RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
रोमा और जीत इस तरह घुल मिल कर बातें कर रहे थे जैसे उनकी
बरसों की पुरानी जान पहचान हो.
"आज तुमसे मिलकर और बात कर के मेरे दिल का बहोत सारा बोझ हल्का
हो गया." रोमा ने जीत से कहा.
जीत और रोमा इसी दरमियाँ हॉल के टेबल से उठ कर कोने मे बने एक
बूथ मे बैठ गये थे.... बाहर संगीत जोरों से बज रहा था.
"ये रही तुम दोनो की ड्रिंक" ज्योति ने टेबल पर ड्रिंक रखते हुए
कहा. "बहुत जल्दी दोस्ती हो गयी तुम दोनो की, ज़रा बच कर रहना इस
शैतान से." ज्योति ने जीत की तरफ इशारा करते हुए रोमा से कहा.
"हाआँ....तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे में रोज़ आकर कॉलेज की
लड़कियों को पाटता रहता हूँ." जीत ने हंसते हुए कहा, "ज्योति और
मेरे बीच इस तरह के मज़ाक चलते रहते है."
ज्योति ने हंसते हुए जीत के सिर पर हल्के से एक चपत
जमाए.. "औरों की तो में नही जानती लेकिन हाआँ... आज से पहले
ऐसी कॉलेज की लड़की तुम्हे नही मिली होगी."
ज्योति की बात सुनकर रोमा के मुँह से जोरों से हँसी छूट गयी..
उसने जल्दी से अपने मुँह पर हाथ रख कर हँसने लगी.... हंसते
हंसते उसका बुरा हाल हो गया.. और आँखों मे आँसू आ गये.
"बहुत दिनो बाद ऐसे खुल कर हँसी हूँ..." रोमा ने कहा.
"हँसना सेहत के लिए वैसे भी अछा होता है," जीत ने कहा, "वैसे
अगर तुम मेरे घर पर ट्यूशन लेने आओगी तो तुम्हारे बॉय फ़्रेंड को
बुरा तो नही लगेगा."
"मेरा कोई बॉय फ़्रेंड नही है," रोमा ने जवाब दिया, "में अपने भाई
और उसकी गर्ल फ़्रेंड के साथ रहती हूँ... और मुझे लगता है की उन
दोनो को कोई फरक नही पड़ेगा अगर में तुमसे ट्यूशन लूँगी तो."
"ये तो बहोत अच्छी बात है."
दो ड्रिंक के बाद रोमा को थोड़ा नशा होने लगा था.... उसका सिर
चकरा रहा था... जीत से मिलकर उसे बहोत अच्छा लगा था और कुछ
देर के लिए वो राज और रिया को अपने दीमाग से निकल चुकी थी.
"चलो बाहर चल कर बैठते है.. यहाँ थोड़ी घुटन सी हो रही
है." जीत ने रोमा की हालत देखते हुए कहा.
दोनो बाहर आकर एक टेबल पर बैठ गये... जीत ने ज्योति से कह कर
अपनी पसंद का गाना लगाने को कह दिया....
"क्या तुम मेरे साथ डॅन्स करना पसंद करोगी?" जीत ने रोमा की तरफ
हाथ बढ़ते हुए कहा.
"पता नही... ज्योति बार बार मुझे तुमसे सावधान रहने को कह रही
है.." रोमा ने हंसते हुए कहा.
"क्या तुम डरती हो मुझसे... तुम्हे लगता है की में तुम्हारे साथ कोई
ग़लत हरकत करूँगा." जीत ने पूछा.
"नही मुझे डर तुमसे नही अपने आपसे है... कि डॅन्स करते वक्त
कहीं मे गिर ना पदू.. मुझे नाचना नही आता." रोमा ने जवाब
दिया.
"ये तो और भी अछी बात है." जीत ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब मुझे
पढ़ाई के अलावा तुम्हे और भी कुछ सीखाने का मौका मिल जाएगा."
रोमा को जीत पसंद आ गया था.. वो एक हस्मुख और अछा इंसान था..
उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया.... जीत ने उसका हाथ पकड़ा और उसे
डॅन्स फ्लोर पर ले आया.... जीत ने उसकी कमर मे हाथ डाला और दोनो
गाने की धुन पर नाचने लगे.
"इतना अच्छा तो नाच रही हो." जीत ने कहा.
रोमा ने उसे कस कर पकड़ लिया और अपना सिर उसके बाएँ कंधे पर
टिका दिया.
"तुम ठीक तो हो ना?"
रोमा हल्के से मुस्कुराइ और उसकी पीठ पर हाथ फिराते हुए
बोली, "पहले से कहीं बेहतर... मेरी आज की रात रंगीन बनाने के
लिया शुक्रिया."
जीत ने किसी बुजुर्ग की तरह उसके माथे को चूम लिया, "ये तो मेरी
ख़ुशनसीबी है की मुझे तुम्हारी सहयता करने का मौका मिला."
दोनो इसी तरह एक दूसरे की बाहों मे बाहें डाले थोड़ी देर तक
नाचते रहे.
"चलो में तुम्हे घर छोड़ देता हूँ, रात काफ़ी हो चुकी है." जीत
ने रोमा से कहा.
जीत ने किसी अच्छे इंसान की तरह की होटेल का बिल चुकाया और रोमा
को सहारा देते हुए अपनी गाड़ी तक ले आया.... फिर रोमा को गाड़ी की
अगली सीट पर बिठा कर उसने गाड़ी रोमा के घर की तरफ बढ़ा दी.
रोमा ने उसे अपने मकान के सामने रुकने का इशारा किया तो जीत ने
गाड़ी रोक दी.
"तुम ठीक हो ना?" जीत ने एक बार फिर पूछा.
"हां में बिल्कुल ठीक हूँ.... क्या तुम अंदर आना चाहोगे?" रोमा ने
पूछा.
"नही रात काफ़ी हो चुकी है... अब में चलूँगा... हां अगर कोई
काम हो तो फोन करने मे मत हिचकिचाना... तुम्हारी मदद करके
मुझे खुशी होगी." जीत ने जवाब दिया.
"शुक्रिया आज तुमने मेरी काफ़ी मदद की उसके लिया." कहकर रोमा अपने
फ्लॅट मे चली गयी.
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