RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट -9
लगता हैं आज दिया रूही को अपनी बातों में फंसा के ही रहेगी । क्या बात है ।
रूही ....हम्म्म्म।
दिया ... वैसे ये इनके इलावा किसी से बात तक नहीं कर पाता ।
रूही ... क्यों ?
दिया .... भैया से ही पूछ लीजिये अपने स्कूल का टॉपर है फिर भी शर्माते है बात करने में लड़कियों से । लड़की क्या ये तो लड़को से भी मिलने में शर्माते है ।
अब मुझसे रहा नहीं गया मैंने दिया को टॉपिक बदलने को बोला , फिर हम तीनो बाते करते रहे । कुछ देर बाद हम लौटे और रूही को उसके घर छोड़ा फिर हम अपने घर आ गए।
घर पहुंचते ही मैं आराम करने चला गया , अपने कमरे में और उस दिन की सारी घटनाओ को याद करके मन्द मन्द मुस्कुराते हुए सो गया।
शाम को 6 बजे के आस पास नींद खुली । नींद खुली तो देखा सोनल मेरे पास बैठी थी । मैंने सोनल से पूछा तू कब आयी ।
सोनल ... जी भैया अभी आई ।
मैं .... जगाया क्यों नहीं ।
सोनल ... बस आपको देख रही थीं आप सोते हुए देख कर सुकून मिलता है ।
मैं .... सुन तुम दोनों वर्मा सर् के यहाँ केमिस्ट्री के लिए जाती थी ना ?
सोनल .... हाँ तो क्या हुआ ।
मैं ... कल से मत जाना ।
सोनल .... क्यों ?
मैं ,....कल से अमित इंस्टीट्यूट में चले जाना मेरी बात हो गई हैं ।
सोनल ....( आश्चर्य से ) क्यों भैया ।
मैं ...क्योंकि मैं नहीं चाहता ।
सोनल ( उदास मन से ) ठीक है भैया ।
सोनल की उदासी में समझ सकता था .........
कहानी जारी रहेगी ....
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