RE: Muslim Sex Stories मैं बाजी और बहुत कुछ
मैंने आराम से अपना लंड बाहर की ओर खींचा और फिर आराम से अंदर को पुश किया और वहीं पे फिर रोका"
"आह आह हाँ ऐसे ही करो आह ओश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हमम" बाजी ने मस्ती की नई ऊँचाइयों को छूते हुए कहा
"इतने में मैंने अपने मुंह में बाजी का मम्मा ले लिया और चूसते हुए कहा "अब बोलें सलमान मेरा मम्मा चूसो"
"" प्लीज़, उफ़ ना मैं ये नही कह सकती""
मैंने बिना कोई उत्तर दिए अपने लंड को जल्दी बाहर खेंचा और फिर 2, 3 स्ट्रोक एक साथ ही लगा दिए
"" आह आह हाय पागल ओह आह नहीं करो आह "" बाजी ने दर्द से कराहते हुए कहा
"बोलें तो" सलमान मेरा मम्मा चूसो "" में बहकी हुई आवाज में बोला: फिर कहीं। । ।
"सलमान प्लीज़ मेरा मम्मा चूसो ना" बाजी की बहकी सी नशीली आवाज़ मेरे कानों में टकराई और मैंने उनके मम्मे पर एक बाइट किया
"" आह छोडूंगा नहीं तुम्हें में "" बाजी के पैर वहीं मेरी कमर से लगे हुए, और बाजी मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी, मेरा लंड अपनी योनी में लिए मस्ती, नशे, मज़े से निढाल थी कि मैंने अब धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। बाजी की सिसकियों में वृद्धि होती चली गई ""
"हाय सलमान आह आह आह हाय उफ़ प्लीज़" "" बाजी ने मस्ती मे सिसकते हुए कहा
"" मज़ा आ रहा है? " मैने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा
" आह हाय आह हाँ उफ़ हाईईईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सलमान तेज करो अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी योनि को फाड़ दो "
फिर वह समय भी आ गया जब हम अपने गंतव्य पे पहुँच गये लंड तेजी से अंदर बाहर होता हुआ, बाजी की योनी के अंदर फारिग होना शुरू हो गया और बाजी ने अपनी योनी ऊपर उठाना और मेरे लंड पे धीरे धीरे मारना शुरू कर दिया
"" आह आह बाजी चूस लो मेरे लंड को अपनी योनी से आह "" मैं जब अपने लंड को बाजी की योनी में अंदर मार के बाहर खेंचता तो बाजी अपनी योनी को फिर मेरे लंड पे मारती
"आह आह हाय सलमान बहुत मज़ा दे रहे हो आह" फिर एक अंतिम झटका मैंने बाजी की योनी मे मारा, और मेरा लंड बाजी की योनी की गहराई तक उतरता चला गया, तभी दीदी ने भी अपनी योनी का आख़िरी झटका मेरे लंड की ओर मारा, यानी कि बाजी की योनी का जोर मेरे लंड की ओर था और मेरे लंड का जोर बाजी की योनी की ओर। ऐसा करने से मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे बाजी ने मेरे लंड को अपनी योनी से जोर से जकड़ रखा है और मेरे वीर्य काआख़री कटरा तक उनकी योनी के रस से मिलकर क्रीमयुक्त हो रहा है।।।।।।
मिलन की इस मंजिल को पाकर मेरी आत्मा और शरीर को वह संतुष्टि और आराम नसीब हुआ, जैसे किसी प्यासे को रेगिस्तान में भटकते भटकते पानी सेभरा कुआँ मिल गया हो, जिससे वह जन्मों जन्मों की प्यास बुझा ले पर पानी कम ना हो । प्यार की मंज़िलें तय करते हम दोनों आगे आगे ही बढ़ते चले जा रहे थे और प्यार था कि कहीं एक जगह पे ठहरता ही नही था समय के साथ ऐसा लगने लगा कि जैसे कोई ऐसा भी स्थान आने वाला है जहां पे पहुँच कर यह आत्मा फ़ना हो जाएगी। । हां प्यार के स्थानों की ग्लो ही कुछ ऐसी होती है। । । ।
गुजरते दिनों में सेएक दिन फिर ऐसा आया कि उस दिन शायद कहीं पे किसी ने मेरी तकदीर का कुछ और ही फैसला किया।
रात के खाने पे कुछ लेट हो गया और जब नीचे पहुंचा तो अबू अपने रूम में जा चुके थे शायद। अम्मी और बाजी नजर नहीं आ रही थीं। में किचन की तरफ बढ़ा तो रसोई के करीब पहुँचते ही, मेरे कानों में अम्मी की आवाज टकराई "" देखो बेटा रफ़ी साहब का परिवार बहुत अच्छा है, ऐसे रिश्ते को रोज नहीं आते ""
"पर अम्मी मेरी मेडिकल स्टडी अभी कंपलेट नहीं हुई " बाजी ने अपना विरोध दिखाते हुए अम्मी को जवाब दिया
" वे कह जो रहे हैं कि पढ़ाई हिना शादी के बाद कम्प्लीट कर ले, सोच लो, तुम्हारे अब्बू कह रहे थे कि वही होगा, जो हिना फैसला करेगी, तुम कुछ दिन सोच लो, फिर बता देना "" (( मुझे बाद में पता चला कि साना की बहन की शादी पे उसके भाई ने बाजी को पहली नजर में पसंद कर लिया था))
तेज आंधियां, तूफान से मेरे अंदर चल रहे थे, जो जहां था वही पे रुक सा गया था, ऐसे लगने लगा किसी ने तेज तलवार के साथ मेरे शरीर को काट डाला हो लहू (खून) बहना जानेक्यों नसों में रुक सा गया। ऐसा तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था, यह क्या तमाशा समय मेरे साथ करने वाला था। ।
इतने में बाजी और अम्मी किचन से बाहर निकली तो मैंने एक नज़र बाजी पे डाली, इस एक नज़र में मौजूद जाने कितने ही सवाल, चाहे दुनिया को न दिखें, पर उसे नजर आ ही गए। । । मैं मुड़ा और ऊपर की ओर तेजी से बढ़ने लगा कि अम्मी ने कहा "बेटा, खाना नहीं खाना क्या?"
"" जरूरत नहीं है मुझे "यह कहते हुए ऊपर की ओर बढ़ा। .सीढ़याँ चढ़ते हुए जो आख़िरी आवाज मेरे कानों से टकराई वह यह थी कि "" हिना जाओ उसे देखो क्या हो गया है उसे""
मैं अपने कमरे में आया और बाजी कुछ ही देर में मेरे कमरे में आ गई और दरवाजा बंद कर दिया। । ।
"" यह क्या है सब मुझे कुछ बताएंगी? "" मैने गुस्से से बाजी को कहा
"" आप पहले सामान्य तो हो " बाजी ने कहा
" मैं सामान्य हूँ मुझे पता है यह सब क्या है? आप क्या कर रही है "" मैने तिलमिलाते हुए कहा
बाजी ने मेरे पास आते हुए मेरे गाल को अपनी उंगलियों से पकड़ा और अपनी गहरी आँखें मेरी आँखों में डालते हुए बोली "मैं खुद मर रही हूँ, यह जो भी है यह एक न एक दिन तो होना ही था" "
"" नहीं होना था यह आपकी शादी किसी और से नहीं, ऐसे नहीं होगा, मैं करूँगा तुम से शादी, और किसी से नहीं, तुम मेरी हो ना? "" मैने उनके हाथ को अपने गाल पर दबाते हुए कहा
दीदी ने अपना हाथ मेरे गाल से हटाया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों हाथ पकड़े और मेरा एक हाथ अपने सीने पे रखा और दूसरा अपने सर पे और मेरी आँखों में वैसे ही देखते हुए काह "" सलमान अपना ख्याल रखना, तुम्हें कुछ भी नहीं होना चाहिए, हिना ने केवल तुमसे प्यार किया है और मरकर भी तुम्हें ही करेगी, मेरे सलमान का ख्याल रखना, तुम मेरी तरह "" बाजी कहती जा रही थी और उनकी आंखों से आंसू गिरते जा रहे थे।।।
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