Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 01:24 PM,
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
करीब 15 मिनिट के बाद बिरजू का लंड अकड़ने लगता हैं और वो राधिका को पूरी ताक़त से अपनी बाहों में जाकड़ लेता हैं और उसे अपने आप से पूरा चिपका लेता हैं... फिर बिरजू ज़ोर ज़ोर से चीखते हुए अपना कम राधिका की चूत में पूरा उतारना शुरू करता हैं और तब तक नहीं रुकता जब तक उसका पूरा कम राधिका की चूत में नही निकल जाता.. इस वक़्त बिरजू की साँसें बहुत ज़ोरों से चल रही थी... और राधिका बस दर्द से तड़प रही थी... जैसे ही बिरजू अपना लंड बाहर निकलता हैं राधिका की चूत से बिरजू का कम की कुछ बूँदें और साथ ही साथ खून की बोंदें भी फर्श पर टपक पड़ती हैं...



जब बिरजू पूरी तरह से ठंडा हो जाता हैं तब वो राधिका को अपने आप से दूर करता हैं.. इस वक़्त बिरजू के लंड पर खून लगा हुआ था जो राधिका कि चूत से निकल रहा था....और अब राधिका की ब्लीडिंग और तेज़ हो चुकी थी.... जब बिहारी और विजय चुदाई का पूरा खेल देख लेते हैं तब वो दोनो उन्दोनो के पास जाते हैं... फिर विजय और बिहारी उन्दोनो की तरफ जाते हैं और विजय बिरजू के पीछे जाकर खड़ा हो जाता हैं और उधेर बिहारी राधिका के ठीक पीछे... तभी विजय झट से बिरजू के आँखों पर लगी काली पट्टी हटा देता हैं और उधेर बिहारी भी राधिका के आँखों पर चढ़ि पट्टी आज़ाद कर देता हैं फिर वो दोनो किनारे हट जाते हैं...



इस वक़्त दोनो की आँखें बंद थी.. राधिका का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था..... उसके दिमाग़ में बस यही सवाल उठ रहा था कि ये शक्श कौन हैं.. और उधेर बिरजू के दिल में भी हसरत जाग चुकी थी कि वो कौन लड़की हैं जो अभी अभी उसके साथ उसने ये सब किया हैं... ये ख्याल आते ही बिरजू झट से अपनी आँखें खोल लेता हैं और राधिका की ओर देखने लगता हैं.... राधिका की आँखे इस वक़्त भी बंद थी.... जब बिरजू की नज़र ठीक सामने अपनी ही बेटी राधिका पर पड़ती हैं तो उसके होश उड़ जाते हैं.... उसने तो कभी राधिका को यहाँ पर होने की उम्मीद कभी नहीं की थी और ना ही उसने कभी सोचा था कि वो अपनी बेटी के साथ ये सब करेगा.....



बिरजू की जब नज़र राधिका के चेहरे पर पड़ती हैं तो वो मानो चीख पड़ता हैं.... ना...................ह....हीं.....................न्न्न..ऐसा नहीं हो सकता.....??



उसकी आवाज़ सुनकर राधिका झट से अपनी आँखें खोल लेती हैं और सामने अपने बाप को देखकर उसे ऐसा लगता हैं कि जैसे उसके शरीर से किसी ने पूरा खून निचोड़ लिया हो... वो बस एक टक अपने बाप को देखे लगती हैं......और तुरंत उसकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं.... वो अपना जिस्म को बिल्कुल छुपाने की कोशिश नहीं करती और बस चुप चाप वहीं खड़ी रहती हैं... तभी बिरजू झट से आगे बढ़ता हैं और वहीं रखा शॉल वो झट से राधिका के नंगे जिस्म पर ओढ़ा देता हैं...और तुरंत अपने कपड़े लेकर पहनने लगता हैं... राधिका बिना कुछ कहे चुप चाप वहीं खड़ी थी मगर उसकी आँखो से आँसू अब भी बह रहे थे........उसे अब तक तो बहुत से सदमे बर्दास्त किए थे मगर इस सदमे से वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी.



थोड़ी देर के बाद.................................



बिरजू के भी आँखों में इस वक़्त आँसू थे....वो ही जानता था की इस वक़्त उसके दिल पर क्या गुजर रही होगी... जिन हाथों से वो अपनी फूल जैसी बच्ची को पाला पोशा था आज उन्ही हाथों ने उसकी इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़ा दी थी...उसके दिल में राधिका के प्रति वो आज कितने अरमान सँजोकर रखा था मगर आज बिहारी और विजय की वजह से वो अपनी बेटी की नज़रो में हमेशा हमेशा के लिए गिर गया था.... वैसे ये बात अभी राधिका भी जान चुकी थी कि जिस तरह से उसके साथ धोखा किया गया उसी तरह उसके बापू के साथ भी वहीं छल किया गया .... वो वहीं फर्श पर काली पट्टी देखकर समझ चुकी थी...



बिरजू अपने दोनो हाथ जोड़कर राधिका के कदमों के पास बैठ जाता है और राधिका के कदमों को पकड़कर वो रोने लगता हैं...मगर राधिका इस वक़्त जैसे ऐसा लग रहा था कि वो एक ज़िंदा लाश बनकर वहीं चुप चाप खड़ी थी... ये सब नज़ारा देखकर बिहारी और विजय की गंद फट जाती हैं.. वो भी वहीं चुप चाप खड़े रहते हैं....आज इन दोनो ने राधिका की भावनाओं को एक गहरी ठेस पहुँचाई थी..थोड़ी देर तक बिरजू वहीं रोते रहता हैं मगर जब राधिका कोई रिक्षन नहीं करती तो तुरंत उठकर उसके पास खड़ा हो जाता हैं और उसे बड़े गौर से देखने लगता हैं... राधिका इस वक़्त पूरी तरह से खामोश खड़ी थी.. मगर उसकी आँखों से आँसू अभी भी बह रहे थे....



बिरजू राधिका के बहते आंसूओं को अपने हाथों से पोछता हैं और राधिका को झंझोरकर उसे हिलाता हैं.. मगर राधिका चुप चाप अभी भी एक टक लगाए खामोश खड़ी थी... ये सब देखकर बिरजू डर जाता हैं और वो तुरंत राधिका को अपने सीने से लगा लेता हैं....



बिरजू- मुझे माफ़ कर दे बेटी... मुझे तेरी कसम... मुझे कुछ नहीं पता था कि ये सब मैं जिसके साथ कर रहा हूँ वो मेरी अपनी बेटी है.. इन लोगों ने मेरे साथ धोखा किया हैं.... मैने तो कभी तेरे बारे में ऐसे ख़यालात अपने मन में भी कभी आने नहीं दिया...फिर भला मैं तेरे साथ ये सब.... मगर अभी भी राधिका खामोश खड़ी थी......ये देखकर बिरजू चीख पड़ता हैं... तू कुछ बोलती क्यों नहीं.. तू चुप क्यों हैं राधिका कुछ तो बोल.... मेरा दिल बैठा जा रहा है... भगवान के लिए कुछ तो बोल.. तेरी ऐसी उदासी मुझे देखी नहीं जा रही...
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