Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुनियाँ
04-25-2019, 12:00 PM,
#68
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भाग 3 - किस्सा कम्मो का 2


गतान्क से आगे........................

उन दोनो ने अपनी गर्दन अपने घर के दरवाजे की ओर घुमा दी और अपने घर के आँगन मे देखने लगे, कम्मो भटियारिन घर के आँगन मे झाड़ू मार रही थी । उसकी मोटी मोटी केले के तनो जैसे मसल जाँघो के ऊपर उसके भारी चूतड़ ज़रूरत से ज़्यादा बाहर की ओर उठे हुए और उसके चूतड़ के पाट व चूतड़ के बीच की दरार इतनी ज़्यादा विपरीत दिशा मे फैली हुई है कि खड़े खड़े लंड चूतड़ मे घुस सकता है जब वह झुक कर झाड़ू मार रही थी तो उसके विशाल चूतड़ और ज़्यादा बाहर की ओर निकालकर उसके चलने के साथ थिरक रहे थे।”
बल्लू –“चाची के भारी चूतड़ों के मुकाबले के चूतड़ तो इस दुनिया मे कही नही होगे, इन बड़े बड़े चूतड़ों को देख कर तो लगता है मेरे लंड की नसें फट जाएगी, बिरजू मुझे तो लगता है कि अभी जाकर कम्मो चाची का घाघरा उठा कर अपना लंड सीधे चूतड़ मे फसा दू, यार।”
बल्लू –“कम्मो चाची के ये बड़े बड़े चूतड़ देख देख कर मेरा लंड लगता है लूँगी मे छेद कर देगा, यार बिरजू तू ठीक कहता है मुझे तो कम्मो चाची की भारी चूतड़ पर अपना मुँह मारने का मन होता है, अगर यह नंगी होकर मिल जाए तो इसको दिन रात चोदते ही रहे, बिरजू यह नंगी कैसी दिखती होगी रे मैं तो कम्मो चाची को पूरी नंगी करके देखने के लिए मरा जा रहा हूँ।”
कम्मो भटियारिन झाड़ू मार कर सीधी उनकी ओर मुँह करके खड़ी हुई तो उसका पेट दोनो भाइयो के सामने आ गया कम्मो भटियारिन अपनी फूली हुई चूत से बस दो इंच ऊपर अपना घाघरा बाँधती थी।

उसका माँसल गदराया पेट और गहरी नाभी देख कर अच्छे अच्छे तपस्वी मुतने लग जाए, कम्मो भटियारिन की नाभि इतनी बड़ी और गहरी है कि किसी भी जवान लंड के टोपे को अगर नाभि मे डाला जाय तो उसका टोपा नाभि मे फिट हो जाए।
बल्लू-“ यार बिरजू कम्मो चाची का पेट देख कितना गदराया पर कसा हुआ लगता है सोच बिरजू जब कम्मो चाची की नाभि इतनी मस्त और गहरी और पेट कसा हुआ है तो इसकी चूत कितनी फूली कसी हुई और बड़ी भोसड़ा होगी।” 
बिरजू –“अरे कम्मो चाची के चूचे भी कितने मोटे मोटे और बिल्कुल तने हुए है एक एक चूची 5-5 किलो का होगा और निप्पल कितने तने हुए और बड़े बड़े, उस दिन जब हमने कम्मो चाची को हैंड्पम्प पर नहाते देखा था तब इसके मोटे चूचे और निप्पल देख कर मन करने लगा कि दोनो भाई एक एक चूची को अपने दोनो हाथो से पकड़कर भी दबाएगे तो हमारे दोनो हाथो मे नही समाएगे, और निप्पल तो इतने मोटे मोटे है जैसे बड़े बड़े आकर के बेर होते है, अभी भी इसके स्तन मे कितना रस भरा हुआ है, अरे बिरजू जब ये कल नहा रही थी तो इसकी जाँघो के पाट देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया था ऐसी मोटी मोटी केले के तने जैसे गोरे गोरे जाँघो के पाट को अपने हाथो से सहलाने मसलने और दबाने मे मज़ा आ जाएगा. चिंता मतकर बिल्लू अब इसके नहाने का टाइम हो रहा है आज फिर हम दोनो इसके मस्ताने नंगे बदन को देख कर पैंट मे ही अपना पानी निकालेंगे।” 
बिरजू –“मुझे तो याद भी नही है की हमने कम्मो चाची की माँसल जवानी का मादक रूप देख देख कर कितनी बार अपना पानी छोड़ा होगा, 
बिरजू –“अपनी कम्मो चाची के चूतड़ और चूत सूंघने और चाटने का बड़ा मन करता है यार, कम्मो चाची की फूली हुई चूत और भारी चूतड़ की क्या मदमस्त खुश्बू होगी, मैं तो इसको नंगी करके इस पर चढ़ने के लिए मरा जा रहा हू, और दोनो भाई के काले और मोटे हथौड़े से लंड कम्मो चाची की गदराई जवानी देख देख कर लार टपका रहे थे।

तभी कम्मो भटियारिन कुछ कपड़े लेकर हैंड्पम्प की ओर आ गई, और बिरजू और बिल्लू से बोली
–“क्यो रे तुम दोनो नही नहाओगे, चलो जल्दी नहा लो फिर हमे जंगल भी चलना है, और हैंड्पम्प के पास आकर कपड़े रख कर बैठ जाती है और कपड़े धोना शुरू कर देती है, बिरजू और बिल्लू दोनो के लंड खड़े थे वो दोनो सोच रहे थे कि कैसे पैंट उतार कर केवल कच्छे मे जाए हमारा मोटा लंड तो खड़ा है।” 
बिरजू –“अरे चल आज अपनी कम्मो चाची को भी अपने मोटे लंड के दर्शन करवा देते है, कौन जाने इसकी भी फूली हुई चूत हमारे काले डंडे को देख कर फड़कने लगे और अगर यह हम दोनो से चुदवा ले तो फिर घर मे ही बड़े बड़े चूतड़ और चूत का जुगाड़ हो जाएगा और दोनो भाई एक साथ रात भर अपनी गदराई कम्मो चाची को चोद्ते पड़े रहेंगे।
और दोनो भाई अपनी अपनी जगह से उठकर बनियान और लुंगी पहन हैंड्पम्प के पास आकर पानी भरने लगे और वही कम्मो चाची के सामने खड़े हो गये, कम्मो भटियारिन अपने कपड़े धो चुकी थी और उसने बिरजू और बिल्लू से कहा लाओ तुम्हारी बनियान और लुंगी भी दे दो धो देती हूँ, तब दोनो भाइयो ने अपनी अपनी बनियान और लुंगी खोल दी अब तक उनका लंड थोड़ा ढीला पड़ चुका था, कम्मो भटियारिन ने उनकी लुंगी और बनियान धो दी और दोनो मुस्टंडो को कहा कि अब खड़े क्या हो चलो जल्दी से नहा लो और अपनी चोली के हुक खोलने लगी और जैसे ही उसने अपने दोनो हाथ उठाकर अपनी चोली खोली उसके मोटे मोटे पपीते एक दम से बाहर आ गये अपनी कम्मो चाची के मोटे मोटे पपितो और गदराए उठे हुए पेट देखकर बिरजू और बिल्लू का लंड एक दम से खड़ा हो गया और कम्मो भटियारिन की नज़र लड़कों के मोटे मोटे लंबे डंडों पर पड़ी तो उसका मूँह खुला का खुला रह गया क्यो कि दोनो भाई नंगी कम्मो चाची को देख कर अपने लंड को खड़ा होने से रोक नही सके और उनका लंड फुल अवस्था मे आकर झटके मारने लगा कम्मो भटियारिन एक तक बड़े गोर से उन दोनो के मोटे डंडे देखे जा रही थी, तभी दोनो भाई जल्दी से पालथी मार कर बैठ गये और कम्मो चाची की मोटी चुचियो और गदराये पेट को देखते हुए उसका चेहरा देखने लगे जो कि उनके मोटे लंड के दर्शन से लाल हो चुका था।

तभी कम्मो भटियारिन ने देखा कि दोनो भाई अपनी कम्मो चाची के गदराए बदन को घूर रहे है तो वह लड़कों के चेहरो को देख कर कि कैसे कम्मो चाची को अधनंगी देख कर इनका लंड खड़ा हो गया है, उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई,
कम्मो भटियारिन को चुदे हुए एक जमाना बीत गया था कम्मो भटियारिन अपनी फूली चूत की प्यास अपने मन मे दबा कर ही अपनी जिंदगी गुजारने लगी थी, पर
आज कुछ ऐसा हुआ था कि दोनों हट्टे कट्टे लड़कों के मोटे झूलते हुए लंड को देख कर उसकी जनम जनम की चुदासी चूत मे कुलबुलाहट सी होने लगी थी, और वह अपना संयम खोने लगी थी। ना चाहते हुए भी उसका हाथ एक बार अपनी चूत को घाघरे के ऊपर से थोड़ा कुरेदने के लिया चला गया और दोनो भाई उसकी इस हरकत को देख कर उसके मन की स्थिति को भाँप चुके थे उनका मोटा लंड बैठे उए भी उनके कछे मे तंबू की तरह तना हुआ था, और वह बिना कम्मो भटियारिन की परवाह किए अपने शरीर पर साबुन मलते हुए कम्मो चाची की मोटी मोटी गदराई चुचियो को देख देख कर मज़ा ले रहे थे, कम्मो भटियारिन की नज़रे लड़कों के मोटे लंड पर बार बार जाकर टिक जाती थी और वह भी अपने आप को रोक ना सकी और अपने गोरे गदराए बदन पर पानी डाल कर अपनी मोटी चुचियो पर साबुन लगा कर उन्हे कस कस कर रगड़ने लगी और अपनी चुचियो को अपने हाथो से दबा दबा कर कहने लगी सारा दिन झाड़ फुक कर कर के कितना मैल शरीर पर जमा हो जाता है, और अपने हाथो को उठा कर अपनी बगल मे हाथ फेरने लगी, बिल्लू और बिरजू ने जब कम्मो चाची की बालो से भरी बगल देखी तो उनका लंड झटके दे दे कर हिलने लगा, दोनो
भाई साबुन लगाते लगाते बीच बीच मे अपने लंड को भी मसल देते थे जो कि कम्मो भटियारिन की चूत से पानी बहाने के लिए काफ़ी था।

कम्मो भटियारिन ने अब अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला कर अपने घाघरे को घुटनो की जड़ो तक चढ़ा कर अपनी गोरी गोरी पिंदलियो और गदराई जाँघो पर साबुन लगाना शुरू कर दिया, दोनो भाई का मन कर रहा था कि कम्मो चाची को यही पटक कर उसके नंगे बदन पर चढ़ बैठें, उसे अभी चोद दे, बीच बीच मे कम्मो भटियारिन अपने घाघरे को जो कि दोनो जाँघो के बीच उसकी चूत के पास सिमट
गया था अपनी चूत पर दबा कर अपनी जाँघो को लड़कों को दिखा दिखा कर रगड़ रही थी, फिर अपनी जाँघो पर जब उसने पानी डाला तो उसकी गोरी मोटी मोटी जाँघे चमकने लगी, तभी कम्मो भटियारिन ने कहा अरे बिल्लू ज़रा मेरी पीठ तो रगड़ दे, बिल्लू –“अच्छा चाची” कहता हुआ खड़ा हो गया और उसका मोटा डंडा कम्मो भटियारिन के सामने तन गया जिसे कम्मो भटियारिन देख कर सिहर गई और उसकी चूत दुपदुपा के रिसने लगी, बिल्लू जल्दी से कम्मो चाची की नंगी पीठ के पीछे अपने दोनो पैरो के पंजो पर बैठ कर कम्मो चाची की गोरी पीठ को बड़े प्यार से सहला सहला कर उसकी जवानी का मज़ा लेने लगा, कम्मो भटियारिन –“अरे बेटा थोड़ा तगड़ा हाथ लगा कर मसल बड़ा मैल हो जाता है पीठ पर।”
बिल्लू कम्मो चाची की पीठ से बिल्कुल लिपट कर तगड़े तरीके से उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा और उसका खड़ा लंड कम्मो भटियारिन की कमर पर चुभने लगा, जवान लौडे के मोटे लंड की इतनी गहरी चुभन को महसूस करते ही कम्मो भटियारिन का हाथ अपने बस मे नही रहा और एक बार फिर उसने अपने हाथो के पंजो से अपनी चूत को दबोच लिया, बिल्लू कम्मो चाची की पीठ रगड़ता हुआ उसके बगल तक अपना हाथ भरने की कोशिश करने लगा जिससे कम्मो भटियारिन ने अपने हाथो को थोड़ा फैला दिया और बिल्लू कम्मो चाची की उठी चुचियो को भी साइड से महसूस करने लगा, कुछ देर की पीठ रगड़ाई के बाद कम्मो भटियारिन ने कहा –“चल अब जल्दी से नहा लो बेटा फिर हमे जंगल भी चलना है और कम्मो भटियारिन खड़ी होकर अपना नारा खोलने लगी और फिर मग से पानी भर कर लड़कों के सामने अपने घाघरे के अंदर एक दो मॅग पानी डाल कर घाघरे के ऊपर से खड़े खड़े अपनी चूत को एक दो बार मसला और फिर दूसरा घाघरा उठा कर अपने सर से डाल कर भीगा हुआ घाघरा छोड़ दिया, नीचे बैठे होने के कारण दोनो भाइयों को कम्मो चाची की कमर से लेकर पेरो तक पूरी नंगी चूत, मोटी जाँघे सब कुछ एक पल के लिए उनकी आँखो के सामने आ गया । कम्मो चाची की ऐसी गदराई जवानी और फूली हुई चूत देख कर उनके लंड झटके मारने लगे।

कम्मो भटियारिन दोनो के चेहरे देखकर थोड़ा मुस्कुराई और गीले कपड़े उठाने के लिए झुकी तो उसके चूतड़ दोनो के मुँह से सिर्फ़ 4 इंच की दूरी पर थे जिन्हें दोनो, आँखे फाड़ फाड़कर देख रहे थे तभी कम्मो भटियारिन ने अपना बायाँ हाथ अपने भारी चूतड़ों के पीछे लाकर पानी पोछा और कपड़े उठा अपने घर के दरवाजे की ओर चल दी, कम्मो भटियारिन द्वारा अपने चूतड़ों का पानी पोछने के कारण उसका घाघरा उसके भारी चूतड़ों की दरार मे फँस गया और वह अपने बड़े बड़े घड़े जैसे चूतड़ मटकाती हुई अपने दरवाजे की ओर जाने लगी, दोनो भाइयों का हाल बेहाल हो चुका था और दोनो कम्मो चाची के मटकते चूतड़ों और उसमे फँसे उसके घाघरे को देख कर बर्दाश्त नही कर सके और अपने हाथों लंड दबाने लगे और कम्मो भटियारिन के घर के अंदर तक पहुँचते पहुँचते मारे उत्तेजना के दोनों झड़ गये, और तबीयत से झडे और फिर एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हुए फिर नहा कर तैयार होकर अपनी लुंगी पहनकर कम्मो चाची के साथ जंगल की ओर कुल्हाड़ी और रस्सिया लेकर चल पड़े।

आगे आगे कम्मो भटियारिन अपने भारी भरकम बड़े बड़े चूतड़ हिलाती चल रही थी और पीछे पीछे उसके पाले दोनो हरामी लड़के बिल्लू और बिरजू चले जा रहे थे, दोनो हवस से भरी निगाहों से कम्मो चाची थिरकते चूतड़ों पर थी और लुंगी मे से उनके खड़े लण्ड साफ़ नज़र आ रहे थे, वो उनके ठीक आगे थी इसलिए दोनो कुछ बोल नही रहे थे लेकिन कम्मो चाची के मस्ताने चूतड़ों को देख देख कर दोनो हरामी बीच बीच मे मंद मंद मुस्कुराते हुए, एक दूसरे की तरफ़ देख नजरो ही नजरों में एक दूसरे से बखूबी बाते कर रहे थे, वह दोनो कम्मो चाची के मस्त चूतड़ों को देखने मे इतना खोए हुए थे कि उन्हे यह भी नही पता चला कि कम्मो भटियारिन ने पीछे मूड कर उनकी नज़र कहाँ है देख लिया था और साथ ही दोनो के मोटे लंड जो लुंगी के अंदर सर उठाए खड़े है उन्हे भी देख चुकी थी. आज जबसे कम्मो भटियारिन ने लड़कों के लंड को देखा तब से उसकी चूत भी एक तगड़े लंड के लिए तड़पने लगी थी, इसीलिए कम्मो भटियारिन को लड़कों द्वारा उसके मस्त चूतड़ों को देखने पर एक अनोखा आनद प्राप्त हो रहा था और वह मन ही मन खुश होती हुई अपने बड़े बड़े चूतड़ों को जानबूझ कर और मटका मटका के चलने लगी, उसकी इस तरह की थिरकन और मटकते चूतड़ों को देख कर दोनो भाई रस से भरे जा रहे थे और उन्ही कम्मो चाची घाघरे के होते हुए भी नंगी नज़र आ रही थी और दोनो चलते चलते अपने मोटे लंड को मसल्ते जा रहे थे, कम्मो भटियारिन बीच बीच मे लड़कों को उसके चूतड़ देख देख कर लंड सहलाते देख और भी मस्त होने लगी और उसकी चूत भी काफ़ी सारा पानी छोड़ रही थी और उसे हिलते चूतड़ देख कर लड़कों के लंड सहलाने मसलने की हरकत ने सनसना दिया था और वो जानबूझ कर चलते हुए अपने भारी चूतड़ों मे खुजली करने लगी जिसे देख कर एक पल को तो बिल्लू और बिरजू का दिमाग काबू के बाहर हो मन करने लगा कि अभी पकड़ कर कम्मो चाची को पूरी नंगी करके यही चोद देते है।
कम्मो भटियारिन थोड़ी थोड़ी देर मे अपने बड़े बड़े चूतड़ों के छेद मे खुजली करती हुई ऐसे मटका रही थी जैसे कह रही हो कि आजा और मेरी चूत मे लंड डालकर चोद दे.
जब कम्मो भटियारिन और लड़कों ने घर के सामने वाली पुलिया पार कर ली तब फिर आम के बगीचे शुरू हो गये, तब कम्मो भटियारिन नीचे गिरे हुए आमो को उठाने के लिए जानबूझ कर झुकती और अपने बड़े बड़े चूतड़ों लड़कों को दिखा दिखा कर मज़े ले रही थी, आम का बगीचा पार करते ही थोड़ा जंगल शुरू हो गया

कम्मो भटियारिन की बुर गीली हो चुकी थी उससे रहा नही जा रहा था, इतने साल कीचुदास अचानक लड़कों के मोटे लंड को देख कर उसकी बुर पानी ही पानी फेक रही
थी। जब जंगल मे थोड़ा आगे पहुचे तो कम्मो भटियारिन ने कहा बेटा मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है, यह सुन कर दोनो मस्त हो गये, कम्मो भटियारिन बेटा यहाँ कही जगह दिख नही रही है तुम दोनो एक काम करो उधर मुँह घुमा लो तो मैं पेशाब कर लूँ, अच्छा चाची, और उन दोनो ने अपना मुँह दूसरी ओर घुमा लिया। कम्मो भटियारिन जानती थी कि ये दोनो मूड कर ज़रूर देखेंगे इसलिए उसने जानबूझ कर उन दोनो की तरफ पीठ करके बड़े आराम से खड़े खड़े अपना पूरा घाघरा अपनी कमर तक उठा दिया, और दोनो भाइयो ने जल्दी से अपना सर घुमा कर जैसे ही देखा
उनका मुँह खुला का खुला रह गया कम्मो चाची पूरी नंगी थी उसके फैले हुए भारी बड़े बड़े संगमरमरी चूतड़ और केले के खम्बे जैसी गदराई मोटी मोटी जाँघो को थोड़ा फैला कर कम्मो भटियारिन धीरे धीरे अपने भारी चूतड़ पीछे की ओर निकाल कर बैठने लगी, उसके चूतड़ का गहरी लम्बी दरार और पूरे एक बीते का फूला हुआ भोसड़ा और भोसड़े की फटी फांको के बीच गुलाबी कलर का बड़ा सा छेद देख कर दोनो के लंड झटको पर झटके मारने लगा और लुंगी पूरी तन कर खड़ी हो गई, और कम्मो चाची अपने भारी भरकम चूतड़ों को फैलाकर मूतने बैठ गई दोनो भाई अपनी फटी फटी आँखो से कम्मो चाची के भारी चूतड़ देखकर अपना अपना लंड लुंगी मे सहलाने मसलने लगे उनका मोटा काला लंड 10 इंच के लंबे और 3 इंच के मोटे डंडे जैसे खड़ा था, दोनो भाई कम्मो चाची की मस्ताने गोरे चूतड़ देखकर पागल हो गये उन्होने इतनी मस्ताने गोरे चूतड़ नंगे आज तक नही देखी थी, घाघरे के ऊपर से जितने बड़े चूतड़ कम्मो चाची के नज़र आते थी उससे डबल नज़र आ रहे थे, तभी कम्मो भटियारिन की फूली हुई चूत से एक मोटी धार एक सीटी की आवाज़ के साथ निकलने लगी जिसे देखसुनकर दोनो भाई के तोपो का रंग लाल हो गया और दोनो अपने लंड को तेज़ी से मसलने लगे, करीब 2 मिनिट तक कम्मो भटियारिन आराम से बैठी मुतती रही फिर जब खड़ी हुई तो अपने घाघरे से अपनी चूत दोनो जाँघे फैलाकर थोड़ा झुक कर पोछने लगी और फिर दोनो भाइयो ने अपना सर वापस पीछे घुमा लिया, कम्मो भटियारिन मंद मंद मुस्कुराते हुए चलो बेटा मैने पेशाब करली,

तभी बिरजू बोला –“चाची हमको भी पेशाब करना है आप भी अपना मुँह उधर घुमा लो, तो कम्मो भटियारिन ने कहा –“ठीक है बेटा कर लो और दोनो भाई जानबूझ कर थोड़ा सा मुड़े ताकि कम्मो चाची उनके लंड को आराम से देख सके और अपना सर नीचे झुककर दोनो ने जब अपने खड़े काले काले लंड बाहर निकाले तो कम्मो भटियारिन उनका लंड देखती ही रह गई, उसकी आँखे फटी की फटी रह गई क्योकि उसने भी अपने जीवन मे इतने मोटे और बड़े लंड कभी नही देखे थे अपने सामने एक नही दो दो मोटे काले डंडे और उस पर बड़ा सा कत्थे रंग का सूपड़ा देख कर कम्मो भटियारिन के मुँह मे पानी आ गया और उसकी चूत लड़कों के मोटे काले लंड देखकर
फड़कने लगी, दोनो भाई कम्मो चाची के लाल हुए चेहरे को देखने लगे, और अपने अपने लंड को वापस अपनी लुंगी मे छुपा लिया, कम्मो भटियारिन ने जल्दी से अपना मुँह आगे की ओर किया तब दोनो भाई कम्मो चाची के पास पहुच कर दोनो ने एक एक हाथ से कम्मो चाची के चूतड़ों को हाथ लगा कर आगे की ओर धकेलते हुए कहा - चल चाची हम पेशाब कर चुके,”
जब दोनो ने कम्मो चाची के मोटे मोटे चूतड़ों को छुआ तो दोनो ही सिहर गये क्योकि कम्मो चाची ने केवल घाघरा पहना था और घाघरे का कपड़ा काफ़ी चिकना और पतला था । कम्मो भटियारिन चलते हुए लड़कों के सामने अपने भारी चूतड़ ऐसे मटका कर चल रही थी जैसे अभी अपनी चूत मरवा लेगी, दोनो भाइयो के मोटे लंड बैठने का नाम नही ले रहे थे और कम्मो चाची उन्हे नंगी नज़र आ रही थी और वह दोनो बड़े गौर से कम्मो चाची के मस्ताने चूतड़ों को देखते हुए उसके चूतड़ के पीछे चले जा रहे थे, जंगल पहुँचकर दोनो भाइयो ने अपनी अपनी लुंगी को अपनी जाँघो तक मोड़ कर बाँध लिया और पेड़ पर चढ़ कर सुखी सुखी टहनियाँ काटने लगे, कम्मो भटियारिन नीचे बैठ कर लकड़ियाँ समेटने लगी, करीब दो घंटे तक लकड़ियाँ काटने के बाद कम्मो भटियारिन ने कहा अब तुम दोनो नीचे आ जाओ और खाना खा लो।


क्रमशः....................
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RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�... - by sexstories - 04-25-2019, 12:00 PM

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