RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
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गतान्क से आगे.......
राज को वो रात याद आने लगी जब उसने खड़े खड़े रिया के मुँह मे
अपना लंड डाल उसके मुँह को चोदा था....
शायद रिया भी उसी रात के ख़याल मे खोई हुई थी... "क्या चाहते हो
मेरे राजा... क्या आज फिर उसी दिन की तरह के मेरे मुँह को चोद्ना
चाहते हो...यही चाहते हो ना..." रिया ने उसकी पॅंट के उपर से उसके
लंड को मसल्ते हुए कहा.
राज जानता था कि उसे कुछ कहने की ज़रूरत नही है.. रिया सब कुछ
समझ जाती थी... यही तो फ़र्क था इन दोनो के बीच.... रिया उसकी
गोद से उतरी और उसके बगल मे गाड़ी की ज़मीन पर बैठ गयी... रिया
ने उसकी शर्ट को पॅंट के अंदर से बाहर खींच लिया... राज का पेट
और कमर नंगे हो गये... रिया झुक कर अपनी जीभ उसकी कमर और
पेट पर फिराने लगी.. एक झुरजुरी सी राज के बदन मे दौड़ गयी....
रिया ने उसकी पॅंट के बटन खोल दिए और उसे थोड़ा नीचे खिसका
दिया.... राज का लंड अंदर मचल उठा... वो भी उत्तेजना मे आज़ाद
होने के लिए के फड़फदा रहा था......रिया ने भी किसी भूकि बिल्ली
की तरह उसके लंड को पकड़ा और कपड़ों की क़ैद से आज़ाद कर दिया...
और फिर उसके सूपदे पर अपनी जीब फिराने लगी..
राज से सहन नही हो रहा था... घूटनो मे फँसी पॅंट उसे तकलीफ़
दे रही थी.. उसने थोड़ा सा उँचा उठाते हुए अपनी पॅंट को पूरी तरह
नीचे खिसका दिया और रिया के चेहरे को अपने लंड पर दबाने
लगा....."रिया चूसो इसे... देखो कैसे फड़फदा रहा है...ये."
रिया ने अपने मुँह को पूरी तरह ओओओ के रूप देते हुए खोला और उसके
लंड को अपने गले तक ले लिया... फिर अपनी थूक से भरी जीब को
उसके लंड से चिपकाते हुए उसे चूसने लगी....
सन्नाटे से भरी रात मे गाड़ी के अंदर 'स्पप्प्र स्पप्प्र' के आवाज़ गूंजने
लगी.... राज तो जैसे पागल हो गया.
"ऑश हाां चूवसो ऐसे ही चूऊवसो श अया हाां और ज़ोर से
चूसो." राज रिया के सिर को पकड़ नीचे से अपने लंड को और अंदर
तक घूसाते हुए बड़बड़ा उठा.
रिया उसके लंड को हाथो से पकड़ अपने मुँह को उपर नीचे कर जोरों
से उसके लंड को चूस रही थी....
थोड़ी ही देर मे राज के लंड ने उबाल खाना शुरू कर दिया....उत्तेजना
मे उसने अपना हाथ रिया के सिर पर से हटाया और गाड़ी की छत का
सहारा ले अपनी कमर उठा दी.... उसका लंड पहले से भी ज़्यादा उसके
गले के अंदर तक घुस गया....
जब उसका लंड पानी छोड़ने ही वाला था रिया ने अपना मुँह उसके लंड
पर से हटा लिया.
"ऑश रिया ये क्या किया तुमने... तुम्हे पता है मेरा छूटने ही वाला
था...." राज ने मायूसी भरे स्वर मे कहा.
"अभी नही मेरे राजा...." रिया धीरे से फुफूसा... "अभी मेरा
कुछ और करने का इरादा है."
रिया उठ कर उसके बगल मे बैठ गयी और अपनी छोटी स्कर्ट के अंदर
हाथ डाल दिया.. राज गहरी नज़रों से उसकी मुलायम टाँगो को देखता
रहा... इतने मे रिया ने अपनी पॅंटी उतार दी....
रिया एक बार फिर राज की गोद मे बैठ गयी... उसने अपनी शर्ट के
बटन खोल दिए.... उसकी सफेद ब्रा से ढाकी चुचियाँ नज़र आने
लगी... उसने अपने हाथ पीछे को किया और ब्रा का हुक खोल दिया
जिससे ब्रा ढीली पड़ गयी..... राज ने अपने हाथ बढ़ा कर ब्रा को
थोड़ा उपर किया और फिर उसकी चुचियों को मसल्ने लगा.
"ओ राज कितना अच्छा लग रहा है..." रिया ने उसकी गर्दन मे हाथ
डाल दिया.... "में कब्से इस दिन का इंतेज़ार कर रही थी.... कितना
तडपया है तुमने मुझे..... जब में जानती थी कि तुम मेरे पास ही
हो और अपनी बेहन को चोद रहे तो अपने आप को संभालना बहोत
मुश्किल हो जाता था राज... सच कहती हूँ में तुमसे बहोत प्यार
करती हूँ." रिया ने उसे चूमते हुए कहा.
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