RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
अब मेरी नाराजगी देखकर राज को बुरा लग गया. शायद उसने सोचा की सिर्फ मेरी खुशीके लिए सुनीता ने अपनी सगी बहन को मुझे सौंप दिया तो मुझे भी एक अच्छे पति के नाते उसकी हर इच्छा हर फैंटसी पूरी करनी चाहिए.
अब राज ने तो हां तो कर दी पर वो सोच रहा था की इस बात को कैसे शुरू किया जाए. अब मैंने इस बारे में पहले से ही कुछ सोच कर रखा था.
मैंने पहले तो एक झीनी से हलके गुलाबी रंग की स्लीवलेस नाइटी पेहेन ली.
फिर हमारे बैडरूम के ड्रावर से एक ब्लू फिल्म की कैसेट निकाली और हॉल में जाकर लगा दी.
सोफे पर मैं बीच में बैठ गयी. राज और रूपेश मेरी दोनों तरफ बिलकुल चिपक कर बैठ गए.
रूपेश पिछले एक हफ्ते से एक भूखा शेर बना हुआ था, कुछ ही क्षण में उसने मेरे हाथ, कंधे और जाँघे सहलाना शुरू कर दिया. दूसरी और से राज मेरे होठोंको चूमकर मेरी मीठी जीभ चूसने लगा. अब मेरे हाथ राज की लुंगी में घुस कर उसके खड़े लंड को सेहला रहे थे तभी रूपेश ने मेरी नाइटी को कन्धोंपे से हटाकर मेरी बड़ी बड़ी चूचियोंको प्यारसे दबाने लगा. अब मेरा दूसरा हाथ रूपेश की लुंगी में घुसकर उसके तगड़े लौड़े से खलने लगा. "दोनों हाथों में लड्डू" यह कहावत तो सुनी थी मगर आज मेरे दोनों हाथोंमे कड़क लंड जरूर थे.
अब हम तीनोंसे रहा न गया और वहींसे कपडे उतारते हुए हम लोग बैडरूम में दाखिल हो गए. मैं बेडपर बीचो बीच लेट गयी और आगे बढ़के रूपेश का तना हुआ लौड़ा मुँहमे लेकर चूसने लगी. बीच बीच में बाहर निकलकर उसके सुपाडेको जीभ लगाकर उसे और भी उत्तेजित करने लगी. राज ने अपनी सुनीता रानी की जाँघे खोलकर वो मेरी मीठी और गीली योनि चाटने लग गया. राज की जीभ और होंठ मेरी चुत पर जैसे जादू कर जाते हैं. मेरी चुत चटवाना मुझे बड़ा ही अच्छा लगता हैं.
रूपेश हफ्ते भर की भूख प्यास के बाद अब मेरे मुँह से मिलने वाले सुख से पागल हो जा रहा था
रूपेश ने नशीली आवाज में कहा, "सुनीता दीदी, आप कितनी अच्छी हो, अभी सारिका यहा नहीं हैं फिर भी आप मुझे इतना सुख दे रही हो. आह आह क्या चूसती हो आप.. और राज भैया आप कितने दिलवाले हैं. सचमुच आप दोनों के साथ रहकर मुझे और सारिका को जीवन का कितना सुख मिला हैं आह आह. और आज तो आप दो दो लौड़े एक साथ झेलोगी."
यह सब बाते सुनकर और राज की जीभ की जादू के कारण मैं अब तक दो बार स्खलित हो चुकी थी.
आज मेरी दो लौडोंसे चुदने की फैंटसी सच हो गयी थी. अब मैंने ऊंगलीके इशारे से दोनों लडकोंको जगह बदलने को कहा. रूपेश तुरंत मेरी गांड उठाकर मेरी चुत चोदने लगा और मैं जोर जोर से राज का कड़क लंड चूसने लगी.
मेरी चूचियाँ मसल कर राज बोला, "मेरी जान, आज कितना प्यार से लंड चूस रही हो, लगता हैं की पूरा खा जाओगी. आह चूसो और साथ में मेरी गोटियों से भी खेलो!"
मुझे इतने सालोंसे पता था की गोटियोंसे खेलने से राज का ऑर्गज़्म बहुत जबरदस्त हो जाता हैं. थोड़ी ही देर में रूपेश मेरी चुत में और राज मेरे मुँह में लगभग एक ही साथ झड़ गए. अब बिस्तर पर बीच में मैं लेटी थी और मेरी दोनों तरफ लेट कर राज और रूपेश हांफ रहे थे.
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