RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
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गतान्क से आगे.......
रिया को पता था कि राज को उसकी चुचियों बहोत पसंद है इसलिए
उसने झुकते हुए अपनी एक चुचि उसके मुँह मे दे दी. अब राज एक हाथ
से उसकी चुचियों को दबाते हुए उसकी दूसरी चुचि को किसी बच्चे की
तरह चूसने लगा.
"आज जो कुछ करना है वो में करूँगी, बस तुम आराम से लेट कर
मज़े लो." रिया ने कहा.
वो राज के चेहरे को अपनी चुचियों के बीच घूमने लगी, और राज
उसके बदन से उठती उन्माद की और प्जुम की खुश्बू मे खोने लगा.
रिया अपनी चुचि को उसके मुँह के आगे करती तो वो अपनी जीब निकाल
उसे चाटता और जब अपना मुँह खोल उसके निपल को अंदर लेने की
कोशिश करता तो वो अपनी चुचि को पीछे हटा उसे चीढ़ा देती.
राज को इस खेल मे मज़ा आ रहा था, उसे आच्छा लग रहा था कि रिया
वो सब ही कर रही थी जो उसे पसंद था. वो एक हाथ से उसकी चुचि
को दबाते हुए उसकी कमर को सहलाने लगा.
रिया थोड़ा उठी और उसके मुँह पर झुकते हुए अपनी दोनो चुचियों को
पकड़ दोनो निपल एक साथ उसके मुँह मे डाल दिए. राज भी उसके निपल
को चुलबुलाने लगा. राज का लंड पूरी तना हुआ था.
रिया उसकी छाती से उतर उसकी कमर के पास बैठ गयी फिर उसकी
शॉर्ट्स को खोल उसने उसकी शॉर्ट्स और अंडरवायर दोनो साथ साथ उतार
दी. फिर अपनी शॉर्ट्स भी उतार वो नंगी हो गयी. फिर उसके खड़े
लंड को पकड़ मसल्ने लगी.
"तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा और लंबा है." रिया सेक्सी आवाज़ मे
धीरे से बोली, 'मुझे तुम्हारे गरम वीर्य का स्वाद बहुत अच्छा लगता
है.. में तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ........ ऑश कितना अच्छा
लग रहा है ऊऊओ."
रिया उसपर झुकी हुई उसके लंड को चूस रही थी. राज उसके कुल्हों
पर फेर रहा था. राज ने कभी इस तरह गंदी बातें नही की थी
और आज रिया की ये गंदी बातों ने उसकी उत्तेजना को चरम सीमा पर
पहुँच दिया था. इस वक़्त वो जितना रिया को चोद्ना चाहता था उतनी
चाहत उसे कभी किसी के लिए नही हुई थी.
रिया अब उसके लंड को जोरों से चूस रह थी. साथ ही अपनी मूठ मे
पकड़ मसल्ति भी जा रही थी. वो कभी अपनी जीब को सूपदे पर
फिराती और कभी उसके लंड को मुठ्ठी मे पकड़ उपर से नीचे तक अपनी
जीब फिराते हुए चाटती.
"उम्म्म तुम्हारे लंड का स्वाद कितना अच्छा लग रहा है..." उसने अपनी
गंदी बातें चालू रखी.." क्या तुम अपने इस घोड़े जैसे लंड से
मुझे चोदने को तैयार हो..? म्म्म्मम तुम्हे यही पसंद है
नाअ?....... आय तुम अपना पानी मेरे मुँह मे छोड़ना चाहते हो? तुम्हे
क्या पसंद है बस मुझे बता दो... आज की रात मैं पूरी तरह से
तुम्हारी हूँ."
राज रिया के अचानक बदले हुए व्यवहार से चौंक पड़ा था लेकिन वो
खुश था और उसे मज़ा आ रहा था. उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि
जैसे पूरे शरीर का रक्त आकर उसके लंड की नसों मे जमा हो गया
हो.
वैसे तो वो कभी गंदी बातें करता नही था लेकिन आज रिया का
साथ देते हुए उसने कहा, 'हाआँ में तुम्हारी चूत मारना चाहता
हूँ."
"हाआँ मेरे राजा तुम्हारे लंड को मेरी चूत मिलेगी... आअज में
तुम्हारी हूँ.... ऑश "
रिया राज पर चढ़ गयी और थोडा उँचा उठ उसके खड़े लंड को अपनी
चूत पर लगाते हुए उस पर बैठती चली गयी.
"श लगता है तुम्हारा लंड तो आज मेरी चूत को फाड़ कर रख
देगाअ ऑश." रिया उछल उछल कर धक्के लगा उसके लंड को अपनी
चूत मे लेने लगी.
राज को भी आज रिया की चूत काफ़ी कसी हुई लग रही थी. उसने अपने
दोनो हाथ रिया की कुल्हों के नीचे लगाए और नीचे से अपनी गंद
उठा कर धक्के मारने लगा.
"ऑश हाां राज तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है ऑश हाआँ मज़ाअ
आ गया" रिया सिसकते हुए धक्के लगाने लगी.
रिया उपर उठती और जब लंड का सिर्फ़ सूपड़ा अंदर रह जाता तो ज़ोर से
बैठ जाती और उसके लंड को पनी चूत के जड़ों तक ले लेती. राज
उन्माद सिसक रहा था. आज जैसा मज़ा उसे पहले कभी नही आया था.
वो अपने हाथो को अपनी चूत और लंड पर रखती और फिर अपनी
उंगलियों को बहते रस से भीगोति फिर उसे अपनी चुचियो और निपल
पर मसल देती. फिर झुक कर अपनी चुचि और निपल राज के मुँह मे
दे देती. राज भी कामविभोर हो उसकी चुचियों को चाटने लगता.
"उम्म्म तुम्हे अच्छा लग रहा है ना? तुम्हे मेरी चूत को चोदने मे
मज़ाआ आता है ना? रिया धक्के लगा बोल रही थी.
"हाआँ बहुत अच्छा लग रहा है."
"मेरी गंद मारना चाहोगे.... पहले कभी किसी मारी है....." रिया ने
पूछा.
"पता नही." राज ने जवाब दिया.
रिया ने खिलखिलाते हुए उसके लंड को अपनी चूत से निकाला और फिर
थोड़ा सा आगे को खिसकी और उसके लंड को अपनी गंद के छेद पर रख
लिया फिर धीरे धीरे उसके लंड पर बैठती चली गयी.
राज ने मेहूस किया कि जैसे उसका लंड किसी छोटी नली को चीरता हुआ
अंदर घुस रहा है..... ऑश कितनी कसी कसी गंद है इसकी......
ओह्ह्ह्ह मज़ा आ गया... उसने सोचा.
राज ने अपने आपको थोड़ा सीधा किया और उसके कुल्हों को पकड़ अपने
लंड को और उपर को उठा अपना लंड उसकी गंद मे घुसाने लगा. उपर
से रिया उसके लंड पर बैठ रही थी और नीचे से राज अपने लंड को
पेल रहा था.
रिया की गंद मे दर्द हो रहा था..... उससे सहन नही हो रहा था
और उसकी आँखों मे आँसू आ गये... अपने होठों को दांतो के बीच
दबा उसने अपनी करहों को रोका और अपना हाथ अपनी चूत पर रख
उससे बहते रस को अपनी उंगलियों मे ले राज के लंड पर मसालने लगी.
जब राज का लंड तोड़ा गीला हो गया तो वो अब उछाल उछाल कर उसके
लंड को अपनी गंद मे लेने लगी.
"अच्छा लग रहा है नाअ राज?" रिया ने पूछा.
'हाआँ बहोट अच्छा लग रहा है.. बहोट ही ज़्यादा कसी हुई तुम्हारी
गंद..." राज ने कहा.
राज के अकड़ते लंड से रिया समझ गयी की वो अब झड़ने वाला है,
रिया ने अपने आपको और उसके लंड पर दबा दिया और तभी राज ने अपने
कूल्हे घास पर से उठा अपने लंड को और अंदर तक धकेलते हुए अपना
वीर्य उसकी गंद मे छोड़ दिया. फिर रिया उसके उपर से उठकर उसके
बगल मे घास पर लेट गयी.
"पसंद आया राज?" रिया ने पूछा.
"हां बहोत मज़ा आया," राज ने जवाब दिया, "में हमेशा सोचा
करता था की गंद मे कैसा लगेगा, लेकिन आज पता चला की गंद
मारने मे ज़्यादा मज़ा है."
"जब तुम और तुम्हारी छोटी बेहन मेरे साथ रहने आ जाओगे तो हम और
भी बहोत कुछ कर सकते है." रिया ने कहा.
राज सोच मे पड़ गया कि क्या वो रिया के साथ इह हद तक आगे बढ़ कर
ठीक कर रहा है, क्या वो रोमा के साथ ग़लत कर रहा है.... उसकी
समझ मे नही आ रहा था.
इस अंधेरे मे भी रिया ने उसके मन के भाव पढ़ लिए...
"में चलती हूँ." रिया ने उससे कहा.
राज खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहन तालाब की ओर चल पड़ा, उसके
दीमाग मे दौड़ रहा था कि वो रोमा से क्या बहाना बनाएगा कि उसे
इतनी देर क्यों लग गयी. उसने देखा कि रोमा तालाब के किनारे घास पर
बैठी थी.
"कहाँ थे तुम अब तक," रोमा ने उसे आते देखा तो पूछा, "और ये तुम
पसीने से क्यों भीगे हुए हो?
"वो क्या है कि मेने जॉब की अप्प्लिचतिओन्स दे थी ना तो उनका फोन
आया था वो इंटरव्यू के लिए टाइम निस्चित करना चाहते थे." राज ने
जवाब दिया.
रोमा उसके जवाब से सहमत नही हुई, "वो तो ठीक है लेकिन तुम इतना
पसीने मे कैसे भीग गये?"
उसकी समझ मे नही आया कि क्या जवाब दे. वो सच कह कर उसे दुखी
नही करना चाहता था.
"राज"
"वो क्या है ना रिया मेरे साथ छेड़खानी कर रही थी, उसने बियर का
कॅन लेकर मुझपर चिड़क रही थी, इसलिए उससे बचने के लिए में
भाग रहा था.
रोमा रिया और राज दोनो को पसंद करती थी इसलिए उसने तुरंत राज के
इस बहाने को मान लिया. उसे अपने भाई पर प्यार आ गया.
"यहाँ मेरे पास आओ." रोमा ने पानी बाहें फैलाते हुए कहा.
राज उसके नज़दीक आया और उसे अपनी बाहों मे भर लिया, "आज जो कुछ
भी हामरे साथ हुआ उस पर मुझे तो अभी विस्वास नही हो रहा,
तकदीर इतनी भी मेहरबान हो सकती है मुझे पता नही था.
"हां में समझ सकता हूँ.' राज ने उसे चूमते हुए कहा.
"राज चलो आज इस इस खुले आसमान के नीचे दोनो तालाब मे इकट्ठे
नंगे होकर स्नान करते है., सही मे बहोत मज़ा आएगा," रोमा ने
कहा, "और हमे कोई देख भी नही पाएगा."
"आज नही रोमा, आज वैसे भी बहोत कुछ हुआ हमारे साथ, फिर
कभी." राज ने उससे कहा.
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