RE: Desi Sex Kahani गदरायी मदमस्त जवानियाँ
अब मधु की बारी थी और मैं और सुनीता छुपने वाले थे. हम दोनों दुसरे बैडरूम के बाथरूम में घुस गए और टब बाथ में लेट गए. मैंने सुनीता का टॉप ऊपर उठाया और उसका दाया वक्ष चूसने लगा. वो भी मेरे लुंगी में हाथ डालकर मेरे लौड़े को सहलाती रही. दो-तीन मिनट के बाद पता चला की मधु बाथरूम के द्वार पर खड़ी होकर देख रही थी.
"अरे यार, हम भी आउट हो गए," कहते हुए मैंने सुनीता का टॉप और मेरी लुंगी ठीक की. हम दोनों टब बाथ से उठकर आ गए.
"कितना मज़ा आया न माधुरी?" सुनीता ने पूंछा.
"हां यार, कितने दोनोंके बाद ऐसी मस्ती हो रही हैं. नहीं तो घर पर वही खिटपिट.."
"छोडो न मधु, अब यहाँ हमारे साथ हैं तो एन्जॉय करो," मैंने कहा.
हम तीनोंने साथमें भोजन किया और समय बिताने के लिए ताश खेलने लगे. बीच में सारिका और रूपेश आकर भोजन कर के फिल्म देखने चले गए.
अब सुनीता ने माधुरी को आँख मारी और बोली, "राज, मैं और माधुरी तीसरे बैडरूम में जाकर थोड़े ने कपडे ट्राय करके देखने वाले हैं. आप बैडरूम में जाकर सो जाओ."
मैं बैडरूम में चला गया और मुझे वाइन के नशे के कारण नींद कब लगी पता ही नहीं चला. बैडरूम में सिर्फ नाइटलैम्प का ही थोड़ा सा उजाला था.
कुछ देर बाद मुझे एहसास हुआ की सुनीता मुझे चूम रही हैं. मैं भी उसे चूमता गया और उसके भरे हुए स्तनोंको प्यार से मसलने लगा. तभी मुझे लगा की नीचे से मेरी लुंगी खींच कर निकली गयी और मुझे अपनी जांघोंपर गीले होठोंसे चूमने का अंदेशा हुआ. मैंने सुनीता के वक्ष मसलते हुए उसको किस किया, तब मुझे झटका लगा की नीचे कोई और लड़की मुझे किस कर रही हैं.
मैं कुछ पूंछता उसके पहले ही सुनीता ने मेरे होठोंपर अपनी ऊँगली रख दी. मैं समझ गया की नीचे मधु ही मुझे चूम रही हैं.
मैं ख़ुशी से झूम उठा और मेरा लंड और भी सख्त और शायद और भी लम्बा हो गया. अब मधु चूमते हुए मेरे दोनों जांघोंको दूर करके मेरे लौड़े पर हलके हलके चूमने लगी.
मेरे मुँह से आह निकल गयी, और मैंने उठकर मधु को अपने ऊपर लिटा दिया।
"ओह मधु, तुम कितनी स्वीट और सेक्सी हो," कहते हुए उसके होठोंको चूसने लगा.
मधु को चूमते और सहलाते हुए मैंने उसको वक्षोंको मसलना शुरू किया. अब मैं पलटकर ऊपर आ गया और मधु को नीचे लिटा दिया.
"ओह मधु, कितने मस्त हैं तुम्हारे ये मम्मे," मैं उसके निप्पल्स को चूसते हुए बोला।
अब सुनीता मेरी पीठ और गांड पर अपने बड़े बड़े स्तनोंका स्पर्श करके मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. दोनोंने मुझे बीचमें लिटाकर सुनीता और मधु मेरे एक एक निप्पल को चूसने लगी.
मैं दोनोंकी पीठ पर हाथ फिराकर बोले जा रहा था, "आह, कितना अच्छे से चूस रही हो दोनों. ओह सुनीता रानी, कितना बड़ा सरप्राइज दिया हैं तूने मुझे! ओ मधु, जबसे तुम्हारे साथ डांस किया था तबसे तुम्हे प्यार करने की इच्छा थी मेरी, जो आज जाकर पूरी हो रही हैं, आह.."
सुनीता नीचे सरककर मेरे लौड़े के मुँहमें लेकर प्यारसे चूसने लगी और मैंने मधु को ऊपर की तरफ खींचकर फिरसे उसके स्तनोंको बारी बारी पीने लगा. उसके मुखसे गर्म साँसे और आहे निकल रही थी.
"आह, राज, ऐसे ही चूसे जाओ. मेरे यह बूब्स चूसो, कितना मज़ा आ रहा हैं, आह, कितने दिनोंके बाद इतना सुख मिल रहा हैं, आह!"
मैं समझ गया की डॉली को चोदने वाला रोहित अपनी पत्नी को कोई ख़ास सुख नहीं दे रहा था. उसके मम्मे मसलते हुए मैंने उठकर मधुको पीठ के बल लिटा दिया और उसकी जाँघे खोलकर उसकी गुलाबी योनि चाटने लगा. सुनीता ने मधु का एक स्तन मुँह में लेकर चूसने लगी. जैसे ही मधु को पता चला की मैं उसकी चुत चाट रहा हूँ और मेरी सुन्दर सेक्सी सुनीता रानी उसके वक्षोंको चूस रही हैं, मधु के मुँहसे एक जबरदस्त आह निकली।
उसने सुनीता को अपने वक्ष पर दबा दिया और चिल्लाने लगी, "ओह, आह, राज, सुनीता, तुम दोनों कितने हॉट हो, चाटो मुझे वहाँ नीचे, आह, ऐसे ही, और सुनु तुम भी इसमें शामिल हो गयी, ओह माय गॉड, तुम कितनी हॉट और सेक्सी हो, मैंने आज तक कभी किसी लड़की को प्यार नहीं किया हैं. आह, राज, चाटो वहीँ पर, आह , हाँ मेरा दाना भी चूसते रहो, ऐसे ही.."
चुत चाटने के साथ मैंने पहले एक और फिर दो उंगलिया उसकी चुत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. फिर तो मधु और भी ज्यादा उत्तेजित हो गयी.
"ओहहऽऽऽ.... आहहहऽऽ.... ओह, माय गाडऽऽऽ... येसऽऽऽ.... राज, चोदो मुझे, ओह, याऽऽऽऽ...ओह, फक सुनीता, येसऽऽऽ....."
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