RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
आने वाले रविवार को अब हम दोनों रूपेश और सारिका को लेकर बोरीबन्दर स्टेशन के पास वाले फैशन स्ट्रीट गए और सारिका के लिए कुछ सेक्सी ड्रेस लेकर आ गए. अब मैंने सारिका को ऐसे वेस्टर्न कपडे पहनकर अपनी पति को लुभाने की अदा सिखाई. अब तो मैं और सारिका दोनों भी बहने शार्ट स्कर्ट और लूज़ टॉप घर में पहनने लग गयी. अब घर में राज और सारिका / और मेरा और रूपेश का हंसी मजाक काफी सेक्सी होने लगा.
पहले तो रूपेश को मेरे बारे में सेक्सी बाते बोलने में शर्म आयी मगर राज ने और खुद मैंने ही उसे बिनधास्त रहने के लिए कहा तो वो भी खुले आम मेरे सेक्सी के अंगोंकी तारीफ़ करने लगा.
"सुनीता दीदी, आप इस मिनी स्कर्ट में बिलकुल कॉलेज क्वीन लग रही हो. ख़ास कर आपकी मुलायम जाँघे बहुत सुन्दर लग रही है."
"ओह दीदी, आपका आज का टॉप तो बड़ा ही ख़ास हैं. आप ऐसे लो नेक ड्रेस में किसी सेक्सी फिल्म की हिरोइन से भी ज्यादा हॉट लग रही हो. क्या बढ़िया चूचियां हैं आप की."
"सुनीता दीदी, आज आप इस स्कर्ट के साथ वो लाल रंग का टॉप पहनोगी तो और भी ज्यादा प्यारी लगोगी. उस टॉप का गला कुछ ज्यादा ही खुला हैं, जिससे आप का क्लीवेज देखन मुझे बड़ा अच्छा लगता हैं."
"दीदी, क्या बढ़िया मिनी स्कर्ट हैं, मुझे तो आपकी गुलाबी पैंटी भी नज़र आ रही हैं. बहुत ही परफेक्ट आकार हैं आप के नितम्बोंका!"
इतना हैंडसम जवान मेरी तारीफ करे और जब मौका मिले तब यहाँ वहाँ हाथ लगाए इससे मैं भी अपने आप को ज्यादा सेक्सी फील करने लगी थी.
छुट्टी के दिन हम चारों साथ में बैठकर ऐसे ही गपशप कर रहे थे की हमारी स्पेशल फोटोशूट वाली एक एल्बम सारिका के हाथ लगी. जैसे ही वो खोलकर देखने लगी, मैंने सारिका के हाथ से खींच कर एल्बम ले ली.
रूपेशने हँसते हुए पूछा, "अरे जरा हमें भी दिखाओ, क्या ख़ास हैं इसमें!"
बेशर्म होकर राज ने कहा, "मेरी और सुनीता की हॉट पोजेस की फोटो हैं."
अब मैं झूठ मूठ के गुस्से से राज को कोसने लगी, "तुम्हे कोई भी शर्म नहीं है कुछ भी बता देते हो."
हालांकि मेरे मन में भी लड्डू फूट रहे थे. मेरी सेक्सी तस्वीरें देखकर रूपेश पर क्या असर होगा यह सोच कर मेरी चूत गीली होना शुरू हो गया.
राज ने हँसते हुए कह दिया, "रूपेश, तुम्हारी और सारिका की भी ऐसी पोजेस की एल्बम बनाना हैं तो मुझे बता दो. कैमरा, लाइट्स और रील सबका इंतज़ाम हैं मेरे पास."
"अब ज़रा फोटो देखेंगे तो पता चलेगा न राज भाई," रूपेश ने कहा.
राज ने मुझसे पूछा, "सुनीता रानी, क्या कहती हो? अब हम चारों एकदम गहरे दोस्त बन कर साथ में ही रह रहे है. सारिका ने तो थोड़े देख भी लिए हैं, चलो रूपेश को भी देखने दो. फिर उनका फोटोशूट करेंगे तो हमको भी मजा आएगा."
आखिर झूठ मूठ का दिखावा करने के बाद मैं भी मान गयी और चारो मिलकर उस एल्बम को देखने लगे. मेरी सिर्फ ब्रा और पैंटी में तस्वीरें देखकर कोई नामर्द का लंड भी खड़ा हो जाता, रूपेश तो फिर भी असली मर्द था. कुछ फोटो बैकलेस भी थी और कुछ में तो मेरी गांड भी दिख रही थी.
रूपेश: "अरे वा, सुनीता दीदी आप तो बहुत ही ज्यादा सुन्दर, सेक्सी और हॉट लग रही हैं. ए सारिका चल, हम भी ऐसी ही फोटो खिचायेंगे."
सारिका रूपेश की बात को टाल न सकी और बोली, "अच्छा, ठीक हैं रूपेश. चलो हम दोनों बैडरूम में जाकर कपडे बदलकर आते हैं."
लगता हैं रूपेश फोटो खिंचवाने के लिए काफी उतावला हो रहा था, इसलिए दो मिनट के अंदर ही दोनों भी बैडरूम के बाहर आ गए. दोनोंके बदन के ऊपर से एक पतली चादर ओढ़ी हुई थी.
जैसे ही दोनों लाइट्स के बीच में आये, राज ने कहा, "चलो, अब घूंघट उतारो और अपनी जवानी के जलवे दिखाओ."
सारिका और रूपेश ने एक दुसरे की और देखा और चादर उतार दी. सारिका के गोरे गोरे बदन पर भड़कीले लाल रंग की ब्रा और पैंटी थी.
उसको अधनंगी देखकर राज उत्तेजित हो गया था. मैं भी रूपेश को सिर्फ नीले रंग की फ्रेंची में देखकर खुश हो गयी.
राज उन दोनोंको एक एक पोज लेने और फोटो खींचने लगा.
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