RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
रंगीन हवेली
भाग 1
ठाकुर साहब की हवेली में हमेशा तीन खूबसूरत नौकरानियॉ चहकती रहती थी। ये तीनों नीरा बेला और शीला राजा ठाकुर विजयबहादुर सिंह की चहेती थी। नीरा का रंग गोरा कद ठिगना कमर पतली बड़े बड़े गोल बेलों सी चूचियां बड़े बड़े गुदाज चूतड़ शीला का रंग गेंहुँआ ताम्बई सिल्की चिकना बदन कद लम्बा कमर लम्बी केले के तने जैसी लम्बी थोड़ी भरी भरी मांसल जॉघें बड़े बड़े कटीले लंगड़ा आमों जैसे स्तन गोल बड़े बड़े उभरे हुए नितंब बेला का रंग गुलाबी कद बीच का बेहद गुदाज बदन तरबूज के जैसी बड़ी बड़ी चूचियों मोटी मोटी चिकनी गोरी गुलाबी जांघें भारी घड़े जैसे चूतड़ थे।
ठाकुर साहब की उम्र लगभग चालीस की थी। वे शादी शुदा भी थे। ठकुराईन भी लम्बी तगड़ी पर बेहद गोरी चिटटी व सुन्दर महिला थी। ठाकुर साहब व ठकुराईन दोनो ही बहुत रंगीन मिजाज थे और वो दोनो ही एक दूसरे के कामों में दखल नही देते थे। अधिकतर ठाकुर साहब हवेली के बाहर के हिस्से में रहते थे और ठकुराईन हवेली के अन्दर के घर मे रहती थी। इस समय रात के 10 बज रहे हैं। ठाकुर साहब की हवेली के सोने के कमरे मे उनकी अय्यासी का दरबार लगा था। ठाकुर साहब अपने लम्बे चौड़े पलगं पर अधलेटे थे उनके एक तरफ बेला और दूसरी तरफ शीला बैठी थी।टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगी थी और सब लोग फिल्म देख रहे थे । थोड़ी देर में उसका असर होने लगा। ठाकुर के हाथ बेला और शीला के मांसल जिस्मों पर लापरवाही से घूमने लगे। थोड़ी देर में उनका बॉंया हाथ शीला की गरदन के पीछे से उसके ब्लाउज में कसे बड़े बड़े कटीले लंगड़ा आमो जैसे गुलाबी स्तनों में घुस गया और दॉंया हाथ बेला की गरदन के पीछे से उसकी ब्लाउज में कसी दूधसी सफेद तरबूज के जैसी बड़ी बड़ी चूचियों जोकि बड़े गले के ब्लाउज से फटी पड़ रही थी को सहला दबा व पकड़ने की कोशिश कर रहा था। नीरा उनकी गोद में उनके साढ़े सात इंच फौलादी लण्ड को बड़े बड़े गुदाज चूतड़ों के बीच में दबाये बैठी थी और अपने हाथों से उनका बदन सहला रही थी। ठाकुर ने एक हाथ में बेला का बेहद सफेद दूध सा विशाल उरोज व दूसरे हाथ में शीला का बड़े लंगड़ा आम के जैसा स्तन थामे थामे ही मुंह आगे बढ़ाकर नीरा के होठों से अपने होठ लगा दिये।तभी नीरा ने अपने ब्लाउज के बटन खोल कर अपने बायें उरोज का निपल उनके मुंह में दे दिया। वह पूरे जोश में थी ।
नीरा ठाकुर साहब के कपड़े खीचने लगी तो ठाकुर साहब ने नीरा का ब्लाउज नोच डाला और दोनों फड़फड़ाते बड़े बड़े दूध से सफेद कबूतरों पर मुंह मारने लगा नीरा के उरोज बिल्कुल कसे कसे बड़े बेल से थे। नीरा ने ठाकुर साहब के अन्डरवियर को भी खीचकर निकाल दिया। ठाकुर साहब का साढ़े सात इंच का फेोलादी लण्ड बिल्कुल टाइट खड़ा था । तीनों औरतें उनके मोटे लण्ड को देखकर बेहद खुश हो रही थीं। ठाकुर साहब ने बेला की तरबूज के मानिन्द बड़ी बड़ी सफेद चूचियों पर मुंह रगड़ते हुए पूछा क्या बात है नीरा आज बहुत मचल रही है। बेला ने नीरा के बड़े बड़े भारी चूतड़ों के बीच में हाथ डालकर ठाकुर साहब के साढे़ सात इंची फौलादी लण्ड को सहलाते हुए जवाब दिया असल में हम इसे चिढ़ाते थे कि तू सबसे आखीर मे चुदवाती है क्योंकि तू ठाकुर साहब की पहली चुदायी झेल नहीं सकती इसीलिए आज ये पहले चुदवाना चाह रही है।
ठाकुर साहब ने नीरा को गोद में उठाया और बेड पर लिटाते हुए कहा ठीक है अगर ऎसा है तो यही सही।
वो उसके बदन को चूमने लगा। नीरा उनके लण्ड को हाथ मे ले सहलाने लगी।अब उनका लण्ड और भी कड़क हो गया। ठाकुर साहब ने अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियों के काले काले निपलो को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। नीरा के मुंह से सिसकारियॉ निकल रही थी । ठाकुर साहब का हाथ धीरे धीरे उसकी नाभी से होता हुआ चूत की तरफ बढ़ने लगा। उनके हाथ नीरा की गोरी पावरोटी सी फूली चूत को सहला रहे थे। उसने अपनी उंगली चूत के अन्दर बाहर करना शुरू किया। नीरा को बहुत ही मजा आ रहा था। थोडी देर मे उसने अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए सिसकारी भर कर बोली चोदा जाय मालिक अब बरदास्त नही होता । इधर बाकी दोनो औरते ठाकुर साहब का साढे सात इंच का फौलादी लण्ड पकड़कर बारी बारी से अपनी गोरी पावरोटी सी फूली चूतों पर मल रही थीं। जिससे लण्ड का सुपाड़ा उनकी चूतों के पानी से तर हो गया था।
वह उठा और उसने अपने भीगे लण्ड को नीरा की गोरी पावरोटी सी फूली चूत के मुँह पर रखा और धीरे से अन्दर की तरफ धक्का दिया। नीरा का बदन दर्द से कॉप गया। वह चिल्लाने लगी बाहर निकालो मालिक क्या खाते हो इतने सालो से चुदवा रही हूँ फिर भी जान निकाल देते हो। ठाकुर समा गया कि नीरा अब क्या चाहती है उसने उसके मुंह पर हाथ रखा और एक जोर का धक्का दिया। उसका पूरा का पूरा लण्ड अन्दर चला गया। नीरा फिर मचली लेकिन ठाकुर ने अपने लण्ड को अन्दर ही रहने दिया। उसने नीरा की चूची के निपल को अपनी जीभ से सहलाना शुरू कर दिया और दूसरी चूची को हाथ से सहलाने दबाने लगा। थोडी देर मे नीरा को मजा आने लगा। उसने अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। ठाकुर धीरे धीरे अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगा । थोडी देर मे नीरा ने भी जोरदार धक्के देने शुरू कर दिये और जब ठाकुर का लण्ड बुर मे रहता तो नीरा उसे कसकर जकड लेती थी और अपनी बुर को सिकोड़ लेती थी।अब ठाकुर नीरा पर औंधकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को दोनो हाथो मे दबोचकर दबाते हुए जोर जोर से धक्का मारने लगा ।
नीरा ठाकुर से बुरी तरह से लिपट हुयी थी। उसने ठाकुर को बुरी तरह से जकड रखा था । सारे कमरे में सिसकारियों कि आवाज उठ रही थी। नीरा के मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थी । उसने और जोर से और जोर से बड़बड़ाना शुरू कर दिया। ठाकुर उसकी चिकनी संगमरमरी जांघों को दोनो हाथो से सहलाते नितंबों को दबोचकर अपने लण्ड पर दबाते हुए फुल स्पीड में चोदने लगा नीरा बुरी तरह से उससे चिपटने लगी। तभी ठाकुर ने तीन चार धक्के बहुत जोरदार ढ़ंग से हुमच हुमचकर लगाये ही थे कि नीरा झड़ने लगी और ठाकुर से बुरी तरह चिपक गयी। नीरा उसके ऊपर ही गिर कर हॉफने लगी। फिर नीरा उठकर बाथरूम की ओर चली गयी।
ठाकुर बेड पर लेटा रहा। वह थका कम नीरा के झड़ जाने से बौखलाया ज्यादा लग रहा था। उसका लण्ड अभी भी मुस्तैद खड़ा था और बुरी तरह फनफना रहा था क्योंकि झड़ा नहीं था। अब बेला और शीला उसपर झपटे और शीला ने लपककर उस फनफनाते लण्ड को थाम लिया। ठाकुर अपनी जगह उठकर और उन दोनो की चिकनी तांम्बई लाल केले के तने जैसी जांघों पर अपने हाथ फिराने लगा। शीला जो पहले से ही मदहोश थी वह अपने आप पर काबू नही कर पा रही थी। अब वह ठाकुर के सामने बिल्कुल नंगी खडी थी। ठाकुर शीला के सामने खड़ा हो गया। ठाकुर का लण्ड उसकी चूत की तरफ मुंह किये मुस्तैद खड़ा था और अभी पूरे मूड मे था। उसने झपटकर उसके बड़े बड़े कटीले लगंड़ा आमों जैसे उत्तेजना से तांम्बई लाल हो रहे स्तन थाम लिये और उन्हें बुरी तरह से चूमने लगा। शीला बेकाबू हो रही थी उसके हाथ में ठाकुर का लण्ड था जिसे वह दोनों हाथों से सहला रही थी। तभी ठाकुर ने शीला को टांगे फैलाने का इशारा किया। शीला ने टांगे फैलायी और एक पैर उठाकर बेड पर रख लिया जिससे चूत ऊपर उठकर ठाकुर के लण्ड के सामने आ गयी । बेला आमने सामने खडे़ ठाकुर और शीला के बीच मे बेड पर पैर नीचे लटकाकर बैठ गयी और उसने शीला के हाथ से ठाकुर के लण्ड को ले लिया ठाकुर बिल्कुल अचकचा गया जब बेला उसे शीला की चूत पर रगड़ने लगी। ठाकुर ने बेला की तरफ देखा बेला ठाकुर के लण्ड को अपने हाथ से शीला की चूत पर रगड़ रही थी।
उसने ठाकुर की तरफ देखा मुस्कुरायी और बोली मालिक आप अभी आधे रास्ते पर हो सो इसे भी निपटा लो फिर आखरी मुकाबला मेरा तुम्हारा इत्मिनान से होगा।
ठाकुर पूरे जोश मे आ गया और बोला ठीक है।
ठाकुर ने अपने बॉयें हाथ से शीला के बड़े बड़े गद्देदार चूतड़ों और दायें हाथ से उसके बड़े बड़े कटीले लगंड़ा आमों जैसे स्तनों को सहलाते हुए उनपर झुककर मुंह मारने लगा। बेला ने ठाकुर के लण्ड का हथौडे़ जैसा सुपाड़ा शीला की उभरी हुई चूत के मुहाने पर रखा और ठाकुर ने कमर उचकाकर सुपाड़ा अन्दर की ओर ठेला। उस जबरदस्त सुपाड़े के चूत में घुसते ही शीला के मुह से हूकसी निकली औफ्ओह।
ठाकुर उसके स्तनों के निपलों को बारी बारी अपने मुँह मे ले कर चुभलाकर चूसने लगा और दायें हाथ से स्तनों को दबाने और निपलों को मसलने लगा। शीला की चूत पनियाने लगी़ और सुपाड़ा अपनी जगह बनाता हुआ चूत में आगे बढ़ने लगा। ठाकुर ने अपने दोनों हाथ शीला के बड़े बड़े गद्देदार चूतड़ों पर लगाकर उन्हें अपने लण्ड की ओर दबाते हुए अपना पूरा फौोलादी लण्ड उसकी चूत में धांस दिया। शीला उत्तेजना भरी सिसकी ली इस्स्स्स्स्स्स्सीउउफ और धीरे धीरे अपनी कमर चलाने लगी । शीला का धड़ इतना लम्बा था कि बिना झुके ठाकुर का मुंह उसके स्तनों के ठीक सामने आ रहा था ठाकुर ने उसके बड़े बड़े कटीले लगंड़ा आमों जैसे स्तनों पर मुंह मारते निपलों को बारी बारी अपने मुँह मे ले कर चुभलाकर चूसते हुए अपनी स्पीड बढ़ायी । अब शीला और ठाकुर एक दूसरे मे पूरी तरह से समाने की भरपूर कोशिश कर रहे थे। शीला ने अपनी संगमरमरी बाहें ठाकुर के गले में डाल अपनी दोनों केले के तने जैसी जॉघें ठाकुर की कमर के चारो तरफ लपेट ली ठाकुर ने अपने दोनों मजबूत हाथों में शीला की संगमरमरी जांघें और भारी चूतड़ों को दबोचकर गोद में उठाया हुआ था और उसकी मांसल बाहों बड़े बड़े कटीले लगंड़ा आमों पर जॅहा तॅहा कभी मुंह मारते कभी उनके निपलों को होंठों दांतों मे दबा चूसते हुए चोद रहा था। शीला भी ऊपर से अपने गुदगुदे गददेदार चूतड़ उछाल उछाल कर ठाकुर की गोद में पटककर अपनी गोरी पावरोटी सी फूली चूत मे जड़तक लण्ड धॅंसवाकर पूरी स्पीड से चुदवा रही थी। पूरे कमरे मे सिसकारियों की आवाज गूँज रही थी।
अचानक शीलाउम्म्म्म्म्म्म्म्ह़ आहहहहहहहहहहहहहहह।
शीला अचानक बहुत जोरो से धक्के मारते हुए ारने लगी। उसने ठाकुर की कमर को उसने अपने पैरो से जकड़ लिया फिर वह थोडा ढीली पड गयी। ठाकुर शीला का लिये लिये ही बिस्तर पर गिर के जोरो से तीन चार शॉट लगाये और शीला की चूत मे जोरो से झरने लगा।
ठाकुर पुराना खिलाड़ी था। उसने एक ही बार में दो दो औरतों की शान्दार और तगड़ी चूतें अपने फेोलादी लण्ड से रौंदकर चोद डाली थी। वो थका हुआ लग रहा था बेला ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुरायी वह समा गया और उसने बेला से एक गिलास गरम दूध लाने को कहा। वो उठकर दूध लाने जाने लगी। ठाकुर रसोई की तरफ जाती बेला को देख रहा था। वो पूऱी तरह नंगी थी उसकी गोरी गुलाबी भरी हुई चिकनी पीठ बड़े बड़े गुलाबी चूतड़ चलने पर थिरक रहे थे झुककर चीनी का डिब्बा उठाते समय बड़े बड़े गुलाबी चूतड़ों के बीच में से गोरी पावरोटी सी फूली चूत भी दिख गयी जिसे वो पहले भी चोद चुका था। पर तमाम चूते चोद चुकने के बाद आज भी उसे सबसे ज्यादा पसन्द थी ठाकुर ने देखा अब वो वापस आ रही थी । हाथों में थमे दूध के गिलास के दोनो ओर झाँकती थिरकती बड़ी बड़ी चूचियां मोटी मोटी केले के तने जैसी चिकनी गोरी गुलाबी जांघों के बीच में से गोरी पावरोटी सी फूली चूत देख ठाकुर का लण्ड फिर से तरह खड़ा होने लगा जब बेला दूध का गिलास ठाकुर को पकड़ाने आगे को झुक़ी तो उसकी बड़ी बड़ी चूचियां फड़ककर और बड़ी व तनाव से भरी लगने लगी। ठाकुर ने लपक कर उनको दोनों हाथों मे दबोच लिया और बोला अब तू ही अपने हाथ से पिला दे और फिर मेरा कमाल देख।
बेला ठाकुर की गोद मे उनके साढ़े सात इंच फौलादी लण्ड को बड़े बड़े गुदाज चूतड़ों के बीच में दबाकर बैठ गयी अपने हाथ से दूध का गिलास ठाकुर के होंठों से लगा दिया। ठाकुर उसकी बड़ी बड़ी चूचियां सहलाते हुये दूध पीने लगा। दूध पीकर ठाकुर फिर से ताजादम हो गया।
बेला और ठाकुर दोनो बेड पर लेटे हुये थे। ठाकुर ने बेला के भरे भरे गुलाबी होंठों पर होंठ रख दिये फिर उसके होंठ बेला के टमाटर जैसे गालो से होते हुये गरदन और वहां से तरबूज के मानिन्द बड़ी बड़ी सफेद चूचियों पर जॅहा तॅहा मुंह मारने और कभी नुकीले निपलो को बारी बारी से होंठों में ले कर चुभलाने चूसने लगे।
बेला उसके लण्ड को अपने हाथो में लेकर उसे सहला रही थी। ठाकुर बेला के गदराये गोरे गुलाबी नंगे जिस्म को दोनों हाथों मे दबोचकर उनके ऊपर झुककर बड़ी बड़ी गुलाबी चूचियों के साथ खेलने और सारे गोरे गदराये जिस्म की ऊचाइयों व गहराइयों पर जॅहा तॅहा मुंह मारने लगा। ठाकुर का लण्ड अब पहले जैसा तगडा हो रहा था। वो ठाकुर के लम्बे फौलादी लण्ड को अपनी दोनों मोटी मोटी नर्म चिकनी जांघों के बीच दबाकर मसल़ने लगी। ठाकुर बेला की टांगो के बीच बैठ गया। उसने बेला की दोनो मोटी मोटी नर्म चिकनी गोरे गुलाबी जांघों को फैलाया और अपने हाथो से बेला की गोरी पावरोटी सी फूली चूत को फैलाकर अपनी जीभ उसमें डाल दी । ठाकुर की जीभ बेला की चूत के अन्दर की दीवारों के साथ खेल रही थी। बेला अब बेचैन होने लगी थी। वो बोली अब चोदो ठाकुर हो जाए मुकाबला ठाकुर ने अपनी जीभ बेला की चूत से निकाली और वह अब चोदने को तैयार था। बेला ने दोनों हाथों से अपनी चूत की फांके फैेलायी ठाकुर ने अपने फेोलादी लण्ड का सुपाड़ा उसपर धरा और एक हल्का सा धक्का दिया बेला के मुँह से निकला-उफ़ आहहहहहहहहहहहहहह।
पर बेला ठाकुर से पीछे नहीं रहना चाहती थी सो उसने भी दॉत पर दॉत जमा कर धक्का मारा। दोनो पुराने खिलाड़ी थे पहले धीरे धीरे धक्के लगाने लगे जब बेला को भी मजा आने लगा तब वह नीचे से भारी नितंबों को उछाल कर सहयोग देने लगी। दोनो एक दूसरे को जोरो से धक्के दे रहे थे। कमरे में उन दोनो की सिसकारियॉ गूँज रही थी। तभी बेला ने ठाकुर को पलट दिया ऊपर चढ़कर ठाकुर के लण्ड को पकड़कर सुपाड़ा चूत पर धरा और धीरे धीरे पूरा लण्ड चूत में धंसा लिया फिर बरदास्त करने की कोशिश में अपने होंठों को दांतों में दबाती हुयी पहले धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये जैसे जैसे मजा बढ़ा वो सिसकारियॉ भरने लगी और उछल उछलकर धक्के पे धक्का लगाने लगी उसके बड़े बड़े उभरे गुलाबी चूतड़ ठाकुर के लण्ड और उसके आस पास टकराकर गुदगुदे गददे का मजा दे रहे थे उसकी गोरी गुलाबी बड़ी बड़ी उभरी चूचियां भी उछल रही थी जिनपर ठाकुर मुंह मारता तो कभी दोनों हाथों से पकड़ निपल चुभलाता तो कभी उछल कूद में वे फिर से छूट जाते करीब आधे घंटे तक ठाकुर बेला के गदराये गोरे गुलाबी नंगे उछलते जिस्म को दोनों हाथों मे दबोचने बड़ी बड़ी गुलाबी चूचियों पर झपटने सारे गदराये जिस्म की ऊचाइयों व गहराइयों पर जॅहा तॅहा मुंह मारने के बाद ठाकुर ने दोनों हाथों मे बड़ी बड़ी उभरी चूचियां पकड़कर एक साथ दोनों निपल मुंह में दबा लिये और उसके चूतड़ों को दबोचकर अपने लण्ड पर दबाते हुए चूत की जड़तक लण्ड धॉंसकर झड़ने लगा तभी बेला के मुंह से जोर से निकला उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्हहहहहहहहहहह वो जोर जोर से उछलते हुए अपनी पावरोेटी सी फूली चूत में जड़ तक ठाकुर का लण्ड धॉंसकर और उसे लण्ड पर बुरी तरह रगड़ते हुए वो भी झड़ते हुए बेला ठाकुर के ऊपर ही औंध गयी। ठाकुर ने बेला के गुदाज़ जिस्म को बॉहो में जकड़ लिया। झड़ चुकने के बाद दोनो एक दूसरे को बॉहो में लिये हुये लेट गये। दोनो एक दूसरे की बाहों मे पडे हॉफ रहे थे कि नीरा और शीला भी आकर उनसे लिपट गयी और सभी एक दूसरे की बाहों में लिपटे सो गये।
दूसरे दिन जब तीनो औरते सोकर उठी तो जल्दी जल्दी कपडे़ पहनकर हवेली के घर मे जाने लगी। उन्होने देखा कि उनके आदमी अन्दर से निकलकर बाहर के हिस्से मे जारहे हैं सब एकदूसरे को देख कर मुस्कुराये और अपने रास्ते चले गये।
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