RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
तीनो जोडिया अपने नए पार्टनर के साथ पूरी मौज मस्ती कर रहे थे, किसी बाहरवाले को पता भी नहीं चला की यह तीनो अपने अपने पति/पत्नी के साथ नहीं हैं.
जैसे ही दोपहर हुई, जोडिया फिर से बदल गयी, अब - राज के साथ सारिका, रूपेश के साथ निकिता और नीरज के साथ सुनीता, यानी मैं.
जिस पल का मैं सुबह से इंतज़ार कर रही थी वो आ गया, अब किसी की परवाह करे बगैर मैं नीरज को लेकर सबसे दूर चली गयी और एक कोना ढूँढ़के हम गरमागरम चूमा चाटी में जुड़ गए.
"ओह मेरी सुनीता डार्लिंग, जबसे तुम्हे नंगा देखा हैं, मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ. तुझे घोड़ी बनाकर चोदना हैं सुनीता रानी," नीरज ने कहा.
मैं बोली, "मैं भी तुमसे चुदवाने के लिए तरसी जा रही हूँ. तेरी बीवी को जल्दी मना, ताकि तेरे इस कड़क लौड़े को मैं अपनी चुत में घुसा दू."
मैं और नीरज पूरा समय बाकी के दो जोडोंसे अलग रहे इसलिए मुझे पता भी नहीं की आखिर रूपेश और निकिता के बीच क्या हुआ होगा. मैं तो नीरज के साथ कपडोंके ऊपर से जो भी मज़ा ले सकते हैं, पूरा ले रही थी. उसने भी मेरे मम्मे दबाकर, मेरी जाँघे सहलाकर और मेरी जीभ चूसकर मुझे पागल कर दिया था.
वाटर पार्कसे लौटने के बाद रास्तेमे एक ढ़ाबेपर खाना खाकर हम सारे घर लौटे. कारमें भी हंसी मज़ाक और एडल्ट जोक्स चल रहे थे. अब तो तीनो लड़किया भी आसानीसे लंड , चुत और बूब्स के बारेमें खुल्लम खुल्ला बाते कर रही थी. घर पहुंचकर निकिता ने हम चारोंको अपने घर पर बुलाया और बियर, वाइन की बोतले खुल गयी.
राज , नीरज और रूपेश काजू और नमकीन प्लेट्स में जमाने लगे और हम तीनो लड़किया हँसते हँसते बेडरूममे घुस गयी. नीरज ने बैद्यनाथ वीटा एक्स की बोतल निकाली. तीनो लड़कोंने चार चार गोलिया खायी, क्योंकि आज पूरी रात सम्भोग का सुख जो लेना था.
अंदर जाते ही निकिता बोली, "सुनीता सारिका, आज मैं भी इस अदलाबदली के खेल में शामिल होना चाहती हूँ. तुम दोनोंके पति सचमुच बड़े अच्छे हैं और मेरी चुत भी उनसे चुदवाने के लिए पानी छोड़ चुकी हैं."
हम दोनों बहनोंने उसे गले लगाकर बहुत सारा प्यार किया.
पांच मिनट बाद हम जब बाहर आयी तो लड़कों ने देखा की हम तीनोंने भी स्लीवलेस और खुले गले का टैंक टॉप और मिनी स्कर्ट पहना था. सब मिलकर दारु पीकर मस्तीमे नाचने लगे. अब सारिका राज के साथ, नीरज के साथ मैं और रूपेश के साथ निकिता लिपट लिपटकर नाचकर मस्तीमे झूम रही थी. मैं नीरज के शॉर्ट्स में हाथ डालकर उसके लंड को दबाने और पुचकारने लगी. वो भी मेरी मिनी स्कर्ट उठाकर मेरी गांडपर और पैंटी के उपरसे ही चुत पर हाथ फेरने लगा.
जबसे नीरज यहाँ आया था तबसे उसे मैं आकर्षित कर रही थी, आज सुनेहरा मौका उसके हाथ लगा था, जिसे वो खाली नहीं जाने देनेवाला था. अब नीरज ने कमरे की लाइट एकदम धीमी कर दी और नाचते नाचते मुझे एक कोनेमे ले गया. मेरे खुले टैंक टॉप में हाथ डालकर अब वो मेरी कठोर चूँचिया दबाने और मसलने लगा. मैंने भी आव देखा न ताव, और एक ही झटके में अपनी टॉप उतारकर फ़ेंक दी और नीरज का टी-शर्ट भी निकाल दिया. अब दोनों एक दूजे की बाहोंमे समाकर होंठ चूसने और एक दुसरे के अंगो से खेलने लगे.
अब नीरज को इस बात की भी चिंता नहीं थी की उसकी शर्मीली पत्नी निकिता रूपेशके साथ क्या कर रही होगी, उसपर तो सिर्फ मेरी जलती जवानी का भूत सवार था और आज मुझे चोदे बिना नहीं रहनेवाला था. नीरज ने मुझे चूमते हुए मेरी ब्रा भी खोल दी. अब वो दोनों हाथोंसे मेरे बूब्स सहलाने और मेरे खड़े हुए निप्पल्स अपनी उंगलियोंमे प्यार से दबाने लगा. वहाँ तीसरे कोने में निकिता और रूपेश दोनोंके ऊपर के कपडे उतर गए थे और रूपेश निकिता के मम्मे चूसने के साथ साथ उसकी गांड और चुत को प्यार कर रहा था. निकिताका हाथ उसके शोर्टमे से कड़क लंड से खेल रहा था.
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