RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
ठकुराइन के बड़े बड़े गोल गोल गद्देदार गोरे गुलाबी चूतड़ मोटी मोटी नर्म चिकनी गोरी गुलाबी जांघें उनके बीच में गोरी गुलाबी रेशमी पावरोटी सी फूली चूत छोटे ठाकुर की आंखों के सामने लहरा रही थी।जोश में आ छोटे ठाकुर ने अपना फौलादी लण्ड एक ही झटके में ठकुराइन की चूत में जड़ तक धांस दिया ठकुराइन जोर जोर से चूतड़ों से धक्का मार रहीं थीं। पूरे कमरे में फचाफच का मधुर संगीत गूंजने लगा। छोटे ठाकुर ठकुराइन की गदराई पीठ पर लेट दोनो बगल से हाथों को डाल उनकी बड़ी बड़ी चूचियां थाम लीं हार्न की तरह दबाते हुए धक्के मारकर चोदने लगा। उसने अपनी रफ्तार बढा दी। अब वो हुमच हुमच कर शॉट लगा रहा था। पूरा का पूरा लण्ड बाहर खींच कर झटके से अन्दर डालता तो ठकुराइन जैसी चुदक्कड़ औरत की भी चीख निकल जाती। छोटे ठाकुर का लावा अब निकलने ही वाला था। उधर ठकुराइन भी अपनी मंजिल के पास थी। दोनों की सांस फूल रही थी। ठकुराइन छोटे ठाकुर को कस कर जकडे़ हुई थी। उनकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जिससे फच फच की आवाज और तेज हो गई थी। ठकुराइन हांफते हुए छोटे ठाकुर की गर्दन में बांहें डाल कर अपने से चिपकाते हुए बोली –
“मैं तो गई छोटे राजा। तुम्हारी ठकुराइन भाभी झड़ गई। उई मां क्या जालिम लौंडा है तुम्हारा। चोद डाला साले दोनों ठाकुरों ने मुझे। मैं गईईईईईर्ईर्ईईईईईई।”
और ठकुराइन छोटे ठाकुर से चिपक कर शान्त हो गई। छोटा भी और नहीं रूक पाया आखिर ज्वाला मुखी फूट पड़ा और ठकुराइन को चिपका कर उनकी चूत में झड़ गया।
कुछ देर तक दोनो यूंही पडे रहे। फिर ठकुराइन छोटे ठाकुर को अपने ऊपर से हटा कर पलंग से उतर कर खड़ी हो गई। झुक कर अपनी चूत देखी तो एक आह सी निकल गई। छोटे ठाकुर को अपनी चूत दिखाती हुई बोली –
“देखो छोटे राजा क्या हाल किया है तुमने मेरा। कितनी सूज गई है मेरी चूत।”
छोटे ठाकुर ने देखा सचमुच ठकुराइन भाभी की चूत डबल रोटी जैसी सूज गई थी। उसने लेटे लेटे ही भाभी के चूतडों को पकड़ कर उन्हें अपने पास खींचा और चूत का चुम्बन ले लिया। भाभी ने नखरे दिखाती हुई बोली-
“अब छोड़ मुझे। रात भर भूखे ही रहना है क्या। कुछ खायेगा नहीं तो कमजोर हो जायेगा। मालूम है इतनी चुदाई करने के बाद ठीक से खाना खाना चाहिए। तभी जवानी का असली मजा आता है। मैं खाना गरम करती हूँ।”
जय ठाकुर जब मुहॅ हाथ धो कर आया तब तक ठकुराइन ने खाने की पूरी तैयारी कर ली थी। ठकुराइन ने झटपट खाना परोसा और दोनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया। जय जब सोने के कमरे में पहुंचा तो देखा ठकुराइन ने पूरी तैयारी कर ली थी। और कमरे में रूम स्प्रे भी कर दिया था। हल्की हल्की रोशनी में पूरा माहौल सेक्सी लग रहा था।ठकुराइन ने झीनी सी नाईटी पहनी हुई थी जिस में से उनका मंसल बदन पूरा का पूरा नजर आ रहा था। छोटे ठाकुर ने आगे जाती बड़ी ठकुराइन के पीछे से दोनों बगलों में हाथ डालकर उनके दोनों बड़े बड़े उरोज थाम अपना लण्ड उनके थिरकते बड़े बड़े गुलाबी गद्देदार चूतड़ों की दरार में दबाते हुए अपनी बांहों में जकड़ लिया और कस कर गालों को चूसने लगा।
ठकुराइन ने अपने मुंह हटाते हुए कहा –
“गाल पर नहीं। निशान पड़ जाएगा।”
छोटे ठाकुर ने बिस्तर पर बैठ ठकुराइन की कमर में हाथ डाल कर अपनी ओर खींचा तो उन्होंने अपना बदन ढीला छोड़ उसकी गोद में अधलेटी सी हो गई। छोटे ठाकुर बड़ी ठकुराइन की नाईटी को खोल कर उनकी बड़ी बड़ी दूध सी सफेद गुलाबी चूचियॉं सहलाने लगे। फिर ठकुराइन करवट ले कर लेट गई। जिससे अधखुली नाईटी लगभग पूरी तरह हट गयी । छोटे ठाकुर ने उनके पीछे से उनके बड़े बड़े गुलाबी गद्देदार चूतड़ों की दरार में लण्ड दबा लिया और पीछे से दोनों बगलों में हाथ डालकर उनके दोनों बड़े बड़े उरोज थाम लेट गये। वो एक हाथ से चूचियां सहला दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा। ठकुराइन अपना एक हाथ पीछे करके उसका लण्ड सहलाने लगी कुछ देर बाद बोली –
“क्या छोटे क्या अभी और जान बाकी है।“
छोटे ठाकुर बोले –
“भाभी आपकी चूत के लिए तो मेरा लण्ड हमेशा तैयार है।
ठकुराइन उसकी तरफ घूमते हुए बोली –
“तो फिर आ जा मोर्चे पर।”
ठकुराइन के उसकी तरफ घूमने से उनकी बड़े बड़े बेलों सी चूचियां छोटे ठाकुर के मुंह के पास झूल गयी। वो बार बार उन्हें मुंह में लेता और छोड़ता। पर कैसे और कब दोनों सो गए पता नहीं ।
सुबह जब ठकुराइन ने छोटे ठाकुर को उठा कर चाय दी तो आठ बज चुके थे। बोली –
“जल्दी से उठ कर कपड़े पहन ले। आशा आती ही होगी बाकी नौकरों को मैंने छुट्टी दे दी है क्योंकि बड़े ठाकुर आज नहीं कल वापस आ रहे हैं। है न खुशखबरी।”
छोटे ठाकुर ने बड़ी ठकुराइन को पकड़कर अपने पास लिटा लिया और एक गरमागरम चुम्बन ले कर बोले –
“तब तो आप बस मेरे पास ही रहो। देखो ना सपने में भी तुम ही आती रही और लण्ड देव फिर से फड़ फड़ा रहे हैं ।
ठकुराइन –
“पर आशा।”
छोटे ठाकुर –
“आने दो उसे भी देख लूँगा।”
ठकुराइन किसी तरह अपने को छुड़ा कर खड़ी हुई और जाते हुए बोली –
“लगता है कि तुम्हारे लिए परमानेन्ट चूत का इन्तजाम जल्दी ही करना होगा। खैर वो भी कर ही दूंगी। पर अभी छोड़ मुझे। वादा कि आशा के जाते ही मैं आ जाऊॅगी।”
“भाभी आशा को भी पटा लो ना। फिर साथ साथ मजे लेंगे बड़ी मस्त है।”
“शैतान कहीं के। एक चूत क्या मिली चारों तरफ नजर डालने लगे। वैसे तुम्हारी बात में दम है। वह लगती तो चालू है और आसानी से पट सकती है। मौका देख कर कोशिश करूंगी। पर आज तो बस हम और तुम दूसरा और कोई नहीं”
- कहते हुए ठकुराइन कमरे के बाहर चली गई।
ठकुराइन के जाने के बाद छोटे ठाकुर उठ कर बाथरूम में घुस गये। नहा कर तौलिया लपेट कर ही बाहर निकले तो देखा कि आशा बिस्तर ठीक कर रही है। चादर पर पड़े लण्ड और चूत के पानी के धब्बे रात की कहानी सुना रहे थे। आशा झुक कर निशान वाली जगह को सूंघ रही थी। छोटे ठाकुर की तो ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे रह गई। छोटे ठाकुर के कदमों की आहट सुन कर आशा उठ गई और उनकी तरफ देखती हुई अदा से मुस्करा दी। फिर इठलाते हुए उनके पास आई और आंख मार कर बोली लगता है रात देवर भाभी ने जम कर खाट कबड्डी खेली है।
छोटे ठाकुर हिम्मत कर के बोले –
“क्या मतलब।”
वह छोटे ठाकुर से बिल्कुल सटती हुई बोली –
“इतने भोले भी मत बनो। मैं कोई बेवकूफ नहीं सब समझती हूँ तुम भी सब समझ रहे हो और ये चादर तो रात की सारी कहानी सुना ही रही है। अब इनकी कहानी मैं सुनाउंगी सबको।”
छोटे ठाकुर बौखला गया। ये तो बदनाम कर देगी फिर गौर से उसे देखा। मस्त लौन्डिया थी। गेहुंआ रंग। छरहरा बदन। उठे मस्त बड़े बड़े लंगड़ा आमों जैसे स्तन। उसने अपना पल्लू सामने से लेकर कमर में दबाया हुआ था जिस से उसके लंगड़ा आम और उभर कर सामने आ गये थे। वह बात करते करते छोटे ठाकुरसे एक दम सट गई थी और उसकी तनी हुई चूचियां उनकी नंगी छाती से छूने लगी थी। जब वो बोलती तो उसकी सांस उनकी सांस से टकरा जाती। छोटे ठाकुर का लण्ड सुगबुगाने लगा। उन्हें सुबह की बात याद आ गई और सोचा कि इस से अच्छा मौका फिर नहीं मिलने वाला। साली खुद ही तो मेरे पास आई है। ये सोचते सोचते उनका लण्ड टन्ना गया था। छोटे ठाकुर ने हिम्मत करके उससे कहा –
“अच्छा अगर तू बड़ी समझदार है तो आँखें बन्द कर हाथ आगे फैला मैं तेरे हाथ में एक चीज दूंगा अगर तू बिना देखे सिर्फ हाथों से टटोलकर बता देगी कि वह क्या है तो मैं तुझे मान जाऊॅंगा।”
वो झॉसे में आ गयी और आँखें बन्द कर हाथ आगे फैलाकर खड़ी हो गयी। छोटे ठाकुर ने अपना जोश में टन्नाया फौलादी लण्ड उसके हाथपर रख दिया। लण्ड सख्त हो कर इतना चिकना हो रहा था कि एक बारीगी उसकी समझ में नहीं आया जब उसने दूसरे हाथ से टटोला तो हकलाते हुए बोली –
“अरे य्य्य्ये तो ये तो लण्ड जैसा लगता है।”
छोटे ठाकुर ने हॅसते हुए कहा –
“शाबाश तू तो वाकई बड़ी समझदार है जा ईनाम में तू इसे ले जा।”
उसने हड़बड़ाकर आँखें खोल दी और बोली –
“ये तो बहुत बड़ा है।”
छोटे ठाकुर ने उसे कमर से पकड़ लिया और अपनी ओर खींच कर अपने से चिपकाते हुए बोला –
“तो क्या हुआ तुझे पसन्द है तो तुझे दिया ।”
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