RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
अशोक की मुश्किल
भाग 8
कब के बिछड़े…
गतांक से आगे…
अगले दिन चन्दू चाचा और महुआ अलसाये से उठे फ़िर धीरे धीरे जाने की तैयारी की। धीरे धीरे इसलिए क्योंकि बीच बीच में चन्दू चाचा महुआ को चुदाई की ट्रिक्स सिखाने लगते वो भी महुआ के बदन पर प्रेक्टिकल कर के । सो करीब शाम 5 बजे चन्दू चाचा, महुआ को ले चाची के घर पहुंचे। खाना पीना होते होते 7 बज गये अंधेरा हो गया तो चाची ने चन्दू चाचा –“अब इतनी रात में कहाँ जाओगे चन्दू यहीं रुक जाओ। ”
फ़िर चाची ने धीरे से जोड़ा ताकि कोई और न सुन ले –“दो घड़ी इस पुरानी दोस्त के पास भी बैठ लो।”
चन्दू चाचा(मुस्कुराकर) –“ठीक है चम्पा।”
जल्द ही महुआ और अशोक मेहमानों वाले कमरे में अपनी अपनी मुद्दतों की अधूरी सुहागरात पूरी करने के लिए पहुँचे।
उनके जाते ही चम्पा चाची चन्दू चाचा को लगभग घसीटते हुए अपने कमरे में ले गई। कमरे मे पलंग के अलावा उस खेली खायी एक्सपर्ट चुदक्कड़ चम्पा चाची ने ज़मीन पर भी एक बहुत साफ सुथरा बिस्तर लगा हुआ था और उसपर दो तकिये भी लगे थे, जिसे देख चन्दूचाचा, चम्पा की तरफ़ अर्थ पूर्ण ढ़ंग से देख के मुस्कुराये –“वाह! चम्पारानी तेरे इरादे तो काफ़ी खतरनाक लगते हैं।”
जवाब में चम्पा चाची ने चन्दू चाचा को पलंग पर धक्का दे बैठा दिया फ़िर उनकी धोती हटा कर उनका हलब्बी लण्ड निकाल हाथ से सहला के बोली –“जमाना हो गया चन्दू तेरा ये मूसल देखे हुए।”
फ़िर चम्पा अपना पेटीकोट उठा चन्दू चाचा की गोद में अपने शानदार बड़े बड़े गोल भारी गुदाज चूतड़ रखकर बैठ गयी । चन्दू चाचा के सीने से चम्पा चाची की गुदाज पीठ सटी थी। चन्दू चाचा के हलब्बी गरम लण्ड पर चम्पा चाची की फ़ूली पावरोटी सी चूत धरी थी और वो चन्दू चाचा के लण्ड की गरमी से अपनी चूत सेंक कर गरम कर रही थीं। चन्दूचाचा ने अपनी गोद में चाची के शानदार बड़े बड़े गोल भारी गुदाज चूतड़ों का मजा लेते हुए अपने दोनो हाथ उनके ब्लाउज में घुसेड़ दिये और उनकी बड़ी बड़ी चुचियों को टटोलने लगे। चम्पा चाची सिस्कारियाँ भरने लगीं, उनकी पहले से गरम चुदक्कड़ चूत बहुत जल्द पानी छोड़ चन्दू चाचा के लण्ड को तर करने लगी।
अचानक चम्पा चाची उठी और उन्होंने चन्दू चाचा की तरफ़ घूमकर उनकी तरफ़ मुँह करके फ़िर से गोद में सवारी गाँठ ली, जैसे घोड़े के दोनों तरफ़ एक एक पैर डालकर बैठते हैं। अब चन्दू चाचा के लण्ड का सुपाड़ा चम्पा चाची की चूत के मुहाने से टकरा रहा था चन्दू चाचा ने देखा चाची की बड़े खरबूजों जैसी चूचियाँ मसलने से लाल हो गईं थी। चन्दू चाचा उन पर मुंह मारने लगे। ये देख चम्पा चाची अपने दोनो हाथों से अपना एक भारी स्तन पकड़ अपना निपल चन्दू के मुँह में दे बोली –
“जोर जोर से चूस चन्दू राजा।”
चन्दू चाचा चूचियों को बारी बारी से अपने मुँह मे ले कर चाटने और चूसने लगे और चम्पा चाची सिस्कारियाँ भरते हुए मस्ती से अपने दोनो हाथों से अपनी चूचियाँ उठा उठा कर चन्दू चाचा से चुसवा रही थी। चम्पा चाची मस्त हो अपनी दोनो जांघों के बीच चन्दू चाचा का हलब्बी लण्ड मसल्ने रगड़ने लगी. यह देख कर चन्दू चाचा अपना हाथ चम्पा चाची की चूत पर ले गये और उसने धीरे से चम्पा चाची की चूत के अंदर एक उंगली डाल दी. फिर चूत के फाकों पर अपनी उंगली फेरने लगे. उनकी चूत बुरी तरह भीगी हुई थी. चन्दू चाचा उनकी चूत की घुंडी को अपनी उँगलिओं से पकड़ने और मसल्ने लगा. चम्पा चाची इससे बहुत उत्तेजित हो सिसकारी भरने लगी –
“इस्स्स्स्स्स्स्स…!
और चन्दू चाचा ने चम्पा चाची के होठों पर अपने होंठ रख दिये और चूसने लगे तभी चाची ने अपनी जीभ उनके मूँह मे डाल दी तो चन्दू चाचा उसे चूसने लगे। चम्पा चाची ने मारे उत्तेजना के चन्दू चाचा का हाथ अपनी जांघों में भींच लिया और उनकी धोती खींच के फ़ेक दी और अपने चूतड़ उछालते हुए बोली,
"हा्य चन्दू राजा, इस्स्स्स्स्स्स्स…! मेरी चुदासी चूत मे आग लगी है,अब जल्दी कर वरना ये बिना चुदे ही झड़ जायेगी।
चन्दू चाचा, चम्पा चाची को गोद में लिए लिए ही खड़े हो गये और जमीन पर बिछे बिस्तर पर लिटा दिया फ़िर एक तकिया उनके भारी चूतड़ों के नीचे लगा दिया जिससे उनकी फ़ूली चूत और भी उभर आई। दोनों पुराने खिलाड़ी थे । चाची ने उनका लण्ड थाम कर उसका सुपाड़ा अपनी भीगी चूत के मुहाने पर धरा और टाँगे उनके कंधों पर रख ली। चन्दू ने धक्का मारा। पक से सुपाड़ा अन्दर।
“इस्स्स्स्स्स्स्स…आह!”
चाची ने सिसकी ली।
चन्दू चाचा –“वाह चम्पा रानी तेरी तो अभी भी वैसी ही टाईट है जैसी पन्द्रह साल की उमर में थी।”
चम्पा चाची –“हाय चन्दूराजा! और ये ऐसी तब है जब्कि मैं पिछले एक हफ़्ते से अपनी भतीजी के पति यानि दामादजी के असाधारण हलव्वी लण्ड से धुँआदार चुद रही हूँ। अशोक न दिन देखता है न रात वख्त-बेवख्त हर वख्त उसे मेरा बदन सेक्सी लगता है और हर जगह चुदाई के लिए रूमानी बाथरूम हो या बेडरूम बैठ्क हो या रसोई, बस लण्ड सटा के लिपटने लगता है। हाय। मुझे तो अब गिनती भी याद नहीं कि उसने कितनी बार चोदा होगा। सब तेरे मलहम का प्रताप है राजा।”
चन्दू चाचा (दूसरा धक्का मारते हुए) –“वाह चम्पा रानी तब तो नवजवान लड़के के नवजवान लण्ड से तुमने खूब खेला होगा, बड़े मजे किये होंगे।”
चम्पा चाची(नीचे से चूतड़ उछाल कर चन्दू का बचा लण्ड भी अपनी चूत में निगलते हुए) –“हाय चन्दू! मजे तो मैं इस समय भी कर रही हूँ राजा।पूरी जवानी चूत का खेत लण्ड के बिना सुखाने के बाद ऊपर वाले को तरस आ ही गया और सींचने को दो दो धाकड़ लण्ड भेज दिये।”
चन्दू चाचा (धक्का लगाते हुए) –“हाय चम्पा रानी ये हरा भरा मांसल बदन ये पावरोटी सी फ़ूली मालपुए सी चूत । ऊपर से मुहल्ले भर की बुज़ुर्ग चाची का ठप्पा चाहे जितना खेलो कोई कभी शक कर ही नहीं सकता। ऐसा बुढ़ापा ऊपरवाला सबको दे।”
चाची हँस पड़ी। दोनों पुराने खिलाड़ियों ने तीसरे ही धक्के में पूरा लण्ड धाँस लिया और उछल उछल के चुदाई का मजा लेने लगे।
अशोक और महुआ का किस्सा इससे कुछ ज्यादा रफ़्तार वाला था। दोनों ने एक दूसरे को हफ़्ते भर से देखा तक नहीं था, वैसे भी दोनों मे जिस्मानी ताल्लुक कभी कभार आधा अधूरा ही होता था सो दोनों को ही चन्दू चाचा के इलाज के असर को आजमाने की जल्दी थी। कमरे में पहुँचते ही अशोक महुआ से लिपट गया और बोला –“महुआ रानी, कितने दिनों बाद तू हाथ आई है अब बोल तू है तैयार! कुश्ती के लिए, आज मैं कोई रियायत करने के मूड में नहीं हूँ।”
महुआ –“घबरा मत राजा आज मैं पीछे हटने वाली नहीं हूँ।”
तभी अशोक ने महुआ के पेटीकोट में हाथ डाल के उसकी चूत दबोच ली, महुआ ने सिसकी की तो अशोक ने उंगली चुभो दी। उसने पाया कि चूत पहले की तरह ही टाइट है वो आश्चर्य से बोला –“तू तो बोली थी कि तेरा इलाज पूरा हो चुका ये तो वैसी ही टाईट है?”
महुआ –“यही तो चाचा के मलहम का कमाल है।”
“देखते हैं”
कहते हुए अशोक ने उसके कपड़े नोच डाले महुआ ने भी तुर्की बतुर्की उसे नंगा कर दिया ये देख अशोक ने नंगधड़ग महुआ को उठाके बिस्तर पर पटक दिया महुआ ने दोनों टाँगे फ़ैला कर उसके लण्ड को चुनौती दी अशोक उसपर टूट पड़ा। दोनों ने उस रात पहले ही राउण्ड में इतनी धुआंदार चुदाई की, कि न चाहते हुए भी उस थकान से उन्हें कैसे नींद आ गई उन्हें पता ही नहीं चला।
क्रमश:………………………
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