RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
अगले ही दिन धुआंधार चुदाई के बाद मैं बेहोशी में सो गयी थी. तब राज आधी रातको उठकर रसोईघर से पानी पीकर बैडरूम की तरफ वापिस आ रहा था. तभी उसने देखा की रूपेश गहरी नींद सोया हुआ था और सारिका सोफेपर बैठकर टीवी के रिमोट से चैनल बदल कर कुछ देख रही थी. अपनेआप उसके कदम मेरी सुन्दर और सेक्सी बहन की तरफ बढे.
राज: "क्या हुआ सारिका, लगता हैं नींद नहीं आ रही हैं."
सारिका: "हाँ राज भैया, मैं आज दिन में थोड़ा सो गयी थी इसलिए अब रात काली हो रही है. और आप?"
सोफेपर उसके बाजू बैठते हुए उसने कहा, "कुछ नहीं यार, सुनीता भी गहरी नींदमें हैं और मैं पानी पीने आ गया था."
उसकी काली स्लीवलेस नाइटी में गोरी बाहे, उन्नत उभार और पैर चमक रहे थे.
वैसे भी राज गोरी निकिता को नंगा देखकर गोरी लड़की को चोदने के लिए उतावला था ही.
"क्या देख रही हो टीवी पर?"
"कुछ नहीं ऐसे ही बोर हो गयी इसलिए टाइमपास कर रही थी."
"चलो टाइमपास ही करना हैं तो कुछ गेम खेलते हैं, मजा भी आएगा और वक़्त भी काट जाएगा।"
"कैसा गेम भैया?"
राज ने ताश के पत्ते निकालते हुए कहा, "चार चार पत्ते बाटेंगे, जिसके पास छोटे पत्ते आये वो हार गया. फिर उसे जीतने वाले की एक बात मानना पड़ेगा।"
सारिका: "बढ़िया है राज भैया, आप के पास तो एक से एक बढ़िया तरीके रहते हैं!"
"सारिका, तुम इतनी प्यारी हो की तुम्हें मेरी हर बात अच्छी लगती हैं," राज ने उसके गाल को चूमते हुए कहा.
राज को पहली चाल में आठ, तीन, पांच और दो आये. सारिका को एक्का, रानी, आठ और तीन मिले.
अब राजने सारिका से पूंछा, "चलो तुम जीत गयी, बोलो मेरे लिए क्या पनिशमेंट हैं?"
सारिका बोली, "राज भैया, मेरे पैरों की मालिश करो."
राज किचन से बादाम का तेल कटोरी में लेकर आया और उसकी नाइटी को घुटनोंके ऊपर उठाकर उसके पैरोंकी मालिश करने लगा. राज अपने मजबूत पँजोंकी ताकतसे उसके मुलायम गोरे पैर सहलाने लगा और उसे भी अच्छा लगने लगा.
सारिका: "वा राज भैया, आप तो अच्छी खासी मालिश भी कर लेते हो!"
दो मिनट के बाद अगली चाल चली. अब राज को नौ, गुलाम, एक्का और चार आये. सारिका को दो, सात, रानी और दो मिले.
उसकी आंखोंमे आँखें डालकर सारिका अपनी मीठी आवाज में बोली, "अब आप जीत गए. बोलो मेरे लिए क्या हुकुम हैं?"
राज: "मेरी छाती और पीठ को सेहलाओ।"
सारिका राज के नजदीक आकर उसकी पीठपर अपने मुलायम हाँथोंसे सहलाने लगी. मेरे पति के बदन की खुशबू से वह भी शायद गर्म हो रही थी. एक दो बार उस नंगी पीठपर उसने हलके चुम्बन भी जड़ दिए.
सारिकाने कहा, "अब मेरी तरफ पलटो राज भैया।"
जैसे ही राज पलटा सारिका के हाथ राज की चौड़ी छाती से खेलने लगे. अब बेताब राज ने धीरे से उसे पास खींचा और वो धीरे से छाती को और दोनों निप्पल को किस करने लगी.
सारिका: "आह कितनी अच्छी परफ्यूम लगाते हो राज भैया, अभी तक महक रहे हो.. आह!"
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