Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुनियाँ
04-25-2019, 11:57 AM,
#48
RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
दुलारा भतीजा
भाग -5



बिचारा अजय क्या बोलता की ताई मैं तुम्हे चोदना चाहता हूं. क्या कोई भी ये बात कभी भी अपनी ताई से कह पायेगा?
नहीं ना?
अजय ने जवाब में अपने गरम तपते होंठों से पद्मा के कानों को चूमा. बस. इतना करना ही काफ़ी था उस उत्तेजना से पागल हुई औरत के लिये. पद्मा ने खुद पेट के बल लेटते हुये अजय के हाथों को खींच कर अपनी झांटो के पास रखा और एक पैर सिकोड़ कर घुटना मोड़ते हुये उसे अपनी बुरी तरह गीली हुई चूत के दर्शन कराये. अजय ने ताई की झांटो भरी चूत पर उन्गलियां फ़िराई. परन्तु अनुभवहीनता के कारण ना तो वो उन बालों को अपने रास्ते से हटा पा रहा था ना ही चूत में अन्दर तक उन्गली करने का साहस कर पा रहा था. समस्या को तुरन्त ही ताड़ते हुये पद्मा ने अजय की उन्गलियो को अपने हाथों से चूत के होठों से छुलाया. फ़िर धीरे से अजय की उन्गली को गीली चूत के रास्ते पर आगे सरका दिया. जहां पद्मा को स्वर्ग दिख रहा था वहीं अजय ये सोच कर परेशान था की कहीं उसकी कठोर उन्गलियां उसकी प्यारी ताई की कोमल चूत को चोट ना पहुंचा दे. अजय शायद ये सब सीखने में सबसे तेज था. थोडी देर ध्यान से देखने के बाद बुद्धीमत्ता दिखाते हुये उसने अपनी उन्गली को चूत से बाहर खींच लिया. अब अपनी मध्यमा (बीच की सबसे बड़ी उन्गली) को चूतड़ के छेद के पास से कम बालों वाली जगह से ठीक ऊपर की तरफ़ ठेला. चूत के इस हिस्से में तो जैसे चिकने पानी का तालाब सा बना हुआ था. इस तरह धीरे धीरे ही सही अजय अपनी ताई की खुजली दूर करने लगा.
पद्मा सिसकी और अपनी टांगों को और ज्यादा खोल दिया. साथ ही खुल गई चूत की दीवारें भी. अब एक उन्गली से काम नही चलने वाला था. अजय ने कुहनियों के बल ताई के ऊपर झुकते हुये एक और उन्गली को अपनी साथी के साथ चूत को घिसने की जिम्मेदारी सौंप दी.
"आह, मेरे बच्चे", अत्यधिक उत्तेजना से पद्मा चींख पड़ी. बाल पकड़ कर अजय का चेहरा अपनी तरफ़ खींचा और अपने रसीलें गरम होंठ उसके होठों पर रख दिये.
आग में जैसे घी ही डाल दिया पद्मा ने. अजय ने आगे की ओर बढ़ते हुये ताई की जांघों को अपने पैरों के नीचे दबाया और फ़ुंकार मारते लन्ड से चूत पर निशाना लगाने लगा. अजय के शारीरिक बल और प्राकृतिक सैक्स कुन्ठा को देख कर पद्मा को शोभा की बात सच लगने लगी. नादान अजय के लन्ड को जांघों के बीच से हाथ डाल कर दबोचा और खाल को पीछे कर सुपाड़े को अपनी टपकती पावरोटी सी फ़ूली चूत के मुहांने पर रख दिया. कमर हिला हिला कर खुद ही उस कड़कड़ाते लन्ड को चूत रस से सारोबार करने के बाद फ़ुसफ़ुसाई "अब डाल न अन्दर इसे ।".
एक बार भी दिमाग में नहीं आया की ये कर्म अजय के साथ उनके एक नये रिश्ते को जन्म दे देगा. अब वो सिर्फ़ अजय की ताई नहीं बल्कि प्रेमिका, पत्नी सब कुछ बन जायेंगी. अजय ने ताई के मुम्मों को हथेलियों में जकड़ा और एक ही झटके में अपने औजार को ताई की पनियाती चूत में अन्दर तक उतार दिया.
"ओह ताई ताईआआ", "तुम्हारी बहुत गरम है अन्दर से" दोनों आंखे बन्द किये हुए चूत में लन्ड से खुदाई करने लगा. स्तनों को छोड़ अजय ने ताई की भरी हुई कमर को पकड़ा और अपनी तरफ़ खींचा कि शायद और अन्दर घुसने को मिल जाये. पद्मा का अपना कोई बच्चा नहीं था जो कुछ था वो अजय था उसके ताऊ के सामान्य लन्ड से इतने सालों तक चुदने बाद पद्मा की चूत अब भी काफ़ी टाईट बनी हुई थी. अजय का लन्ड आधा ही समा पाया था उस गरम चूत में.
"आह बेटा, चोद मुझे जोर जोर से, फ़क मी", पद्मा गिड़गिड़ाई. अपनी ताई के मुहं से ऐसे वचनों को सुनकर अजय पागल हो गया.
"हां, हां, हां. बेटा, रुक मत ।",
पद्मा आनन्द कराह रही थी. आज तक उनके पति ने कभी भी उनकी चूत को इस तरह से नहीं भरा था. सबकुछ काफ़ी तेजी के साथ हो रहा था और पद्मा अभी देर तक इन उत्तेजना भरे पलों का मजा उठाना चाहती थी. खुद को कुहनियों पर सम्भालते हुये पद्मा ने भी अजय के लन्ड की ताल के साथ अपने कुल्हों को हिलाना शुरु कर दिया. एक दूसरे को पूरा आनन्द देने की कोशिश में दोनो के मुहं से घुटी घुटी सी चीखें निकल रही थीं. "हां, लो और लो ताई, " लन्ड को पद्मा की चुत पर मारते हुये अजय बड़बड़ा रहा था.
अचानक पद्मा ने अपनी गति बढ़ा दी. अजय का लन्ड खुद को सम्भाल नहीं पाया और चूत से बाहर निकल कर ताई की गोल चूतड़ पर थपकियां देने लगा. "हाय, नो नो, अजय बेटा इधर आ,
प्लीईईईज" "ले भर ना इसे" पद्मा कुतिया की तरह एक टांग हवा में उठा कर कमर को अजय के लन्ड पर पटकती हुई मिन्नतें करने लगी.
लेकिन अजय का मन अब इस आसन से भर गया था. अब वो चोदते वक्त अपनी शयनयामिनी का चेहरा और उस पर आते जाते उत्तेजना के भावों को देखना चाहता था. ताई को अपने हाथों से करवट दे पीठ से बल पलटा और दोनों मोटी मोटी मांसल जाघों को अलग करते हुये उठा कर अपने कन्धों पर रख लिया. हजारों ब्लु फ़िल्मों को देखने का अनुभव अब जाकर काम आ रहा था. परन्तु एक बार फ़िर से ताई के अनुभवी हाथों की ज़रुरत आन पड़ी थी. पद्मा ने बिना कहे सुने ही तुरन्त लन्ड को पकड़ कर चूत का पावन रास्ता दिखाया और फ़िर अजय की कमर पर हाथ जमा एक ही धक्के में लन्ड को अपने अन्दर समा लिया.
अजय ने ताई के सुन्दर मुखड़े की तरफ़ देखा. गोरा चिकना चेहरा, ताल के साथ दबाने मसलने से लाल हो रहे थिरकते बड़े बड़े गोरे उरोज और उनके बीच में से उछलता हार नाईट लैम्प की मद्दम रोशनी में दमक रहे थे. उत्तेजना से फ़ुदकती चूत में अजय का लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था और ताई किसी रन्डी कि तरह चीखने को विवश थी. "हांआआआआ, हां बेटाआआआ" "उंफ़, आह, आह, हाय राम मर गई".
मन ही मन सोचने लगी की शायद अजय के साथ में भी जानवर हो गयी हूं. अपने ही हाथों से अपने भतीजे की पीठ, कुल्हों और टांगो पर ना जाने कितनी बार नाखून गड़ा दिये मैनें.
अजय ने आगे झुक कर ताई के एक निपल को मुहं में दबा लिया. एक साथ चुदने और चुसे जाने से पद्मा खुद पर नियंत्रण खो बैठी. बड़े बड़े गोरे गुलाबी स्तनों के ऊपर अजय ने दांत गड़ा कर चाहे अपना हिसाब किताब पूरा कर लिया हो पर इससे तो पद्मा की चूत में कंपकंपी छूट गयी. पद्मा को अपनी चूत में हल्का सा बहाव महसूस हुआ. अगले ही क्षण वो एक ज्वालामुखी की तरह फ़ट पड़ी. ऐसा पानी छूटा की बस "ओह अजय, मेरे लाल, मैं ताई गई बेटा, आआआआहा".
पद्मा के गले से निकली चीख घर में जागता हुआ कोई भी आदमी आराम से सुन सकता था. पूरी ताकत के साथ अपने सुन्दर नाखून अजय के नितम्बों में गड़ा दिये.
पद्मा ने अजय को कस कर अपने सीने से लगा लिया. लेकिन अजय तो झड़ने से कोसों दूर था.
पद्मा ताई खुद थोड़ा सम्भली तो अजय से बोली "श्श्श्श्श बेटा, मैं बताती हूं कैसे करना है". पद्मा को अपनी बहती चूत के अन्दर अजय का झटके लेता लन्ड साफ़ महसूस हो रहा था. अभी तो काफ़ी कुछ सिखाना था इस नौजवान को. जब अजय थोड़ा सा शांत हुआ तो पद्मा ने उसे अपने ऊपर से धक्का दिया और पीठ के बल उसे पलट कर बैठ गईं. अजय समझ गया कल रात में चाची को अपने भतीजे के ऊपर सवारी करते देख ताई भी आज वहीं सब करेंगी. लेकिन अजय को इस सब से क्या मतलब उसे तो बस अपनी गरम गरम रॉड को किसी चिकनी चूत में जल्द से जल्द पैवस्त करना था. पद्मा ने अजय को एक बार भरपूर प्यार भरी निगाहों से देखा और फ़िर उसके ऊपर आ गईं. एक हाथ में अजय का चूत के झाग से सना लन्ड लिया तो सोचा की इसे पहले थोड़ा पोंछ लूं. अजय की छाती पर झुकते हुये उसकी छाती, पेट और नाभी पर जीभ फ़िराने लगी. खुद पर मुस्कुरा रहीं थीं कि सवेरे मल मल कर नहाना पड़ेगा. दिमाग ने एक बात और भी कही कि ये सब अजय के ताऊ से सवेरे आंखे मिलाने से पहले होना चाहिये. पद्मा ने बिस्तर पर बिखरे हुये नाईट गाऊन को उठा कर अजय के लन्ड को रगड़ रगड़ कर साफ़ किया. अपने खड़े हथियार पर चिकनी चूत की जगह खुरदुरे कपड़े की रगड़ से अजय थोड़ा सा आहत हुआ. हालांकि
लन्ड को पोंछना व्यर्थ ही था जब उसे ताई की रिसती चूत में ही जाना था. सवेरे से बनाया प्लान अब तक सही तरीके से काम कर रहा था. अजय को अपना सैक्स गुलाम बनाने की प्रक्रिया का अन्तिम चरण आ गया था. पद्मा ने अजय के लन्ड को मुत्ठी में जकड़ा और घुटनों के बल अजय के उपर झुकते हुये बहुत धीरे से लन्ड को अपने अन्दर समा लिया. पूरी प्रक्रिया अजय के लिये किसी परीक्षा से कम नहीं थी.
"हां ताई, प्लीज, जोर जोर से...ओह"
चिल्लाता हुआ अजय ताई की चूत भरे जा रहा था. जब अजय का लन्ड उसकी चूत की गहराईओं में खो गया तो पद्मा सीधी हुई. अजय के चेहरे को हाथों में लेते हुये उसे आदेश दिया "अजय, देख मेरी तरफ़". धीरे धीरे एक ताल से कमर हिलाते हुये वो अजय के लन्ड की भरपूर सेवा कर रही थीं. उस तगड़े हथियार का एक वार भी अपनी चूत से खाली नहीं जाने दिया. वो नहीं चाहती थी की अजय को कुछ भी गलत महसूस हो या जल्दबाजी में लड़का फ़िर से सब कुछ भूल जाये. "मै कौन हूं तेरी?" चुत को अजय के सुपाड़े पर फ़ुदकाते हुए पूछा. " ताई " अजय हकलाते हुये बोला. इस रात में इस वक्त जब ये औरत उसके साथ हमबिस्तर हो रही है तो उसे याद नहीं रहा की ताई किसे कहते है.
" ताई इतने सालों से तेरी हर जरूरत को पूरा करती आई है. है कि नहीं?" पद्मा ने पासा फ़ैंका. आगे झुकते हुये एक ही झटके में अजय का पूरा लन्ड अपनी चूत में निगल लिया.
"आआआआआह, हां ताई ताई, सब कुछ !" अजय हांफ़ रहा था. उसके हाथों ने ताई की चिकनी गोल चूतड़ को पकड़ कर नीचे की ओर खींचा.
"आज से तुम अपनी शारीरिक जरूरतों के लिये किसी भी दूसरी औरत की तरफ़ नहीं देखोगे. समझे?" अपने नितंबों को थोड़ा ऊपर कर दुबारा से उस अकड़े लन्ड पर धम्म से बैठ गईं.
"उउउह्ह्ह्ह, नो, नो, आज के बाद मुझे किसी और की जरुरत नहीं है." कमर ऊपर उछालते हुये ताई की चूत में जबर्दस्त धक्के लगाने लगा.
अजय के ऊपर झुकते हुये पद्मा ने सही आसन जमाया. "अजय, अब तुम जो चाहो वो करो. ठीक है" पद्मा की मुस्कुराहट में वासना और ममता का सम्मिश्रण था. अजय ने सिर उठा कर ताई के निप्पलों को होठों के बीच दबा लिया. पद्मा के स्तनों से बहता हुआ करन्ट सीधा उनकी चूत में पहुंचा. हांलाकि दोनों ही ने अपनी सही गति को बनाये रखा. जवान जोड़ों के विपरीत उनके पास घर की चारदीवारी और पूरी रात थी.
पद्मा ने खुद को एक हाथ पर सन्तुलित करते हुये दूसरे हाथ से अपनी चूचीं पकड़ कर अजय के मुहं में घुसेड़ दी. अजय ने भी भूखे जानवर की तरह बेरहमी से उन दो सुन्दर गुलाबी स्तनों का मान मर्दन शुरु कर दिया. ताई के हाथ की जगह अपना हाथ इस्तेमाल करते हुये अजय ने दोनों निप्पलों को जोर से उमेठा.
अब पद्मा ने आसन बदलते हुये एक नया प्रयोग करने का मन बनाया. अजय की टांगों को चौड़ा करके पद्मा उनके बीच में बैठ गयीं. एक बार के लिये अजय का लन्ड चूत से बाहर निकल गया परन्तु अब वो अपने पैरों को अजय की कमर के आस पास लपेट सकती थी. जब अजय भी उठ कर बैठा तो उसका लन्ड खड़ी अवस्था में ही ताई के पेट से जा भिड़ा. पद्मा ने नज़र नीची करके उस काले नाग की तरह फ़ुंफ़कारते लन्ड को अपनी नाभी के पास पाया. २ सेकेन्ड पहले भी ये लन्ड यहीं था लेकीन उस वक्त यह उनके अन्दर समाया हुआ था. अजय की गोद में बैठ कर पद्मा ने एक बार फ़िर से लन्ड को अपनी चूत में भरा. चूत के होंठ बार बार सुपाड़े के ऊपर फ़िसल रहे थे. अजय ने घुटनों को मोड़ कर उपर ऊठाने का प्रयत्न किया किन्तु ताई के भारी शरीर के नीचे बेबस था.
"ऊईईई माआआं" पद्मा सीत्कारी. अजय की इस कोशिश ने उनको उठाया तो धीरे से था पर गिरते वक्त कोई जोर नहीं चल पाया और खड़े लन्ड ने एक बार फ़िर ताई की चूत में नई गहराई को छू लिया था. पद्मा ने उसके कन्धे पर दांत गड़ा दिये उधर अजय भी इस प्रक्रिया को दुहराने लगा. पद्मा ने अजय का कन्धा पकड़ उसे दबाने की कोशिश की. इतना ज्यादा आनन्द उसके लिये अब असहनीय हो रहा था. ताई भतीजे की ये सैक्सी कुश्ती सिसकियों और कराहों के साथ कुछ क्षण और चली.
पसीने से तर दोनों थक कर चूर हो चूके थे पर अभी तक इस राऊंड में चरम तक कोई भी नहीं पहुंचा था. थोड़ी देर रुक कर पद्मा अपने लाड़ले भतीजे के सीने और चेहरे को चूमने चाटने लगी. अजय को अपने सीने से लगाते हुये पूछा, "शोभा कौन है तुम्हारी?".
"कौन?" इस समय ऐसे सवाल का क्या जवाब दिया जा सकता था? अजय ने एक जोरदार धक्का मारते हुये कहा.
"कोई नहीं, राईट?" पद्मा ने भी अजय के धक्के के जवाब में कमर को झटका दे उसके लन्ड को अपनी टाईट चूत में खींच लिया. ताई के जोश को देख कर बेटा समझ गया कि शोभा जो कोई भी हो अब उसे भूलना पड़ेगा.
"उसका काम था तुम को मर्द बना कर मेरे पास लाना. बस. अब वो हमेशा के लिये गई. समझ गये?" पद्मा के गुलाबी होंठों पर जीत की मुस्कान बिखर गई.
इतनी देर से चल रहे इस चुदाई कार्यक्रम से अजय के लन्ड का तो बुरा हाल था ही पद्मा कि चूत भी अन्दर से बुरी तरह छिल गय़ी थी. शोभा सही थी. उसके भतीजे ने जानवरों जैसी ताकत पाई है. और ये अब सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी है. अजय को वो किसी भी कीमत पर किसी के साथ भी नहीं बाटेगी.
"अजय बेटा. बस बहुत हो गया. अब झड़ जा. ताई कल भी तेरे पास आयेगी" पद्मा हांफ़ने लगी थी. अजय का भी हाल बुरा था. उसके दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया था. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे. बस पद्मा के फ़ुदकते हुये मुम्मों को हाथ के पंजों में दबा कमर उछाल रहा था.
"ऊहहहहहहहहहह! हां! ऊइइइ ताई ताईआआ!" चेहरे पर असीम आनन्द की लहर लिये पद्मा बिना किसी दया के अजय के मुस्टंडे लन्ड पर जोर जोर से चूत मसलने लगी. "आ आजा बेटा, भर दे अपनी ताई को", अजय को पुचकारते हुये बोली.
इन शब्दों ने जादू कर दिया. अजय रुक गया. दोनों जानते थे कि अभी ये कार्यक्रम काफ़ी देर तक चल सकता है लेकिन उन दोनों के इस अद्भुत मिलन की साथी उन आवाजों को सुनकर गोपाल किसी भी वक्त जाग सकते थे और यहां कमरे में आकर अपने ही घर में चलती इस पाप लीला को देख सकते थे. काफ़ी कुछ खत्म हो सकता था उसके बाद और दोनों ही ऐसी कोई स्थिति नहीं चाहते थे. अजय ने धक्के देना बन्द कर आंखे मूंद ली. लन्ड ने गरम खौलते हुये वीर्य की बौछारे ताई की चूत की गहराईयों में उड़ेल दी. "ओह" पद्मा चीख पड़ी.
जैसे ही वीर्य की पहली बौछार का अनुभव उन्हें हुआ अपनी चूत से अजय के फ़ौव्वारे से लन्ड को कस के भींच लिया. अगले पांच मिनट तक लन्ड से वीर्य की कई छोटी बड़ी फ़ुहारें निकलती रहीं. थोड़ी देर बाद जब ज्वार उतरा तो पद्मा उसके शरीर पर ही लेट गय़ीं. भारी भरकम स्तन अजय की छातियों से दबे हुये थे. अजय ने पद्मा के माथे को चूमा और गर्दन को सहलाया.
" ताई ताई, मैं हमेशा सिर्फ़ तुम्हारा रहूंगा. तुम जब चाहो जैसे चाहो मेरे संग सैक्स कर सकती हो, आज के बाद मैं किसी और की तरफ़ आंख उठा कर भी नहीं देखूंगा", अजय ने अपनी ताई ताई, काम क्रीड़ा की पार्टनर पद्मा को वचन दिया. पद्मा ने धीरे से सिर हिलाया. अजय आज के बाद उनकी आंखों से दुनिया देखेगा. एक बार फ़िर अजय को सब कुछ सिखाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी. और अब उन्हें भी सैक्स में वो सब करने का मौका मिलेगा जो उनके पति के दकियानूसी विचारों के कारण आज तक वह करने से वंचित रहीं. अजय को फ़िर से पा लेने की सन्तुष्टी ने उनके मन से अपने कृत्य की ग्लानि को भी मिटा दिया था. पद्मा ने अजय के मोबाईल में सवेरे जल्दी उठने का अलार्म सेट किया ताकि अपने पति से पहले उठ कर खुद नहा धो कर साफ़ हो सकें. मोबाईल साथ ले अजय के होठों पर गुड नाईट किस दिया और अपने कमरे में चली गयी.

क्रमश:………………
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RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�... - by sexstories - 04-25-2019, 11:57 AM

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