RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
गीतिका : वह भैया कितना रसीला और मीठा आम है, मेरी नजर गीतिका के रसीले होठो पर चलि गई और मै उसके रस भरे होठो को हसरत भरी निगाहॉ
से देखने लगा।
गीतिका : लो भैया तुम भी चुसो बड़ा मस्त टेस्ट है इसका।
मै आम चुसना तो नहीं चाहता था लेकिन गीतिका के रसिले होठो और उसकी गुलाबी जीभ को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने सोचा गीतिका का
जूठा आम चुसने का मेरा मन हो गया और मैंने भी गीतिका से आम लेकर चुसने लगा, गीतिका ने कहा भैया चीटिंग नहीं एक बार आप चुसो एक बार मैं।
बस फिर बारी बारी से गुड़िया और मै आम को चुसने लगे।
गीतिका : भैया गांव का माहौल बड़ा अच्छा लगता है यहाँ कितनी शांति है ऐसे में तो कोई कुछ भी करे कोई देखने वाला नहीं है।
कालू : मतलब।
गीतिका : मुस्कुराते हुये, मतलब की मुझे और आम चुसना है और तोड़ो न भैया और फिर गीतिका खड़ी होकर इधर उधर देखने लगी और फिर उसने उछलते
हये एक आम दिखाया और उसे तोड़ने के लिए कहने लगी।
वाह आम भी ऊँचाई पर था और गीतिका ने मेरी ओर देखा और बड़ी स्टाइल में अपने हाथ ऊपर कर दिए की आओ और मुझे गोदी में उठाओ, मेरा लंड तो खड़ा ही था।
इस बार गुड़िया को मैंने पीछे से उठाया, लेकिन आम थोड़ा ऊपर था तब गुड़िया कहने लगी भैया थोड़ा और ऊपर उठाओ न, आप भी न इतने बालिश्त शरीर है आपका और आप अपनी कमसीन और नाजुक बहन को अपनी गोद में नहीं उठा पा रहे है।
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