RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट - 23
परिधि कर चला रही थी और मैं उसके साथ आगे बैठा था । मैंने फिर एक बार परिधि से प्लान जानने की कोशिश की तो परीधि..... अब तो साथ है ना बस देखते जाइए ।
कार कॉफी शॉप के पास रुकी.... आप कार में बैठो मैं अभी आई । बोलकर परिधि अंदर गई ।
मैं उसका कार में इंतजार करता रहा । यही कोई 10मि हुए होंगे कि एक वेटर कार के पास आया और बोला.... सर् आपको मैडम बुला रही हैं ।
वेटर के पीछे पीछे मैं कॉफी शॉप के अंदर आया और वेटर मुझे एक टेबल पर छोड़ कर चला गया । पर यह क्या यहाँ 3 लड़कियो की ग्रुप थी पर परिधि कहि नहीं थी । मैं अभी खड़ा आश्चर्य से सोच रहा था , की मैं तो इन्हें जानता नहीं फिर यह मुझे क्यों बुला रही हैं ?
तभी उनमें से एक ने वेलकम मोड में खड़े होते हुए अपनी दोनों बाहें फैलाकर.... " Welcome to delhi dangerous group please have a seat "
अब मैं भला क्यों बैठने लगा ? जान न पहचान मैं तेरा मेहमान वैसे भी मैं किसी भी अनजान से ज्यादा मेलजोल नहीं बढ़ाता इसीलिए जवाब दिया.... " धन्यवाद मोहतरमा, पर मैं आपके खतरनाक दिल्ली समूह में शामिल नहीं हो सकता । लगता हैं आप लोगों को कोई गलतफहमी हुई है, इसलिए मुझे बुला लिया । जी अब मैं इजाजत चाहूँगा क्योंकि कोई मेरा वहाँ पतिक्षा कर रहा है और वापस लौट कर मुझे वहां नहीं पाया तो परेशान हो जाएंगी , धन्यवाद "
मेरी बात सुनकर 3नो हँसने लगी और वही लड़की बोली ....
" दिल धड़क जाते है लड़को के ,
हमारी एक झलक पाने के लिए ।
बहार आ जाती हैं महफ़िल में,
हमारे बस आ जाने से ।
क्या चीज़ हु मैं तुम्हें क्या पता ए गुस्ताख ,
छू दूं तो आग लग जाती हैं पानी में " ।
अब मैंने भी उसे जवाब दिया....
" हम खुशबू है तुम फूल कहलाते हो ,
हम हूर है तुम जिस्म कहलाते हो ।
हम बादल है तुम घटा कहलाते हो ,
हम सूरज है तुम रोशनी कहलाते हो ।
कितने नादान है जो इतना ना समझ सके ,
हम है तो तुम हो हम से तुम कहलाते हो " ।
अब तो बस उनका मुह खुला का खुला जो अभी अपने हुस्न की तारीफ खुद कर रही थी , उसेभी समझ आ चुका था बिना कद्रदान किसी भी चीज की कद्र नहीं होती ।
फिर मैंने उन्हें कहा... देवियों यदि आपकी वार्तालाप की अवधि समाप्त हो चुकी हो तो क्या मैं अब अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान कर सकता हूँ ।
इतना बोलकर मैं जैसे ही चलने को हुआ तो परिधि सामने से मेरा रास्ता रोकते हुए..... ऐसे कैसे आप हमारी महफ़िल छोड़ कर चले जायेंगे, यहाँ आये है तो कुछ समय आप हमारे साथ बिताएंगे ।
मैं.... " छोड़ा नहीं करते हम किसी को बीच मझदार में, पानी की तरह आकार लेते है हम हर किरदार में ।
एक मैं , दूसरी परिधि , और तीसरी वो लड़की एक ही अंदाज में बाद विवाद कर रहे थे और तभी उनमें से दूसरी लड़की बोली ...
इस दिल में आ गया है तूफान,
कौन है यह खूबसूरत नौजवान ।
मैं.....
" ना हम किसी महफ़िल की जान है, ना कोई तूफान है ।
राहुल बुलाते है सब मुझे , बस यही मेरी पहचान है ।
मेरी बात पूरी होते ही आखरी लड़की भी बोल पड़ी....
"तुम जो आए ज़िंदगी में बात बन गई ,
हो सपने तेरी चाहतों के- 2 देखती हूं हर घड़ी ।
दिन है सोना और चांदी रात बन गई ,
हो ओ तुम जो आए ज़िंदगी मे बात बन गई " ।
इतना सुनते ही वहाँ तो जैसे हँसी का फब्बारें छूट पड़े । सब के सब हँसने लगे । फिर वही लड़की जिसने अभी गीत गाया था ... अभी नार्मल हो गए तुम लोग या अपनी तरकश से दो चार तीर और निकालू ।
सब हँसने हँसते बैठ गए और मैंने भी उन्हें जॉइन किआ । परिधि ने फिर सबसे मिलवाया । परिधि अपने हाथों से इशारा करके बताते हुए... यह है अंजलि ( जिसने वेलकम किया था ) , यह है सिम्मी ( गाने वाली लड़की ) और यह है नीलू ।
फिर मेरी तरफ इशारा करते हुए.... और यह है मई फ्रेंड ।
तीनो लड़कियाँ बीच मे बात काटती हुई.... " यह ना तूफान है ना किसी महफ़िल की जान, राहुल है इनकी पहचान " ।
एक बार फिर हम सब हँसने लगे । हम लोगों ने 1बजे तक कॉफी शॉप में ही बात करते रहे । बातों बातों में दो बातें पता चली..
सभी लड़कियाँ साड़ी में थी क्योंकि यह उनका ड्रेस कोड था , और दूसरी की तीनों बहुत ही चंचल थी जो मेरा रैगिंग लेने आई थी । हाँ रैगिंग ही कह सकते है क्योंकि उनके सवाल और व्यंग तो कुछ इस प्रकार ही थे ।
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