Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुनियाँ
04-25-2019, 11:56 AM,
#40
RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
मुहल्लेदारी से रिश्तेदारी तक

भाग -7

दावत के रंग


महेश ने नीचे आकर सबको इशारे से बता भी दिया चन्दू मामाजी सो रहे हैं और लाइन क्लियर है। अब ग्लास रख कर रमेश ने, मामीजी जो बरफ़ लेके आयीं थी, के चूतड़ों पर हाथ फिराया और दूसरे हाथ से उनकी चूत को पकड़ कर दबा दिया. मामीजी सिसकी लेकर रह गयी. मामीजी को सिसकारी लेते देख कर मेरी भी चूत में सुरसुरी होने लगी. हम लोग ऊपर चले गये. फिर नीचे से पानी की आवाज़ आई. मामीजी पानी लेकर नीचे गयी .तब तक रमेश किचन में आ पहुँचा था. मामीजी जो पानी देकर लौटी तो रमेश ने मामीजी का हाथ पकड़ कर पास के दूसरे कमरे में ले जाने लगा. मामीजी ने कहा,-

“अरे~ए ये क्या करता है”

रमेश,-

“चल न भौजी उस कमरे चल कर कुछ मौज मज़ा करते हैं. मामीजी खुद नशे में थी और रमेश की पकड़धकड़ से चुदासी भी हो रही थी सो कमज़ोर सी ना-ना करते हुए रमेश के साथ खिचती चली गईं वो उन्हें पास के उस कमरे में ले गया. मेरी नज़र तो उन दोनो पर ही थी इसलिए जैसे ही वो कमरे में घुसे मैं तुरंत दौड़ते हुए उनके पीछे जाकर उस कमरे के बाहर छुप कर देखने लगी कि आगे क्या होता है.

रमेश ने मामीजी को पकड़ कर पलंग पर डाल दिया और उनके एक हाथ उनके ब्लाउज में घुसेड़ते हुए, दूसरा हाथ पेटिकोट में डाल कर उनकी चूत सहलाने लगा.

मामीजी (नशे और उत्तेजना से भरी आवाज में)- आह यह क्या कर रहा है लड़के छोड़ मुझे, क्यों आग लगाता है इस उम्र में ।”

रमेश- अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है भौजी मुझे तो तुम तुम्हारी बहूँ से ज्यादा जोरदार लगती हो। मैंने तो जब से तुम्हें देखा था तभी से तुम्हारे साथ मजा करने की फ़िराक में था ये सारा दावत का नाटक इसीलिए तो रचाया है भौजी रानी ।

मामीजी मन ही मन गद गद हो मुस्कुराईं फ़िर मक्कारी से भोलेपन का नाटक करते हुए बोलीं-

“पर तू करना क्या चाहता है ?”

मामी जी की शरारात भरी मुस्कुराहट और बाते सुनकर उन्हें रजामन्द जान रमेश ने राहत की साँस ली और उन्हें छोड़ के अपने कपड़े उतारते हुए खुद भी नाटकीय अन्दाज से बोला-

" वाह भौजी, अभी तुम्हें यही नही मालूम कि में क्या करना चाहता हूँ। अरे तुझे बिस्तर पे पटक के अपना एक हाथ तेरे ब्लाउज में घुसड़ और दूसरे से पेटिकोट में तेरी पावरोटी सी गुदगुदी चूत सहला रहा था ऐसे कोई पूजा तो करने से रहा। खैर अगर अब भी नहीं समझी और मेरे मुँह से साफ़ साफ़ ही सुनना है तो सुन तेरी चूत चोदना चाहता हूँ। क्या ख्याल है ?”

मामीजी(नाटक करते हुए)-

“ओहो अब समझी। तो ये बात है ।”

मामीजी की शोखी से उत्तेजित रमेश ने मामीजी साड़ी खीच ली चुटपुटिया वाले ब्लाउज को भी आसानी से नोच के उतार डाला। रमेश की उतावली देख मामीजी हँसते हुए उठ कर बैठ गईं। बैठ्ने से उनकी तरबूज के मानिन्द छातियाँ ब्रा में से फ़टी पड़ रही थीं। ये नजारा देख रमेश उनकी तरफ़ झपटा और ब्रा के ऊपर से ही उन्हें दबोचने लगा । मामीजी ने उतावले रमेश की मदद के ख्याल से हँसते हुए ब्रा का हुक खुद ही खोल दिया। ये देखते ही रमेश ने ब्रा उनके जिस्म से नोच के फ़ेंक दी। मामीजी की गोरी सफ़ेद हलव्वी छातियाँ आजाद होकर परिन्दों की तरह फ़ड़फ़ड़ायी। रमेश ने उनकी फ़ड़फ़ड़ाहट अपने हाथों में दबोच ली और उनपे मुँह मारने निपल चूसने लगा। अब मामीजी के मुँह से उनकी हँसी कि जगह उत्तेजना भरी सिसकारियाँ फ़ूटने लगीं ।

“स्स्स्स्स्स्स्सी उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह आहहहहह

उम्म्म्मम्म्म्म्म्फ्फहहहहहहहहहहह उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मह ”

रमेश द्वारा उनकी तरबूज के मानिन्द छातियों को दोनो हाथों और मुँह से वहशियों की तरह प्यार करने से बेहद उत्तेजित हो मामीजी ने सिसकारियाँ भरते हुए अपने पेटीकोट का नारा पकड़ के खींचा और अपने घड़े जैसे भारी चूतड़ों से पेटीकोट खुद ही नीचे सरका कर जमीन पर पैरों की मदद से ठेल दिया । फ़िर रमेश का लोहे के राड जैसा लम्बा हलव्वी लण्ड अपने हाथों में थाम अपनी चुदास से बुरी तरह से पनिया रही रसीली चूत के मोटे मोटे दहकते होठों के बीच रखा। लण्ड के सुपाड़े पर चूत की गर्मी मह्सूस कर रमेश ने झुक कर देखा मामीजी की मोटी मोटी जांघों केबीचे में उभरी उनकी चूत, उसके आस पास का हिस्सा और काफ़ी मजबूत और कसाव लिए हुए था। उनकी गोरी चूत काफ़ी बड़ी पावरोटी की तरह फ़ूलकर उभरी हुयी चुदाई की मार से मजबूत हुई खाई खेली खड़ी खड़ी पुत्तियों वाला भोसड़ा थी । ये देख रमेश का लण्ड और ज्यादा फ़नफ़नाने लगा। उसने सोचा कि अगर इसे ही भोसड़ा कहते है तो चूत से भोसड़ा ज्यादा बढ़िया होता है। उसने अपने फ़नफ़नाते लण्ड का ऐसा ज़ोर का ठाप मारा की उसका आधा लण्ड मामीजी की चूत में घुस गया.

ऐसा लगा जैसे मामीजी को अपने कसे हुए तगड़े भोसड़े के कसाव पर बड़ा नाज था क्योंकि वो नशे में बड़बडाईं –आह एक ही बार में आधा अन्दर, शाबाश लड़के!

ये सुन रमेश ने दूसरा ठाप भी मारा कि उसका पूरा लण्ड अंदर घुस गया.

मामीजी ने सिसकी ली

उईईईईईईइइम्म्म्मममा

अब रमेश एंजिन के पिस्टन की तरह मामीजी के मजबूत भोसड़े से टक्कर ले उसके चीथड़े उड़ाने लगा.

आह तेरी तो बहुत टाइट है भौजी आज इसे ढीली कर के ही छोड़ूँगा

मामीजी नशे में बड़बडाईं –

“हाँ! कर दे ढीली जालिम तू अब तक कहाँ था अरे क्या कर रहा है ढीली कर पर चूत के चीथड़े तो न उड़ा हाय थोड़ा धीरे से, चूत ही न रहेगी तो चोदेगा क्या ।”

इतने में मैने विश्वनाथजी को ऊपर की तरफ जाते देखा.

मैं भी उनके पीछे ऊपर गयी और बाहर से देखा की भाभी जो कि अपना पेटिकोट उठा कर अपनी चूत में उंगली कर रही तो उसका हाथ पकड़ कर विश्वनाथजी ने कहा 'है मेरी जान हम काहे के लिए हैं, क्यों अपनी उंगली से काम चला रही, क्या हमारे लण्ड को मौका नही दोगी. अपनी चोरी पकड़े जाने पर भाभी की नज़रें झुक गयी थी और वो चुपचाप खड़ी रह गयी. विश्वनाथजी ने भाभी को अपने सीने से लगा कर उनके होंटो को चूसना शुरू कर दिया. भाभी भी अब उनके वश में हो चुकी थी.वो उनकी बड़े बड़े बेलों सी ठोस चूचियों को दबाते हुए बोले-

“इतने दिनों से तेरे इन बेलों की उछलकूद ने मेरे इसको बहुत परेशान किया है ।”

कहकर उन्होंने अपनी धोती हटा कर अपना लण्ड भाभी के हाथों में पकड़ा दिया भाभी उनके लण्ड को, जो की बाँस की तरह खड़ा हो चुका था, सहलाने लगी. अब भाभी भी खुल कर बोली-

“मैं क्या करती आप मुझे घूरते तो रहते थे पर कभी कुछ बोले ही नही ।”

उन्होने भाभी की चूचियाँ छोड़ी और उनके सारे कपड़े उतार दिए, और भाभी को वहीं पर लेटा दिया और उनके चूतड़ के नीचे तकिया लगा कर अपना लण्ड उनकी चूत के मुहाने पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा. पर कुछ विश्वनाथजी का लण्ड बहुत बड़ा था और कुछ भाभी की चूत टाइट थी इसलिए उनका लण्ड अंदर जाने के बज़ाय वहीं अटक कर रह गया । इस पर विश्वनाथजी बोले लगता है कि आदमी के लण्ड चुदी ही नहीं तेरी चूत तभी तो तेरी इतनी टाइट है कि लगता है जैसे बिन चुदी बुर मे लण्ड डाल है "

भाभी मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ नही बोली, क्या कहती कि चुदने को तो कल ही तुम्हारे उसे दोस्त रमेश के धाकड़ लण्ड से मैं जम के चुद चुकी हूँ पर तेरा कुछ ज्यादा ही बड़ा है और कुछ फ़ूल भी ज्यादा रहा है। विश्वनाथजी ने इधर उधर देखा और वहीं कोने में रखी घी की कटोरी देख कर खुश हो गये और बोले "लगता है साली बहू ने चुदने की पूरी तय्यारी कर रखी थी इसीलिए यहाँ पर घी की कटोरी भी रखी हुई है जिस से की चुदने मे कोई तकलीफ़ ना हो" इतना कह कर उन्होने तुरंत ही पास रखी घी की कटोरी से कुछ घी निकाला और अपने लण्ड पर घी लगा कर तुरंत फिर से लण्ड को चूत पर रख कर धक्का मारा. इस बार लण्ड तो अंदर घुस गया पर भाभी के मुँह से जोरो की चीख निकल पड़ी ' आआहह मरगई, जालिम तेरा लण्ड है या बाँस का खुट्टा' इसके बाद विश्वनाथजी फॉर्म में आ गये और और ताबड़तोड़ धक्के मारने लगे. भाभी ' उईईइमाँ लगती है थोड़ा धीमे करो ना करती ही रह गयी और वो धक्के पे धक्के मारे जा रहे थे. रूम में हचपच हचपच की ऐसी आवाज़ आ रही थी मानो 110 किमी की रफ़्तार से गाड़ी चल रही हो. कुछ देर के बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा और वो कहने लगी ' हाय राजा मर गयी, ,हाय राजा और ज़ोर से मारो मेरी चूत, हाय बड़ा मज़ा आ रहा है, आअहहााआ बस ऐसे ही करते रहो आहहााअ औक्ककककककचह और ज़ोर से पेलो मेरे विश्वनाथ राजा , फाड़ दो मेरी चूत को आअहहााआ, अरे क्या मेरी चूचियों से कोई दुश्मनी है , इन्हे उखाड़ लेने का इरादा है क्या, है ज़रा प्यार से दबाओ विश्वनाथ राजा मेरी चूचियों को.

मैने देखा की विश्वनाथजी मेरी भाभी की चून्चियो को बड़ी ही बेदर्दी से किसी हॉर्न की तरह दबाते हुए घचाघच पेले जा रहे थे. तब पीछे से महेश ने आकर मेरे बगलों में हाथ डाल कर मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाते हुए बोला, 

“अरी छिनाल तुम यहाँ इनकी चुदाई देख कर मज़े ले रही और में अपना लण्ड हाथ में लिए तुम्हे सारे घर में ढूँढता फ़िर रहा हूँ । इधर मेरी भी चूत भाभी और मामीजी की चुदाई देख कर पनिया रही थी. मुझे महेश बगल वाले कमरे में उठा ले गया और मेरे सारे कपड़े खींच कर मुझे एकदम नंगा कर दिया, और खुद भी नंगा हो गया. फिर मुझे बिस्तर पर डाल कर मेरे गदराये संगमरमरी जिस्म पर टूट पड़ा मेरी दोनों चूचियाँ थाम दबाने सहलाने मुँह मारने लगा, और कभी मेरे निपल को मुँह मे लेकर चूसने लगता । कभी मेरे बड़े बड़े संगमरमरी चूतड़ों पर हाथ फ़िराता कभी मुँह मारता । कभी मेरी मोटी मोटी केले के तने जैसी जाँघों को दबोचकर उनपर मुँह मारता। इन सबसे मेरी चूत की पूतिया [पुत्तियाँ] फड़फड़ने लगी. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने खड़े लण्ड पर रखा और में उसके लण्ड को सहलाने लगी. मैं जैसे-जैसे उसके लण्ड को सहला रही थी वैसे वैसे वो एक आयरन रोड की तरह कड़क होता जा रहा था. मुझसे अपनी चुदास बर्दाश्त नही हो रही थी और मैं उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ रही थी कि किसी तरह से ये जालिम मुझे चोदे, और वो था कि मेरे जिस्म से खेलने में ही लगा था । अब मैं शरम चोद कर बोल पड़ी-

“हाय राजा अब बर्दाश्त नही हो रहा है, जल्दी से कर ना।”

मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी. अचानक उसने मेरी चुदास से बुरी तरह पानी फ़ेकती चूत अपने हाथ मे दबोच ली। बर्दाश्त की इन्तेहा हो गयी मैं खुद ही उसका हाथ अपनी चूत से हटा कर, उसके ऊपर चढ़ गयी उसके लण्ड का सुपाड़ा अपनी चूत के मुहाने से लगा कर मैंने अपनी बुरी तरह पानी फ़ेकती चूत में पूरा लण्ड आसानी से धीरे धीरे धंसा लिया फिर अपनी चूत के घस्से उसके लण्ड पर देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को कस कर दबा रहे थे और साथ में निपल भी छेड़ रहे थे.अब में उसके ऊपर थी और वो मेरे नीचे. वो नीचे उचक-उचक कर मेरी बुर में अपने लण्ड का धक्का दे रहा था और में ऊपर से दबा-दबा कर उसका लण्ड सटक रही थी. कभी कभी तो मेरी चूचियों को पकड़ कर इतनी ज़ोर से खींचता कि मेरा मुँह उसके मुँह तक पहुँच जाता और वो मेरे होंठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगता. मैं जन्नत में नाच रही थी और मेरी चूत की चुदास बढ़ती ही जा रही थी. मैं दबा दबा कर चुद रही थी और बोल रही थी, -

“बड़ा मज़ा आ रहा है मेरे चोदु राजा और जोरो से चोद मेरी चूत, भर दे अपना माल मेरी चूत में , आआआअह्ह्ह्ह्ह्हाआआ, बस इसी तरह से लगे रहो, हाआआईईईइ कितना अच्छा चोद रहे हो,


अचानक महेश ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया । उसका लण्ड पक से चूत से निकल गया। मैंने चौक के पूछा-

“क्या हुआ?”


महेश – “तेरे गद्देदार चूतड़ो का तो मजा लिया ही नही रानी अब तेरे चूतड़ों की तरफ़ से चूत में पेलुँगा. और उसने मुझे नीचे गिरा कर चौपाया बना और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूतड़ों को पकड़ कर ऊँचा उठाने लगा उसकी मनसा जान मैंने चूतड़ उचका अपनी चूत से उसके लण्ड के सुपाड़े की मुलाकात करवा दी। लण्ड का सुपाड़ा चूत के मुहाने पर आते ही उसने ज़ोर से लण्ड उचकाया चूत रस में भीगे होने के कारण उसके लण्ड का सुपाड़ा फट से मेरी चूतड़ में घुस गया। अब उसने अपना लण्ड अंदर-बाहर करना शुरू किया. वो बहुत धीरे-धीरे धक्का मार रह था, और कुछ ही मिनूटों में जब निशाना सध गया तो धीरे-धीरे उसकी स्पीड बढ़ती ही जा रही थी, और अब वो मेरे गद्देदार चूतड़ो पर थपाथप करते हुए किसी पिस्टन की तरह पीछे से मेरी चूत में अपना लण्ड पेल रहा था. मुझे तो चूत मे लण्ड चाहिये चाहे जिधर से मिले और अब में फ़िर बड़बड़ाने लगी, है आज़ाज़ा आ रहा है,

और ज़ोर से मारो, और मारो और बना दो मेरी चूत का भुर्ता, और दबओ मेरे चूतड़ , और ज़ोर दिखाओ अपने लण्ड का और फाड़ ओ मेरी चूत, अब दिखाओ अपने लण्ड की ताक़त. बस थोडा सा और, मैं बस झड़ने ही वाली हूँ और थोड़ा धक्का मारो शाबाश.................... अह्हाआआ लो मैं गयी, निकला...

और फ़िर मेरी चूत खूब झड़ी ।

उसी समय महेश भी बड़बड़ाया –

“हाय जानी अब गया, अब और नही रुक सकता, ले चूत रानी, ले मेरे लण्ड का पानी अपनी चूत में ले. कहते हुए उसके लण्ड ने मेरी चूत में अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी । वो चूचियाँ दबाए मेरी कमर से इस तरह चिपक गया था मानो मीलों दौड़ कर आया हो. थोड़ी देर बाद उसका मुरझाया हुआ लण्ड मेरी चूत में से निकल गया और वो मेरी चूचियाँ दबाते हुए उठ खड़ा हुआ, और मुझे सीधा करके अपने सीने से सटा कर मेरे होंठों की पप्पी लेने लगा.

क्रमश:…………………
Reply


Messages In This Thread
RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�... - by sexstories - 04-25-2019, 11:56 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,530,549 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,715 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,244,730 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 940,938 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,670,966 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,095,715 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,976,122 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,138,585 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,062,954 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,773 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)