RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
थोड़ी देर में ठकुराइन उठी और बोली हाय बल्लू मैं तो बहुत थक गयी हूँ अब मैं गरम पानी से स्नान करूंगी तभी थकान उतरेगी ।
बल्लू ने कहा ठीक है मालकिन चलिये मैं भी आपकी मदद करता हूँ ।
वो देख रहा था कि ठकुराइन का जिस्म डबल चुदाई की थकान से निढाल है। उसने उनकी दोनों बगलों में हाथ डाल सहारा देकर ठकुराइन को उठने में मदद की। बगलों में हाथ डालकर उठाने में ठकुराइन की बड़ी बड़ी चूचियां भी बल्लू के हाथों में आ गयी। वो उनकी तरफ़ देखने लगा। बल्लू को अपनी तरफ़ देखता पा कर ठकुराइन बोली, “क्या देख रहा है बल्लू।”
बल्लू ने जवाब दिया- “कुछ नहीं मालकिन देख रहा था कि सालों ने रगड़कर सारा कोमल बदन लाल कर दिया है।” ठकुराइन ने मुस्कराते हुए बल्लू के फ़नफ़नाते फौलादी लण्ड को थामकर सहलाते हुए जवाब दिया- “तू घबरा मत अभी ठकुराइन में बहुत दम है अभी गरम पानी से स्नान करने के बाद दूसरा राउण्ड पूरा का पूरा तेरा। अगर उसके बाद भी दम बचे तो सारी रात अपनी है।”
बल्लू मान गया कि दो जबरदस्त फौलादी लण्डों से चुदवाने के बाद भी ठकुराइन तीसरे से चुदवाने का दम रखती है और अपने ठाकुर साहब से किसी तरह कम नहीं है।
ठकुराइन आगे आगे और वो पीछे पीछे बाथरूम की तरफ़ जाने लगे। बल्लू बाथरूम की तरफ जाती ठकुराइन को देख रहा था। वो पूऱी तरह नंगी थी उसकी गोरी गुलाबी भरी हुई चिकनी पीठ बड़े बड़े गुलाबी चूतड़ चलने पर थिरक रहे थे। बाथरूम में पहुँचकर ठकुराइन टब का फव्वारा चलाने के लिए झुककर उसकी टोटी घुमाने लगी। झुकी हुयी ठकुराइन बड़े बड़े गुलाबी चूतड़ों के बीच में से गोरी पावरोटी सी फूली चूत दिखी जिसे वो चोदने वाला था। ठकुराइन टब में घुस गयी ओर बल्लू एक हाथ में फव्वारा लेकर दुसरे हाथ से ठकुराइन का संगमरमरी गदराया बदन मलमलकर नहलाने लगा। बल्लू के मर्दाने हाथ बड़े बड़े उरोजों पर फिसल रहे थे। मर्दाने हाथों के स्पर्श से ठकुराइन को हल्की मालिश का मजा आ रहा था और वो फिर से उत्तेजित होने लगी थी। थोड़ी देर में बल्लू ने देखा कि ठकुराइन के उभरे हुए बड़े बड़े खरबूजों जैसे गुलाबी स्तन और भी उभारदार व गोल हो गये। उनके निप्पल कठोर और बड़े बडे़ हो गये थे उसे मालुम था कि ऐसा तब होता है जब औरत बेहद उत्तेजित हो जाती है। वो देख रहा था कि पानी की बूंदे उनके नंगे गदराये गोरे गुलाबी जिस्म संगमरमरी बाहों बड़े बड़े उरोजों पर मोती के समान चमक रही थी। ये मोती उनक़ी बड़ी बड़ी चूचियों के निप्पलो से भी टपक रहे थे। जिन्हें बल्लू होंठों से पकड़कर चूसने लगा निप्पलो को बारी बारी से होंठों में ले कर चुभलाने चूसने लगा बल्लू के बल्लू के मरदाने हाथ उनकी मोटी मोटी चिकनी गुलाबी जांघों उनके बीच में उनकी गोरी पावरोटी सी फूली चूत से होते हुए भारी नितंबों सुन्दर टांगों पर फिसल रहे थे। बल्लू के होंठ ठकुराइन के बड़े बड़े उरोजों गदराये पेट गोल नाभी से फिसलकर पावरोटी सी फूली दूधिया मलाई सी सफेद बिना बालों वाली चूत जोकि धुलकर और भी कमसिन लगरही थी पर पहुंचे। बल्लू ने चूत होंठों में दबाकर चूसते हुए कहा- “हाय मालकिन मैनें कभी सोचा भी नहीं था कि चूत इतनी सुन्दर दूधिया मलाई सी सफेद बिना बालों वाली हो सकती है। आपकी इतनी सुन्दर चूत और बेला मेरी बीबी बता रही थी ठाकुर साहब का लण्ड भी जबरदस्त है फिर ठाकुर साहब क्यों हर रात दूसरी दूसरी औरतों को चोदते हैं।”
ठकुराइन ने बल्लू के होंठों में दबी चूत चुसवाते हुए सिसकी ली – “स्स्स्स्स्स्स्सी हाय बल्लू आखिर बिचारी दूसरी शानदार चूतों को भी तो ठाकुर साहब के जबरदस्त लण्ड का मजा मिलना चाहिये और उसी तरह तेरे जैसे जबरदस्त लण्डों को भी मेरी इस तेरे कहे मुताबिक दूधिया मलाई सी सफेद बिना बालों वाली चूत में हिस्सा मिलना चाहिये।”
यह कहकर ठकुराइन ने बल्लू का साढ़े सात इंच का फ़ौलादी लण्ड थाम लिया और बल्लू का मुंह अपनी चूत से हटा कर लण्ड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा अपनी फूली चूत पर रगड़ने लगी बल्लू ने अपना एक पैर टब की दीवार पर जमाया और उस पर ठकुराइन ने अपनी संगमरमरी जांघ चढ़ायी अब लण्ड का सुपाड़ा ठीक चूत के मुंह पर था ठकुराइन ने लण्ड अपनी चूत पर लगाया बल्लू ने अपने दोनो हाथों की उंगलियां उनके भारी चूतड़ों पर जमा लण्ड उचकाया तो सट से पूरा लण्ड अन्दर चला गया। पूरा लण्ड अन्दर जाते ह़ी ठकुराइन ने सिसकारी भरी उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मह । बल्लू ने अभी तीन चार धक्के ही मारे थे कि ठकुराइन बोल पड़ी- “उफ़ मुझे कमरे में ले चलो बल्लू राजा मैं तुमसे इतमिनान से चुदवाना चाहती हूँ।”
बल्लू बोला- “ठीक है मालकिन।”
उसने लण्ड चूत के अन्दर ही रहने दिया और ठकुराइन को वैसे ही गोद में उठा लिया। ठकुराइन ने अपनी दोनो टॉगें उसकी कमर से लपेट ली और अपनी संगमरमरी सुडोल मांसल बाहें गले में डाल दी। उनके बड़े बड़े खरबूजों जैसे गोल गोल गुलाबी स्तन बल्लू के गालों से टकरा रहे थे। बल्लू अपने दोनो हाथों की उंगलियां उनके भारी गुदाज चूतड़ों पर जमाये हुए उन्हें कमरे की तरफ़ ले चला । चलने से लगने वाले हिचकोलों से बल्लू का लण्ड ठकुराइन की चूत में थोड़ा अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में पहुँचकर उन्होंने देखा नन्दू और धीरा जमीन वाले से गद्दे से उठकर पलंग पर सो रहे हैं।
ठकुराइन को हॅंसी आगयी वो बोली-“ काफ़ी समझदार हैं साले हमारे चुदायी के खेल के लिए पूरा ही गद्दा खाली कर दिया।”
फिर वो हॅंसते हुए बल्लू की गोद से उतर गयी जिससे बल्लू का लण्ड ठकुराइन की चूत से झटके से निकल गया बल्लू के मुँह से “हाय” निकल गयी। उसने एक तौलिया बल्लू को दिया क्योंकि वो भी भीग गया था दूसरे से अपना बदन पोंछने लगी। बदन पोंछकर दोनों गद्दे पर आ गये। बल्लू का लण्ड मीनार की तरह खड़ा था। ठकुराइन और बल्लू ने एक दूसरे की तरफ करवट ली बल्लू ठकुराइन की बड़े बड़े उरोजों और निप्पलों को टटोलते हुए बोला “हाय मालकिन अब तो शुरू करें।”
ठकुराइन ने अपनी बाईं टांग बल्लू की जांघ के ऊपर चढ़ा दी बल्लू के लण्ड का सुपाड़ा ठकुराइन की संगमरमरी जांघों के बीच पावरोटी सी फूली चूत के मॅुह के ठीक सामने आ गया। दोनों पुराने खिलाड़ी थे ठकुराइन ने लण्ड हाथ से पकड़ कर सुपाड़ा ठिकाने से लगाया और पूछा क्या ऐसे डालकर चोद सकते हो। जवाब में बल्लू ने धक्का मारा। पूरा का पूरा लण्ड अन्दर चला गया ठकुराइन के मुँह से निकला –
ओहहहहहहहहहहह भई वाह।
बल्लू उनके निप्पल को अपने मुँह मे लेकर चुभलाते और अपनी जीभ से खेलते हुए धीरे धीरे कमर चला कर रगड़ते हुए चोदने लगा। बल्लू के दोनो हाथों की उंगलियॉं ठकुराइन की गुदाज़ पीठ और मोटी मोटी संगमरमरी चिकनी जांघों को सहला गद्देदार भारी नितंबों को दबा रही थी करीब आधे घंटे तक दोनो गद्दे भर में लोट ते हुए चुदायी करते रहे कभी ठकुराइन ऊपर तो कभी बल्लू ऊपर कि अचानक बल्लू ठकुराइन को ऊपर करके खुद नीचे हो गया दोनो की नजर मिली बल्लू ने कुछ इशारा किया तो ठकुराइन उठकर बैठ गयी। अब उनके गद्देदार भारी चूतड़ बल्लू की जांघों पर आ गये। बल्लू ने बड़ी बड़ी चूचियां थाम कर कमर उचकायी तो ठकुराइन अपने आपको उछलने से रोक नहीं पायी और उसकी कमर की ताकत का लोहा मान गयीं। ठकुराइन को उछालकर बल्लू ने अपनी कमर रोकली तो लण्ड बाहर आने लगा जैसे ही बल्लू ने महसूस किया कि सुपाड़ा बाहर निकलने वाला है उसने हाथों में थमी बड़ी बड़ी चूचियां नीचे खीच ली।ठकुराइन का जिस्म अपने वजन के साथ नीचे आकर गिरा पावरोटी सी फूली चूत में जड़ तक बल्लू का लण्ड धॅंस गया जांघें और भारी चूतड़ बल्लू की कमर जांघों और लण्ड के आस पास जोर से टकराये ठकुराइन जैसी जबरदस्त चुदक्कड़ औरत भी उफ़ कर गयी। लेकिन ठकुराइन को मजा भो बहुत आया वो बोली –
“हाय बल्लू फिर ऐसे ही कर।”
बस फिर क्या था बल्लू ने अपनी कमर के जोर से ठकुराइन की पावरोटी सी फूली चूत उछाल उछालकर अपने लण्ड पर पटक पटक कर चोदी।
बल्लू करीब आधे घंटे तक उनके गदराये गोरे गुलाबी नंगे उछलते जिस्म को दोनों हाथों मे दबोचता तो कभी बड़ी बड़ी गुलाबी चूचियों पर झपटता और सारे गदराये जिस्म की ऊचाइयों व गहराइयों पर जॅहा तॅहा मुंह मारता रहा। काफी उठापटक के बाद बल्लू ने दोनों हाथों मे बड़ी बड़ी उभरी चूचियां पकड़कर दोनो निपल एक साथ मुंह में दबा लिये फिर दोनों हाथों मे उनके चूतड़ों को दबोचकर अपने लण्ड पर दबाते हुए चूत की जड़तक लण्ड धॉंसकर झड़ने लगा तभी ठकुराइन के मुँह से जोर से निकला- उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह आहहहहह
और फिर जोर से उछलकर हुए अपनी पावरोटी सी फूली चूत में जड़ तक बल्लू का लण्ड धॉंसकर और उसे लण्ड पर बुरी तरह रगड़ते हुए वो भी झड़ने लगी । दोनों एक दूसरे की बाहों मे पडे हॉफ रहे थे एक दूसरे की बाहों में लिपटे लिपटे ही सो गये।
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