RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
उस समय मैंने तुम्हें पहले बार देखा था और ना जाने क्यों तुम मुझे बहुत प्यारे लगे फिर तुमसे मिली, बातें कि तुम्हारा हसना, रुठना, मनाना, दिल में सभी के लिए दया और जब तुम मुझे अपनी बाहों में लेते तो मैं खुद को बहुत महफूज़ समझती"
अपडेट 51
"मुझे तो ये कभी एहसास भी ना हुआ कि मैं तुम पर कब मर मिटी, तुमसे मिलने से पहले मैं केवल हंसती थी पर तुम्हारे लिए तो रोना भी उस हंसी से कहीं सुकून वाला है, ""आई लव यू जान लव यू"
मैं..... क्या तुम सूखा सूखा आई लव यू बोल रही हो, कुछ तो मीठा खिलाओ।
परिधि ......बस इतना ही रूको,वेटर को बुलाने के लिए मुड़ी।
मैं....... रुको पाग, मुझे दूसरी स्वीट्स चाहिए।
परिधि....... अब यह दूसरी कौन सी स्वीट्स हैं।
मैं........ वही जो कैफे में मिलते मिलते रह गई
परिधि...... जाओ तुम्हें तो बस।
मैं .......बस क्या जान।
परिधि........ बहुत शैतान हो हमेशा मुझे छेड़ते हुए रहते हो,अब चलो कुछ शॉपिंग करनी है।
मैं ......और शॉपिंग के बाद।
परिधि...... बाद की बाद में,अभी चलो तुम समझ नहीं सकते कि अभी मैं कितनी ओड फील कर रही हूं इस लहंगे में।
मैं....... तो तुम यह क्यों पहन कर चली आई?
परिधि....... इसलिए कि तुम्हारी पसंद का केवल यही थी।अब आज 10-12 कपड़े ले लो तो मैं कुछ दिनों के लिए फुर्सत हो जाऊ।
" दोनों चले शॉपिंग पर ऊपरवाला एक दिन का कारावास की सजा दे दे पर किसी लड़की के साथ शॉपिंग के लिए ना भेजें, मेरा तो भेजा फ्राई हो गया"।
"हमने तकरीबन 4:00 बजे तक शॉपिंग की परिधि में ना केवल अपने लिए पर मेरे लिए भी पता नहीं क्या-क्या लिया, मैंने बिल पे किया और पास ही में परिधि से आगे का प्लान पूछाने लगा पर इससे पहले परिधि को कुछ बोलता वहां फिर से अलार्म बजा"
मैं....... जान जब भी मैं यहां आता हूं यह अलार्म क्यों बजने लगता है?
परिधि.....(बहुत हड़बड़ी में) जान यहां से चलते हैं, मुझे कुछ काम याद आ गया।
मैं....... क्या हुआ ?सब ठीक तो है परी इतनी परेशान क्यों हो।
परिधि.....नहि जान मुझे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा अब मेरा दम घुट रहा हैं।
मैं..... ठीक हैं परी तुम चलो बस मैं अभी आया।
मैं चला उस आदमी कि ओर जो मेरी तरह कार जीता था, सोचा बधाई देता चलू।और उसके पास पहुँच कर......कांग्रेट्स ब्रो आपने तो कार जीता हैं आज।
आदमी......थैंक्स ब्रो पर प्राइज मे कार कब से देने लगे,यहाँ तो 10000 के अंदर अपनी मन पसन्द कोई भी सामान खरीद सकते हैं।
"फिर परिधि बोल पड़ी plzz चलो हो गया हो तो मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा,लेकिन मेरा दिमाग तो इस बात मे लग रहा था कि आखिर ये कार और 10000 का क्या चक्कर हैं।
मैं बोला....." परी तुम कार मे वेट करो मैं अभी आया"
परिधि......plzz चलो ना मुझे भी मीठा खाने का मन कर रहा हैं।
मैं...... क्या जान बस 2 मिनिट नहीं रुक सकती मेरे लिए plzz।
"अबतक वो मैनेजर भी आ गया और हुआ कार जितने के बाद का खुलासा की कैसे प्लान कर के उस नंबर तक पहुँचाया,और जहां 10000 विनिंग अमाउंट था कैसे उसे चौहान इंफ्लुएंस के कारण मुझे 1 कार प्राइज मे दे दी गईं।"
"मुझे बहुत चोट पहुँची,कितनी भी बड़ी बात हो सब चल सकती थी पर इस तरह अपने पैसे के इंफ्लुएंस से मुझे कार देना मुझे छोटा बना रहा था।मेरा आत्मा सम्मान चोटिल हुईं थीं।मेरे दिल मे अब विकार पैदा हो रहा था।"
परिधि मेरे कंधे पर हाथ रख कर...... चलो जान मै तुम्हें सब समझती हूँ।
मैने अपने कंधे से हाथ झटका, मोबाइल को वहीँ फेंक दिया और.....
"(गुस्से मे) तुमने आज मेरे आत्म सम्मान को ठेस पहुचाई हैं,plezz मुझे कुछ आर्गुमेंट नहीं चाहिए।बस वहाँ से इतना बोल कर चल दिया अपने घर को।पीछे से बहुत आवाजे आती रही,पर अब मेरे कान बंद हो चले थे परिधि के शब्द सुनने के लिए।"
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