RE: bahan sex kahani दो भाई दो बहन
"ये वो फिर का पहला हिस्सा है.." जीत ने मुस्कुराते हुए कहा तो रोमा
ने उसके होंठो को चूम लिया. रोमा ने उसके होठों को खोलते हुए अपनी
जीब उसके मुँह मे डाली तो जीत ने अपनी जीब उसकी जीब से मिला दी...
दोनो एक दूसरे को चूमने चाटने लगे.
घर पहुँच कर जीत ने रोमा क लिविंग रूम मे बिताया और स्टेरीयो पर
म्यूज़िक की सीडी लगाकर वाइन की बोतटे ले किचन मे चला गया.
जब वो लौटा तो उसके हाथों मे एक सुंदर ट्रे थी और उसपर दो क्रिस्टल
ग्लास रखे हुए थे.... उसने वाइन दो ग्लासो मे डाली और एक ग्लास रोमा
को पकड़ा दिया.
रोमा को जीत के साथ बहोत ही अछा लग रहा था.. वो उसके साथ किसी
राजकुमारी की तरह पेश हो रहा था और साथ ही उसके हर व्यवहार मे एक
स्टाइल था जो रोमा को बहोत पसंद आ रहा था....
"बहुत दिनो बाद इतनी अच्छी वाइन टेस्ट कर रही हूँ... शुक्रिया
जीत.." रोमा ने वाइन के ग्लास मे से सीप लेते हुए कहा.
जीत सोफे पर उसके बगल मे बैठ कर उसने अपना हाथ सोफे के पुष्ट पर
ठीक उसके पीछे रख दिया.... रोमा ड्रिंक के साथ स्टेरीयो पर बजते
म्यूज़िक का मज़ा ले रही थी तभी उसकी निगाह जीत पर पड़ी तो उसने
देखा कि वो उसकी चुचियों को घूर रहा था.... उसने गुस्से से जीत की
तरफ देखा.
"में तुम्हारी इस सुंदर टी-शर्ट को देख रहा था सही मे बहोत सुंदर
है...." जीत ने मुस्कुराते हुए कहा.
"सिर्फ़ टी-शर्ट देख रहे था या फिर उसके अंदर छुपी दो नारंगियों
को...." रोमा ने भी मज़ाक करते हुए कहा.
"नारंगियाँ या फिर स्पीड ब्रेकर....." जीत ने कहा.
"स्पीड ब्रेकर इसका क्या मतलब हुआ में कुछ समझी नही..." रोमा ने
पूछा.
"हां मेरी नज़रों मे ये स्पीड ब्रेकर है.... ये नौजवानो की नज़रों
को ठहरा देती है और उसे कुछ और करने ही नही देती... वो भी सिर्फ़
इन्हे घूरता रह जाता है... उसे आगे कुछ करने ही नही देती. " जीत
ने उसकी नज़रों से नज़रें मिलाते हुए कहा.
उसकी बात सुन रोमा ज़ोर से हंस पड़ी... "तुम बहोत शैतान हो?"
जीत उसके सुंदर चेहरे को घूरता रहा फिर उसने उसके माथे को चूम
लिया... "और तुम सही मे बहोत सुन्दर हो."
"सही मे....." रोमा मुस्कुरा पड़ी... और उसके हाथ को अपने हाथ मे ले
सहलाने लगी.
"रोमा ये ठीक नही है..." जीत ने कहा.
रोमा मुस्कुरा पड़ी, "पर में चाहती हूँ... क्या तुम्हारा या फिर सिर्फ़
वाइन पर समाप्त हो जाता है?"
"ये सब तुम पर निर्भर करता है.. ये समाप्त भी हो सकता है और
आगे भी बढ़ सकता है." जीत ने उसे अपनी बाहों मे भरते हुए कहा.
रोमा को जीत की बाहों का घेरा बहोत ही अछा लगा... कितना सुकून और
प्यार था उसकी बाहों मे....अपने आप को कितना सुरख़्शिट महसूस कर
रही थी वो.... उसने अपने होठों को उसके होंठो पर रखा और
चूमने लगी...
जीत ने भी उसका साथ दिया.. वो उसके नीचले होठ को चूसने लगा तो
रोमा ने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी... जीत ने उसकी जीब को चूस्ते
हुए अपना हाथ उसके पीछे से हटाया और अपने हाथ उसकी चुचियों पर
रख दिए... और टी-शर्ट के उपर से उसकी चुचियों को सहलाने लगा.
"ओह्ह कितना अछा लग रहा है..." रोमा ने उसके होठों को और जोरों से
चूस्ते हुए कहा.
जीत ने जब उसके खड़े निपल को टी-शर्ट के उपर से भींचा तो उसका
बदन कांप उठा... उसने अपनी जीब और उसके मुँह मे घुसा दी... दोनो के
बदन मे गर्मी बढ़ने लगी थी...जीत भी उत्तेजित हो उसकी जीब को
जोरों से चूसने लगा.
उत्तेजना के साथ साथ रोमा की चूत मे भी चिंतियाँ रेंगने लगी.....
उसकी चूत गीली हो रही थी.... चूत का तनाव बढ़ रहा था....उसे
उसके लंड की चाहत होने लगी.
जीत ने अपने मुँह को उसके मुँह पर हटाया और अपनी शर्ट खोलने
लगा.... रोमा प्यार से उसकी चौड़ी छाती को देख रही थी... उसकी
छाती पर उगे घने बॉल उसे बहोत ही अच्छे लग रहे थे.... जीत ने
जब उसकी टी-शर्ट को नीचे से पकड़ा तो वो सिसक पड़ी.. जीत ने उसकी
टी-शर्ट को उठा उसके बदन से निकाल दी.... उसकी आँखे उसकी प्यारी
चुचियों मे खो कर रह गयी..... उसके तन कर खड़े निपल बहोत ही
प्यारे थे..
"तुम सही मे बहोत सुंदर हो?" जीत ने कहा.
"तुम भी कम हॅंडसम नही हो" रोमा ने जवाब दिया.
जीत का मुँह फिर हरकत मे आया वो उसके चेहरे को अपने हाथों मे ले
चूमने लगा... उसकी गरम सांसो को रोमा अपनी गर्दन पर महसूस कर
रही थी... उसके हाथो ने उसकी चुचियों को पकड़ लिया था और धीरे
धीरे भींच रहे थे..... निपल पहले से भी ज़्यादा तन कर खड़े
थे.. उत्तेजना मे वो पेड़ के किसी सूखे पत्ते की तरह कांप रहे
थी...जीत के हाथो का स्पर्श उसकी उत्तेजना और गरमाहट को और बढ़ा
रहे थे.
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