Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुनियाँ
04-25-2019, 12:00 PM,
#69
RE: Muslim Sex Stories सलीम जावेद की रंगीन दुन�...
भाग 3 - किस्सा कम्मो का 3

गतान्क से आगे........................

फिर कम्मो ने अपने साथ लाई हुई रोटियाँ और साग निकालकर दोनो लड़कों को दिया और खुद भी खाने लगी, खाना खानेके बाद एक पेड़ की छाया के नीचे कम्मो लेट गई और बल्लू और बिरजू उसके पैरो की ओर पेड़ से टिककर बैठ गये, कुछ देर पेड़ की छाँव मे लेटे लेटे कम्मो ने आँखे बंद करते हुए बेटा मैं थोड़ा थक गई हूँ तो थोड़ा आराम कर लूँ तुम दोनो कही जाना नही, ।
बल्लू बोला –
“ठीक है चाची तुम सो जाओ हम यही बैठे है और कम्मो ने अपनी आँखे बंद कर ली, कम्मो की आँखों मे नींद कहाँ थी उसके दिमाग और बंद आँखो के अन्दर तो बल्लू और बिरजू के काले लंड लहरा रहे थे जिससे उसकी चूत पनिया रही थी। पीठ के बल लेटी हुई कम्मो ने अपने दोनो पैरो को घुटनों से मोड़ थोड़ा फ़ैला लिया ताकि हवा लग के चूत की गर्मी शान्त हो और पनियाना बन्द हो। तभी बल्लू ने कम्मो चाची के पैरो के बिल्कुल पास बैठे बिरजू को, उनके घाघरे की ओर इशारा किया और बिरजू ने उसका इशारा समझ कम्मो चाची के दोनो पैरो के बीच मे लटके घाघरे को धीरे से उठा कर उसके घुटनो पर टिका दिया, जिससे पैरो के बीच की जगह से पूरा घाघरा उठ गया अब दोनो हरामी चुपके से एक एक कर के अपना मुँह कम्मो चाची की दोनो टाँगो के बीच डाल कर उसकी चूत देखने लगे तो उनके मुँह खुले के खुले रह गये । कम्मो भटियारिन का शान्दार चूत बिल्कुल पावरोटी की तरह फूली हुई थी दोनो होठों का मुँह हल्का सा खुला था। ये देख कर उनके लंड झटके मारने लगे और वो अपने अपने लंड अपने हाथ से सहलाने लगे।

बल्लू (धीरे से) –“यार बिरजू कम्मो चाची की चूत कितनी शानदार है मेरा लंड तो कम्मो चाची की चूत को फाड़ने के लिए मचल रहा है।”
उन दोनो की फ़ुस्फ़ुसाहट कम्मो को उस सूनसान जंगल मे स्पष्ट सुनाई दे रही थी और उसने धीरे से अपनी आँखो की कोरों को थोड़ा खोल दोनो के काले काले मोटे लंबे लंड पर नजर डाली तो उसकी चूत दुपदुपाने लगी । उसने धीरे से अपनी जाँघो को थोड़ा फैला दिया जिससे उसकी फूली हुई चूत की फांके पूरी तरह खुल गई और उसकी चूत का गुलाबी रस से भरा छेद दोनो भाइयो के सामने खुल गया जिसे देख कर दोनो की आँखो मे लाल डोरे तेरने लगे और उन दोनो ने अपने लंड को कम्मो चाची की फटी हुई चूत देख कर तबीयत से मुठियाना चालू कर दिया, कम्मो भी उनके लंड देख देख कर बैचैन हो रही थी । उसका बस चलता तो अभी के अभी इन दोनो के मोटे लंड से चूत को फड़वा फड़वाकर खूब कस कस कर चुदवाती।
तभी बिरजू ने धीरे से चाची चाची कहते हुए उसकी दोनो जाँघो को और फ़ैला दिया। कम्मो ने भी अपने पैरो को पूरा फैला कर पसार दिया जिससे उसकी फटी फांके
बिल्कुल अलग हो कर अपनी चूत का पूरा गुलाबी कटाव और काफ़ी तना हुआ लहसुन बल्लू और बिरजू को दिखाने लगी, उसकी जाँघो के बीच इतना गेप हो चुका था कि चूत फ़ैल कर बुलाती सी लग रही थी। तभी बल्लू धीरे से अपने घुटनो के बल आकर कम्मो चाची के घाघरे मे अपना मुँह डाल अपनी नाक को कम्मो चाची की फूली हुई खुली चूत के बिल्कुल पास ले गया और बहुत तेज़ी से साँस खीच कर कम्मो चाची की फटी हुई चूत को सूंघने लगा और बिल्कुल मदहोश हो गया और खूब ज़ोर ज़ोर से साँस ले ले कर कम्मो चाची की फूली हुई चूत की मादक गंध को सूंघने लगा, बल्लू जब अपनी नाक से साँस लेकर कम्मो चाची की फूली हुई चूत सुन्घ्ता फिर जब उसकी साँस भर जाती तो वह अपनी नाक से साँस छोड़ता तो कम्मो की खुली हुई चूत पर गरम गरम सांसो की हवा लगी तो वह समझ गई कि लड़का उसकी चूत के बिल्कुल नज़दीक अपनी नाक लगा कर उसकी चूत की गंध को सूंघ रहा है इससे वो इतनी चुदासी हो गई कि उसकी चूत से पानी बह बह कर उसके चूतड़ों की दरार तक पहुँच गया, फिर बिरजू ने पीछे से हाथ लगा कर बल्लू को इशारा किया तो बल्लू ने कम्मो चाची के घाघरे से अपना मुँह बाहर निकाल और फिर बिरजू ने अपना मुँह कम्मो चाची के घाघरे के अंदर डाल कर उसकी चूत की मादक गंध को अपनी नाक से सूंघना शुरू कर दिया।

काफ़ी देर दोनो भाई बारी बारी से कम्मो चाची की चूत सूंघ सूंघ कर उसे चोदने के मनसूबे बनाते हुए ये सोच रहे थे कि अगर एक बार किसी तरह कम्मो चाची की चूत चोदने का मौका मिल जाये तो इसे इतना मजा दें कि चाची खुद ही हमे अपनी चूत देने को दिन रात तैयार रहे। उधर कम्मो भी बल्लू और बिरजू द्वारा अपनी चूत चोदने की बात सुन कर उत्तेजना से बौखला सनसना रही थी उसे लग रहा था कि जैसे पड़े पड़े ही उसकी चूत झड़ जायेगी। इससे घबरा कर अचानक कम्मो चाची कसमसा कर सोते से उठने का नाटक करती हुई उठ बैठी। दोनो तड़प के रह गये।
कम्मो चाची -“ तुम दोनो कही गये तो नही थे।”
“नही चाची हम दोनो तो तेरे पैरो के पास ही बैठे थे।”
“अच्छा चलो अब लकड़ियाँ रस्सी से बांधो और चलने की तैयारी करो फिर नही तो शाम हो जाएगी।”
दोनो भाई अपनी लूँगी ठीक करते हुए लकड़ियो के गट्ठे बनाने लगे और फिर सबसे छोटा गट्ठा कम्मो चाची के सर पे लाद दिया और बड़े बड़े गट्ठे अपने सर पर लाद कर कम्मो चाची को आगे चलने का कह कर पीछे पीछे चलते हुए कम्मो चाची के बड़े बड़े चूतड़ों को थिरकते देखते हुए घर की ओर चलने लगे।

तभी कम्मो भटियारिन के पैरो मे कोई काँटा चुभा जिससे वह लकड़ियों का गट्ठर फ़ेंक आह करती हुई झुक कर काँटा निकालने लगी दोनो भाई ऐसे मोके की हमेशा तलाश मे ही थे उन दोनो ने झट से कम्मो चाची की भारी चूतड़ पर हाथ फेरते हुए क्या हुआ चाची, कम्मो भटियारिन अरे कुछ नही बेटा ज़रा काँटा चुभ गया, कम्मो भटियारिन झुकी हुई काँटा निकाल रही थी और दोनो भाई प्यार से कम्मो चाची के चूतड़ सहला रहे थे, घाघरा बिल्कुल पतला होने के कारण बिल्लू ने बड़े प्यार से पीछे से कम्मो चाची की फूली हुई चूत को अपने पूरे पंजे से सहलाते हुए -निकला चाची, और कम्मो भटियारिन “सी आह अभी नही निकला रे”, जब कि काँटा निकल चुका था तभी बिल्लू ने चूत से हाथ हटाया तो बिरजू ने इस बार अपना पूरी हथेली को सीधे कम्मो चाची की पूरी फूली हुई चूत पर रख कर दबा कर पूछा –“नही निकल रहा क्या चाची, तब तक कम्मो भटियारिन की चूत से पानी आ गया और उसके घाघरे से लगता हुआ बिरजू के हाथो मे लग गया, और कम्मो भटियारिन सीधी होकर चल दी, तब बिरजू अपने हाथ पर लगे पानी को सूंघने लगा और बिल्लू को भी सूँघाने लगा, कम्मो भटियारिन ने लड़कों को अपनी चूत का पानी सूंघते देख लिया और उसकी चूत बुरी तरह लंड खाने के लिए फड़फड़ाने लगी । लगभग यही बल्की इससे भी बुरा हाल लड़कों का भी था । पर किसी तरह मन पर काबू करते हुए तीनों घर पहुँचे।

रात के खाने के बाद दोनो भाई गाँव की पुलिया जो कम्मो भटियारिन के घर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर थी सन्नाटे मे वहाँ बैठ कर दारू का मज़ा ले रहे थे, और साथ मे बीड़ी के लंबे लंबे कस मारते जा रहे थे, फिर बल्लू बोतल बिरजू को दे देता है और उससे बीड़ी ले कर कस मारने लगता है, बिरजू अपने भाई बल्लू को बीड़ी देते हुए बोला –
“ले बल्लू मार सुत्टा, , आज तो नशा ही नही आ रहा है ।”
“नशा आयेगा कहाँ से, जंगल से लौटने के बाद से कम्मो चाची की चूत और उनके बड़े बड़े भारी चूतड़ों का नजारा दिमाग से हट ही नही रहा मन कर रहा है कि सीधे जाकर चूत या चूतड़ जो सामने पड़े उसी में लंड पेल दूँ। साली ने परेशान कर के रख दिया”
कहकर देसी दारू की आधी हो चुकी बोतल उठाकर बिरजू ने मुँह से लगा ली और गटकने लगा।
बल्लू –“यार! क्या चूत है कम्मो चाची की इतनी फूली पावरोटी सी चूत देखने के बाद से मेरा लंड तो पागल हो रहा है।”
बिरजू –“हाँ यार बल्लू! कम्मो चाची की बड़े बड़े थिरकते चूतड़ देखे कितने मस्ताने है यार बल्लू कम्मो चाची की चूत कैसे गीली हो रही थी। चुदते समय तो और भी कितना पानी छोड़ती होगी, ।
बल्लू –“यही नहीं! मैने तो जब से उसकी बड़े बड़े थिरकते चूतड़ और पेशाब करते हुए उसकी चूत से निकलती पेशाब की मोटी धार देखी तब से मेरा लंड तो उसके मोटे गुलाबी चूत के छेद मे घुसने के लिए तड़प रहा है, यार बिरजू! कैसे भी करके आज ही रात हम दोनो को कम्मो चाची को चुदवाने के लिए पटाना होगा क्योंकि आज वो हमारे लण्डों की नुमाइश से चुदासी भी हो रही थी, तूने भी हाथ लगाने पर महसूस किया होगा कि चूत गीली हो रही थी। ऐसा मौका बार बार नहीं आने वाला।”

बिरजू –“मेरी समझ में एक तरीका आया है बल्लू! आज अगर पैर दबवाने के लिए बुलायेगी तो दोनो साथ जायेंगे कहेंगे कि जब दोनो भाई एक एक पैर दबायेंगे तो उसे जल्दी आराम आ जायेगा और वो जल्दी सो जाएगी। जब वह सो जाएगी तब दोनों मिल के कम्मो चाची को पूरी तरह नंगी करके उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाएगे चुदासी चूत की पुत्तियाँ सहलाने से फ़ैल के अपना मुँह खोल देगी बस दोनो भाई एक आगे से उसकी चूत, दूसरा पीछे से उसके पिछ्वाड़े में रगड़ मारेगे, फ़िर बस मजे ही मजे हैं। जब कम्मो चाची की चूत और गाँड़ मे हमारे मोटे मोटे काले लंड घुस कर उसे चोदेगे तो दोनो तरफ से ऐसे मोटे मोटे लंड के धक्के खा खा कर वह भी मस्त हो जाएगी। एक बार भोसड़ी वाली हमसे चुद गई तो फिर समझ लो हम दिन रात उसको घर पर नंगी ही रखेंगे और दिन रात उसको चोदेंगे।”

दारू के नशे और आज की घटनाओं से दोनो भाइयों के दिमाग ने आगा पीछा सोचने की ताकत छीन ली थी और उन्होंने आज इस पार या उस पार का खतरनाक इरादा कर घर वापस आ गये।

रात को कम्मो अपनी खाट पर पड़ी पड़ी आज की घटनाओं को याद कर कर के अपनी चूत को अपने घाघरे से सहला रही थी उसकी चूत चुदास के मारे बुरी तरह भीगी हुई थी। तभी उसका मन बल्लू और बिरजू की बाते सुनने का होने लगा और वह चुपचाप दरवाजे के पास कान लगा कर सुनने लगी, अंदर बिरजू और बल्लू अपना लंड अपने हाथ से सहलाते हुए बात कर रहे थे।
बिरजू –“यार बल्लू कम्मो चाची को पूरी नंगी करके देखने का इतना मन कर रहा है कितनी गदराई और मोटी जाँघे है उसकी, और चूतड़ तो इतने मोटे है जब चलती है तो ऐसे मटकते है की सीधा जा कर अपना मोटा लंड उसके मोटे चूतड़ों के बीच फ़ँसा कर रगड़ के झाड़ दूँ।”
बल्लू –“हाँ यार बिरजू! मेरा दिल भी कम्मो चाची की चूत और पिछ्वाड़ा दोनों मारने के लिए तड़प रहा है ।

दोनो भाई दारू के नशे मे मस्त होकर कम्मो चाची की चूत मारने की बाते कर कर के अपना मोटा लंड हिलाते जा रहे थे, और उनके द्वारा खुद को चुदने की बात से कम्मो अपनी मोटी चूत को मसले जा रही थी, और कुछ देर के बाद अपना लंड हिलाते हुए दोनो –“ओह चाची एक बार बल्लू और बिरजू को पूरी नंगी होकर अपने उपर चढ़ा ले, तेरी चूत की ऐसी सेवा करेंगे कि फ़िर चूत कभी हमसे चुदाये बिना रह नही पाएगी।”

दोनो लड़कों द्वारा उसे तरह तरह से चोदने की बात सुन सुन कर कम्मो से रहा नही गया, वो अपना घाघरा उठा कर वही मूतने के अंदाज मे बैठ गई और बल्लू और बिरजू द्वारा उसे चोदने की बाते सुनते हुए अपनी चूत को अपनी चारो उंगलियो से चोदने लगी और कल्पना करने लगी कि जैसे दोनों उसे पूरी नंगी करके कितने तगड़े तगड़े झटके उसकी चूत और पिछ्वाड़े मे मार रहे है।

कम्मो की उत्तेजना ने उसे बेहाल कर दिया था तभी उसे खयाल आया कि अगर उसका पति गाँव की चौधराइन को दिन दहाड़े चोद सकता है तो वो रात के अन्धेरे में इन जवान लड़को से क्यों नही चुदवा सकती। किसी को पता भी नही चलेगा। बस उसने तय कर लिया कि आज वो इन लड़कों को पूरा मौका देगी । रसोई मे जा तेल की कटोरी उठा लाई उसे अपने बिस्तर के पास रख, बल्लू और बिरजू के कमरे के दरवाजे के पास जा धीरे से आवाज दी आवाज दी –“बल्लू! बिरजू!”
बल्लू और बिरजू दोनों एक साथ बोल पड़े –“हाँ चाची!”
कम्मो –“जाग रहे हो बेटा! दोनो मे से कोई भी आ के जरा मेरे पैर दबा दे बेटा! बड़ा दर्द है नींद नहीं आ रही। 
दोनो फ़टाफ़ट उठ के आ गये। कम्मो जा के अपने बिस्तर पर लेट गई। दोनों पीछे पीछे आये, आते ही दोनो की नजर तेल की कटोरी पर पड़ी, जिसे देख दोनो भाइयो के लंड और भी टन्नाने लगे।
कम्मो – “अरे दोनों की कोई जरूरत नहीं कोई भी एक मेरे पैर दबा दे जिससे नींद पड़ जाये।”
बल्लू और बिरजू (एक साथ) – “नहीं चाची दोनों एक एक पैर दबायेंगे तो जल्दी आराम आ जायेगा।
कहकर बिना जवाब की प्रतीक्षा किये एक एक पाव दबाने लगे। कम्मो मन ही मन मुस्कुराई और आँखे बन्द कर कराहने लगी जैसे पैरों में बड़ा दर्द हो। थोड़ी ही देर में उसकी कराहट धीरे धीरे बन्द हो गई ऐसा लगा कि वो सो गई है। बल्लू ने आवाज दी –“चाची! सो गईं क्या।”
कम्मो कोई जवाब नही दिया हाँलाकि वो जाग रही थी पर गहरी नींद में होने का नाटक किये पड़ी थी क्योंकि वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो सोयेगी उतनी जल्दी लड़कों की कुछ करने की हिम्मत पड़ेगी सो जागते रह के वख्त बरबाद करने का कोई काम नही था क्यों कि उसे भी चुदवाने की जल्दी हो रही थी। जैसे ही दोनो भाइयों को लगा कि चाची सो गई है बस फ़टाफ़ट मिनिटों मे दोनों ने उसका घाघरा और चोली उतार कर फेक दिया।
अब उनके सामने कम्मो चाची पूरी नंगी, मक्कर साधे सोने का नाटक करती चित्त पड़ी थी। दोनो ने अपनी अपनी लूँगी उतार दी । कम्मो ने आँखों की कोरों को हल्के से खोल कर देखा कि दो भारी भरकम लण्ड उसके सामने लहरा रहे हैं, उसकी मुद्दतों से चुदासी चूत दुपदुपा कर पुत्तियाँ फ़ैलाने लगी। वो मन ही मन डरी कि अगर इन हरामी लड़कों की नजर फ़ैलती चूत की पुत्तियों पर पड़ गयी तो हरामियों को शक पड़ जायेगा कि मैं जाग रही हूँ और हिम्मत छोड़ भाग खड़े होंगे, सो उसने आहिस्ते से ऐसे करवट ली जैसे सोते सोते लोग लेते हैं करवट मे चूतड़ों का उभार और भी उभर कर मादक लगने लगा । अब दोनों से बर्दास्त नहीं हो रहा था दोनो धीरे से जाकर ऐसे चिपक कर लेट गये, जैसे बच्चे बेख्याली में सोने के लिए लिपटे हों। बिरजू पीछे से चिपक गया और कम्मो चाची के भारी चूतड़ो से अपना लण्ड सटा दिया और चूतड़ों की नाली में लण्ड रगड़ने लगा । बल्लू सामने से उसकी बड़ी बड़ी चुचियो से चिपट गया और धीरे से उसकी एक टाँग उठाके अपनी जाँघ पेर सटा ली जिससे चूत का मुँह खुल गया । बस फ़िर क्या था बल्लू ने उसकी चूत के मुहाने से अपने हलव्वी लण्ड का हथौड़े जैसा सुपाड़ा सटा दिया और रगड़ने लगा।
अब कम्मो मजे से अपने पाले हरामी लड़कों के मोटे हलव्वी लण्डों से अपनी चूत और चूतड़ रगड़वा रही थी, उसकी चूत उन हरामियों के लंड से रगड़ खाकर पानी छोड़ रही थी। तभी दोनो भाई उठकर कम्मो चाची के आगे और पीछे बैठ गये और बल्लू ने उसकी फूली हुई पाव रोटी सी चूत मे मुँह लगा दिया और बिरजू कम्मो चाची के बड़े बड़े भारी गुदाज संगमरमरी चूतड़ों को चूमने चाटने लगा दोनो ओर से अपनी चु्म्मा चाटी से कम्मो की सांसे तेज होने लगी, दोनो भाई अपना पूरा मुँह भर भर कर मजे ले रहे थे, बल्लू कम्मो चाची के खड़े हुए दाने को अपने मुँह मे भर भर कर उसका रस चूसने लगा है कम्मो की टाँगे आप से आप फ़ैलने लगीं। और पैर फ़ैलने की प्रक्रिया मे वो चित होती जा रही थी। ये देख बिरजू चूतड़ छोड़ बल्लू की तरफ़ आ गया जिससे कम्मो आसानी से चित हो सकें। धीरे धीरे वो पूरी तरह से चित हो गई। बल्लू और बिरजू जानते ही थे कि चाची आज सुबह से चुदासी थी। फ़ैली टाँगों चित पड़ी कम्मो को देख दोनों ने सोचा कि अब कम्मो चाची सो भी रही है तो भी इतना तो पक्का है कि चाची के बदन से चुदास बरदास्त नही हो पा रही है हालाँकि अभी भी वो ये निश्चय नहीं कर पा रहे थे कि वो जाग रही है या सो रही है । दोनों ने एक दूसरे की तरफ़ देखा और बिरजू ने बल्लू के कान मे धीरे से कहा – या तो कम्मो चाची मक्कर साधे सोने का नाटक कर रही है या गहरी नींद मे चुदने का सपना देख रही हैं लेकि ये तय है कि अब चाची के बदन से चुदास बरदास्त नही हो पा रही है देख चूत की पुत्तियाँ कैसी फ़ैल रही हैं यही मौका है ठाँस दे बल्लू ने अपना लण्ड तेल की कटोरी डुबोया, उनका लंड का सुपाड़ा तेल से चमक उठा । बल्लू ने लण्ड का सुपाड़ा कम्मो की पाव रोटी सी फ़ूली बुरी तरह से भीगी चूत के मुहाने पर रखा और धक्का मारा, पक से सुपाड़ा अन्दर चला गया।
उम्मह! कम्मो के मुँह से कराह निकली कराहने की आवाज सुन बिल्लू ने देर करना उचित नही समझा और कम्मो के पूरी तरह से उठने के पहले पूरा लण्ड ठाँस देने के ख्याल से फ़िर धक्का मारा अब चुदासी कम्मो चाची ने भी ज्यादा नाटक करना ठीक नही समझा धीरे से फ़ुसफ़ुसाई- “शाबाश मेरे शेर!” 
कहते हुए नीचे से चूतड़ उचका के धक्के का जवाब दिया चाची की शाबाशी सुनते ही बल्लू मारे खुशी के चाची से लिपट गया उनके गाल पर जोरदार चुम्मा जड़ दिया कम्मो ने भी उसे चूमते हुए बिस्तर पर रोल कर उसे अपने नीचे कर तीसरा धक्का मार के पूरा लण्ड अपनी चूत मे ठँसवा लिया । ये सब देख बिरजू भी बहुत खुश हुआ बल्लू नीचे और चाची ऊपर होने से चाची के भारी घड़े से चूतड़ बिरजू के सामने थे बस फ़िर क्या था उसने अपना लण्ड तेल की कटोरी में डुबोया और चाची के बड़े बड़े संग़मरमरी गुदाज चूतड़ो के बीच ठाँस दिया।
कम्मो- “आह बिरजू वाह बेटे आज ये पक्का हो गया कि तुम दोनों को सड़क से उठा के पाल पोस के बड़ा कर कम्मो ने एक अच्छा काम किया।”
बस फ़िर क्या था दोनों को और जोश आ गया और कम्मो चाची की चूत और गुदाज पिछवाड़े पर पिल पड़े। बिरजू पीछे से कम्मो की बगलों से हाथ डाल कर उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबा दबाकर बिल्लू के मुँह मे दे रहा था। वो कम्मो की गुदाज पीठ से सटा जगह जगह मुँह मार रहा था। कम्मो के पिछवाड़े में कस कस के धक्का मारते हुए उसके बड़े बड़े गुदगुदे चूतड़ों का भरपूर मजा ले चोद रहा था। उधर बिरजू और कम्मो के नीचे दबा बिल्लू आराम से कम्मो की चूत मे लण्ड डाले लेटा कम्मो और बिरजू के द्वारा लगाये धक्कों से फ़ायदा उठाते हुए, कम्मो की बड़ी बड़ी चूचियाँ होठ और उसके टमाटर से गाल चूसते हुए बिना मेहनत की चुदाई कर रहा था, अब कम्मो की चूत और पिछवाड़ा मे दोनो ओर से तगड़े धक्के लग रहे थे, और वह –“आह आह आह आह ओह ओह हाँ हाँ चोद कम्मो चाची को और तेज और तेज और मार खूब
खूब कस कस कर चोदो फाड़ दो मेरी पिछवाड़ा और चूत आह आह और मार।”
बिरजू –“ले कम्मो चाची और ले”
कहकर वो और जोर से उसकी पिछवाड़े मे धक्के मारने लगा, कम्मो की दोनो ओर से जबरदस्त ठुकाई हो रही थी दोनो भाई अपनी नंगी कम्मो चाची को दोनो और से दबोचे हुए उसके नंगे बदन से चिपक चिपक कर उसकी चूत और पिछवाड़ा चोद रहे थे। थोड़ी देर तक कम्मो चाची को कस कर चोदने के बाद, बिरजू बोला –“अबे बल्लू छेद बदल दोनों भाइयों ने जगह बदल ली यानिकि बिरजू नीचे लेट गया और कम्मो ने उसका फ़नफ़नाता लण्ड अपनी चूत मे डाल लण्ड बदल लिया और बल्लू ऊपर आ अपना हलव्वी लंड कम्मो के पिछ्वाड़े में ठाँस दिया। इस तरह कम्मो अपनी चूत और पिछवाड़े में लण्ड बदल स्वाद बदल के चुदवाने लगी। पूरी मुस्ती मे अपनी चूत और पिछवाड़ा मरवाते हुए आह आह करती हुई शाबाश और चोदो आह आह और तेज मार फाड़ दे फाड़ दे मेरी पिछवाड़ा और चूत, तुम दोनो के मोटे डंडो मे बड़ा दम है और चोद ज़ोर से मार आह आह ओह ओह सी सी और बिरजू और बल्लू कस कस कर कम्मो चाची की चूत और पिछवाड़ा की ठुकाई कर रहे थे। काफ़ी देर की चुदाई के बाद दोनो कम्मो चाची से बिल्कुल गुत्थम गुत्था हो उसकी चूत और गुदाज चूतड़ों से खूब रगड़ रगड़ कर झड़ने लगे तभी कम्मो भी खूब ज़ोर ज़ोर से सिस्याती हुई अपने पाले हरामी लड़कों से अपनी चूत और पिछवाड़ा रगड़कर कुटवाते हुए झड़ रही थी।


क्रमश:………………………
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