RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
विनोद ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और वॉश रूम की ओर
बढ़ गया.... रिया भी लॅडीस टाय्लेट की ओर चली गयी. थोड़ी देर
बाद फ्रेश होने के बाद वो अंदर हॉल मे वापस उसी टेबल पर आ गयी
जहाँ विनोद का दोस्त आशीष और उसकी महिला साथ बैठे थे... रिया
की ड्रिंक अभी भी उसी तरह टेबल पर पड़ी थी.. उसने अपनी ड्रिंक
उठाई और पीने लगी.
दो तीन ड्रिंक और पीने के बाद रिया को लगा कि वो खुद गाड़ी चला
कर घर तक नही पहुँच पाएगी... थोड़ा नशा हो गया था उसे.
रिया को थोड़ा झूमते देख विनोद उसके कान मे धीमे से बोला, "रिया
मेरे साथ चलो तुम्हे जिंदगी का असली मज़ा दिखाउँगा.."
"पर में ज़्यादा देर तक नही रुक पाउन्गि." रिया ने कहा.
"हमारे साथ चलो और अगर तुम्हे मज़ा नही आए तो में तुम्हे घर
तक छोड़ दूँगा." विनोद ने उसकी हालत को समझते हुए कहा.
विनोद ने अपना दायां हाथ रिया के कंधों पर रखा और उसे सहारा दे
कर बाहर तक ले आया... आशीष अपनी महिला साथ को वहीं वहीं
छोड़ उनके पीछे पीछे आ गया.... रिया को लगा कि वो अपने पैरों
पर खड़ी नही रह पाएगी.. बड़ी मुश्किल से वो विनोद का सहारा लिए
उसकी गाड़ी तक पहुँची.
विनोद ने उसे सहारा देकर ड्राइवर की पीछे वाली सीट पर बिठा
दिया... पर जब आशीष उसके बगल मे बैठा तो वो चौंक पड़ी...
उसे इस बात की उम्मीद नही थी.. वो समझ रही थी कि विनोद उसके
बगल मे बैठेगा. उसने रिव्यू मीरोर मे देखा जहाँ विनोद मंद मंद
मुस्कुरा रहा था. पर इन हालत मे वो कुछ कर भी नही सकती थी...
उसने भी तय कर लिया कि देखें आगे क्या होता है... अगर मज़ा आया
तो रुकेगी वरना वो घर चली जाएगी.
आशीष ने बगल मे बैठते ही उसे अपनी और खींचा और अपने होंठ
उसके होठों पर रख उन्हे चूसने लगा... फिर अपनी जीभ से उसके
मुँह को खोल उसने अपनी जीब उसके मुँह मे दे दी... नशे की हालत
मे रिया कुछ तो थोड़ी गरम कुछ शराब का नशा.. उसने भी उसके
जीब से अपनी जीब मिला उसे चूसने लगी.
रिया के बदन मे फिर से गर्मी भरने लगी और उसके निपल मे थोड़ी
सी कपन हुई और तन कर खड़े हो गये. आशीष ने अपना हाथ उसकी
खुली शर्ट के अंदर डाला और उसकी चुचियों को मसल्ने लगा. रिया
की चुचियों को म्सल्ते मसल्ते आशीष का लंड भी खड़ा हो गया
था.
थोड़ी देर रिया की चुचियों को मसालने के बाद आशीष ने अपने पॅंट
की ज़िप खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया..रिया ने उसके लंड
पर निगाह डाली.. उसका लंड विनोद के लंड से कुछ छोटा था.
आशीष ने उसकी गर्दन को पकड़ा और अपने लंड पर झुका दिया... रिया
अपनी सीट से खिसक कर सीटो के बीच नीचे बैठ गयी और उसके
लंड को अपने मुँह मे ले लिया. वो उसके लंड को अपनी जीब से भींचते
हुए उसे अपने गले तक लेकर चूसने लगी. आशीष अपने हाथ को उसके
सिर पर रख अपने लंड पर दबा रहा था.
"ऑश हाआँ ऐसे ही चूसो श तुम्हारा गरम मुँह मेरे लंड पर
बहोट ही अच्छा लग रहा है" आशीष अपने हाथ का दबाव बढ़ाते हुए
सिसका.
रिया उस अजनबी के लंड पर अपना मुँह उपर नीचे कर चूसने लगी.
उसके लंड को मुठ्ठी से मसल्ते हुए साथ ही उसकी गोलैईयों को सहला
रही थी. आशीष का लंड मे उबाल आने लगा और उसके मुँह से "ओह्ह्ह्ह
अयाया" की आवाज़ें निकल रही थी.
"आशीष इससे कहना कि तुम्हारा लंड का पान मेरी गाड़ी की नई सीट पर
ना गिरने पाए... इससे कहना कि ये सारा पानी पी जाए.. में बाद मे
चेक करने वाला हूँ." विनोद गाड़ी चलाते हुए लगभग चिल्लाते हुए
बोला.
"तुमने सुना ना विनोद ने क्या कहा, तुम सब पानी पी जाओगी ना रिया..
है ना?" आशीष ने रिया से पूछा.
रिया ने अपनी गर्दन हां मे हिला दी.
"ऑश हान ज़ोर ज़ोर से चूसो ओःः हाँ और ज़ोर से ऑश मेरा छूटने
ही वाला है.." आशीष सिसक पड़ा.
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