2019, 12:30 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,532,254 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,887 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,245,416 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 941,493 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,671,875 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,096,537 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,977,337 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,143,171 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,064,705 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,908 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)