RE: Maa Chudai Kahani आखिर मा चुद ही गई
बेटा सच में उठो..........पूजा के बाद जितना दिल में आये प्यार कर लेना...मगर प्लीज अब उठो.......अपने पापा की हेल्प करो......चलो नहा धोकर निचे आ जाओ, में तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हु......."
अंजलि खुद बेड से उठने लगती है की विशाल उसकी बाँह पकड़ लेता है और इससे पहले के अंजलि कुछ कर पाती विशाल उसे खींच कर अपने ऊपर गिरा लेता है. अंजलि की टाँगे घुटनो से निचे बेड से बाहर थी जबकी बाकि का जिस्म बेड के उपर. उसके मम्मे विशाल के सीने में चुभ रहे थे और उसका चेहरा बेटे के चेहरे से मात्र कुछ इनचेस की दूरी पर था. विशाल के चेहरे पर अपनी माँ की गरम सुगन्धित साँसे टकराती हैं तोह वो अपने हाथ आगे करके अंजलि के चेहरे को अपने हाथों में थाम लेता है. अंजलि के बदन से ऐसी प्यारी प्यारी महक आ रही थी. उसके बाल विशाल की गर्दन और सीने पर गिरते हैं तोह विशाल को उनका गीलापन महसूस होता है.
"मा इतनी सुंबह सुबह नहा भी लिया?" विशाल अपने होंठ अंजलि के गाल से छूता कहता है. उसकी उम्मीद के खिलाफ उसकी माँ ने उसे यूँ अपने ऊपर गिराने के लिए एक भी लफ़ज़ नहीं कहा था.
"सात बज गए हैं बुद्धू........दो घंटे से उठि हुयी हुण.....सारा काम करना है. पूरे घर की साफ़ सफायी करनी है. इतना कुछ खरीद कर लाना है. घर को सजाना है. कल को मेहमानो के लिए खाने का इन्तेज़ाम करना है. इसलिए तोह कह रही हुन उठो........" अंजलि प्यार से बेटे को समझाती है.विशल अपनी माँ का चेहरा अपने हाथों में थामे उसके गाल चूम चाट रहा था. एक गाल को खूब चूमने के बाद वो अपनी माँ का चेहरा घुमा कर उसके दूसरे गाल को चूमने चटने लगता है. अंजलि बस मुस्कराती जा रही थी. उसने एक बार भी विशाल को रोक्ने की कोशिश नहीं की.
"मा मेरा दिल बिलकुल नहीं कर रह.......सच में......" विशाल अपनी बाँहों को अपनी माँ की कमर पर कस्स देता है और उसे अपने बदन से भींच लेता है.
"मेरा भी नहीं कर रह.....मगर अब तुम्हारे पिता जी की मर्ज़ी है. वैसे बी सिर्फ दो ही दिन की बात है.
जब्ब विशाल दिल खोल कर अपनी माँ के गालों को चूम लेता है और अपने होंठ उसके गालो से हटाता है तोह अंजलि धीरे से उसके सीने से उठती है.
"अब तुम्हारा पेट् भर गया ना...........अब उठो......." अंजलि का ध्यान विशाल के नग्न सीने पर जाता है क्योंके उसके लेटने के कारन चादर उसके सीने से निचे तक्क हट गयी थी, लगभग उसकी नाभि तक्क जहाँ से हलकी सी दूरी पर उसके लंड ने तूफ़ान मचा रखा था. अंजलि के होंठो की मुस्कान और भी गहरी हो जाती है. वो फिर से बेड पर बैठ जाती है.
अंजलि अपना हाथ विशाल के बालों से भरे मांसल सीने पर फेरती है.
"मेरा बेटा पूरा मर्द बन्न गया है." अंजलि मुस्कराती बेटे की और देखते कहती है.
"चलो तुम्हे मालूम तो चला वर्ना मुझे लगता था के तुम मुझे अभी भी बच्चा ही समझती हो" विशाल भी मुस्कराता माँ को कह उठता है.
अंजलि थोड़ा झुक कर अपना हाथ उसके सीने पर निचे की और लेजाने लगती है. तभी उसका पल्लू जो बेटे के ऊपर लेटने के कारन पहले से अस्त वयस्त था, उसके कंध से गिर जाता है. विशाल के सामने अंजलि के मोठे मोठे मम्मे लहरा उठते है. उसका ब्लाउज भी बहुत कसा हुआ था या फिर उसके मम्मे ही इतने मोठे थे के ब्लाउज फट पाने की हालत तक्क फैला हुआ था . अंजलि के निप्पल अकड चुके थे और उसके. ब्लाउज के ऊपर से झाँक रहे थे. विशाल का आँखों के साथ साथ मुंह भी खुला था.
"मुझे मालूम है मेरा नन्हा मुन्ना पूरा जवान मर्द बन गया है मगर हरकतें देख लो अभी भी तुम्हारी बच्चों जैसी ही है" विशाल कुछ कह नहीं पाता. एक तोह उसके मुंह के बिलकुल ऊपर उसकी माँ के मम्मे ब्लाउज में कैसे लहरा रहे थे और वो उन्हें ढकने की कोई कोशिश नहीं कर रही थी और ऊपर से उसका हाथ बिलकुल निचे उसकी नाभि के पास घूम रहा था. अंजलि अपनी ऊँगली विशल की नाभि में चलाती है. उसकी आँखों में लाली उतरने लगी थी. अंजलि नाभि को छोड़ उसकी चादर को थोड़ा सा और निचे को खिसकाती है. विशाल की सांस रुक जाती है. उसकी माँ का हाथ उसके लंड से एक हाथ से भी कम् दूरी पर था. विशाल कितना उत्तेजित था वो उसका पत्थर की तरह सख्त और झटके मारता लंड बता रहा था. विशाल की धड़कने अपनी माँ की अगली हरकत का इंतज़ार में हद्द से ज्यादा बढ़ी हुयी थी.
मगर अंजलि अपना हाथ खींच लेती है. वो धीरे से विशाल के चेहरे पर झुकति है और अपने होंठ उसके होंठो पर रखकर कुछ पलों के लिए दबती है फिर वो अपने होंठ हटाकर उसके माथे को चूमती है. अंजलि वापस सीधी होती है और अपना पल्लू उठकर अपना ब्लाउज ढकती है.
"अब जल्दी से उठो और तैयार होकर निचे आ जाओ. मैं तुम्हारे लिए खाना बनती हु....." अंजलि एक बार प्यार से बेटे का गाल सहलाती है और उठकर कमरे से चलि जाती है.
विशाल कुछ पल अपनी माँ की भीनी सुगंध, उसके कोमल स्परश, उसके मिथे चुम्बन के एहसास को याद करता आनन्दित होता है और फिर गहरी सांस लेकर उठता है और बाथरूम की और बढ़ जाता है.
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