RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
मुहल्लेदारी से रिश्तेदारी तक
भाग -4
चाचा से मामा तक
सो उस रात को मैने चन्दू मामा को भी बुलवा लिया था । मैं, मेरी सास, मेरी बीवी और चन्दू मामा चारो मेरे कमरे में बैठे । मेरी सास और मेरी बीवी ने सिर्फ़ बड़े गले के ब्लाउज पेटीकोट पहन रखे थे । उनके बड़े गले के ब्लाउजों में से उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ आधी से ज्यादा दिख रही थीं । मेरी बीवी बोली-
“मम्मी अपने दामाद को नंगा करो न मैं चन्दू मामा को नंगा करती हूं।”
मेरी सास झुककर मेरा नेकर उतारने लगीं, झुकने से उनके बड़े गले के ब्लाउज में से उनकी चूचियाँ फ़टी पड़ रही थीं । मैं उनको देखने लगा सास की चूचियाँ तो मेरी बीवी से भी ज्यादा बड़ी थी जिसे देख मेरा लण्ड टन्ना रहा था। सास ने जैसे ही मेरी नेकर नीचे खींचा मेरा लण्ड उछल कर उनकी आखों के सामने आ गया । सास तो लण्ड देख कर दंग रह गयी उसे हाथ में थाम कर सहलाते हुए बोलीं-
“अरे ये है मर्द का लण्ड आज ये मेरी चूत को फाड़ देगा।”
मैंने उनके बड़े गले के ब्लाउज में हाथ डाल के उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ टटोलते हुए कहा-
“आपकी तो इससे पुरानी पहचान है चाची जो कुछ है आपकी नजर है।”
मोना चन्दू मामा को नंगा करते हुए बोली – पसन्द आया मुझे पूरा विश्वास है कि ये लण्ड साला चाहे जितना बड़ा हो तुम्हारी चूत इसका भरता बना ही देगी ।”
मेरी सास ने अपने दोनों हाथों से अपना पेटीकोट ऊपर उठाया । पहले उनकी पिण्डलियाँ फिर मोटी मोटी चिकनी गोरी गुलाबी जांघें बड़े बड़े गुलाबी भारी चूतड़ दिखे और फिर पावरोटी सी फूली दूधिया मलाई सी सफेद शेव की हुई चूत देखकर मैं दंग रह गया अपना पूरा पेटीकोट ऊपर समेट कर मेरी की नंगी गोद में बड़े बड़े गुलाबी भारी चूतड़ों को रखकर बैठते हुए बोली- तरुन बेटा तेरा लण्ड देख के मैं इतनी जोर से चौंकी कि मेरी चूत सकपकाकर ठन्डी हो गई है इसे लण्ड से सटाकर गरम कर ।” मैने उनकी चूत की दोनों फ़ाकों के बीच की दरार पे अपना ट्न्नाया गरमागरम लण्ड लिटा कर उनकी चूत को लण्ड से सेकने लगा। मैंने उनका चुट्पुटिया वाला ब्लाउज खीच कर खोल दिया उनके बड़े बड़े तरबूज जैसे गुलाबी स्तन कबूतरों की तरह फ़डफ़ड़ा़कर बाहर आ गये। मैंने दोनों हाथों से उनके विशाल स्तन थाम कर दबाते हुए कभी उनके निप्पलों को चूसता तो कभी कभी अपने अंगूठो और अंगुलियो के बीच मसलता । ।
जैसे ही मोना ने चन्दू मामा का नेकर नीचे खींचा उनके उछलते कूदते लण्ड को देख कर बोली- “वाह मामा तुम्हारा लण्ड तो पोकेट साइज़ लण्ड है अगर जल्दी मे चुदवाना हो तो तुम बड़े काम के आदमी हो ।”
फ़िर उसका लण्ड चूत पर रगड़ते हुए बोली-
“मेरे पति ने तेरी बीबी चोदी थी आज तुम उसकी बीबी चोद के अपना बदला पूरा करो ।” फ़िर तो हम मामा भान्ज़े ने बारी बारी से दोनों माँ बेटी (या चाची भतीजी) को जमके चोदा बदल बदल के चोदा। दूसरे दिन मोना ने कहा- “मम्मी बल्लू चाचा और आंटी और उनकी बेटी बेला को भी बुलवा लो आज मैं अपने पति से आंटी उनकी बेटी बेला को जम के चुदवाऊँगी और हम दोनों बल्लू चाचा से उसके सामने चुदवायेंगें वे दोनों जैसे ही आए, मोना हमारा परिचय करवाने के बाद बल्लू चाचा से बोली-
“बल्लू चाचा,भोंसड़ी के तुमने मम्मी और मेरी चूत खूब बजाई है बदले में, आज मेरा पति तुम्हारी बीबी(आंटी) और बेटी बेला की चूतों को बजा बजा के उनका भोंसड़ा बना देगा।”
इसके बाद मोना मुझसे बोली-
“आज मैं और मम्मी बल्लू चाचा से चुदवाकर तुम्हें दिखायेंगे कि उन्होंने कैसे इतने साल हमारी चूतों के मजे लिये हैं ताकि तुम उससे सबक लो और बदले में उनकी बीबी(आंटी) और बेटी (बेला) को चोद चोद के उनकी चूतों की धज्जियाँ उड़ा दो । उनका भोंसड़ा बना दो ।”
हमेशा की तरह मोना और मेरी सास ने सिर्फ़ बड़े गले के ब्लाउज पेटीकोट पहन रखे थे । उन्होंने आंटी और बेटी बेला की साड़ी खींच कर उन्हें भी अपने स्तर का कर लिया । मोना, मेरी सास, आंटी और उनकी बेटी बेला सभी ने बड़े गले के ब्लाउज पहने थे और उन बड़े गले के ब्लाउजों में से उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ आधी से ज्यादा दिख रही थीं । फ़िर मोना और मेरी सास ने बल्लू चाचा को नंगा किया उनका लण्ड थाम कर सहलाते हुए मुझसे बोली-
देख रहे हो यही है वो लण्ड जो इतने साल तक मेरी और मम्मी की चूत बजाता रहा। अब बल्लू चाचा तुम्हें दिखायेंगे कि उन्होंने कैसे मजे किये ।”
मैने देखा कि बल्लू चाचा के एक तरफ़ मोना और दूसरी तरफ़ मेरी सास उनका मोटा लण्ड थाम कर बैठी हैं और बड़े प्यार से सहला रही हैं और वे दोनो के ब्लाउज में हाथ डाल एक एक चूची थाम के सहला रहे हैं।”
आंटी और उनकी बेटी बेला ने मुझे नंगा करके मेरा लण्ड थाम लिया बोली-
“अरी मोना तू तो बड़ी नसीब वाली है की तुझे इतना बड़ा लण्ड मिला है ।”
मोना ने कहा- “तो आज तू नसीब वाली हो जा आंटी! फ़ड़वा ले अपना भोंसड़ा, आज तक तो तेरा पति मेरी फ़ाड़ता रहा आज तू अपनी बजवा मेरे पति से ।”
इस बात पर मैंने आंटी और बेला गले में हाथ डाल ऊपर से उनके ब्लाउजों में हाथ डाल दोनों की चूचियाँ टटोलते हुए आंटी से पूछा-
“चाची जब बल्लू चाचा मेरी बीवी व मेरी सास को चोदता था तो तुम क्या करती थी ।”
उसने जबाब दिया-
“मैं भी अड़ोसियों पड़ोसियों से चुदवाती रहती थी। हाय मुझे क्या पता था कि तेरा लण्ड इतना जबर्दस्त है वरना मैं तुझे कभी ना छोड़ती तू तो रोज ही हमारे यहाँ आता था। इस मुए बल्लू ने भी ये भेद कभी ना बताया।”
तभी दरवाजे की घण्टी बजी मैंने जल्दी से अपना नेकर पहना और मोना ने पेटीकोट ब्लाउज के ऊपर ही शाल डाल ली हम दोनों दरवाजे पर गये और दरवाजे की झिरी से देखा तो चन्दू मामा और मामी थे हमने बेधड़क दरवाजा खोल दिया। अन्दर आते ही मामी मेरे ऊपर झपटीं-
“हाय मेरे मूसलचन्द ।” और मामी मुझसे लिपट गयी।
और मोना मामा से-
“हाय मामा लालीपाप ।” कहते हुए लिपट गयी।
चन्दूमामा मोना को चूमते हुए बोले-
“हाँ बेटा मैने सोचा तुम्हारी मामी को भी सब परिवार से मिलवा दूँ।
मेरे कमरे में पहुँचते पहुँचते मामी ने मेरा और मोना ने मामा का लण्ड निकाल कर अपने हाथों में दबोच लिया था । मामा को देख बेला भी उनसे “लालीपाप” कहकर लिपट गयी। कमरे का नजारा भी लगभग वैसा ही था । बल्लू चाचा के एक तरफ़ मेरी सास और तरफ़ दूसरी आंटी बैठी उनका मोटा लण्ड थाम कर सहला रही हैं और बल्लू चाचा दोनो के गले में हाथ डाल ऊपर से ब्लाउज में हाथ घुसेड़ उनकी चूचियाँ टटोल सहला रहे हैं।
ये देख मामा हँस कर बोले-
“वाह चचा ऐश हो रही है ।”
बल्लू चाचा की नजर मामा मामी पर पड़ी तो मामा से लिपटी मोना बेला की तरफ़ इशारा करके वो बोले- तुम कौन सा कम ऐश कर रहे हो लौन्डियों मे गुलफ़ाम बने हो ।”
फ़िर मामी की तरफ़ इशारा करके वो बोले-
“ये क्या तुम्हारी बेगम हैं?”
मामी बल्लू चाचा का लण्ड पकड़कर बोली- “हाँ हूँ तेरी लार टपक रही है क्या? सबर कर? साला दो दो को बगल मे दबाये है फ़िर भी बल्लू चाचा की तीसरी पे नजर है देखो तो साले का कैसे टन्ना के खड़ा है ।”
ये सुन सब हँस पड़े। फ़िर मेरी सास और आंटी सब के सामने अपने पेटीकोट ब्लाउज उतार कर नंगी हो गयी । फ़िर उन्होंने मामी के कपड़े नोच डाले । फ़िर मामी ने मोना और बेला के भी पेटीकोट ब्लाउज नोच डाले, पाँचों ऐसी लग रही थीं जैसे एक से बढ़ कर एक चूचियों की नुमाइश लगी हो । कहना मुश्किल था कि किसकी ज्यादा बड़ी या शान्दार है उन्हें देखकर हम तीनो के लण्ड मस्त हो रहे थे फ़िर मेरी सास और आंटी ने मेरा लण्ड पकड़ा और बोली-
“साला सबसे तगड़ा लगता है ।”
उधर मामी ने बल्लू चाचा के लण्ड पर कब्जा कर ही रखा था और कह रही थी-
“चन्दू कह रहा था कि आंटी ने कल अपनी चूत से उसके लण्ड की बहुत खातिर की आज देखें आंटी के पति का लण्ड चन्दू की पत्नी की चूत की क्या सेवा करता है ।”
और मेरी बीवी मोना और बेला मामा के लण्ड से खेल रही थीं तीनों लण्ड एक साथ देख कर मेरी बीवी मोना बोली –
“हाय आज तो लगता है कि लण्ड की दावत है देखो साले कैसे एक दूसरे की चूत खाने को तैयार है। तब तक मेरी सास ने तीनो लण्ड नापे और बोली-
“अरे भोसड़ी के तीनो साले 6" से ऊपर है और मोटाई में 4" से कम नही है ।”
(दरअसल मामा का 6"का था बाकी हमारे दोनो के 7"से ऊपर थे)
मामी ने बल्लू चाचा के लण्ड पर हाथ फेरते हुए कहा-
“हाय तब तो आज तो अपनी चूतों की लाटरी खुल गयी यार ।”
इधर मेरी सास और आंटी मेरे , मोना और बेला मामा के लण्ड पर हाथ फेर रही थी। पहले राउण्ड में हम तीनो मिलकर अपनी मर्ज़ी के हिसाब से पाँचों औरतों को चोद कर मज़े ले रहे थे मैं कभी मेरी सास को चोदता कभी आंटी को, मामा कभी बेला को चोदता कभी मेरी बीवी मोना को, और बल्लू चाचा कभी मेरी सास को चोदता कभी मामी को । मेरी सास ने देखा बेला और मोना मामा का पीछा ही नहीं छोड़ रही हैं और दूसरी तरफ़ बल्लू चाचा उनमें(मेरी सास) और मामी में ही अदल बदल कर रहे हैं और मैं उनमें(मेरी सास) और आंटी में ही अदल बदल कर रहे हैं, तो मेरी सास बोली-
“अब दूसरी पारी में हर लण्ड को एक नई और एक पुरानी चूत चोदनी पड़ेगी साले दोनों दोनों गधे जैसे लण्ड वाले मेरे, मेरी देवरानी और मामी के पीछे पड़ गये हैं साले मेरे देवर और दामाद के गधे जैसे लण्डों से फ़ड़वा फ़ड़वा के हमारी (उनकी, आंटी की और मामी की) चूतें थकान से भोंसड़ा हो रही हैं। अरे हमारा भी मन करता है कि मामाके प्यारे से लण्ड के साथ थोड़ी राहत की साँस लें ।”
मामी बोली,-
“ मुझे कोई फ़रक नहीं पड़ता तुम दोनों चन्दू के साथ आराम करो मेरे तो अभी खेलने खाने के दिन हैं मैं तुम्हारे देवर और अपने भान्जे को झेलने में लड़कियों की मदद करूगीं।
मेरी सास और आंटी ने मामा को अपनी तरफ़ खीच ले गई। बल्लू चाचा और मेरे हिस्से मे आयी मामी मोना और बेला । बल्लू चाचा ने मोना और मामी को और मैंने बेला और मामी को चोदा ।
धीरे धीरे बल्लू की लड़की बेला चन्दू मामा और मामी से बहुत हिलमिल गई वो अक्सर चन्दू मामा के घर जाने लगी यहाँ तक कि उनके साथ दूसरे गाँव मेला देखने भी गई। फ़िर वो अक्सर चन्दू मामा और मामी के साथ उस गाँव जाने लगी। एक रात जब तरुन और बेला साथ साथ मस्ती कर रहे थे तब तरुन के पूछने पर उसने उस गाँव का किस्सा बताया।
क्रमश:…………………
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