RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
"राज आज की रात में तुम्हारी बाहों मे सोना चाहती हूँ, प्लीज़ आज
मेरे साथ सो जाओ." रोमा ने प्यार भर स्वर मे कहा.
कई ख्यालात थे जो राज के दीमाग मे मंडरा रहे थे..... क्या उसे
रोमा के साथ उसके रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए आख़िर वो उसकी
छोटी बेहन थी......
राज उससे कुछ कहता कि तभी कहीं पेड़ों के पीछे से रिया हाथ मे
बियर का कॅन लिए आई...
"में डिस्टर्ब तो नही कर रही ना?" उसने दोनो से पूछा.
राज खड़ा हो गया और अपने कुल्हों पर से मिट्टी झाड़ते हुए
बोला, "में वापस घर जा रहा हूँ."
रिया आकर राज की जगह पर रोमा के पास बैठ गयी.
"राज काफ़ी खुश लग रहा है ना, आख़िर हमारे सारे सपने पूरे नज़र
होते आ रहे है." रोमा ने आपनी आखों के आँसू छिपाते हुए कहा, जो
राज की बेरूख़ी ने एक बार फिर उसे दिए थे.
कुछ दिन बाद राज और रोमा ने कॉलेज मे प्रवेश ले लिया और शहर मे
अपना एक छोटा सा घर खरीद लिया और वही रह कर अपनी पढ़ाई
करने लगे फिर कुछ दिन बाद रिया को भी अपने पास बुला लिया
........................................
रोमा अपने भाई राज के शरीर पर से अलग हुई तो उसकी चूत से सफेद
रस बह कर उसकी जाँघो पर बहने लगा. अपने भाई के बगल मे लेटने
के बाद वो उसके कान मे फुसफुसा.
"दिन पर दिन तुम चुदाई कुछ अच्छी करने लग रहे हो."
"तुम्हे ये कमरा कुछ अजीब सा नही लग रहा है." राज ने उसे चूमते
हुए पूछा.
"ये तुम्हे इसलिए लग रहा है कि तुम पहली बार घर से बाहर रह
रहे हो. आख़िर हम घर से दूर है, अब हमारा खुद का घर है,
हमारे पास हमारी गाड़ी है......सब कुछ है हमारे पास." रोमा
हस्ते हुए बोली.
"और हमारे आने वाला सुन्दर भविश्य..." राज ने उसकी बात को पूरा
करते हुए कहा.
"हां एक सुदर और उज्वल भविश्य." रोमा ने उत्साह से कहा, और उठ
कर सीधे उसकी आँखों मे झाँकते हुए बोली, "दुनिया मे ऐसा कुछ
नही है जो हम दोनो साथ मिलकर नही कर सकते."
उसकी बेहन रोमा जहाँ एक पतंग की तरह आसमान मे उड़ने की कोशिश
कर रही थी वहीं राज को भविश्य मे आने वाले आँधकर की
परछाईयाँ नज़र आ रही थी.सोच ख़याल अपने तक ही सीमित रखी.
रोमा ने बेड के साइड टेबल पर पड़ी घड़ी की तरफ निगाह डाली और
गहरी साँस लेते हुए बोली, "काश हम पूरे दिन इसी तरह घ्रा पर
रह कर प्यार कर पाते."
"मुझे भी स्नान कर के काम पर जाना है." राज ने भी घड़ी पर
निगाह डालते हुए बोला.
जैसे ही राज चादर के नीचे से निकल कर खड़ा हुआ रोमा की निगाह
राज के ढीले पड़ते लंड पर पड़ी. राज की जाँघो के बीच के हिस्सा
एक दम सॉफ था. इस बार रोमा ने खुद उसकी झांते सॉफ की थी, और
राज ने उसकी.
तभी रोमा को बगल के कमरे घड़ी की अलार्म सुनाई दी... वो दौड़
नंगी ही कमरे से भागी और रिया के बिस्तर पर कूद पड़ी. रिया
हमेशा बिस्तर के कौने पर सोती थी जिससे कि काफ़ी सारा पलंग
खाली पड़ा रहता था. रिया ने उसे बाहों मे लिया और चूमने
लगी.... रिया ने मुस्कुराते हुए आअंख खोली.
"क्या बात है आज बहोत जोश मे हो?" रिया ने उसे बाहों मे भरते हुए
कहा.
रोमा ने उसे कुछ कहा सिर्फ़ उसकी चादर मे घुस गयी और अपने नंगे
बदन को रिया के नंगे बदन से रगड़ने लगी.
"लगता है कि अच्छा समय गुज़ार कर आ रही हो?" रिया ने उसके
समूचे बदन पर प्यार की खुसबु सूंघते हुए कहा.
"हां बहोत ज़्यादा, और वो प्यार भरे लम्हे तुम्हारे साथ बाँटना
चाहती हूँ." रोमा ने हंसते हुए कहा.
"बाँटना?"
रोमा ने रिया के नंगे बदन को अपनी बाहों की गिरफ़्त मे लिया और उसकी
चुचियों को पकड़ मसल्ने लगी. अपनी उग्लियों मे उसके निपल को ले
भींचने लगी. थोड़ी ही देर मे रिया के निपल तन कर खड़े हो
गये.
"प्लीज़ ऐसा मत करो ना गुदगुदी होती है ना?" रिया ने झूठा विरोध
दीखाते हुए कहा.
रोमा उस पर चढ़ि हुई उसकी चुचियों को मसल्ने लगी साथ ही अपनी
चूत को उसकी चूत से भी रगड़ रही थी.... प्यार का अमृत दोनो की
चूत से बहने लगा था.
"रोमा मुझे जल्दी ही जाना है." रिया ने कहा.
रोमा रिया की बात सुनकर शैतानी मुस्कुराहट से हंस दी. रिया जानती
थी कि रोमा उसे छोड़ने वाली नही है इसलिए उसने अपने आपको उसके
हवाले कर दिया... रोमा के होंठ रिया के होठों को छुए और रिया ने
उसके होठों को मुँह मे लिया और चूसने लगी. रोमा ने अपनी जीब उसके
मुँह मे डाल दी और दोनो एक दूसरे को ज़ोर से भीचे चूमने लगे...
रिया की चुचियाँ और चूत दोनो मचल उठी.
"तुम बड़ी शैतान हो." रिया ने उसकी चुचियों को पकड़ते हुए कहा.
रोमा अब उसके होठों को चूमते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन देने
लगी... और उसकी चुचियों को मसल्ते हुए उसकी चुचियों के चारों
और अपनी जीब फिराने लगी.
रिया की सिसकारिया बढ़ने लगी थी, "श रोमा क्या कर रही हो.... मार
ही डालगी क्या ओह."
रोमा अब उसकी चुचियों को मुँह मे ले चूसने लगी, साथ ही उसके
निपल को भींच लेती या फिर अपनी जीब से कुरेदने लगती. उसकी
चुचियों को चूसने और चूमने के बाद वो उसकी चुचियों को पकड़े
नीचे खिसकने लगी.. उसके पेट को चूमने लगी... उसकी नाभि मे
जीब घूमाने लगी....
रिया से सहन नही हो रहा था, उसने चादर को अपने बदन से अलग
किया और अपनी टाँगो को पूरी तरह फैला दिया. रोमा उसके पेट को
चूमते हुए और नीचे खिसकी और उसकी जाँघो के अन्द्रुनि हिस्से को
चूमने लगी..... उसकी चूत से बहते रस को अपनी जीब से चाटने
लगी...
उत्तेजना मे रिया की साँसे उखाड़ रही थी... "ऑश रोमम्म ऑश हाआँ
ऑश."
रोमा अब उसकी टाँगो की बीच उसकी चूत के करीब आ गयी और उसकी
चूत पर अपनी जीब फिराने लगी... रिया ने अपनी टाँगो को मोड़ा और
अपने कूल्हे उठा अपनी चूत को रोमा के मुँह के और करीब कर दिया.
रिया के इस अंदाज़ ने रोमा को और लालचा दिया.... उसने अपनी उंगलियों
से रिया की चूत की पँखो को थोड़ा फैलाया और अपनी जीब उसके अंदर
फिराने लगी.
रिया अपनी कमर उठा अपनी चूत को उसकी जीब पर रगड़ने लगी..
तभी रोमा ने अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत मे डाल गोल गोल
घूमाने लगी. थोड़ी देर घूमाने के बाद वो अपनी उंगली को अंदर
बाहर कर रही थी और साथ ही अपनी जीब से उसकी चूत को चाट रही
थी.
'ऑश रोमा हाआँ चोदो मुझे अपनी जीएब से और उंगली से ऑश हाँ
और अंदर तक डालो ना पनी जीएब कूऊ ऑश हाां ."
रोमा और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगी... अपनी जीब को और
उंगली को वो अंदर तक डाल अंदर बाहर करने लगी... रिया का शरीर
अकड़ने लगा और उसने अपनी टाँगे रोमा की गर्दन मे फन्सा उसके सिर को
और अपनी चूत पर दबा लिया.
'ऑश हहाआँ चूसो और ज़ोर से चूसो ऑश में तो गयी......" रिया
सिसकी और उसकी चूत ने रोमा के मुँह को अपने रस से भर दिया.
रिया रोमा के बगल मे लेट अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पा रही
थी.... वो तक चुकी थी और अभी तो दिन की शुरुआत हुई थी.
"ओह्ह रोमा क्या अच्छी शुरुआत कराई है तुमने मेरे दिन की... थॅंक
यू." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.
"हां वो तो है." रोमा और राज के साथ हुई सुबह की चुदाई को याद
कर बोली."
"रोमा मे बस दो मिनिट मे तैयार होती हूँ फिर बाथरूम तुम्हारे
लिए है." कहकर रिया बाथरूम मे घुस गयी.
एक शाम रिया का मन कर रहा था कि वो घर से दूर कहीं पार्टी
मनाने चली जाए. जब वो घर पहुँची तो देखा कि रोमा और राज
किचन की टेबल पर किताबे खोले पढ़ाई ले लगे हुए थे.
"क्यों ना आज हम सब कहीं किसी अच्छे पब मे जाकर मस्ती करे?" रिया
ने कहा.
क्रमशः..................
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